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नेपोलियन बोनापार्ट

सूची नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .

30 संबंधों: तुर्की, नेपोलियन बोनापार्ट, नेपोलियन का रूस पर आक्रमण, नेपोलियन के युद्ध, नील नदी, प्रशिया, पेरिस, पोप, फ़्रान्स, फ़्रान्सीसी क्रान्ति, फ्रांस की सिविल संहिता, ब्रिटेन, महाद्वीपीय व्यवस्था, मिस्र, रूस, लाइपत्सिग का युद्ध, सन्त हेलेना, संखिया, स्पेन, स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम, सीरिया, जर्मनी, वाटरलू का युद्ध, विधि का इतिहास, ऑस्ट्रिया, इटली, इंग्लिश चैनल, इंग्लैण्ड, अटलांटिक महासागर, उपनिवेश

तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .

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नेपोलियन का रूस पर आक्रमण

नेपोलियन की साम्राज्यवादी आकांक्षा तथा महाद्वीपीय व्यवस्था के प्रश्न पर रूस के साथ उसके संबंध पुनः बिगड़ गए। फलस्वरूप 1812 ई. में नेपोलियन ने रूस पर आक्रमण कर दिया। फ्रांस में इसे 'रूसी अभियान' कहा जाता है जबकि रूस में इसे '१८१२ का देशभक्तिपूर्ण युद्ध'। नेपोलियन की सेना ने नोमेन नदी पार कर रूस की सीमा में प्रवेश किया। रूसी सेनाओं ने फसलों, भंडारों को नष्ट करते हुए पीछे हटने तथा छापामार हमले करते रहने की नीति अपनाई। अनेक कठिनाईयों का सामना करते हुए किसी तरह जब नेपोलियन मास्को पहुुंचा तो उसने पूरे शहर को वीरान पाया। वास्तव में अभी तक फ्रांसीसी सेना अपना खर्च पराजित प्रदेशों से निकालती थी किन्तु इस युद्ध पद्धति और रणनीति से यह संभव नहीं हो सका। नेपोलियन को आशा थी कि जार आत्मसमर्पण कर देगा परन्तु जार आत्मसमर्पण के बजाय साइबेरिया चला गया। नेपोलियन मास्कों में लगभग दो महीने तक शांति प्रस्ताव की प्रतीक्षा में रहा, तभी उसके सैनिकों के लिए खाद्य सामग्री का संकट पैदा हो गया तथा महामारी फैल गई। अतः नेपोलियन को लाचार होकर मॉस्को से लौटाना पड़ा। सेना को भूख, ठंड और रूसियों ने परेशान किया। इस तरह जब नेपोलियन ने रूस की सीमा छोड़ी तब वह अपने 6 लाख में से 5 लाख सैनिक खो चुका था। इस तरह से यह अभियान निरर्थक सिद्ध हुआ। इसकी असफलता का कारण नेपोलियन की हठधर्मिता और रूसी सैनिकों की पीछे हटने की कूटनीति को न समझ पाना था। .

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नेपोलियन के युद्ध

नेपोलियन बोनापार्ट जब तक सत्ता में रहा युद्धों में उलझा रहा जिनसे सारा यूरोप त्रस्त था। इन युद्धों को सम्मिलित रूप से नेपोलियन के युद्ध (Napoleonic Wars) कहा जाता है। १८०३ से लेकर १८१५ तक कोई साठ युद्ध उसने लड़े थे जिसमें से सात में उसकी पराजय हुई (अधिकांशतः अपने अन्तिम दिनों में)। इन युद्धों के फलस्वरूप यूरोपीय सेनाओं में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए। परम्परागत रूप से इन युद्धों को १९७२ में फ्रांसीसी क्रांति के समय शुरू हुए क्रांतिकारी युद्धों की शृंखला में ही रखा जाता है। आरम्भ में फ्रांस की शक्ति बड़ी तेजी से बढ़ी और नैपोलियन ने यूरोप का अधिकांश भाग अपने अधिकार में कर लिया। १८१२ में रूस पर आक्रमण करने के बाद फ्रांस का बड़ी तेजी से पतन हुआ। .

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नील नदी

संसार की सबसे लम्बी नदी नील है जो अफ्रीका की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया से निकलकर विस्तृत सहारा मरुस्थल के पूर्वी भाग को पार करती हुई उत्तर में भूमध्यसागर में उतर पड़ती है। यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रूप में शस्यश्यामला दिखती है। यह पट्टी संसार का सबसे बड़ा मरूद्यान है। नील नदी की घाटी एक सँकरी पट्टी सी है जिसके अधिकांश भाग की चौड़ाई १६ किलोमीटर से अधिक नहीं है, कहीं-कहीं तो इसकी चौड़ाई २०० मीटर से भी कम है। इसकी कई सहायक नदियाँ हैं जिनमें श्वेत नील एवं नीली नील मुख्य हैं। अपने मुहाने पर यह १६० किलोमीटर लम्बा तथा २४० किलोमीटर चौड़ा विशाल डेल्टा बनाती है। घाटी का सामान्य ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर है। मिस्र की प्राचीन सभ्यता का विकास इसी नदी की घाटी में हुआ है। इसी नदी पर मिस्र देश का प्रसिद्ध अस्वान बाँध बनाया गया है। नील नदी की घाटी का दक्षिणी भाग भूमध्य रेखा के समीप स्थित है, अतः वहाँ भूमध्यरेखीय जलवायु पायी जाती है। यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापमान रहता है तथा वर्षा भी वर्ष भर होती है। वार्षिक वर्षा का औसत २१२ से.

