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नुरहाची

सूची नुरहाची

नुरहाची नुरहाची (मान्छु: 1 30px,nurgaci; चीनी: 努尔哈赤, अंग्रेज़ी: Nurhaci; जन्म: सन् १५५९; देहांत: ३० सितम्बर १६२६) एक प्रसिद्ध जुरचेन ख़ान (सरदार) था जिसने १६वीं शताब्दी के अंत में मंचूरिया के जुरचेन क़बीलो को एकत्रित किया और शक्तिशाली बनाया। अपने जीवनकाल में उसने आधुनिक चीन के उत्तर-पूर्वी लियाओनिंग प्रान्त के क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया जहाँ से उसके वंशजों ने आगे चलकर पूरे चीन पर फैलकर चिंग राजवंश के नाम से अपना राज चलाया। नुरहाची अइसिन गियोरो परिवार का सदस्य था और उसने सन् १६१६ से १६२६ में अपनी मृत्यु तक शासन किया। मान्छु भाषा के लिए मान्छु लिपि को बनवाने का श्रेय भी नुरहाची को ही दिया जाता है।, Willard J. Peterson, Cambridge University Press, 2002, ISBN 978-0-521-24334-6,...

12 संबंधों: चिंग राजवंश, चीन, चीनी भाषा, मांचु भाषा, मांचु लिपि, मांचु लोग, मंचूरिया, लियाओनिंग, जुरचेन लोग, ख़ान (उपाधि), अंग्रेज़ी भाषा, अइसिन गियोरो

चिंग राजवंश

अपने चरम पर चिंग राजवंश का साम्राज्य कांगशी सम्राट, जो चिंग राजवंश का चौथा सम्राट था चिंग राजवंश (चीनी: 大清帝國, दा चिंग दिगुओ, अर्थ: महान चिंग; अंग्रेज़ी: Qing dynasty, चिंग डायनॅस्टी) चीन का आख़री राजवंश था, जिसनें चीन पर सन् १६४४ से १९१२ तक राज किया। चिंग वंश के राजा वास्तव में चीनी नस्ल के नहीं थे, बल्कि उनसे बिलकुल भिन्न मान्छु जाति के थे जिन्होंने इस से पहले आये मिंग राजवंश को सत्ता से निकालकर चीन के सिंहासन पर क़ब्ज़ा कर लिया। चिंग चीन का आख़री राजवंश था और इसके बाद चीन गणतांत्रिक प्रणाली की ओर चला गया।, William T. Rowe, Harvard University Press, 2009, ISBN 978-0-674-03612-3 .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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मांचु भाषा

तिब्बती लिपि में लिखा है और किनारों पर मांचु में, जो एक तुन्गुसी भाषा है मांचु या मान्चु (मांचु: ᠮᠠᠨᠵᡠ ᡤᡳᠰᡠᠨ, मांजु गिसुन) पूर्वोत्तरी जनवादी गणतंत्र चीन में बसने वाले मांचु समुदाय द्वारा बोली जाने वाली तुन्गुसी भाषा-परिवार की एक भाषा है। भाषावैज्ञानिक इसके अस्तित्व को ख़तरे में मानते हैं क्योंकि १ करोड़ से अधिक मांचु नसल के लोगों में से सिर्फ ७० हज़ार ही इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। बाक़ियों ने चीनी भाषा को अपनाकर उसमें बात करना आरम्भ कर दिया है। मांचु भाषा की 'शिबे भाषा' नाम की एक अन्य क़िस्म चीन के दूर पश्चिमी शिनजियांग प्रान्त में भी मिलती है, जहाँ लगभग ४०,००० लोग उसे बोलते हैं। शिबे बोलने वाले लोग उन मांचुओं के वंशज हैं जिन्हें १६४४-१९११ ईसवी के काल में चलने वाले चिंग राजवंश के दौरान शिनजियांग की फ़ौजी छावनियों में तैनात किया गया था।, Edward J. M. Rhoads, University of Washington Press, 2001, ISBN 978-0-295-98040-9 मांचु एक जुरचेन नाम की भाषा की संतान है। जुरचेन में बहुत से मंगोल और चीनी शब्दों के मिश्रण से मांचु भाषा पैदा हुई। अन्य तुन्गुसी भाषाओँ की तरह मांचु में अभिश्लेषण (अगलूटिनेशन) और स्वर सहयोग (वावल हार्मोनी) देखे जाते हैं। मांचु की अपनी एक मांचु लिपि है, जिसे प्राचीन मंगोल लिपि से लिया गया था। इस लिपि की ख़ासियत है की यह ऊपर से नीचे लिखी जाती है। मांचु भाषा में वैसे तो लिंग-भेद नहीं किया जाता लेकिन कुछ शब्दों में स्वरों के इस्तेमाल से लिंग की पहचान होती है, मसलन 'आमा' का मतलब 'पिता' है जबकि 'एमे' का मतलब 'माता' है। .

