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पक्षी प्रव्रजन

सूची पक्षी प्रव्रजन

पक्षियों का प्रव्रजन या पक्षियों का प्रवास (Migration) पक्षीविज्ञान का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। उनका यह प्रव्रजन, ऋतुपरिवर्तन के समान नियमित और क्रमिक होता है और युग-युग से यह मनुष्यों में उत्सुकता और जिज्ञासा उत्पन्न करता रहा है, यहाँ तक कि रेड इंडियनों ने अपने कलेंडर के महीनों के नाम प्रव्रजन करनेवाली चिड़ियों के आगमन पर ही रखा है। चिड़ियों के प्रव्रजन के विषय के मान्य पंडित लैंड्सबरो टॉमसन (Landsborough Tomson) ने प्रव्रजन की व्याख्या इस प्रकार की है: बहुत पूर्व ऐसा विश्वास किया जाता था कि जिस प्रकार कुछ स्तनपायी और उरग शरद ऋतु में ठंढ से बचने के लिए शीतनिष्क्रियता (hibernation) में चले जाते हैं, उसी भाँति अबाबील, कलविंकक (nightingale) और कोयल भी शीतशयन करती हैं। ऐसी धारणा अरस्तू के समय से ही चली आ रही थी। .

17 संबंधों: टिट्टिभ, तीतर, पक्षीविज्ञान, ब्रिटेन, बीकानेर, भारत, राजबक, शाह बुलबुल, शीतनिष्क्रियता, संयुक्त राज्य, हिमालय, जापान, घोंसला, कलविंकक, कोयल, अण्डा, अरस्तु

टिट्टिभ

टिट्टिभ (टिटिहरी) वर्ग का एक प्रसिद्ध पक्षी। इसे करबानक, लंबी, खरमा, पाणविक आदि भी पुकारते हैं। इसके नर और मादा दोनों ही एक ही रंगरूप के होते हैं। यह पक्षी लगभग 16 इंच लंबा होता है। शरीर का रंग राखीपन लिए होता है, उस पर गाढ़ी भूरी लकीर और चिह्न होते हैं। पीठ की चित्तियाँ घनी और नीचे की ओर बिखरी बिखरी सी रहती हैं। आँख पर होकर एक काली धारी सिर के बगल तक आती है। इसके ऊपर और नीचे की ओर एक हलकी भूरी लकीर होती है। डैने भूरे, दुम राख के रंग की और नीचे का हिस्सा सफेद होता है। गर्दन और पूँछ के नीचे का भाग ललछौंह भूरा और सीने पर खड़ी गाढ़ी भूरी धारियाँ होती हैं। आँख चटक पीली और चोंच तथा टाँगे पीली होती है। यह बाग बगीचों और जंगलों के निकट जहाँ सूखे ताल और नरकुल तथा सरपत की झाड़ियाँ हो, प्राय: रहता है। यह एकदम भूमि पर रहनेवाला पक्षी है और अपना सारा समय खुले मैदान में घूमकर बिताता है। यह अपनी खूराक के लिए दिन की अपेक्षा रात में चक्कर लगाता है। अपने मटमैले रंग के कारण लोगों का ध्यान इसकी ओर तब तक आकृष्ट नहीं हो पाता जब तक यह आवाज कर भागता या उड़ता नहीं। खतरे के समय यह पर समेट कर जमीन में दुबक जाता है। सामान्यत: यह अकेले या जोड़े में रहता है। इसका मुख्य भोजन कीड़े मकौड़े हैं। .

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तीतर

तीतर फ़ॅसिअनिडी कुल के पक्षी हैं जिसे अंग्रेज़ी में आम भाषा में फ़ीज़ेन्ट कहते हैं। भारत की भाषाओं में फ़्रैंकोलिन और पार्ट्रिज में कोई भेद नहीं है और इन दोनों को तीतर ही कहा जाता है। विश्व भर में इसकी कई प्रजातियाँ हैं और इनमें से कुछ प्रजातियाँ सिर्फ़ भारत में ही पाई जाती हैं। .