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प्रशिया

अपने चरम पर प्रशा प्रशिया, प्रुशिया या प्रशा, (Preußen), उत्तरी यूरोप का एक जर्मन ऐतिहासिक राज्य था। प्रशिया, अपनी राजधानी कोइनिजबर्ग और 1701 से बर्लिन के साथ, जर्मनी के इतिहास को निर्णायक रूप से आकार दिया है। 18वीं और 19वीं शताब्दियों में यह राज्य अपने चरम पर था। .

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पेरिस

पेरिस (फ़्रांसीसी: Paris, फ़्रांसिसी उच्चारण: पारी) फ़्रांस का सबसे बड़ा नगर और उसकी राजधानी है। यह 105 वर्ग किलोमीटर (41 वर्ग मील) में फैला हुआ है, और इसकी प्रशासनिक सीमा के भीतर 2015 में 22,29,621 की आबादी थी। 17वीं शताब्दी में पेरिस, यूरोप में वित्त, वाणिज्य, फैशन, विज्ञान और कला के प्रमुख केंद्रों में से एक बना, और यह आज भी उस स्थिति को बरकरार रखता है। 2012 में पेरिस क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद 649.6 अरब यूरो (763.4 अरब अमेरिकी डॉलर) था, जो कि पूरे फ्रांस के सकल घरेलू उत्पाद का 30.4 प्रतिशत होता है। इसे दुनिया के सबसे सुन्दर नगरों में से एक और दुनिया की फ़ैशन और ग्लैमर राजधानी माना जाता है। पेरिस के शहर को सेन नदी के किनारे एक निर्मित क्षेत्र के केंद्र के रूप में बनाया गया था, जोकि अब प्रशासनिक सीमाओं से परे भी फैल चुकी है। 2013 की जनगणना के अनुसार पेरिस शहर की आबादी 10,601,122 है, जो इसे यूरोपीय संघ में सबसे बड़ा बनाता है। वही इसके महानगरीय क्षेत्र की अबादी 12,405,426 है, जोकि फ्रांस की कुल आबादी का पांचवाँ हिस्सा है। और साथ लंदन के बाद, यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे बड़ा महानगर क्षेत्र है। पेरिस-चार्ल्स डी गॉल (2014 में 63.8 मिलियन यात्रियों के साथ लंदन हीथ्रो विमानक्षेत्र के बाद यूरोप में दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा) और पेरिस-ओरली सहित दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ शहर, रेल, राजमार्ग और हवाई-परिवहन का केंद्र है। 1900 में खोला गया, शहर की मेट्रो प्रणाली (पेरिस मेट्रो) रोजाना 5.23 मिलियन यात्रियों की सेवाएं देती है। मॉस्को मेट्रो के बाद यह यूरोप में दूसरा सबसे व्यस्त मेट्रो प्रणाली है। पेरिस में कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थान हैं: इसकी लौवर संग्रहालय दुनिया में सबसे अधिक देखी जाने वाली है; इसकी मुसे डी'ओर्से, फ्रांसिस इंपीरियनिस्ट कला के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है, और इसकी पोम्पिडु-केंद्र म्यूसिक नेशनल डी'आर्ट मॉर्डेन, यूरोप में आधुनिक और समकालीन कला का सबसे बड़ा संग्रह है। सेन नदी के साथ शहर के केंद्रीय क्षेत्र को यूनेस्को विरासत स्थल के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और नॉट्रे डेम कैथेड्रल, सैंट-चैपल, पुर्व यूनिवर्सल प्रदर्शनी ग्रैंड पैलेस, पेटिट पालिसी और आइफ़िल टावर सहित कई उल्लेखनीय स्मारक शामिल हैं। 2015 में 22.2 मिलियन पर्यटक पेरिस घुमने आये थे, इसके साथ ही यह दुनिया का शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक बन गया। .

