लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पंडित सुन्दर लाल

सूची पंडित सुन्दर लाल

सत्याग्रह छत्तीसगढ़ के कवि एवं समाजसुधारक पंडित सुन्दर लाल शर्मा के लिये संबन्धित लेख देखें। ----- पंडित सुन्दर लाल (२६ सितम्बर सन १८८५ - 9 मई १९८१) भारत के पत्रकार, इतिहासकार तथा स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी थे। वे 'कर्मयोगी' नामक हिन्दी साप्ताहिक पत्र के सम्पादक थे। उनकी महान कृति 'भारत में अंग्रेज़ी राज' है। .

22 संबंधों: पत्रकार, बम, बाल गंगाधर तिलक, भारत, भारत में अंग्रेज़ी राज, मुज़फ़्फ़र नगर जिला, लाला लाजपत राय, लाला हरदयाल, शचींद्रनाथ सान्याल, सुन्दरलाल शर्मा, स्वराज, हिन्दी, जवाहरलाल नेहरू, वाराणसी, गणेशशंकर विद्यार्थी, ग़दर पार्टी, इलाहाबाद, कायस्थ, कवि, अरविन्द घोष, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़

पत्रकार

पत्रकार उस व्यक्ति को कहते हैं जो समसामयिक घटनाओं, लोगों, एवं मुद्दों आदि पर सूचना एकत्र करता है एवं जनता में उसे विभिन्न माध्यमों की मदद से फैलाता है। इस व्यवसाय या कार्य को पत्रकारिता कहते हैं। संवाददाता एक प्रकार के पत्रकार हैं। स्तम्भकार (कॉलमिस्ट) भी पत्रकार हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के सम्पादक, फोटोग्राफर एवं पृष्ठ डिजाइनर आदि भी पत्रकार ही हैं। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और पत्रकार · और देखें »

बम

विशाल आयुध एयर ब्लास्ट (मोआब) संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्पादित बम दुनिया का एक सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बमें हैं। बम विस्फोटक उपकरणों का कोई एक प्रकार है, जो आमतौर पर एक अत्यंत तेज और प्रबल उर्जा निर्गमन उत्पन्न करने के लिए विस्फोटक सामग्री की उष्माक्षेपी (एक्सोथर्मिक) रासायनिक प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है। यह शब्द ग्रीक शब्द βόμβος (बम्बोस) से आया है, यह एक अनुकरणात्मक शब्द है, जिसका अर्थ अंग्रेजी के 'बूम' शब्द के लगभग समान है। एक परमाणु हथियार बहुत बड़े परमाणु-आधारित विस्फोट को करने के लिए रसायनिक-आधारित विस्फोटकों का प्रयोग करता है। "बम" शब्द को आमतौर पर नागरिक उद्देश्यों जैसे निर्माण या खनन के लिए प्रयोग की जाने वाली विस्फोटक उपकरणों पर लागू नहीं किया जाता है, यद्यपि लोग इन उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए इसे बम के रूप में संदर्भित करते हैं। सैन्य में "बम" या विशेष रूप से हवाई बम इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर हवा से गिराये गए बम के संदर्भ में होता है, यह एक संचालनरहित विस्फोटक हथियार है जिसका सबसे ज्यादा प्रयोग वायु सेना और नौसेना के विमानन द्वारा किया जाता हैं। अन्य सैन्य विस्फोटक हथियार जिन्हें "बम" के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया हैं उनमें ग्रेनेड, गोला (शेल्स), जलबम (पानी में प्रयुक्त), स्फोटक शीर्ष जब मिसाइलों में रहती हैं, या बारूदी सुरंग शामिल हैं। अपरंपरागत युद्ध में, "बम" को आक्रामक हथियार के रूप में या विस्फोटक उपकरणों के असीमित कोई एक प्रकार के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और बम · और देखें »

बाल गंगाधर तिलक

बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक,; २३ जुलाई १८५६ - १ अगस्त १९२०), जन्म से केशव गंगाधर तिलक, एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। ये भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुएँ; ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें "भारतीय अशान्ति के पिता" कहते थे। उन्हें, "लोकमान्य" का आदरणीय शीर्षक भी प्राप्त हुआ, जिसका अर्थ हैं लोगों द्वारा स्वीकृत (उनके नायक के रूप में)। इन्हें हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है। तिलक ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे, तथा भारतीय अन्तःकरण में एक प्रबल आमूल परिवर्तनवादी थे। उनका मराठी भाषा में दिया गया नारा "स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच" (स्वराज यह मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा) बहुत प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेताओं से एक क़रीबी सन्धि बनाई, जिनमें बिपिन चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय, अरविन्द घोष, वी० ओ० चिदम्बरम पिल्लै और मुहम्मद अली जिन्नाह शामिल थे। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और बाल गंगाधर तिलक · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और भारत · और देखें »

