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नाहानी नदी

सूची नाहानी नदी

दक्षिण नाहानी नदी (South Nahanni River) लिआर्ड नदी की एक बड़ी सहायक नदी है जो कनाडा के येलोनाईफ से ५०० किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यह नाहानी राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से होकर गुजरती है। यह पश्चिम में मैकेन्ज़ी पर्वत और सेल्विन पर्वत से होकर बहती है और पूर्व में वर्जीनिया जलप्रपात की तरफ़ बधते हुए चौड़ी होती जाती है और अंतत: लिआर्ड नदी में मिल जाती है। नाहानी नदी का एक अनोखा भूगर्भीय इतिहास है। यह तब बनी थी जब यह क्षेत्र एक विस्तृत सपाट भूमि था। जैसे जैसे पर्वत ऊँचे उठे नदी ने अपनी विचित्र व विपथगामी प्रवाह को बनाए रखते हुए चट्टानों में चार गहरी घाटियाँ बना दीं। डेन लोग और उनके पूर्वज नाहानी नदी के क्षेत्रों में हजारों सालों से रहते आए हैं। उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में यूरोपीय लोग यहां सोने की खोज में आए। १९५० में आर एम पैटरसन के डैङरस रिवर के प्राकशन के बाद से इस नदी को प्रचार मिला और यह आधुनिक दुनिया में ही जाने जानी लगी। तभी से नाहानी कनाडा की प्रमुख जंगली नदियों में से जानी जाती है और हर वर्ष हज़ारों पर्यटकों और जोखिम भरे खेल खेलने वाले नौसिखियों व अनुभवियों दोनों के लिये ही महत्वपूर्ण पड़ाव है। .

10 संबंधों: चूना पत्थर, नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़, पहाड़ी भाषाएँ, पियर ट्रूडो, बलुआ पत्थर, मैकेन्ज़ी पर्वत, युनेस्को, येलोनाइफ़, लिअर्ड नदी, कनाडा

चूना पत्थर

thumb चूना पत्थर (Limestone) एक अवसादी चट्टान है जो, मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) के विभिन्न क्रिस्टलीय रूपों जैसे कि खनिज केल्साइट और/या एरेगोनाइट से मिलकर बनी होती है। चूना पत्थर वस्तुत: कैलसियम कार्बोनेट है, पर इसमें सिलिका, ऐल्यूमिना और लोहे इत्यादि सदृश अपद्रव्य अंतर्मिश्रित रहते हैं। गृहनिर्माण के लिये चूनापत्थर बहुत अच्छा होता है और भारत के विभिन्न भागों की स्तरित चट्टानों से सुविधापूर्वक यह उत्खनित होता है। चूना पत्थर अनेक किस्मों में उपलब्ध है। यह रंग, विन्यास, कठोरता और टिकाऊपन में विभिन्न गुणों का होता है। सघन कणवाले गहन ओर मणिभीय पत्थर गृहनिर्माण के लिये उत्कृष्ट होते हैं। ये कार्यसाधक, दृढ़ और टिकाऊ होते हैं। चूना पत्थर पर तनु अम्ल की क्रिया बड़ी सरलता से होती है, अत: औद्योगिक नगरों के निकट गृहनिर्माण के लिये यह पत्थर ठीक नहीं होता। बनावट और अन्य गुणों की विभिन्नता के कारण चूना पत्थर की दृढ़ता विभिन्न होती है। इसलिये गृहनिर्माण के पूर्व पत्थर की परीक्षा कर लेनी चाहिए। बहुत बड़ी मात्रा में चूना पत्थर का चूने के निर्माण में उपयोग होता है। १०० किलोग्राम चूने के पत्थर से लगभग ६५ किलोग्राम चूना प्राप्त होता है। शुद्ध चूना पत्थर या खड़िया से, जिसमें छ: प्रतिशत से अधिक सिलिका, ऐल्यूमिना तथा अन्य अपद्रव्य न हों, उत्कृष्ट चूना प्राप्त होता है। चार से सात प्रतिशत संयुक्त सिलिका ऐल्यूमिना वाले मिट्टीयुक्त चूना पत्थर से मध्यम श्रेणी का जलचूना और ११-२५ प्रतिशत संयुक्त सिलिकावाले चूनापत्थर से सर्वोत्कृष्ट श्रेणी का जलचूना प्राप्त होता है। .

