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पचमढ़ी

सूची पचमढ़ी

पचमढ़ी की पांडव गुफ़ाएँमध्यप्रदेश के एकमात्र पर्वतीय स्थल होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी समुद्र तल से १,०६७ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सतपुड़ा श्रेणियों के बीच स्थित होने और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यहाँ घने जंगल, कलकल करते जलप्रपात और तालाब हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का भाग होने के कारण यहाँ आसपास बहुत घने जंगल हैं। यहाँ के जंगलों में शेर, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, चिंकारा, भालू, भैंसा तथा कई अन्य जंगली जानवर मिलते हैं। यहाँ की गुफाएँ पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि यहाँ गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं। .

21 संबंधों: चिंकारा, चीतल, तेन्दुआ, दिल्ली, नागपुर, पिपरिया, भालू, भैंस, भोपाल, मध्य प्रदेश, मुम्बई, रायपुर, शैलचित्र, सांभर, हावड़ा, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्वालियर, इटारसी, इन्दौर, छिंदवाड़ा

चिंकारा

चिंकारा दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक प्रकार का गज़ॅल है। यह भारत, बांग्लादेश के घास के मैदानों और मरुभूमि में तथा ईरान और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई कन्धे तक ६५ से.मी.

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चीतल

चीतल, या चीतल मृग, या चित्तिदार हिरन हिरन के कुल का एक प्राणी है, जो कि श्री लंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत में पाया जाता है। पाकिस्तान के भी कुछ इलाकों में भी बहुत कम पाया जाता है। अपनी प्रजाति का यह एकमात्र जीवित प्राणी है। .

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तेन्दुआ

तेन्दुआ (Panthera pardus उचारण: पैन्थेरा पार्डस) पैन्थरा जीनस का एक विडाल (बड़ी बिल्ली प्रजाति) है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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नागपुर

नागपुर (अंग्रेज़ी: Nagpur, मराठी: नागपूर) महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। .

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पिपरिया

पिपरिया से निम्नलिखित स्थानों का बोध होता है-.

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भालू

भालू या रीछ उरसीडे (Ursidae) परिवार का एक स्तनधारी जानवर है। हालाँकि इसकी सिर्फ आठ ज्ञात जातियाँ हैं इसका निवास पूरी दुनिया में बहुत ही विस्तृत है। यह एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के महाद्वीपों में पाया जाता है। देखने में, सभी भालुओं के आम लक्षणों में बड़ा शरीर, मोटी टाँगे-बाज़ू, लम्बा बुक्क (नाक), पूरे बदन पर घने बाल और पाँव में सख़्त नाख़ून शामिल हैं। ध्रुवी भालू (पोलर बेयर) अधिकतर मांस-मछली ही खाता है और बड़ा पांडा (जायंट पांडा) सिर्फ़ बांस के पत्ते-टहनियाँ खाता है, लेकिन भालुओं की अन्य छह जातियाँ सर्वाहारी होती हैं और मांस और वनस्पति दोनों खाती हैं। भालू झुण्ड के बजाय अकेला रहना पसंद करते हैं। केवल बच्चे जनने के लिए नर और मादा साथ करते हैं और फिर अलग हो जाते हैं। बच्चों के पैदा होने के बाद, ये छोटे भालू कुछ समय के लिए अपनी माँ का साथ रखते हैं। भालू ज़्यादातर दिन के समय ही सक्रिय होते हैं, हालाँकि कभी-कभी रात को भी घूमते हुए या खाना ढूंढते हुए पाए जा सकते हैं। इनकी सूंघने की शक्ति बहुत तीव्र होती है। देखने में भारी-भरकम लगने के बावजूद भालू तेज़ी से दौड़ सकते हैं और इनमें पेड़ों पर चढ़ने और पानी में तैरने की भी अच्छी क्षमता होती है। ये अक्सर ग़ुफ़ाओं या ज़मीन में बड़े गड्ढों में अपना घर बनाते हैं। भालू की कुछ जातियाँ शीतनिष्क्रियता (सर्दियों के मौसम को सो कर गुज़ारना) प्रदर्शित करती हैं। .

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भैंस

भैंस विश्व में भैंस का वितरण की स्थिति भैंस एक दुधारू पशु है। कुछ लोगों द्वारा भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक पसंद किया जाता है। यह ग्रामीण भारत में बहुत उपयोगी पशु है। .

