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न्यायालयिक भौतिक विज्ञान

सूची न्यायालयिक भौतिक विज्ञान

न्यायालयिक भौतिक विज्ञान न्यायालयिक विज्ञान का बहुत ही मुश्किल शेत्र है। इस शेत्र में भौतिक गुणों जैसे घनत्व, अपवर्तनांक, श्यानता व प्रकाशीय गुणों का परिक्षण होता है। घटनास्थल पर पाए गए कांच के टुकड़े, पेंट, चिप्स, कागज़, कपडे, लकड़ी,प्लास्टिक के टुकड़े, रस्सी, धातु तार आदि का प्रमाणिक सबूतों का भौतिक चीजो से समेल्लन करना भी न्यायालयिक भौतिकी का शेत्र है। न्यायालयिक भौतिक विज्ञान कांच के विश्लेषण में भी मददगार होता है। टूटे हुए कांच का भी विश्लेषण करना भुत ही महत्वपूर्ण होता है किसी भी अपराधी स्थल पर| इस विश्लेषण के द्वारा हम उस स्थल पर हुई बाकी गतिविधियों का पता लगा सकते हैं। जैसे कांच के तड़कने की मदद से हम उस घटना के होने के आदेश का पता लगा सकते हैं, तड़कने की दिशा से यह भी पता लगा सकते हैं कि वह कांच अन्दर से टुटा है या बहार से|इसके अलावा भी न्यायालयिक विज्ञान के इस शेत्र में हम किसी भी औजार के चिन्ह का, फिसलन को चिन्ह का, टायर चिन्ह का, पद चिन्ह आदि का परिक्षण क्र सकते हैं। श्रेणी:न्यायालयिक विज्ञान.

1 संबंध: न्यायिक विज्ञान

न्यायिक विज्ञान

अमेरिकी सेना के सीआईडी विभाग के लोग एक अपराध के घटना-स्थल की छानबीन करते हुए न्यायिक विज्ञान या न्यायालयिक विज्ञान (Forensic science) भिन्न-भिन्न प्रकार के विज्ञानों का उपयोग करके न्यायिक प्रक्रिया की सहायता करने वाले प्रश्नों का उत्तर देने वाला विज्ञान है। ये न्यायिक प्रश्न किसी अपराध से सम्बन्धित हो सकते हैं या किसी दीवानी (civil) मामले से जुड़े हो सकते हैं। न्यायालयीय विज्ञान मुख्यतः अपराध की जांच के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुप्रयोग से संबंधित है। फॉरेंसिक वैज्ञानिक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से अपराध स्थल से एकत्र किए गए सुरागों को अदालत में प्रस्तुत करने के वास्ते स्वीकार्य सबूत के तौर पर इन्हें परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया अदालतों या कानूनी कार्यवाहियों में विज्ञान का प्रयोग या अनुप्रयोग है। फ़ॉरेंसिक वैज्ञानिक अपराध स्थल से एकत्र किए जाने वाले प्रभावित व्यक्ति के शारीरिक सबूतों का, विश्लेषण करते हैं तथा संदिग्ध व्यक्ति से संबंधित सबूतों से उसकी तुलना करते हैं और न्यायालय में विशेषज्ञ प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। इन सबूतों में रक्त के चिह्न, लार, शरीर का अन्य कोई तरल पदार्थ, बाल, उंगलियों के निशान, जूते तथा टायरों के निशान, विस्फोटक, जहर, रक्त और पेशाब के ऊतक आदि सम्मिलित हो सकते हैं। उनकी विशेषज्ञता इन सबूतों के प्रयोग से तथ्य निर्धारण करने में ही निहित होती है। उन्हें अपनी जांच की रिपोर्ट तैयार करनी पड़ती है तथा सबूत देने के लिए अदालत में पेश होना पड़ता है। वे अदालत में स्वीकार्य वैज्ञानिक सबूत उपलब्ध कराने के लिए पुलिस के साथ निकटता से काम करते हैं। .

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