भारत में अंग्रेज़ी राज

कोई विवरण नहीं।

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और भारत में अंग्रेज़ी राज · और देखें »

मुज़फ़्फ़र नगर जिला

मुज़फ़्फ़रनगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय मुज़फ़्फ़रनगर है। जिला सहारनपुर मंडल का हिस्सा है। जिले का क्षेत्रफल 4008किमी है। मुज़फ़्फ़रनगर, बुढ़ाना,जानसठ,खतौली यहाँ के तहसील हैं। सन् 2011 की जनगणना में इसका साक्षरता दर 68.68% था। इसका एस.टी.डी (STD) कोड 0131 है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और मुज़फ़्फ़र नगर जिला · और देखें »

लाला लाजपत राय

लालाजी (१९०८ में) लाला लाजपत राय (पंजाबी: ਲਾਲਾ ਲਾਜਪਤ ਰਾਏ, जन्म: 28 जनवरी 1865 - मृत्यु: 17 नवम्बर 1928) भारत के जैन धर्म के अग्रवंश मे जन्मे एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्तत: १७ नवम्बर सन् १९२८ को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और लाला लाजपत राय · और देखें »

लाला हरदयाल

लाला हरदयाल (१४ अक्टूबर १८८४, दिल्ली -४ मार्च १९३९) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के उन अग्रणी क्रान्तिकारियों में थे जिन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीयों को देश की आजादी की लडाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। इसके लिये उन्होंने अमरीका में जाकर गदर पार्टी की स्थापना की। वहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत की। काकोरी काण्ड का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मई, सन् १९२७ में लाला हरदयाल को भारत लाने का प्रयास किया गया किन्तु ब्रिटिश सरकार ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद सन् १९३८ में पुन: प्रयास करने पर अनुमति भी मिली परन्तु भारत लौटते हुए रास्ते में ही ४ मार्च १९३९ को अमेरिका के महानगर फिलाडेल्फिया में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गयी। उनके सरल जीवन और बौद्धिक कौशल ने प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए कनाडा और अमेरिका में रहने वाले कई प्रवासी भारतीयों को प्रेरित किया। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और लाला हरदयाल · और देखें »