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मांचु लिपि

मांचु लिपि में 'मांचु' (मान्जु') शब्द लिखा हुआ एक पुरानी फ़्रांसिसी पुस्तक में मांचु वर्णमाला मांचु लिपि पूर्वोत्तर एशिया में बासनी वाले मांचुओं की मांचु भाषा को लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक वर्णमाला भी है। ठीक ऐसी ही लिपि का प्रयोग सुदूर-पश्चिमी चीन के शिनजियांग प्रान्त में बसने वाले शिबू लोग भी अपनी भाषा (जो मांचु की एक अन्य क़िस्म है) के लिए करते हैं। यह लिपि प्राचीन मंगोल लिपि में थोड़ा फेर-बदल कर के ली गई है। इसकी एक बड़ी ख़ासियत है कि इसे ऊपर-से-नीचे की ओर लिखा जाता है और इसकी पंक्तियाँ बाएँ से दाएँ चलती हैं। तुलना के लिए देवनागरी में लिखी गई हिंदी को बाएँ-से-दाएँ लिखा जाता है और इसकी पंक्तियाँ ऊपर से नीचे चलती हैं। मांचु भाषा को भाषावैज्ञानिक ख़तरे में मानते हैं और मांचु लिपि अब ज़्यादा ऐतिहासिक ग्रंथों-किताबों, इमारतों और धार्मिक लिखाइयों पर ही नज़र आती है।, Gertraude Roth Li, University of Hawaii Press, 2000, ISBN 978-0-8248-2206-4 .

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मांचु लोग

एक मांचू जवान आदमी मांचु या मान्चू (मांचु: 10px, मान्जू; चीनी: 满族, मान्ज़ू; अंग्रेज़ी: Manchu) पूर्वोत्तरी चीन का एक अल्पसंख्यक समुदाय है जिनके जड़े जनवादी गणतंत्र चीन के मंचूरिया क्षेत्र में हैं। १७वीं सदी में चीन पर मिंग राजवंश सत्ता में था लेकिन उनका पतन हो चला था। उन्होंने मिंग के कुछ विद्रोहियों की मदद से चीन पर क़ब्ज़ा कर लिया और सन् १६४४ से अपना राजवंश चलाया, जो चिंग राजवंश कहलाता है।, Mark C. Elliott, Stanford University Press, 2001, ISBN 978-0-8047-4684-7,...

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मंचूरिया

मंचूरिया (Manchu: Manju, सरलीकृत चीनी: 满洲; पारंपरिक चीनी: 滿洲; Mongolian: Манж) पूर्वी एशिया का एक विशाल क्षेत्र है जिसका विस्तार चीन, कोरिया तथा रूस के इलाकों में है। .

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लियाओनिंग

जनवादी गणतंत्र चीन में लियाओनिंग प्रांत की स्थिति (लाल रंग में) (सरल चीनी: 辽宁, पारम्परिक चीनी: 遼寧, मान्छु: ᠯᡳᠶᠣᠣ ᠨᡳᠩ, अंग्रेज़ी: Liaoning) उत्तरपूर्वी जनवादी गणतंत्र चीन में स्थित एक प्रांत है। इसका नाम प्रांत से होकर बहने वाली लियाओ नदी के नाम को 'निंग' शब्द (अर्थ: 'शान्ति') के साथ जोड़कर बनाया गया है। इस प्रांत की स्थापना सन् १९०७ में 'फ़ेन्गतियान' (奉天) नाम से की गई थी लेकिन १९२९ में नाम बदलकर 'लियाओनिंग' कर दिया गया। लियाओनिंग की राजधानी शेनयांग शहर है। .

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जुरचेन लोग

चंगेज़ ख़ान के मंगोल साम्राज्य से पहले १३वीं सदी में यूरेशिया के स्थिति - पूर्वोत्तर में पीले रंग में जुरचेनों के जिन राजवंश का इलाक़ा दिख रहा है एक जुरचेन योद्धा जुरचेन लोग (जुरचेनी: जुशेन; चीनी: 女真, नुझेन) उत्तर-पूर्वी चीन के मंचूरिया क्षेत्र में बसने वाली एक तुन्गुसी जाति थी।, Willard J. Peterson, Cambridge University Press, 2002, ISBN 978-0-521-24334-6,...

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ख़ान (उपाधि)

ओगदाई ख़ान, चंग़ेज़ ख़ान का तीसरा पुत्र ख़ान या ख़ाँ (मंगोल: хан, फ़ारसी:, तुर्की: Kağan) मूल रूप से एक अल्ताई उपाधि है तो शासकों और अत्यंत शक्तिशाली सिपहसालारों को दी जाती थी। यह समय के साथ तुर्की-मंगोल क़बीलों द्वारा पूरे मध्य एशिया में इस्तेमाल होने लगी। जब इस क्षेत्र के सैन्य बलों ने भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, अफ़्ग़ानिस्तान और अन्य क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर के अपने साम्राज्य बनाने शुरू किये तो इसका प्रयोग इन क्षेत्रों की कई भाषाओँ में आ गया, जैसे कि हिन्दी-उर्दू, फ़ारसी, पश्तो, इत्यादि। इसका एक और रूप 'ख़ागान' है जिसका अर्थ है 'ख़ानों का ख़ान' या 'ख़ान-ए-ख़ाना', जो भारत में कभी प्रचलित नहीं हुआ। इसके बराबरी की स्त्रियों की उपाधियाँ ख़ानम और ख़ातून हैं।, Elena Vladimirovna Boĭkova, R. B. Rybakov, Otto Harrassowitz Verlag, 2006, ISBN 978-3-447-05416-4 .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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अइसिन गियोरो

मान्छु लिपि में लिखा 'अइसिन गियोरो' अइसिन गियोरो (चीनी: 愛新覺羅, अंग्रेज़ी: Aisin Gioro) उन मान्छु सम्राटों का ख़ानदानी नाम था जिन्होंने चिंग राजवंश के काल में चीन पर राज किया था। अइसिन गियोरो के घराने का राज चीन पर सन् १९११ की शिनहई क्रान्ति तक रहा जिसके बाद चीन एक गणतांत्रिक प्रणाली की तरफ चला गया। .

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