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भोपाल

भोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है और भोपाल ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है,क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े ताल हैं। यह शहर अचानक सुर्ख़ियों में तब आ गया जब १९८४ में अमरीकी कंपनी, यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल गैस कांड का कुप्रभाव आज तक वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण के अलावा जैविक विकलांगता एवं अन्य रूपों में आज भी जारी है। इस वजह से भोपाल शहर कई आंदोलनों का केंद्र है। भोपाल में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) का एक कारखाना है। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' स्थापित की है। भोपाल में ही भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भी है जो भारत में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान है। साथ ही भोपाल उन छह नगरों में से एक है जिनमे २००३ में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया था तथा वर्ष २०१५ से यह कार्यशील है। इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक विश्वविद्यालय जैसे राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय,अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय,मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय,माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय। इसके अतिरिक्त अनेक राष्ट्रीय संस्थान जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,भारतीय वन प्रबंधन संस्थान,भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान,राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान मानित विश्वविद्यालय भोपाल इंजीनियरिंग महाविद्यालय,गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय तथा अनेक शासकीय एवं पब्लिक स्कूल हैं। .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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रायपुर

रायपुर छत्तीसगढ की राजधानी है। यह देश का २६ वां राज्य है। ०१ नवम्बर २००० को मध्यप्रदेश से विभाजित छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया। .

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शैलचित्र

चित्रांकन और रेंखांकन मनुष्य जाति की सबसे प्राचीन कलाएं हैं। आदि मानव गुफाओं की दीवारों का प्रयोग कैनवास के रूप में किया करता था। उसने रेखांकन और चित्रांकन शायद अपने प्रतिवेश को चित्रित करने अथवा अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का दृश्य रिकार्ड करने के लिए भी किया हो। गुफाओं की चट्टानों पर अपने इतिहास को चित्रित करने का उसका प्रयास शायद वैसा ही था जैसेकि हम अपनी दैनिक डायरी लिखते हैं। वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि पाषाणयुग (वह समय जबकि वह पत्थर के हथियारों का प्रयोग करता था) का मनुष्य गुफाओं में रहता था और शिलाओं के इन आश्रय स्थलों का प्रयोग वर्षा, बिजली, ठंड और चमचमाती गर्मी से अपनी रक्षा करने के लिए किया करता था। वे यह भी मानते हैं और उन्होंने यह प्रमाणित करने के साक्ष्य भी ढूंढ लिए हैं कि गुफाओं में रहने वाले ये लोग लंबे, बलवान थे और प्राकृतिक खतरों से निबटने और साथ ही विशालकाय जंगली गैंडे, डायनोसोर अथवा जंगली सूअरों के समूह के बीच अपने जीवन की दौड़ दौड़ते रहने के लिए उसके पास अनेक वहशियों की तुलना में कहीं अच्छे दिमाग होते थे। रेनडियर, जंगली घोड़े, सांड अथवा भैंसे का शिकार करते-करते कभी-कभी वह आसपास रहने वाले भालुओं, शेरों तथा अन्य जंगली पशुओं का ग्रास बन जाता था। हां, इन आदि मानवों के पास कुछ उत्तम चित्र रेखांकित और चित्रांकित करने का समय रहता था। सारे वि में अनेक गुफाओं का दीवारें जिन पशुओं का कन्दरावासी शिकार किया करते थे, उनके बारीकी से उत्कीर्ण और रंगे हुए चित्रों से भरी हुई हैं। ये लोग मानवीय आकृतियों, अन्य मानवीय क्रियाकलापों, ज्यामिति के डिजाइनों और प्रतीकों के चित्र भी बनाते थे। वैज्ञानिकों ने प्राचीन गुफा आश्रय स्थलों की खोज करके मनुष्य के प्राचीन इतिहास के सम्बन्ध में बहुत कुछ जान लिया है। ये वैज्ञानिक प्राचीन काल की दलदल और नमीदार दीवारों की रेत के कारण दफन हुए शवों की खुदाई करते हैं और गहरी खुदाई करने पर उन्हें हड्डियों और हथियारों की एक और परत मिलती है, जो और भी प्राचीन मनुष्यों का परिचय देती है। इन परतों में उन्हें उन पशुओं के अवशेष (अस्थियां) भी मिलते हैं जिनका अब इन पृथ्वी पर कोई नामों-निशान नहीं बच रहा है। इन अवशेषों और मनुष्यों ने गुफाओं की दीवारों पर जो चित्र बनाए थे उनके सहारे अध्यवसायी वैज्ञानिक उस युग के मनुष्य की कहानी को कण-कण करके जोड़ते हैं और प्रकाश में लाते हैं। आदिम मानव ने शिला पर अपनी कला के कई निशान छोड़े हैं जो कि कच्चे कोयले से खींची गई आकृतियों अथवा हेमेटाइट नामक पत्थऱ से तैयार किए गए अथवा पौधों से निकाले गए रंग से बनाए गए चित्रों अथवा पत्थर पर उत्कीर्ण नक्काशी के रूप में मौजूद हैं। कच्चे कोयले अथवा रंगों से बनाए गए चित्र (चित्रलेख) पिक्टोग्राफ कहलाते हैं जबकि अपघर्षित चित्र (प्राचीन मनुष्य इन अर्थों में कुशाग्र बुद्धि था कि वह आकृतियों की बहि:रेखाएं खींचता था और दूसरे पत्थर से चित्रांकन किए हुए हिस्से से मिटा देता था, जिससे कि वह चित्रांकनों के लिए पृष्ठभूमि के रूप में प्रयुक्त पत्थर पर आकृतियां उभार सकें) (शीलोत्कीर्णन) पैट्रोग्लिफ कहलाते हैं। श्रेणी:आदिकाल श्रेणी:चित्र शैली.