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पक्षीविज्ञान

पक्षी की आकृति का विधिवत मापन बहुत महत्व रखता है। पक्षीविज्ञान (Ornithology) जीवविज्ञान की एक शाखा है। इसके अंतर्गत पक्षियों की बाह्य और अंतररचना का वर्णन, उनका वर्गीकरण, विस्तार एवं विकास, उनकी दिनचर्या और मानव के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आर्थिक उपयोगिता इत्यादि से संबंधित विषय आते हैं। पक्षियों की दिनचर्या के अंतर्गत उनके आहार-विहार, प्रव्रजन, या एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरण, अनुरंजन (courtship), नीड़ निर्माण, मैथुन, प्रजनन, संतान का लालन पालन इत्यादि का वर्णन आता है। आधुनिक फोटोग्राफी द्वारा पक्षियों की दिनचर्याओं के अध्ययन में बड़ी सहायता मिली है। पक्षियों की बोली के फोनोग्राफ रेकार्ड भी अब तैयार कर लिए गए हैं। .

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ब्रिटेन

ब्रिटेन शब्द का प्रयोग हालाँकि आम तौर पर हिंदी में संयुक्त राजशाही अर्थात् यूनाइटेड किंगडम देश का बोध करने के लिए होता है, परंतु इसका उपयोग अन्य सन्दर्भों के लिए भी हो सकता है.

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बीकानेर

बीकानेर राजस्थान राज्य का एक शहर है। बीकानेर राज्य का पुराना नाम जांगल देश था। इसके उत्तर में कुरु और मद्र देश थे, इसलिए महाभारत में जांगल नाम कहीं अकेला और कहीं कुरु और मद्र देशों के साथ जुड़ा हुआ मिलता है। बीकानेर के राजा जंगल देश के स्वामी होने के कारण अब तक "जंगल धर बादशाह' कहलाते हैं। बीकानेर राज्य तथा जोधपुर का उत्तरी भाग जांगल देश था राव बीका द्वारा १४८५ में इस शहर की स्थापना की गई। ऐसा कहा जाता है कि नेरा नामक व्यक्ति गड़रिया था, जब राव बीका ने नेरा से एक शुभ जगह के बारे में पूछा तो उसने इस जगह के बारे में एक जवाब दिया उसने कहा की इस जगह पर मेरी एक भेड़ का मेमना ३ दिन तक भेड़ के साथ ७ सियारों के बीच एकला रहा और सियारों ने भेड़ और उसके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुचायां और उसने इस बात के साथ एक शर्त रख दी की उसके नाम को नगर के नाम के साथ जोड़ा जाए। इसी कारण इसका नाम बीका+नेर, बीकानेर पड़ा। अक्षय तृतीया के यह दिन आज भी बीकानेर के लोग पतंग उड़ाकर स्मरण करते हैं। बीकानेर का इतिहास अन्य रियासतों की तरह राजाओं का इतिहास है। ने नवीन बीकानेर रेल नहर व अन्य आधारभूत व्यवस्थाओं से समृद्ध किया। बीकानेर की भुजिया मिठाई व जिप्सम तथा क्ले आज भी पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। यहां सभी धर्मों व जातियों के लोग शांति व सौहार्द्र के साथ रहते हैं यह यहां की दूसरी महत्वपूर्ण विशिष्टता है। यदि इतिहास की बात चल रही हो तो इटली के टैसीटोरी का नाम भी बीकानेर से बहुत प्रेम से जुड़ा हुआ है। बीकानेर शहर के ५ द्वार आज भी आंतरिक नगर की परंपरा से जीवित जुड़े हैं। कोटगेट, जस्सूसरगेट, नत्थूसरगेट, गोगागेट व शीतलागेट इनके नाम हैं। बीकानेर की भौगोलिक स्तिथि ७३ डिग्री पूर्वी अक्षांस २८.०१ उत्तरी देशंतार पर स्थित है। समुद्र तल से ऊंचाई सामान्य रूप से २४३मीटर अथवा ७९७ फीट है .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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राजबक