शचींद्रनाथ सान्याल

शचींद्रनाथ सान्याल (जन्म 1893, वाराणसी में - मृत्यु 1942, गोरखपुर में) क्वींस कालेज (बनारस) में अपने अध्ययनकाल में उन्होंने काशी के प्रथम क्रांतिकारी दल का गठन 1908 में किया। 1913 में फ्रेंच बस्ती चंदननगर में सुविख्यात क्रांतिकारी रासबिहारी बोस से उनकी मुलाकात हुई। कुछ ही दिनों में काशी केंद्र का चंदननगर दल में विलय हो गया ओर रासबिहारी काशी आकर रहने लगे। क्रमशः काशी उत्तर भारत में क्रांति का केंद्र बन गई। 1914 में प्रथम महायुद्ध छिड़ने पर सिक्खों के दल ब्रिटिश शासन समाप्त करने के लिए अमरीका और कनाडा से स्वदेश प्रत्यावर्तन करने लगे। रासबिहारी को वे पंजाब ले जाना चाहते थे। उन्होंने शचींद्र को सिक्खों से संपर्क करने, स्थिति से परिचित होने और प्रारंभिक संगठन करने के लिए लुधियाना भेजा। कई बार लाहौर, लुधियाना आदि होकर शचींद्र काशी लौटे और रासबिहारी लाहौर गए। लाहौर के सिक्ख रेजिमेंटों ने 21 फ़रवरी 1915 को विद्रोह शुरू करने का निश्चय कर लिया। काशी के एक सिक्ख रेजिमेंट ने भी विद्रोह शुरू होने पर साथ देने का वादा किया। योजना विफल हुई, बहुतों को फाँसी पर चढ़ना पड़ा और चारों ओर घर पकड़ शुरू हो गई। रासबिहारी काशी लौटे। नई योजना बनने लगी। तत्कालीन होम मेंबर सर रेजिनाल्ड क्रेडक की हत्या के आयोजन के लिए शचींद्र को दिल्ली भेजा गया। यह कार्य भी असफल रहा। रासबिहारी को जापान भेजना तय हुआ। 12 मई 1915 को गिरजा बाबू और शचीन्द्र ने उन्हें कलकत्ते के बंदरगाह पर छोड़ा। दो तीन महीने बाद काशी लौटने पर शचींद्र गिरफ्तार कर लिए गए। लाहौर षड्यंत्र मामले की शाखा के रूप में बनारस पूरक षड्यंत्र केस चला और शचींद्र को आजन्म कालेपानी की सजा मिली। युद्धोपरांत शाही घोषणा के परिणामस्वरूप फरवरी, 1920 में वारींद्र, उपेंद्र आदि के साथ शचींद्र रिहा हुए। 1921 में नागपुर कांग्रेस में राजबंदियों के प्रति सहानुभूति का एक संदेश भेजा गया। विषय-निर्वाचन-समिति के सदस्य के रूप में शचींद्र ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए एक भाषण किया। क्रांतिकारियों ने गांधी जी को सत्याग्रह आंदोलन के समय एक वर्ष तक अपना कार्य स्थगित रखने का वचन दिया था। चौरी चौरा कांड के बाद सत्याग्रह वापस लिए जाने पर, उन्होंने पुन: क्रांतिकारी संगठन का कार्य शुरू कर दिया। 1923 के प्रारंभ में रावलपिंडी से लेकर दानापुर तक लगभग 25 केंद्रों की उन्होंने स्थापना कर ली थी। इस दौरान लाहौर में तिलक स्कूल ऑव पॉलिटिक्स के कुछ छात्रों से उनका संपर्क हुआ। इन छात्रों में सरदार भगत सिंह भी थे। भगतसिंह को उन्होंने दल में शामिल कर लिया और उन्हें कानपुर भेजा। इसी समय उन्होंने कलकत्ते में यतींद्र दास को चुन लिया। यह वही यतींद्र हैं, जिन्होंने लाहौर षड्यंत्र केस में भूख हड़ताल से अपने जीवन का बलिदान किया। 1923 में ही कौंसिल प्रवेश के प्रश्न पर दिल्ली में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन हुआ। इस अवसर पर शचींद्र ने देशवासियों के नाम एक अपील निकाली, जिसपर कांग्रेस महासमिति के अनेक सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। कांग्रेस से अपना ध्येय बदलकर पूर्ण स्वतंत्रता लिए जाने का प्रस्ताव था। इसमें एशियाई राष्ट्रों के संघ के निर्माण का सुझाव भी दिया गया। अमेरिकन पत्र 'न्यू रिपब्लिक' ने अपीलल ज्यों की त्यों छाप दी, जिसकी एक प्रति रासबिहारी ने जापान से शचींद्र को भेजी। इस अधिवेशन के अवसर पर ही कुतुबद्दीन अहमद उनके पास मानवेंद्र राय का एक संदेश ले आए, जिसमें उन्हें कम्युनिस्ट अंतरराष्ट्रीय संघ की तीसरी बैठक में शामिल होने को आमंत्रित किया गया था। इसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अपने दल का नामकरण किया 'हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन'। उन्होंने इसका जो संविधान तैयार किया, उसका लक्ष्य था सुसंगठित और सशस्त्र क्रांति द्वारा भारतीय लोकतंत्र संघ की स्थापना। कार्यक्रम में खुले तौर पर काम और गुप्त संगठन दोनों शामिल थे। क्रांतिकारी साहित्य के सृजन पर विशेष बल दिया गया था। समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के बारे में भी इसमें प्रचुर इंगित था। संविधान के शब्दों में 'इस प्रजातंत्र संघ में उन सब व्यवस्थाओं का अंत कर दिया जाएगा जिनसे किसी एक मनुष्य द्वारा दूसरे का शोषण हो सकने का अवसर मिल सकता है।' विदेशों में भारतीय क्रांतिकारियों के साथ घनिष्ठ संबंध रखना भी कार्यक्रम का एक अंग था। बेलगाँव कांग्रेस के अधिवेशन में गांधी जी ने क्रांतिकारियों की जो आलोचना की थी, उसके प्रत्युत्तर में शचींद्र ने महात्मा जी को एक पत्र लिखा। गांधी जी ने यंग इंडिया के 12 फ़रवरी 1925 के अंक में इस पत्र को ज्यों का त्यों प्रकाशित कर दिया और साथ ही अपना उत्तर भी। लगभग इसी समय सूर्यकांत सेन के नेतृत्व में चटगाँव दल का, शचींद्र के प्रयत्न से, हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन से संबंध हो गया। शचींद्र बंगाल आर्डिनेंस के अधीन गिरफ्तार कर लिए गए। उनकी गिरफ्तारी के पहले 'दि रिह्वलूशनरी' नाम का पर्चा पंजाब से लेकर वर्मा तक बँटा। इस पर्चे के लेखक और प्रकाशक के रूप में बाँकुड़ा में शचींद्र पर मुकदमा चला और राजद्रोह के अपराध में उन्हें दो वर्ष के कारावास का दंड मिला। कैद की हालत में ही वे काकोरी षडयत्रं केस में शामिल किए गए और संगठन के प्रमुख नेता के रूप में उन्हें पुन: अप्रैल, 1927 में आजन्म कारावास की सजा दी गई। 1937 में संयुक्त प्रदेश में कांग्रेस मंत्रिमंडल की स्थापना के बाद अन्य क्रांतिकारियों के साथ वे रिहा किए गए। रिहा होने पर कुछ दिनों वे कांग्रेस के प्रतिनिधि थे, परंतु बाद को वे फारवर्ड ब्लाक में शामिल हुए। इसी समय काशी में उन्होंने 'अग्रगामी' नाम से एक दैनिक पत्र निकाला। वह स्वयं इसस पत्र के संपादक थे। द्वितीय महायुद्ध छिड़ने के कोई साल भर बाद 1940 में उन्हें पुन: नजरबंद कर राजस्थान के देवली शिविर में भेज दिया गया। वहाँ यक्ष्मा रोग से आक्रांत होने पर इलाज के लिए उन्हें रिहा कर दिया गया। परंतु बीमारी बढ़ गई और 1942 में उनकी मृत्यु हो गई। क्रांतिकारी आंदोलन को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान करना उनका विशेष कृतित्व था। उनका दृढ़ मत था कि विशिष्ट दार्शनिक सिद्धांत के बिना कोई आंदोलन सफल नहीं हो सकता। 'विचारविनिमय' नामक अपनी पुस्तक में उन्होंने अपना दार्शनिक दृष्टिकोण किसी अंश तक प्रस्तुत किया है। 'साहित्य, समाज और धर्म' में भी उनके अपने विशेष दार्शनिक दृष्टिकोण का ओर प्रबल धर्मानुराण का भी परिचय मिलता है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और शचींद्रनाथ सान्याल · और देखें »

