1 संबंध: ब्राह्मण-ग्रन्थ।
ब्राह्मण-ग्रन्थ
वेदोक्तब्राह्मणादि जाति या वर्णाश्रमधर्म के लिये ये देखें:ब्राह्मणग्रन्थ। ---- ब्राह्मणग्रन्थ हिन्दू धर्म के पवित्रतम और सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदों का गद्य में व्याख्या वाला खण्ड है। ब्राह्मणग्रन्थ वैदिक वाङ्मय का वरीयता के क्रममे दूसरा हिस्सा है जिसमें गद्य रूप में देवताओं की तथा यज्ञ की रहस्यमय व्याख्या की गयी है और मन्त्रों पर भाष्य भी दिया गया है। इनकी भाषा वैदिक संस्कृत है। हर वेद का एक या एक से अधिक ब्राह्मणग्रन्थ है (हर वेद की अपनी अलग-अलग शाखा है)।आज विभिन्न वेद सम्बद्ध ये ही ब्राह्मण उपलब्ध हैं:- ब्राह्मण ग्रंथों का एक उदाहरण। बाएं तैत्तिरीय संहिता; जिसमें मंत्र (मोटे अक्षरों में) और ब्राह्मण दोनो हैं, जबकि दाहिने भाग में ऐतरेय ब्राह्मण का एक अंश।.