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नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़

उत्तर पश्चिम प्रदेश (Northwest Territories) (NWT; फ्रांसीसी: les Territoires du Nord-Ouest, TNO; अथबास्कन भाषाएँ: डेनेडेह; ईनुइनाक़्तुन: नुनात्सिआक़; ईनुक्तितुत: ᓄᓇᑦᓯᐊᖅ) कनाडा का एक प्रांत है। यहाँ की जनसंख्या सन २०११ में 41,462 थी। यह प्रांत उत्तरी कनाडा का सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रांत है। येलोनाइफ़ को 1967 में प्रांत की राजधानी घोषित किया गया। उत्तर पश्चिम प्रदेश जो कि पुराने उत्तर पश्चिम प्रदेश का एक हिस्सा था १५ जुलाई १८७० को कनाडियाई महासंघ में शामिल हुआ लेकिन इसके वर्तमान सीमाएँ १ अप्रैल १९९९ को बनीं जब प्रदेश को काटकर पूर्व में नुनावुत बनाया गया। जबकि नुनावुत अधिकांशत: आर्कटिक की ठंड की चपेट में रहता है उत्तरपश्चिमी प्रदेश की जलवायु अपेक्षाकृत थोड़ी गर्म है। यहाँ अधिकतर स्थानों पर ताइगा पाई जाती है और इसके अधिकतर उत्तरी क्षेत्र कनाडियाई आर्कटिक द्वीपसमूह का हिस्सा हैं। उत्तरपश्चिमी प्रदेश की सीमा कनाडा के दो अन्य प्रांतों पूर्व में नुनावुत, पश्चिम में युकॉन, दक्षिण में ब्रिटिश कोलम्बिया, अल्बर्टा और सैस्कैचवैन से लगती है। .

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पहाड़ी भाषाएँ

हिमालय पर्वतश्रृंखलाओं के दक्षिणवर्ती भूभाग में कश्मीर के पूर्व से लेकर नेपाल तक पहाड़ी भाषाएँ बोली जाती हैं। ग्रियर्सन ने आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं का वर्गीकरण करते समय पहाड़ी भाषाओं का एक स्वतंत्र समुदाय माना है। चैटर्जी ने इन्हें पैशाची, दरद अथवा खस प्राकृत पर आधारित मानकर मध्यका में इनपर राजस्थान की प्राकृत एवं अपभ्रंश भाषाओं का प्रभाव घोषित किया है। एक नवीन मत के अनुसार कम से कम मध्य पहाड़ी भाषाओं का उद्गम शौरसेनी प्राकृत है, जो राजस्थानी का मूल भी है। पहाड़ी भाषाओं के शब्दसमूह, ध्वनिसमूह, व्याकरण आदि पर अनेक जातीय स्तरों की छाप पड़ी है। यक्ष, किन्नर, किरात, नाग, खस, शक, आर्य आदि विभिन्न जातियों की भाषागत विशेषताएँ प्रयत्न करने पर खोजी जा सकती हैं जिनमें अब यहाँ आर्य-आर्येतर तत्व परस्पर घुल मिल गए हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से ऐसा विदित होता है कि प्राचीन काल में इनका कुछ पृथक् स्वरूप अधिकांश मौखिक था। मध्यकाल में यह भूभाग राजस्थानी भाषा भाषियों के अधिक संपर्क में आया और आधुनिक काल में आवागमन की सुविधा के कारण हिंदी भाषाई तत्व यहाँ प्रवेश करते जा रहे हैं। पहाड़ी भाषाओं का व्यवहार एक प्रकार से घरेलू बोलचाल, पत्रव्यवहार आदि तक ही सीमित हो चला है। पहाड़ी भाषाओं में दरद भाषाओं की कुछ ध्वन्यात्मक विशेषताएँ मिलती हैं जैसे घोष महाप्राण के स्थान पर अघोष अल्पप्राण ध्वनि हो जाना। पश्चिमी तथा मध्य पहाड़ी प्रदेश का नाम प्राचीन काल में संपादलक्ष था। यहाँ मध्यकाल में गुर्जरों एवं अन्य राजपूत लोगों का आवागमन होता रहा जिसका मुख्य कारण मुसलमानी आक्रमण था। अत: स्थानीय भाषाप्रयोगों में जो अधिकांश "न" के स्थान पर "ण" तथा अकारांत शब्दों की ओकारांत प्रवृत्ति लक्षित होती है, वह राजस्थानी प्रभाव का द्योतक है। पूर्वी हिंदी को भी एकाधिक प्रवृत्तियाँ मध्य पहाड़ी भाषाओं में विद्यमान हैं क्योंकि यहाँ का कत्यूर राजवंश सूर्यवंशी अयोध्या नरेशों से संबंध रखता था। इस आधार पर पहाड़ी भाषाओं का संबंध अर्ध-मागधी-क्षेत्र के साथ भी स्पष्ट हो जाता है। इनके वर्तमान स्वरूप पर विचार करते हुए दो तत्व मुख्यत: सामने आते हैं। एक तो यह कि पहाड़ी भाषाओं की एकाधिक विशेषता इन्हें हिंदी भाषा से भिन्न करती हैं। दूसरे कुछ तत्व दोनों के समान हैं। कहीं तो हिंदी शब्द स्थानीय शब्दों के साथ वैकल्पिक रूप से प्रयुक्त होते हैं और कहीं हिंदी शब्द ही स्थानीय शब्दों का स्थान ग्रहण करते जा रहे हैं। खड़ी बोली के माध्यम से कुछ विदेशी शब्द, जैसे "हजामत", "अस्पताल", "फीता", "सीप", "डागदर" आदि भी चल पड़े हैं। .

