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नाशी भाषा

सूची नाशी भाषा

गेबा लिपि में लिखी नाशी नाशी भाषा (अंग्रेज़ी: Naxi या Nakhi), जिसे लोमी, मोसो और मोसू भी कहा जाता है, दक्षिणी चीन में बसने वाले नाशी लोगों द्वारा बोली जाने वाली तिब्बती-बर्मी भाषा या भाषाओँ का समूह है। सन् २०१० में नाशी बोलने वालों की आबादी लगभग ३ लाख अनुमानित की गई थी।, Andrew Dalby, Columbia University Press, 2004, ISBN 978-0-231-11569-8,...

10 संबंधों: चीन, तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार, नाशी लोग, नोसू भाषा, बर्मी भाषा, मन्त्र, यी लोग, शब्दांश-माला, वर्णमाला, अंग्रेज़ी भाषा

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार

बर्मा के भाषा-परिवार भारतीय उपमहाद्वीप के भाषा-परिवार चीन के भाषा-परिवार तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया के पहाड़ी इलाक़ों और भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली लगभग ४०० भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। इसका नाम इस परिवार की दो सब से ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं पर रखा गया है - तिब्बती भाषा (जो ८० लाख से अधिक लोग बोलते हैं) और बर्मी भाषा (जो ३.२ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं)। यह भाषा-परिवार चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की एक उपशाखा है, लेकिन चीनी भाषा और इन भाषाओँ में बहुत अंतर है।, Austin Hale, Walter de Gruyter, 1982, ISBN 978-90-279-3379-9 .

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नाशी लोग

लिजिआंग (युन्नान) के पास एक गाँव में नाशी स्त्री नाशी (चीनी भाषा: 纳西族, अंग्रेज़ी: Nakhi) दक्षिणी चीन में हिमालय के छोटे पहाड़ों में बसने वाली एक जाति है। यह युन्नान प्रान्त के उत्तर-पश्चिमी भाग और सिचुआन प्रान्त के दक्षिण-पश्चिमी भाग में रहते हैं। युन्नान का लिजिआंग विभाग ख़ासकर इस समुदाय से सम्बंधित है। सन् २००० में इनकी आबादी लगभग ३ लाख अनुमानित की गई थी। माना जाता है कि नाशियों के पूर्वज तिब्बत से आये थे और ज़मानों से यह चीन के तिब्बत और भारत के व्यापार में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। नाशी लोग तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की नाशी भाषा बोलते हैं। यह समुदाय मोसुओ समुदाय से बहुत मिलता-जुलता है, हालांकि मोसुओ लोग अभी भी अपनी तिब्बतियों से मिलती हुई पहचान बनाए हुए हैं जबकि नाशी लोगों के चीनी सभ्यता के कुछ पहलुओं को अपना लिया है।, Andrew Dalby, Columbia University Press, 2004, ISBN 978-0-231-11569-8,...

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नोसू भाषा

सिचुआन में एक मार्गदर्शक जिसमें सबसे ऊपर नोसू (यी) में, उसके नीचे चीनी में और सबसे नीचे अंग्रेज़ी में लिखा हुआ है नोसू (नोसू: ꆈꌠ, अंग्रेज़ी: Nuosu), जिसे उत्तरी यी, लिआंगशान यी और सिचुआन यी भी कहा जाता है, दक्षिणी चीन में बसने वाले यी लोगों द्वारा बोली जाने वाली तिब्बती-बर्मी भाषाओँ की सदस्य यी भाषाओँ की मानक भाषा है। सारी यी बोलियों में यह अकेली है जिसे पाठशालाओं में लिखित रूप से पढ़ाया जाता है। दुनिया भर में ८० लाख की आबादी रखने वाले यी समुदाय में से २० लाख अब नोसू बोलते हैं और यह तादाद बढ़ रही है। तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार में यी भाषाएँ बर्मी भाषा के करीब मानी जाती हैं।, Foong Ha Yap, Janick Wrona, Karen Grunow-harsta, John Benjamins Publishing Company, 2011, ISBN 978-90-272-0677-0,...