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पोप

बेनेडिक्ट सोलहवें - २६५वें तथा वर्तमान पोप रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्म गुरु, रोम के बिशप एवं वैटिकन के राज्याध्यक्ष को पोप कहते हैं। 'पोप' का शाब्दिक अर्थ 'पिता' होता है। यह लैटिन के "पापा" (papa) से व्युत्पन्न हा है जो स्वयं ग्रीक के पापास् (πάπας, pápas) से व्युत्पन्न है। इस समय (फरवरी, २००९) बेनेडिक्ट सोलहवें (Benedict XVI) इस पद पर आसीन हैं जिन्हें १९ अप्रैल २००५ को चुना गया था। वे २६५वें पोप हैं। रोमन काथलिक चर्च के परमाधिकारी को संत पापा (पिता) 'होली फादर' अथवा पोप कहते हैं। ईसा से अपने महाशिरूय संत पीटर को अपने चर्च का आधार तथा प्रधान 'चरवाहा' नियुक्त किया था और उनको यह भी सुस्पष्ट आश्वासन दिया था कि उनपर आधारित चर्च शताब्दियों तक बना रहेगा। अत: ईसा के विधान से संत पीटर का देहांत रोम में हुआ था, इसलिये प्रारंभ ही से संत पीटर के उत्तराधिकारी होने के कारण रोम के बिशप समूचे चर्च के अध्यक्ष तथा पृथ्वी पर ईसा के प्रतिनिधि माने गए थे। इतिहास इसका साक्षी है कि रोम के बिशप के अतिरिक्त किसी ने कभी संत पीटर का उत्तराधिकारी होने का दावा नहीं किया। किंतु प्राच्य चर्च के अलग होते जाने से तथा प्रोटेस्टैंट धर्म के उद्भव से पोप के अधिकारी के विषय में शताब्दियों तक वाद विवाद होता रहा, अंततोगत्वा वैटिकन की प्रथम अधिकार रखते हैं। वे ईसा की शिक्षा के सर्वोच्च व्याख्याता हैं और चर्च के परमाधिकारी की हैसियत से धर्मशिक्षा की व्याख्या करते समय भ्रमातीत अर्थात्‌ अचूक हैं। पोप वैटिकन राज्य के अध्यक्ष हैं तथा उनके देहांत पर कार्डिनल उनके उत्तराधिकारी को चुनते हैं .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फ़्रान्सीसी क्रान्ति

बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। .

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फ्रांस की सिविल संहिता

फ्रांस के सिविल संहिता का पहला पृष्ट फ्रांस की सिविल संहिता (फ्रेंच आधिकारिक नाम: Code civil des français) नैपोलियन प्रथम द्वारा १८०४ में फ्रांस में लागू की गयी। इसे 'नैपोलियन कोड' भी कहते हैं। इस संहिता द्वारा जन्म के आधार पर दिये गये विशेषाधिकार बन्द कर दिये गये, इसके तहत धर्म की स्वतंत्रता प्रदान की गयी, तथा इसमें कहा गया कि सरकारी नौकरियाँ उनको मिलें जो सर्वाधिक योग्य हों। यह संहिता चार ज्युरी की एक आयोग द्वारा बहुत जल्दी तैयार किया गया तथा २१ मार्च १८०४ को लागू किया गया। यह स्पष्ट रूप से लिखित था और पहले से चल रहे सामन्ती नियमों के स्थान पर लागू हुआ। इतिहासकार रॉबर्ट होल्टमैन का मानना है कि यह उन गिने-चुने प्रपत्रों में से एक है जिन्होने संसार पर अपनी छाप छोड़ी है। ज्ञातब्य है कि यह यूरोप के किसी देश में लागू होने वाला पहला सिविल कोड नहीं था बल्कि कुछ देशों में इससे पहले भी सिविल कोड लागू हो चुके थे। श्रेणी:विधि.

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ब्रिटेन

ब्रिटेन शब्द का प्रयोग हालाँकि आम तौर पर हिंदी में संयुक्त राजशाही अर्थात् यूनाइटेड किंगडम देश का बोध करने के लिए होता है, परंतु इसका उपयोग अन्य सन्दर्भों के लिए भी हो सकता है.

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महाद्वीपीय व्यवस्था

महाद्वीपीय व्यवस्था (Continental System) या महाद्वीपीय नाकाबन्दी (Continental Blockade) नेपोलियन युद्धों के समय ग्रेट ब्रिटेन विरुद्ध संघर्ष में नेपोलियन प्रथम की विदेश नीति थी। ब्रिटेन की सरकार ने १६ मई १८०६ को फ्रेंच कोस्ट की नाकेबन्दी की थी। उसी के जवाब में नेपोलियन ने २१ नवम्बर १८०६ को 'बर्लिन डिक्री' का ऐलान किया जिसके द्वारा ब्रिटेन के विरुद्ध बड़े पैमाने पर व्यापार-प्रतिबन्ध (embargo) लगा दिये गये। यह प्रतिबन्ध लगभग आधे समय ही प्रभावी था। इसका अन्त ११ अप्रैल १८१४ को हुआ जब नेपोलियन ने पहली बार पदत्याग किया। इस प्रतिबन्ध से ब्रिटेन को कोई खास आर्थिक क्षति नहीं हुई। जब नेपोलियन को पता चला कि अधिकांश व्यापार स्पेन और रूस के रास्ते हो रहा है, तो उसने उन दोनों देशों पर आक्रमण कर दिया। .