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सांभर

दक्षिण भारतीय उपाहार व्यंजन इडली, सांबार और वड़ा, परंपरागत केले के पत्ते पर परोसा हुआ। स्टेनलैस स्टील के चमकते प्याले, तश्तरियां दक्षिण भारतीय डाइनिंग टेबल की खास शोभा हैं सांबार (तमिल: சாம்பார, कन्नड़: ಸಾಂಬಾರು, मलयालम: സാമ്പാർ, तेलुगु: సాంబారు), दक्षिण भारतीय खाने का एक मूल व्यंजन है, जो पूरे द्रविड़ क्षेत्र में एक है। इसके अलावा श्रीलंका के खाने में भी खूब प्रचलित है। यह अरहर की दाल से बनता है। सांबार मूलत: अरहर (तुवर) दाल से बनता है, जिसमें विभिन्न सब्जियां भी पड़ी होती हैं और साथ ही इमली भी होती है। इनके ऊपर से सांबार मसाले का छौंक इसकी खास खुश्बू की पहचान है, जिसमें कड़ी पत्ती भी पड़ती है। यह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिल नाडु सभी स्थानों में समान रूप से प्रचलित है। सांभर दक्षिण भारत की अभिन्न पहचान है। वहां का सामान्य खाना ही सांबार-चावल होता है। इसके अलावा सांबार इडली, सांबार दोसा, सांबार उत्तपम, इत्यादि हरेक व्यंजन का साथी है। .

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हावड़ा

हावड़ा(अंग्रेज़ी: Howrah, बांग्ला: হাওড়া), भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक औद्योगिक शहर, पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर एवं हावड़ा जिला एवं हावड़ सदर का मुख्यालय है। हुगली नदी के दाहिने तट पर स्थित, यह शहर कलकत्ता, के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, जो किसी ज़माने में भारत की अंग्रेज़ी सरकार की राजधानी और भारत एवं विश्व के सबसे प्रभावशाली एवं धनी नगरों में से एक हुआ करता था। रवीन्द्र सेतु, विवेकानन्द सेतु, निवेदिता सेतु एवं विद्यासागर सेतु इसे हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी, कोलकाता से जोड़ते हैं। आज भी हावड़, कोलकाता के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, समानताएं होने के बावजूद हावड़ा नगर की भिन्न पहचान है इसकी अधिकांशतः हिंदी भाषी आबादी, जोकि कोलकाता से इसे थोड़ी अलग पहचान देती है। समुद्रतल से मात्र 12 मीटर ऊँचा यह शहर रेलमार्ग एवं सड़क मार्गों द्वारा सम्पूर्ण भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन है। हावड़ा स्टेशन पूर्व रेलवे तथा दक्षिणपूर्व रेलवे का मुख्यालय है। हावड़ स्टेशन के अलावा हावड़ा नगर क्षेत्र मैं और 6 रेलवे स्टेशन हैं तथा एक और टर्मिनल शालीमार रेलवे टर्मिनल भी स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 6 इसे दिल्ली व मुम्बई से जोड़ते हैं। हावड़ा नगर के अंतर्गत सिबपुर, घुसुरी, लिलुआ, सलखिया तथा रामकृष्णपुर उपनगर सम्मिलित हैं। .