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बर्मी भाषा

बर्मी भाषा बोलने वाले क्षेत्र बर्मी भाषा (बर्मी भाषा में: မြန်မာဘာသာ / म्रन्माभासा), स्वतंत्र देश म्यांमार (बर्मा) की राजभाषा है। यह मुख्य रूप से ब्रह्मदेश (बर्मा का संस्कृत नाम) में बोली जाती है। म्यांमार की सीमा से सटे भारतीय राज्यों असम, मणिपुर एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी कुछ लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं। .

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मन्त्र

हिन्दू श्रुति ग्रंथों की कविता को पारंपरिक रूप से मंत्र कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ विचार या चिन्तन होता है । मंत्रणा, और मंत्री इसी मूल से बने शब्द हैं। मन्त्र भी एक प्रकार की वाणी है, परन्तु साधारण वाक्यों के समान वे हमको बन्धन में नहीं डालते, बल्कि बन्धन से मुक्त करते हैं। काफी चिन्तन-मनन के बाद किसी समस्या के समाधान के लिये जो उपाय/विधि/युक्ति निकलती है उसे भी सामान्य तौर पर मंत्र कह देते हैं। "षड कर्णो भिद्यते मंत्र" (छ: कानों में जाने से मंत्र नाकाम हो जाता है) - इसमें भी मंत्र का यही अर्थ है। .

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यी लोग

यी लोग यी या लोलो (नोसू: ꆈꌠ, वियतनामी: Lô Lô, थाई: โล-โล, अंग्रेजी: Yi या Lolo) चीन, वियतनाम और थाईलैंड में बसने वाली एक मानव जाति है। विश्व भर में इनकी जनसँख्या लगभग ८० लाख अनुमानित की गई है। यी लोग तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की यी भाषाएँ बोलते हैं, जिसका एक मानक रूप नोसू भाषा है और जो बर्मी भाषा से काफ़ी मिलती-जुलती हैं। अधिकतर यी लोग कृषि या गाय, भेड़ और बकरियों के मवेशी-पालन में लगे हुए हैं। कुछ शिकार से भी अपनी ज़रूरतें पूरी करते हैं। चीन में यह युन्नान, सिचुआन, गुइझोऊ और गुआंगशी प्रान्तों के देहाती इलाक़ों में बसते हैं।, Peter Hays Gries, Stanley Rosen, Psychology Press, 2004, ISBN 978-0-415-33205-7,...

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शब्दांश-माला

मूल अमेरिकी आदिवासी ओजिब्वे भाषा की शब्दांश-माला जापानी भाषा की हीरागाना शब्दांश-माला शब्दांश-माला (अंग्रेज़ी: syllabary, सिलेबेरी) लिखित चिह्नों के ऐसे समूह को कहते है जिसका हर एक चिह्न किसी एक की शब्दांश ध्वनि दर्शाता है और जिन्हें जोड़कर शब्द बनाए जाते हैं। शब्दांश-मालाओं और वर्णमालाओं में एक गहरा फ़र्क है कि शब्दांश-मालाओं में एक ही स्वर या व्यंजन शामिल करने वाले चिह्नों का रूप मिलता-जुलता नहीं होता। उदाहरण के लिए देवनागरी में (जो एक वर्णमाला है) 'का' और 'की' शब्दांशों में 'क' की ध्वनि आती है और दोनों में इस रूप का एक ही वर्ण देखा जा सकता है। इसके विपरीत जापानी भाषा में इस्तेमाल होने वाली हीरागाना शब्दांश-माला में 'का' को 'か' लिखा जाता है और 'की' को 'き' - इन दोनों में 'क' व्यंजन सामान होने के बावजूद इनके रूप एक दूसरे से बिलकुल नहीं मिलते।, Kristin Denham, Anne Lobeck, Cengage Learning, 2009, ISBN 978-1-4130-1589-8,...

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वर्णमाला

तिब्बती वर्णमाला चित्रलिपि-आधारित शब्द है, जिसका अर्थ 'किताब' या 'लेख' होता है - यह अक्षर नहीं है और इसका सम्बन्ध किसी ध्वनि से नहीं है - जापान में इसे "काकू" पढ़ा जाता है जबकि चीन में इसे "शू" पढ़ा जाता है किसी एक भाषा या अनेक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त मानक प्रतीकों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला (.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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