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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लाइपत्सिग का युद्ध

लाइपत्सिग का युद्ध (Battle of Leipzig या Battle of the Nations) सैक्सोनी के लाइपत्सिग नामक स्थान पर १६ से १९ अक्टूबर, १८१३ को लड़ा गया था। रूस, प्रशा, आस्ट्रिया और स्वीडेन कि संयुक्त सेनाओं ने रूस के जार अलेक्सांदर प्रथम के नेतृत्व नेपोलियन को पराजित कर दिया। इस युद्ध में लगभग 600,000 सैनिकों ने भाग लिया, इस प्रकार प्रथम विश्वयुद्ध के पहले यूरोप की यह सबसे बड़ी लड़ाई थी। रूस अभियान में नेपोलियन की असफलता का समाचार पाते ही जर्मनी में फ्रांस से प्रतिशोध लेने की भावना जागने लगी। लोग देश को नेपोलियन के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए संघर्ष के लिए तैयार हो गए। राष्ट्रीयता का जबर्दस्त उबाल आया। इस तरह 1813 में प्रशा ने फ्रांस के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। किन्तु प्रशा की सेना को नेपोलियन ने पीछे ढलेल दिया। 1813 ई. में प्रशा, आस्ट्रिया, इंग्लैंड, रूस तथा स्वीडन ने मिलकर नेपोलियन के विरूद्ध एक गुट का निर्माण किया और नेपोलियन के विरूद्ध दक्षिणी जर्मनी के लाइपत्सिग के युद्ध में उसे पराजित किया इसे “राष्ट्रों के युद्ध” (वार ऑफ नेशन्स) के नाम से जाना जाता है। लाइपत्सिग की पराजय ने नेपोलियन के समूचे तंत्र को ध्वस्त कर दिया, महाद्वीपीय व्यवस्था समाप्त हो गई। अंततः नेपोलियन ने आत्मसमर्पण कर दिया और फ्रांस के सिंहासन से अपने समस्त अधिकार त्याग दिए। उसे इटली के पश्चिम में एल्बा द्वीप देकर वहां का स्वतंत्र शासक बना दिया गया और फ्रांस में लुई 18वें को सम्राट नियुक्त किया गया। नेपोलियन से छुटकारा पाने के बाद यूरोप की समस्याओं को सुलझाने के लिए 1814 ई. में ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में मेटरनिख की अध्यक्षता में एक सम्मेलन हुआ जिसे वियना कांग्रेस के नाम से जाना जाता है। फ्रांस की भौगोलिक सीमा वही रखी गई जो 1792 में थी और वहां बूर्वो वंश के शासन को पुनर्स्थापित किया गया। फ्रांस में लुई 18वें अव्यवस्थित शासन से जनता असंतुष्ट थी। नेपोलियन को इन परिस्थितियों की सूचना मिली तो एक बार पुनः वह फ्रांस पर अधिकार करने के लिए मार्च 1815 में एल्बा से चलकर फ्रांस आया। वहां की जनता ने उसका स्वागत किया। अतः लुई 18वां फ्रांस छोड़कर भाग गया और नेपोलियन पुनः फ्रांस का सम्राट बन बैठा। किन्तु उसके बाद केवल 100 दिन की वह शासन कर सका। नेपोलियन के पुनः गद्दी प्राप्त करने की सूचना जब यूरोप में पहुंची तो सब लोग चौकन्ना हो गए। वियना कांगे्रस को एक बार फिर नेपोलियन के भूत का भय सताने लगा। अतः अपने मतभेद भूलकर एकजुट हो नेपोलियन का मुकाबला करने का निश्चय किया। अतः जून 1815 में नेपोलियन और मित्र राष्ट्रों के बीच अंतिम निर्णायक युद्ध वाटरलू के मैदान में हुआ जिसमें नेपोलियन पराजित हुआ। उसे बंदी बनाकर सुदूर अटलांटिक महासागर के सुनसान द्वीप सेंट हेलेना में निर्वासित जीवन जीने को भेज दिया गया और वहीं 6 वर्ष बाद 2 मई 1821 को उसकी मृत्यु हो गई। श्रेणी:यूरोप का इतिहास.

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सन्त हेलेना

सेंट हेलेना सेंट हेलेना ऑफ कान्सन्टपोल के नाम पर रखा गया दक्षिण अटलांटिक महासागर में ज्वालामुखी के माध्यम से विकसित हुआ एक द्वीप है। यह ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र सेंट हेलेना, एसेन्शन और त्रिस्तान द कुन्हा का एक हिस्सा है। इसकी राजधानी जेम्सटाउन है तथा यहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। इस द्वीप का इतिहास महज 500 साल पुराना है, जब 1502 में पुर्तगालियों ने इस निर्जन द्वीप की खोज की थी। बरमूडा के बाद ब्रिटेन की बची हुई दूसरी सबसे पुरानी कालोनी सेंट हेलेना दुनिया का सबसे दुर्गम क्षेत्र है, जिसका यूरोप से एशिया और दक्षिण अफ्रीका जाने वाले जहाजों के लिए काफी सामरिक महत्व हुआ करता था। कई सदियों तक इस द्वीप का इस्तेमाल ब्रिटेन द्वारा निर्वासितों को रखने के लिए किया गया, जिसमें नेपोलियन बोनापार्ट जैसे व्यक्ति भी शामिल हैं।.

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संखिया

यह आयुर्वेद की एक औषधि है जो शोधन के पश्‍चात प्रयाग की जाती हैं। यह एक अत्यंत घातक विष है जो प्राकितिक अवस्था में पायी जाती है। इसे अंग्रेजी में आर्सेनिक भी कहते हैं l रंग क आधार पर ये सफ़ेद, लाल, पीला और काले रंग की होती है, औषधि के लिये सफ़ेद शंखिया प्रयोग होता है l.