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होशंगाबाद

होशंगाबाद भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। होशंगाबाद जिला मुख्यालय है। होशंगाबाद की स्थापना मांडू (मालवा) के द्वितीय राजा सुल्तान हुशंगशाह गौरी द्वारा पन्द्रहवी शताब्दी के आरंभ में की गई थी। होशंगाबाद नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। इसके किनारे पर सतपुड़ा पर्वत स्थित है। नर्मदा नदी जिले की उत्तरी सीमा के साथ-साथ बहती है। नर्मदा की सहायक नदी दूधी है जोकि होशंगाबाद जिले की उत्तरी पूर्वी सीमा बनाती है। होशंगाबाद में प्रतिभूति कागज कारखाना है जिसमें भारतीय रुपया छापने के लिए कागज बनाया जाता है। यहाँ एक केन्द्रीय विद्यालय भी है जिसका पूरा नाम केन्द्रीय विद्यालय प्रतिभूति कागज कारखाना होशंगाबाद है। होशंगाबाद के पास प्राचीन पहाड़ियाँ हैं जिन्हें "पहाड़िया" कहा जाता है। इन पहाड़ियों में कुछ गुफायें हैं जिनमें शैलचित्र जिन्हें राक पेंटिंग भी कहते हैं उकेरे गये हैं। ये राक पेंटि्ग्स आदि मानव द्वारा निर्मित हैं। हजारों साल से खुले आसमान के नीचे रहने के बाद भी ये पेंटिंग्स अभी भी मिटी नहीं हैं। नर्मदा नदी का प्रसिद्ध सेठानी घाट होशंगाबाद में ही है। होशंगाबाद में एक प्राचीन गुरुकुल है। .

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जबलपुर

जबलपुर भारत के मध्यप्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तथा राज्य विज्ञान संस्थान है। इसे मध्यप्रदेश की संस्कारधानी भी कहा जाता है। थलसेना की छावनी के अलावा यहाँ भारतीय आयुध निर्माणियों के कारखाने तथा पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। .

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ग्वालियर

ग्वालियर भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। भौगोलिक दृष्टि से ग्वालियर म.प्र.

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इटारसी

इटारसी (Itarsi) मध्य प्रदेश प्रान्त का एक शहर है जो कि होशंगाबाद जिले के अन्तर्गत आता हैं। इटारसी के नाम के उत्पत्ति ईंट और रस्सी शब्द के संयोग से हुई है इसका कारण प्राचीन काल में इन उद्योगों की बहुतायत होना। व्यावसायिक दृष्टि से, एक बड़ी कृषि मंडी, आयुध निर्माणी, एवम् रेलवे के कारखानो से, यह होशंगाबाद जिले में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। बोरी अभयारण और तवा बाँध निकट के कुछ दर्शन-योग स्थान है। इटारसी की कुछ प्रमुख बिभुतियों में श्री हरिशंकर परसाई एवं श्री विपिन जोशी का नाम सर्वोपरि है। .