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पियर ट्रूडो

जोसेफ फ़िलिप पियरे येव्स एलियट ट्रूडो, (अक्टूबर 18, 1919 – सितम्बर 28, 2000), को सामान्यत: पियरे ट्रूडो या पियरे एलियट ट्रूडो, अप्रैल २०, १९६८ से ४ जून १९७९ तक और फिर ३ मार्च १९८० से ३० जून १९८४ तक कनाडा के 15वें प्रधानमंत्री थे। टूडो ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुवात अधिवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता के तौर पर क़्युबेक की राजनीति में शुरुवात की। १९६० में वो कनाडा की लिबरल पार्टी के जरिये राष्ट्रीय राजनीति में शामिल हुए। उन्हें लेस्टर बी.

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बलुआ पत्थर

बलुआ पत्थर का शैल बालुकाश्म या बलुआ पत्थर (सैण्डस्टोन) ऐसी दृढ़ शिला है जो मुख्यतया बालू के कणों का दबाव पाकर जम जाने से बनती है और किसी योजक पदार्थ से जुड़ी होती है। बालू के समान इसकी रचना में भी अनेक पदार्थ विभिन्न मात्रा में हो सकते हैं, किंतु इसमें अधिकांश स्फटिक ही होता है। जिस शिला में बालू के बहुत बड़े बड़े दाने मिलते हैं, उसे मिश्रपिंडाश्म और जिसमें छोटे छोटे दाने होते हैं उसे बालुमय शैल या मृण्मय शैल कहते हैं। .