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स्पेन

स्पेन (स्पानी: España, एस्पाञा), आधिकारिक तौर पर स्पेन की राजशाही (स्पानी: Reino de España), एक यूरोपीय देश और यूरोपीय संघ का एक सदस्य राष्ट्र है। यह यूरोप के दक्षिणपश्चिम में इबेरियन प्रायद्वीप पर स्थित है, इसके दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर सिवाय ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र, जिब्राल्टर की एक छोटी से सीमा के, उत्तर में फ्रांस, अण्डोरा और बिस्के की खाड़ी (Gulf of Biscay) तथा और पश्चिमोत्तर और पश्चिम में क्रमश: अटलांटिक महासागर और पुर्तगाल स्थित हैं। 674 किमी लंबे पिरेनीज़ (Pyrenees) पर्वत स्पेन को फ्रांस से अलग करते हैं। यहाँ की भाषा स्पानी (Spanish) है। स्पेनिश अधिकार क्षेत्र में भूमध्य सागर में स्थित बेलियरिक द्वीप समूह, अटलांटिक महासागर में अफ्रीका के तट पर कैनरी द्वीप समूह और उत्तरी अफ्रीका में स्थित दो स्वायत्त शहर सेउटा और मेलिला जो कि मोरक्को सीमा पर स्थित है, शामिल है। इसके अलावा लिविया नामक शहर जो कि फ्रांसीसी क्षेत्र के अंदर स्थित है स्पेन का एक ''बहि:क्षेत्र'' है। स्पेन का कुल क्षेत्रफल 504,030 किमी² का है जो पश्चिमी यूरोप में इसे यूरोपीय संघ में फ्रांस के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बनाता है। स्पेन एक संवैधानिक राजशाही के तहत एक संसदीय सरकार के रूप में गठित एक लोकतंत्र है। स्पेन एक विकसित देश है जिसका सांकेतिक सकल घरेलू उत्पाद इसे दुनिया में बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है, यहां जीवन स्तर बहुत ऊँचा है (20 वां उच्चतम मानव विकास सूचकांक), 2005 तक जीवन की गुणवत्ता सूचकांक की वरीयता के अनुसार इसका स्थान दसवां था। यह संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, नाटो, ओईसीडी और विश्व व्यापार संगठन का एक सदस्य है। .

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स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम

०२ मई १८०८: फ्रांसिस्को डी गोया द्वारा १८१४ में चित्रित 'The Charge of the Mamelukes' नेपोलियन बोनापार्ट के साम्राज्य तथा स्पेन, ब्रिटेन और पुर्तगाल की सम्मिलित सेनाओं के बीच हुआ युद्ध स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम (स्पेनी भाषा:Guerra de la Independencia Española) या प्रायद्वीपीय युद्ध (Peninsular War) (1807–1814) कहलाता है। स्पेन ने समय-समय पर फ्रांस को सहायता दी थी। इस समय स्पेन का शासक चार्ल्स चतुर्थ था किन्तु उसके निष्क्रिय शासन के स्थान पर जनमत उसके पुत्र राजकुमार फर्डिनेण्ड को शासक बनान चाहती थी। अतः चार्ल्स ने फर्डिनेण्ड के पक्ष में पद त्याग दिया। इसी समय नेपोलियन ने फर्डिनेण्ड को एक तरह से नजरबन्द कर अपने भाई नेपल्स के राजा जोजफ को स्पेन का राजा बनाया (1808) और नेपल्स अपने बहनोई म्यूरा को दे दिया। वस्तुतः पुर्तगाल में फ्रांस व स्पेन के संयुक्त अभियान के कारण नेपोलियन को फ्रांसीसी सेनाएँ स्पेन में भेजने का अवसर मिल गया और मौका देख उसने स्पने पर अधिकार कर लिया। नेपोलियन के इस कदम से स्पेनिश जनता अपमानित महसूस कर रही थी। स्पेनवासियों में राष्ट्रीय भावना का संचार हुआ और पूरा राष्ट्र नेपोलियन के विरूद्ध उठ खड़ा हुआ। जगह-जगह प्रबंध समितियाँ स्थापित की जाने लगी, 'पोप के शत्रु' के विनाश का अच्छा अवसर देखते हुए कैथोलिक पादरियों ने लोगों को उकसाना शुरू किया। Zunta नामक संगठन ने गुरिल्ला पद्धति से लड़ने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना आरंभ कर दिया। स्पेन की जनता की नजर में नेपोलियन राष्ट्रीय एकता का संहारक और राजमुकुट का विनाशक था। अतः उन्होंने गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया। यह युद्ध 1808 से 1814 तक चलता रहा। जुलाई 1808 में बेलन के युद्ध में फ्रांसीसी सेना पराजित हुई। स्थल में, नेपोलियन की सेना की यह प्रथम पराजय थी। स्पेनवासियों का उत्साह बढ़ा और पूरे यूरोप में सनसनी फैल गई। जोजेफ स्पेन छोड़ भाग खड़ा हुआ। ऐसी स्थिति में नेपोलियन ने स्पेन पर हमला किया और उसे पराजित कर पुनः जोजफ को सिंहासन पर बैठाया। स्पेन में फंसे रहने के कारण साम्राज्य पर वह ध्यान नहीं दे पाया। 1809 ई. में यूरोपीय गतिविधयों के कारण नेपोलियन को एक बड़ी सेना स्पेन में छोड़ मध्य यूरोप की ओर जाना पड़ा। इसके बाद उसका स्पेन आना संभव नहीं हुआ। स्पेन में राष्ट्रवादी पुनः सक्रिय हो गए और जोजफ का शासन लड़खड़ाने लगा। इंग्लैण्ड ने स्पेन का समर्थन देकर कई स्थानों पर फ्रांसीसी सेना को परास्त किया और अंततः स्पेन फ्रांसीसी आधिपत्य से मुक्त हुआ। स्पेन का युद्ध नेपोलियन के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित हुआ। एक तरफ इसने जहाँ नेपोलियन के लाखों सैनिकों व योग्य सेनापतियों को नष्ट कर दिया तो दूसरी तरफ युद्ध में व्यस्त रहने के कारण शेष यूरोप की ओर ध्यान भी नहीं दे सका। स्पेन की विजय ने नेपोलियन की अपराजेयता के मिथक को तोड़ा और यूरोप में सोई राष्ट्रीयता की भावना को जगाया। इसी राष्ट्रवाद की भावना से पे्ररित होकर आगे आस्ट्रिया ने फ्रांस के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। इस प्रकार स्पेनिश युद्ध के संदर्भ में नेपोलियन का यह कहना ठीक है कि स्पेन के नासूर ने मुझे बर्बाद कर दिया। .