स्टॉर्क लंबा, मोटा बिल के साथ बड़ी, लंबी टांगों वाला, लंबी गर्दन वाले wading के पक्षी हैं। वे परिवार Ciconiidae के हैं। वे एक बार बहुत बड़ा था और परिवारों के एक नंबर का आयोजन किया जो आदेश Ciconiiformes में ही परिवार के हैं। स्टॉर्क कई क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करना और बारीकी से संबंधित बगुलों, spoonbills और ibises की तुलना में सुखाने की मशीन निवास में रहने के लिए करते हैं; उन समूहों मछली कीचड़ को साफ करने के लिए उपयोग करें कि वे भी पाउडर नीचे की कमी है। स्टॉर्क कोई syrinx है और गूंगा कर रहे हैं, कोई फोन नहीं दे रही है; बिल-clattering घोंसले में संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है। कई प्रजातियों के प्रवासी हैं। अधिकांश स्टॉर्क मेंढक, मछली, कीड़े, केंचुआ, छोटे पक्षियों और छोटे स्तनपायी खाते हैं। छह पीढ़ी में स्टॉर्क के उन्नीस रहने वाले प्रजातियां हैं। विभिन्न शर्तों, स्टॉर्क के समूहों के लिए उल्लेख किया जाता है स्टॉर्क के मस्टर और स्टॉर्क का एक जत्था जा रहा है दो बार उपयोग किया हैं। स्टॉर्क ऊर्जा का संरक्षण जो उड़नेवाला, ग्लाइडिंग उड़ान, का उपयोग करते हैं। उड़नेवाला थर्मल हवा के बहाव की आवश्यकता है। स्टॉर्क की तस्वीरों का Ottomar Anschutz के प्रसिद्ध 1884 एल्बम देर से उन्नीसवीं सदी के ओटो Lilienthal की प्रयोगात्मक ग्लाइडर्स के डिजाइन प्रेरित किया। स्टॉर्क विस्तृत wingspans के साथ, भारी हैं: marabou सारस, 8 किलो (18 पाउंड) अप करने के लिए एक 3.2 मीटर (10.5 फुट) के पंख फैलाव और वजन के साथ, सभी जीवित भूमि पक्षियों की व्यापक पंख फैलाव होने में रेडियन कोंडोर में मिलती है। अपने घोंसले अक्सर बहुत बड़े हैं और कई वर्षों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ घोंसले व्यास में दो मीटर से अधिक (छह फुट) और गहराई में लगभग तीन मीटर (दस फीट) को विकसित करने के लिए जाने जाते हैं। स्टॉर्क एक बार एकल होने लगा रहे थे, लेकिन यह केवल आंशिक रूप से सही है। वे माइग्रेशन के बाद साथियों को बदल सकता है, और एक दोस्त के बिना विस्थापित हो सकता है।.

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शाह बुलबुल

शाह बुलबुल (Terpsiphone paradisi) शाह बुलबुल (पैराडाइज फ्लाईकैचर) एक पक्षी है जो एशिया, अफ्रीका तथा अनेक द्वीपों में पाया जाता है। इसकी कुछ प्रजातियाँ प्रवास भी करतीं हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनके नर की पूँछ बहुत बड़ी होती है। नर शाह बुलबुल का रंग सफेद होता है और उसके सर पर काले रंग की कलंगी और २ लम्बे रिबन जैसी पूंछ होती है। मादा हल्के लाल भूरे रंग की होती है और उस में पूंछ नहीं होती है। .

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शीतनिष्क्रियता

समशीतोष्ण और शीतप्रधान देशों में रहनेवाले जीवों की उस निष्क्रिय तथा अवसन्न अवस्था को शीतनिष्क्रियता (hybernation) कहते हैं जिसमें वहाँ के अनेक प्राणी जाड़े की ऋतु बिताते हैं। इस अवस्था में शारीरिक क्रियाएँ रुक जाती हैं या बहुत क्षीण हो जाती है, तथा वह जीव दीर्घकाल तक पूर्ण निष्क्रिय होकर पड़ा रहता है। यह अवस्था नियततापी (warm blooded) तथा अनियततापी (coldblooded), दोनों प्रकार के प्राणियों में पाई जाती है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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घोंसला