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इन्दौर

इन्दौर (अंग्रेजी:Indore) जनसंख्या की दृष्टि से भारत के मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर है। यह इन्दौर ज़िला और इंदौर संभाग दोनों के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। इंदौर मध्य प्रदेश राज्य की वाणिज्यिक राजधानी भी है। यह राज्य के शिक्षा हब के रूप में माना जाता है। इंदौर भारत का एकमात्र शहर है, जहाँ भारतीय प्रबन्धन संस्थान (IIM इंदौर) व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT इंदौर) दोनों स्थापित हैं। मालवा पठार के दक्षिणी छोर पर स्थित इंदौर शहर, राज्य की राजधानी से १९० किमी पश्चिम में स्थित है। भारत की जनगणना,२०११ के अनुसार २१६७४४७ की आबादी सिर्फ ५३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वितरित है। यह मध्यप्रदेश में सबसे अधिक घनी आबादी वाले प्रमुख शहर है। यह भारत में के तहत आता है। इंदौर मेट्रोपोलिटन एरिया (शहर व आसपास के इलाके) की आबादी राज्य में २१ लाख लोगों के साथ सबसे बड़ी है। इंदौर अपने स्थापना के इतिहास में १६वीं सदी क डेक्कन (दक्षिण) और दिल्ली के बीच एक व्यापारिक केंद्र के रूप में अपने निशान पाता है। मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम के मालवा पर पूर्ण नियंत्रण ग्रहण करने के पश्चात, १८ मई १७२४ को इंदौर मराठा साम्राज्य में सम्मिलित हो गया था। और मल्हारराव होलकर को वहाँ का सुबेदार बनाया गया। जो आगे चल कर होलकर राजवंश की स्थापना की। ब्रिटिश राज के दिनों में, इन्दौर रियासत एक १९ गन सेल्यूट (स्थानीय स्तर पर २१) रियासत था जो की उस समय (एक दुर्लभ उच्च रैंक) थी। अंग्रेजी काल के दौरान में भी यह होलकर राजवंश द्वारा शासित रहा। भारत के स्वतंत्र होने के कुछ समय बाद यह भारत अधिराज्य में विलय कर दिया गया। इंदौर के रूप में सेवा की राजधानी मध्य भारत १९५० से १९५६ तक। इंदौर एक वित्तीय जिले के समान, मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में कार्य करता है। और भारत का तीसरा सबसे पुराने शेयर बाजार, मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज इंदौर में स्थित है। यहाँ का अचल संपत्ति (रीयल एस्टेट) बज़ार, मध्य भारत में सबसे महंगा है। यह एक औद्योगिक शहर है। यहाँ लगभग ५,००० से अधिक छोटे-बडे उद्योग हैं। यह सारे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वित्त पैदा करता है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ४०० से अधिक उद्योग हैं और इनमे १०० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग व्यावसायिक वाहन बनाने वाले व उनसे सम्बन्धित उद्योग हैं। व्यावसायिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश की प्रमुख वितरण केन्द्र और व्यापार मंडीयाँ है। यहाँ मालवा क्षेत्र के किसान अपने उत्पादन को बेचने और औद्योगिक वर्ग से मिलने आते है। यहाँ के आस पास की ज़मीन कृषि-उत्पादन के लिये उत्तम है और इंदौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूंगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है। यह शहर, आस-पास के शहरों के लिए प्रमुख खरीददारी का केन्द्र भी है। इन्दौर अपने नमकीनों व खान-पान के लिये भी जाना जाता है। प्र.म. नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी मिशन में १०० भारतीय शहरों को चयनित किया गया है जिनमें से इंदौर भी एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। स्मार्ट सिटी मिशन के पहले चरण के अंतर्गत बीस शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा और इंदौर भी इस प्रथम चरण का हिस्सा है। 'स्वच्छ सर्वेक्षण २०१७' के परिणामों के अनुसार इन्दौर भारत का सबसे स्वच्छ नगर है। .

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छिंदवाड़ा

छिंदवाडा़ भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। छिंदवाड़ा नगर, दक्षिण-मध्य मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत, कुलबेहरा की धारा बोदरी के तट पर स्थित है। यह 671 मीटर की ऊँचाई पर सतपुड़ा के खुले पठार पर स्थित है और उपजाऊ कृषि भूमि से घिरा है, जिसमें बीच-बीच में आम के बाग़ हैं और इसके पश्चिमोत्तर में कम ऊँचाई वाले ऊबड़ खाबड़ पहाड़ तथा दक्षिण में नागपुर के मैदानों की ओर ढलान है। पठार के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में चौराई गेहुं के उपजाऊ मैदान हैं। नागपुर का मैदान कपास और ज्वार की खेती का समृद्ध इलाका है और इस समूचे क्षेत्र का सबसे संपन्न और सर्वाधिक आबादी वाला हिस्सा है। वैनगंगा, पेंच और कन्हन नदियाँ इस क्षेत्र को अपवाहित करती हैं। यहाँ की मिट्टी बजरीयुक्त और जल्दी सूखने वाली है। अपेक्षाकृत कम बारिश के बावजूद यहाँ का मौसम विशेष रूप से स्वास्थ्यवर्द्धक और खुशनुमा है। इस नगर का नामकरण 'छिंद', यानी खजूर के वृक्ष के नाम पर हुआ है। .

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