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मैकेन्ज़ी पर्वत

मैकेन्ज़ी पर्वतमाला कनाडा के राज्य युकॉन और नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़ के कुछ हिस्सों को बांटने वाली एक पर्वतमाला है जो पील और लिअर्ड नदी के मध्य स्थित है। इसका नाम कनाडा के दूसरे प्रधानमंत्री अलेक्ज़ेंडर मैकेन्ज़ी के नाम पर उनके सम्मान में रखा गया है। कनाडा का प्रसिद्ध नाहानी राष्ट्रीय अभयारण्य मैकेन्ज़ी के पर्वतों में ही स्थित है। मैकेन्ज़ी के पर्वतों में विश्व के कुल ज्ञात टंगस्टन का 55% हिस्सा पाया जाता है। नॉर्थेव्स्ट प्रान्त का खदान शहर टंगस्टन और कैन्टुंग खदान मैकेन्ज़ी के पर्वतों में ही स्थित है। इन पर्वतों में सिर्फ़ दो सडकें ही जाती है जो युकॉन में स्थित हैं। नाहानी रेंज मार्ग जो टंगस्टन की तरफ़ जाती हैऔर कैनल मार्ग जो मैकमिलन दर्रा की तरफ़ जाती है। इस पर्वतमाला का सबसे ऊंचा पहाड़ की ऊँचाई पर स्थित कील चोटी है। दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत निर्वाना पर्वत है जो की ऊंचाई पर स्थित है और उत्तर-पश्चिम प्रदेश का सबसे ऊंचा पहाड़ है। .

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युनेस्को

यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)' का लघुरूप है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन १६ नवम्बर १९४५ को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए। इसका मुख्यालय पैरिस, फ्रांस में स्थित है। .

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येलोनाइफ़

येलोनाइफ़ Yellowknife (2011 जनसंख्या: 19,234) कनाडा के प्रान्त नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़ की राजधानी और सब्से बडा नगर है। यह ग्रेट स्लेव झील के उत्तरी किनारे पर येलोनाइफ़ नदी के उद्गम स्थल के पास और आर्कटिक वृत से लगभग दक्षिण में स्थित है। येलोनाईफ और इसके आसपास के जलाशयों का नामकरण क्षेत्रीय डीन जाति के लोगों जिन्हें कॉपर इंडियन या येलोनाइफ़ इंडियन्स भी कहा जाता था के नाम पर हुआ है। ये लोग आर्कटिक के तट पर ताँबे से बनी वस्तुओं का व्यापार किया करते थे। वर्तमान जनसंख्या मिश्रित है। उत्तरपश्चिमी प्रदेश की ९ आधिकारिक भाषाओं में से पाँच मुख्य रूप से येलोनाइफ़ में बोली जाती हैं। डोगरिब भाषा में शहर को Sǫ̀mbak'è (सोम्बा के) के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है ("जहाँ धन है")। येलोनाईफ़ की बस्तियों की स्थापना सन् 1934 में हुई मानी जाती है जब यहाँ सोने की खदानों की खोज हुई थी। सोने की खुदाई का व्यापारिक कार्य जो आज भी जारी है सन १९३६ में शुरु हुआ था। येलोनाइफ़ इसके बाद जल्द ही नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़ का मुख्य व्यापारिक और आर्थिक केंद्र बन गया और १९६७ में प्रान्त की राजधानी घोषित हो गया। १९८० में जब सोने का उत्पादन क्षीण पडने लगा तब येलोनाईफ़ मुख्यत: खदानों के शहर से बदलकर सरकारी गतिविधियों और प्रशासनिक कार्यों का केंद्र बन गया। हालांकि १९९० में येलोनाईफ़ के उत्तर में हीरे की खोज के बाद यह एक बार फिर मुख्यत: खदानों का शहर हो गया। .

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लिअर्ड नदी

लिअर्ड नदी कनाडा के यूकॉन, ब्रिटिश कोलम्बिया और उत्तरपश्चिम प्रांत से होकर गुजरती है। दक्षिणपूर्वी यूकॉन में पेली पर्वत के सेंट सीर रेंज से निकलने वाली यह नदी दक्षिण पूर्व की तरफ़ ब्रिटिश कोलम्बिया, रॉकी पर्वतमाला से गुजरती हुई यूकॉन, उत्तरपश्चिमी प्रांत की ओर उत्तर पूर्व में मुड जाती है और फोर्ट सिम्पसन के पास की दूरी तय करते हुए मैकेन्ज़ी नदी में मिल जाती है। यह नदी ताइगा के साथ मिलकर लगभग क्षेत्र का जल वहन करती है। .

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कनाडा

कोई विवरण नहीं।

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