टोकरी के आकार का घोंसला घोंसला एक प्राणी विशेष तौर पर एक पक्षी का शरण स्थल है जहां पर यह अंडे देते हैं, रहते हैं और अपनी संतानो को पालते हैं। एक घोंसला आमतौर पर कार्बनिक सामग्री जैसे टहनी, घास और पत्ती; आदि से बना होता है पर, कभी कभी यह जमीन में एक गड्ढा़, पेड़ का कोटर, चट्टान या इमारत में छेद के रूप मे भी हो सकता है। मानव निर्मित धागे, प्लास्टिक, कपड़े, बाल या कागज जैसे पदार्थों का इस्तेमाल भी प्राणी घोंसला बनाने मे करते हैं। आमतौर पर प्रत्येक प्रजाति के घोंसले की एक विशिष्ट शैली होती है। घोंसलों को कई अलग अलग पर्यावासों में पाया जा सकता है। यह् मुख्यतः पक्षियों द्वारा बनाये जाते हैं पर स्तनधारी जन्तु (जैसे गिलहरी), मछली, कीट और सरीसृप भी घोंसलों का निर्माण करते हैं। .

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कलविंकक

कलविंकक (common nightingale या, केवल nightingale, वैज्ञानिक नाम: Luscinia megarhynchos) एक छोटा पक्षी है जो अपनी मधुर गान के लिये प्रसिद्ध है। यह ईरान के साहित्योद्यान का प्रसिद्ध गायक पक्षी है। इसको ईरान में ठीक ही 'बुलबुल हजार दास्ताँ' का नाम मिला है, क्योंकि वह बिना दम तोड़े, लगातार, घंटे-घंटे भर तक गाता है। वह कई प्रकार से, भारत के लाल दुमवाले बुलबुल से भिन्न पक्षी है। वह कीटभक्षी है जो भारत की ओर नहीं आता, परंतु भारत के शौकीन लोग इसे बाहर से मँगवाते हैं और पिंजरों में पालते हैं। .

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कोयल

कोई विवरण नहीं।

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अण्डा

विभिन्न पक्षियों के अण्डे मुर्गी का अंडा (बायें) तथा बटेर का अण्डा (दायें) अण्डा गोल या अण्डाकार जीवित वस्तु है जो बहुत से प्राणियों के मादा द्वारा पैदा की जाती है। अधिकांश जानवरों के अंडों के ऊपर एक कठोर आवरण होता है जो अण्डे की सुरक्षा करता है। यद्यपि अण्डा जीवधारियों द्वारा अपनी संताने पैदा करने का मार्ग है, किन्तु अण्डा खाने के काम भी आता है। पोषक तत्वों की दृष्टि से इसमें प्रोटीन एवं चोलाइन भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। .

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अरस्तु

अरस्तु अरस्तु (384 ईपू – 322 ईपू) यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था ।  अरस्तु ने भौतिकी, आध्यात्म, कविता, नाटक, संगीत, तर्कशास्त्र, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान सहित कई विषयों पर रचना की। अरस्तु ने अपने गुरु प्लेटो के कार्य को आगे बढ़ाया। प्लेटो, सुकरात और अरस्तु पश्चिमी दर्शनशास्त्र के सबसे महान दार्शनिकों में एक थे।  उन्होंने पश्चिमी दर्शनशास्त्र पर पहली व्यापक रचना की, जिसमें नीति, तर्क, विज्ञान, राजनीति और आध्यात्म का मेलजोल था।  भौतिक विज्ञान पर अरस्तु के विचार ने मध्ययुगीन शिक्षा पर व्यापक प्रभाव डाला और इसका प्रभाव पुनर्जागरण पर भी पड़ा।  अंतिम रूप से न्यूटन के भौतिकवाद ने इसकी जगह ले लिया। जीव विज्ञान उनके कुछ संकल्पनाओं की पुष्टि उन्नीसवीं सदी में हुई।  उनके तर्कशास्त्र आज भी प्रासांगिक हैं।  उनकी आध्यात्मिक रचनाओं ने मध्ययुग में इस्लामिक और यहूदी विचारधारा को प्रभावित किया और वे आज भी क्रिश्चियन, खासकर रोमन कैथोलिक चर्च को प्रभावित कर रही हैं।  उनके दर्शन आज भी उच्च कक्षाओं में पढ़ाये जाते हैं।  अरस्तु ने अनेक रचनाएं की थी, जिसमें कई नष्ट हो गई। अरस्तु का राजनीति पर प्रसिद्ध ग्रंथ पोलिटिक्स है। .

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