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सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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वाटरलू का युद्ध

वाटरलू का युद्ध 1815 में लड़ा गया था। नेपोलियन का ये अन्तिम युद्ध था एक तरफ फ्रांस था तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था। मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना नामक टापू पर भेज दिया जहाँ 52 वर्षों की आयु में 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। श्रेणी:नेपोलियन श्रेणी:फ्रांस के युद्ध श्रेणी:यूरोप के युद्ध‎.

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विधि का इतिहास

विधिक इतिहास (या, विधि का इतिहास) के अन्तर्गत विधि की उत्पत्ति, उसके क्रमिक-विकास एवं उसमें कालक्रम में आये परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। विधिक इतिहास का सभ्यताओं के विकास से निकट का सम्बन्ध रहा है। यह सामाजिक इतिहास का भाग है। .

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ऑस्ट्रिया

ऑस्ट्रिया (जर्मन: Österreich एओस्तेराइख़, अर्थात पूर्वी राज्य) मध्य यूरोप में स्थित एक स्थल रुद्ध देश है। इसकी राजधानी वियना है। इसकी (मुख्य- और राज-) भाषा जर्मन भाषा है। देश का ज़्यादातर हिस्सा ऐल्प्स पर्वतों से ढका हुआ है। यूरोपीय संघ के इस देश की मुद्रा यूरो है। इसकी सीमाएं उत्तर में जर्मनी और चेक गणराज्य से, पूर्व में स्लोवाकिया और हंगरी से, दक्षिण में स्लोवाकिया और इटली और पश्चिम में स्विटजरलैंड और लीश्टेनश्टाइन से मिलती है। इस देश का उद्भव नौवीं शताब्दी के दौरान ऊपरी और निचले हिस्से में आबादी के बढ़ने के साथ हुआ। Ostarrichi शब्द का पहले पहल इस्तेमाल 996 में प्रकाशित आधिकारिक लेख में किया गया, जो बाद में Österreich एओस्तेराइख़ में बदल गया। आस्ट्रिया में पूर्वी आल्प्स की श्रेणियाँ फैली हुई हैं। इस पर्वतीय देश का पश्चिमी भाग विशेष पहाड़ी है जिसमें ओट्जरस्टुवार्ड, जिलरतुल आल्प्स (१,२४६ फुट) आदि पहाड़ियाँ हैं। पूर्वी भाग की पहाड़ियां अधिक ऊँची नहीं हैं। देश के उत्तर पूर्वी भाग में डैन्यूब नदी पश्चिम से पूर्व को (३३० किमी लंबी) बहती है। ईन, द्रवा आदि देश की सारी नदियां डैन्यूब की सहायक हैं। उत्तरी पश्चिमी सीमा पर स्थित कांस्टैंस, दक्षिण पूर्व में स्थित न्यूडिलर तथा अतर अल्फ गैंग, आसे आदि झीलें देश की प्राकृतिक शोभा बढ़ाती हैं। आस्ट्रिया की जलवायु विषम है। यहां ग्रर्मियों में कुछ अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठंडक पड़ती है। यहां पछुआ तथा उत्तर पश्चिमी हवाओं से वर्षा होती है। आल्प्स की ढालों पर पर्याप्त तथा मध्यवर्ती भागों में कम पानी बरसता है। यहाँ की वनस्पति तथा पशु मध्ययूरोपीय जाति के हैं। यहाँ देश के ३८ प्रतिशत भाग में जंगल हैं जिनमें ७१ प्रतिशत चीड़ जाति के, १९ प्रतिशत पतझड़ वाले तथा १० प्रतिशल मिश्रित जंगल हैं। आल्प्स के भागों में स्प्रूस (एक प्रकार का चीड़) तथा देवदारु के वृक्ष तथा निचले भागों में चीड़, देवदारु तथा महोगनी आदि जंगली वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आस्ट्रिया का प्रत्येक दूसरा वृक्ष सरो है। इन जंगलों में हिरन, खरगोश, रीछ आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। देश की संपूर्ण भूमि के २९ प्रतिशत पर कृषि होती है तथा ३० प्रतिशत पर चारागाह हैं। जंगल देश की बहुत बड़ी संपत्ति है, जो शेष भूमि को घेरे हुए है। लकड़ी निर्यात करनेवाले देशों में आस्ट्रिया का स्थान छठा है। ईजबर्ग पहाड़ के आसपास लोहे तथा कोयले की खानें हैं। शक्ति के साधनों में जलविद्युत ही प्रधान है। खनिज तैल भी निकाला जाता है। यहां नमक, ग्रैफाइट तथा मैगनेसाइट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। मैगनेसाइट तथा ग्रैफाइट के उत्पादन में आस्ट्रिया का संसार में क्रमानुसार दूसरा तथा चौथा स्थान है। तांबा, जस्ता तथा सोना भी यहां पाया जाता है। इन खनिजों के अतिरिक्त अनुपम प्राकृतिक दृश्य भी देश की बहुत बड़ी संपत्ति हैं। आस्ट्रिया की खेती सीमित है, क्योंकि यहां केवल ४.