सुन्दरलाल शर्मा

00chrm.jpg पंडित सुंदरलाल शर्मा (२१ दिसम्बर १८८१ - १९४०), छत्तीसगढ़ में जन जागरण तथा सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। वे कवि, सामाजिक कार्यकर्ता, समाजसेवक, इतिहासकार, स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी तथा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्हें 'छत्तीसगढ़ का गांधी' कहा जाता है। उनके सम्मान में उनके नाम पर पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ की स्थापना की गई है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और सुन्दरलाल शर्मा · और देखें »

स्वराज

स्वराज का शाब्दिक अर्थ है - ‘स्वशासन’ या "अपना राज्य" ("self-governance" or "home-rule")। भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय प्रचलित यह शब्द आत्म-निर्णय तथा स्वाधीनता की माँग पर बल देता था। प्रारंभिक राष्ट्रवादियों (उदारवादियों) ने स्वाधीनता को दूरगामी लक्ष्य मानते हुए ‘स्वशासन’ के स्थान पर ‘अच्छी सरकार’ (ब्रिटिश सरकार) के लक्ष्य को वरीयता दी। तत्पश्चात् उग्रवादी काल में यह शब्द लोकप्रिय हुआ, जब बाल गंगाधर तिलक ने यह उद्घोषणा की कि ‘‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’’ गाँधी ने सर्वप्रथम 1920 में कहा कि ‘‘मेरा स्वराज भारत के लिए संसदीय शासन की मांग है, जो वयस्क मताधिकार पर आधारित होगा। गाँधी का मत था स्वराज का अर्थ है जनप्रतिनिधियों द्वारा संचालित ऐसी व्यवस्था जो जन-आवश्यकताओं तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’’ वस्तुत: गांधीजी का स्वराज का विचार ब्रिटेन के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, ब्यूरोक्रैटिक, कानूनी, सैनिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का बहिष्कार करने का आन्दोलन था। यद्यपि गांधीजी का स्वराज का सपना पूरी तरह से प्राप्त नहीं किया जा सका फिर भी उनके द्वारा स्थापित अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस दिशा में काफी प्रयास किये। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और स्वराज · और देखें »