५ प्रतिशत भूमि मैदानी है, शेष ९२.३ प्रतिशत पर्वतीय है। सबसे उपजाऊ क्षेत्र डैन्यूब की पार्श्ववर्ती भूमि (विना का दोआबा) तथा वर्जिनलैंड है। यहां की मुख्य फसलें राई, जई (ओट), गेहूँ, जौ तथा मक्का हैं। आलू तथा चुकंदर यहां के मैदानों में पर्याप्त पैदा होते हैं। नीचे भागों में तथा ढालों पर चारेवाली फसलें पैदा होती हैं। इनके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में तीसी, तेलहन, सन तथा तंबाकू पैदा किया जाता है। पर्वतीय फल तथा अंगूर भी यहाँ होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बने हुए हैं। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में पशुपालन होता है तथा यहाँ से वियना आदि शहरों में दूध, मक्खन तथा चीज़ पर्याप्त मात्रा में भेजा जाता है। जोरारलबर्ग देश का बहुत बड़ा संघीय पशुपालन केंद्र है। यहां बकरियां, भेड़ें तथा सुअर पर्याप्त पाले जाते हैं जिनसे मांस, दूध तथा ऊन प्राप्त होता है। आस्ट्रिया की औद्योगिक उन्नति महत्वपूर्ण है। लोहा, इस्पात तथा सूती कपड़ों के कारखाने देश में फैले हुए हैं। रासायनिक वस्तुएँ बनाने के बहुत से कारखाने हैं। यहाँ धातुओं के छोटे मोटे सामान, वियना में विविध प्रकार की मशीनें तथा कलपुर्जे बनाने के कारखाने हैं। लकड़ी के सामान, कागज की लुग्दी, कागज एवं वाद्यतंत्र बनाने के कारखाने यहां के अन्य बड़े धंधे हैं। जलविद्युत् का विकास खूब हुआ है। देश को पर्यटकों का भी पर्याप्त लाभ होता है। पहाड़ी देश होने पर भी यहाँं सड़कों (कुल सड़कें ४१,६४९ कि.मी.) तथा रेलवे लाइनों (५,९०८ कि.मी.) का जाल बिछा हुआ है। वियना यूरोप के प्राय: सभी नगरों से संबद्ध है। यहां छह हवाई अड्डे हैं जो वियना, लिंज, सैल्बर्ग, ग्रेज, क्लागेनफर्ट तथा इंसब्रुक में हैं। यहां से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में इमारती लकड़ी का बना सामान, लोहा तथा इस्पात, रासायनिक वस्तुएं और कांच मुख्य हैं। विभिन्न विषयों की उच्चतम शिक्षा के लिए आस्ट्रिया का बहुत महत्व है। वियना, ग्रेज तथा इंसब्रुक में संसारप्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं। आस्ट्रिया में गणतंत्र राज्य है। यूरोप के ३६ राज्यों में, विस्तार के अनुसार, आस्ट्रिया का स्थान १९वाँ है। यह नौ प्रांतों में विभक्त है। वियना प्रांत में स्थित वियना नगर देश की राजधानी है। आस्ट्रिया की संपूर्ण जनसंख्या का १/४ भाग वियना में रहता है जो संसार का २२वाँ सबसे बड़ा नगर है। अन्य बड़े नगर ग्रेज, जिंज, सैल्जबर्ग, इंसब्रुक तथा क्लाजेनफर्ट हैं। अधिकांश आस्ट्रियावासी काकेशीय जाति के हैं। कुछ आलेमनों तथा बवेरियनों के वंशज भी हैं। देश सदा से एक शासक देश रहा है, अत: यहां के निवासी चरित्रवान् तथा मैत्रीपूर्ण व्यवहारवाले होते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा जर्मन है। आस्ट्रिया का इतिहास बहुत पुराना है। लौहयुग में यहाँ इलिरियन लोग रहते थे। सम्राट् आगस्टस के युग में रोमन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था। हूण आदि जातियों के बाद जर्मन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था (४३५ ई.)। जर्मनों ने देश पर कई शताब्दियों तक शासन किया, फलस्वरूप आस्ट्रिया में जर्मन सभ्यता फैली जो आज भी वर्तमान है। १९१९ ई. में आस्ट्रिया वासियों की प्रथम सरकार हैप्सबर्ग राजसत्ता को समाप्त करके, समाजवादी नेता कार्ल रेनर के प्रतिनिधित्व में बनी। १९३८ ई. में हिटलर ने इसे महान् जर्मन राज्य का एक अंग बना लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध में इंग्लैंड आदि देशों ने आस्ट्रिया को स्वतंत्र करने का निश्चय किया और १९४५ ई. में अमरीकी, ब्रितानी, फ्रांसीसी तथा रूसी सेनाओं ने इसे मुक्त करा लिया। इससे पूर्व अक्टूबर, १९४३ ई. की मास्को घोषणा के अंतर्गत ब्रिटेन, अमरीका तथा रूस आस्ट्रिया को पुन: एक स्वतंत्र तथा प्रभुसत्तासंपन्न राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कराने का अपना निश्चय व्यक्त कर चुके थे। २७ अप्रैल, १९४५ को डा.

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इंग्लिश चैनल

इंग्लिश चैनल का सैटेलाइट दृश्य इंग्लिश चैनल (la Manche, "स्लीव") अटलांटिक महासागर की एक शाखा है जो ग्रेट ब्रिटेन को उत्तरी फ्रांस से अलग करती है और उत्तरी सागर को अटलांटिक से जोड़ती है। यह तकरीबन लंबी है और चौड़ाई में से इसकी व्यापकता से लेकर डोवर जलसंयोगी में केवल तक के आधार पर भिन्नता है।"इंग्लिश चैनल".

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इंग्लैण्ड

इंग्लैण्ड (अंग्रेज़ी: England), ग्रेट ब्रिटेन नामक टापू के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल 50,331 वर्ग मील है। यह यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम में शामिल हैं। यह यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से इंग्लिश चैनल द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इसकी राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा बोले व समझे जाने वाली भाषा है। .

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अटलांटिक महासागर

ग्लोब पर अंध महासागर की स्थिति अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का १/५ क्षेत्र घेर रखा है। इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जिसमें इसे नक्शे का समुद्र भी बोला जाता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। आर्कटिक सागर, जो बेरिंग जलडमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक फैला है, मुख्यतः अंधमहासागर का ही अंग है। इस प्रकार उत्तर में बेरिंग जल-डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई १२,८१० मील है। इसी प्रकार दक्षिण में दक्षिणी जार्जिया के दक्षिण स्थित वैडल सागर भी इसी महासागर का अंग है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित ४,१०,८१,०४० वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल ३,१८,१४,६४० वर्ग मील है। विशालतम महासागर न होते हुए भी इसके अधीन विश्व का सबसे बड़ा जलप्रवाह क्षेत्र है। उत्तरी अंधमहासागर के पृष्ठतल की लवणता अन्य समुद्रों की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा ३.७ प्रतिशत है जो २०°- ३०° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। .

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उपनिवेश

उपनिवेश (कालोनी) किसी राज्य के बाहर की उस दूरस्थ बस्ती को कहते हैं जहाँ उस राज्य की जनता निवास करती है। किसी पूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य (सावरेन स्टेट) के लोगों के अन्य देश की सीमा में जाकर बसने के स्थान के लिए भी इस शब्द का प्रयोग होता है। इस अर्थ में अधिकतर यूरोपीय देशों के "उपनिवेश" लंदन में स्थित हैं। परंतु साधारणत: अधिक संकुचित अर्थ में ही इस शब्द का प्रयोग होता है, विशेषकर निम्नलिखित दशाओं में: (क) एक राज्य के निवासियों की अपने राज्य को भौगोलिक सीमाओं के बाहर अन्य स्थान पर बसी बस्ती को तब तक उपनिवेश कहते हैं, जब तक वह स्थान उस राज्य के ही प्रशासकीय क्षेत्र में आता हो, अथवा (ख) कोई स्वतंत्र राष्ट्र, जो किसी अन्य (प्रधान) राष्ट्र की राष्ट्रीयता, प्रशासन, तथा आर्थिक एकता से घनिष्ट संबंध रखता हो। उदाहरणार्थ, प्रथम श्रेणी के अंतर्गत त्यूतनिक उपनिवेश हैं जो बाल्टिक प्रांतों में स्थित हैं तथा इसी प्रकार के उपनिवेश बालकन प्रायद्वीप में भी हैं। दूसरी श्रेणी के उपनिवेश-और यही अधिक प्रचलित प्रयोग है-अफ्रीका अथवा आस्ट्रेलिया में अंग्रेजों के हैं। सन १९४५ में उपनिवेश .

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