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और हिन्दी · और देखें »

जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और जवाहरलाल नेहरू · और देखें »

वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और वाराणसी · और देखें »

गणेशशंकर विद्यार्थी

गणेशशंकर विद्यार्थी गणेशशंकर 'विद्यार्थी' (1890 - 25 मार्च 1931), हिन्दी के पत्रकार एवं भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के सिपाही एवं सुधारवादी नेता थे। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और गणेशशंकर विद्यार्थी · और देखें »

ग़दर पार्टी

गदर पार्टी का झंडा ग़दर पार्टी पराधीन भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से बना एक संगठन था। इसे अमेरिका और कनाडा के भारतीयों ने 25 जून1913 में बनाया था। इसे प्रशान्त तट का हिन्दी संघ (Hindi Association of the Pacific Coast) भी कहा जाता था। यह पार्टी "हिन्दुस्तान ग़दर" नाम का पत्र भी निकालती थी जो उर्दू और पंजाबी में छपता था। इस संगठन ने भारत को अनेक महान क्रांतिकारी दिए। ग़दर पार्टी के महान नेताओं सोहन सिंह भाकना, करतार सिंह सराभा, लाला हरदयाल आदि ने जो कार्य किये, उसने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को उत्प्रेरित किया। पहले महायुद्ध के छिड़ते ही जब भारत के अन्य दल अंग्रेज़ों को सहयोग दे रहे थे गदरियों ने अंग्रेजी राज के विरूध्द जंग घोषित कर दी। उनका मानना था- .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और ग़दर पार्टी · और देखें »

इलाहाबाद

इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और इलाहाबाद · और देखें »

कायस्थ

कायस्थ भारत में रहने वाले सवर्ण हिन्दू समुदाय की एक जाति है। गुप्तकाल के दौरान कायस्थ नाम की एक उपजाति का उद्भव हुआ। पुराणों के अनुसार कायस्थ प्रशासनिक कार्यों का निर्वहन करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता है कि कायस्थ धर्मराज श्री चित्रगुप्त जी की संतान हैं तथा देवता कुल में जन्म लेने के कारण इन्हें ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों धर्मों को धारण करने का अधिकार प्राप्त है। वर्तमान में कायस्थ मुख्य रूप से बिसारिया, श्रीवास्तव, सक्सेना,निगम, माथुर, भटनागर, लाभ, लाल, कुलश्रेष्ठ, अस्थाना, कर्ण, वर्मा, खरे, राय, सुरजध्वज, विश्वास, सरकार, बोस, दत्त, चक्रवर्ती, श्रेष्ठ, प्रभु, ठाकरे, आडवाणी, नाग, गुप्त, रक्षित, बक्शी, मुंशी, दत्ता, देशमुख, पटनायक, नायडू, सोम, पाल, राव, रेड्डी, दास, मेहता आदि उपनामों से जाने जाते हैं। वर्तमान में कायस्थों ने राजनीति और कला के साथ विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलतापूर्वक विद्यमान हैं। वेदों के अनुसार कायस्थ का उद्गम ब्रह्मा ही हैं। उन्हें ब्रह्मा जी ने अपनी काया की सम्पूर्ण अस्थियों से बनाया था, तभी इनका नाम काया+अस्थि .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और कायस्थ · और देखें »

कवि

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और कवि · और देखें »

अरविन्द घोष

अरविन्द घोष या श्री अरविन्द (बांग्ला: শ্রী অরবিন্দ, जन्म: १८७२, मृत्यु: १९५०) एक योगी एवं दार्शनिक थे। वे १५ अगस्त १८७२ को कलकत्ता में जन्मे थे। इनके पिता एक डाक्टर थे। इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वेद, उपनिषद ग्रन्थों आदि पर टीका लिखी। योग साधना पर मौलिक ग्रन्थ लिखे। उनका पूरे विश्व में दर्शन शास्त्र पर बहुत प्रभाव रहा है और उनकी साधना पद्धति के अनुयायी सब देशों में पाये जाते हैं। यह कवि भी थे और गुरु भी। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और अरविन्द घोष · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और उत्तर प्रदेश · और देखें »

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था। यह भारत का २६वां राज्य है। भारत में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया - एक तो 'मगध' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "बिहार" बन गया और दूसरा 'दक्षिण कौशल' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। .

नई!!: पंडित सुन्दर लाल और छत्तीसगढ़ · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »