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नाइक्विस्ट स्थायित्व निकष

सूची नाइक्विस्ट स्थायित्व निकष

नियंत्रण सिद्धान्त एवं स्थायित्व सिद्धान्त में, नाइक्विस्ट स्थायित्व निकष (Nyquist stability criterion) नियंन्त्रण प्रणालियों के स्थायित्व से सम्बन्धित एक निकष (कसौटी) है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिकी और नियंत्रण प्रणाली इंजीनियरी में एवं अन्य क्षेत्रों में बहुतायत से होता है। यद्यपि नाइक्विस्ट का निकष सर्वाधिक सामान्य स्थायित्व परीक्षणों में से एक है, फिर भी यह केवल समय के साथ अपरिवर्तनशील रैखिक (LTI) प्रणालियों के लिये है। इस निकष का आविष्कार स्वीडेन-अमेरिकी विद्युत इंजीनियर हैरी नाइक्विस्ट ने १९३२ में बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला में किया था। on .

4 संबंधों: नियंत्रण प्रणाली, नियंत्रण सिद्धान्त, बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला, इलैक्ट्रॉनिक्स

नियंत्रण प्रणाली

एक सरल फीडबैक कन्ट्रोल लूप फीडबैक कन्ट्रोल लूप में प्रायः प्रयुक्त संकेत किसी तन्त्र के ऑउटपुट या अवस्था-चरों (स्टेट-वैरिएबल्स) को आवश्यकतानुसार बनाये रखने (या परिवर्तित करने) के लिये जो कुछ अतिरिक्त व्यवस्था की जाती है उसे नियन्त्रण प्रणाली (control system) कहते हैं। जिस मूल तन्त्र के ऑउटपुट को नियंत्रित करना होता है, उसे संयंत्र (प्लान्ट) या नियंत्रित तन्त्र कहते हैं। नियन्त्रण प्रणाली, संयंत्र के ऑउटपुट या स्टेट-चरों के मान पर लगातार नजर रखती है तथा संयंत्र के इन्पुट को इस प्रकार बदलती रहती है कि ऑउटपुट वैसा ही बने रहें या वैसे ही बदलें जैसा वांछित हो। .

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नियंत्रण सिद्धान्त

किसी दी हुई प्रणाली को नियंत्रित करने के लिये ऋणात्मक फीडबैक का कांसेप्ट नियंत्रण सिद्धान्त (Control theory), इंजिनियरी और गणित का सम्मिलित (interdisciplinary) शाखा है जो गतिक तन्त्रों के व्यवहार को आवश्यकता के अनुरूप बदलने से सम्बध रखती है। वांछित ऑउटपुट को सन्दर्भ (रिफरेंस) कहते हैं। .

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बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला

वेइते अ प्रोग्रमे चल्चुलते थे अरेअ ओफ् रेच्तन्ग्ले श्रेणी:प्रयोगशालाएँ.

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इलैक्ट्रॉनिक्स

तल पर जुड़ने वाले (सरफेस माउंट) एलेक्ट्रानिक अवयव विज्ञान के अन्तर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स या इलेक्ट्रॉनिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी का वह क्षेत्र है जो विभिन्न प्रकार के माध्यमों (निर्वात, गैस, धातु, अर्धचालक, नैनो-संरचना आदि) से होकर आवेश (मुख्यतः इलेक्ट्रॉन) के प्रवाह एवं उन पर आधारित युक्तिओं का अध्ययन करता है। प्रौद्योगिकी के रूप में इलेक्ट्रॉनिकी वह क्षेत्र है जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों (प्रतिरोध, संधारित्र, इन्डक्टर, इलेक्ट्रॉन ट्यूब, डायोड, ट्रान्जिस्टर, एकीकृत परिपथ (IC) आदि) का प्रयोग करके उपयुक्त विद्युत परिपथ का निर्माण करने एवं उनके द्वारा विद्युत संकेतों को वांछित तरीके से बदलने (manipulation) से संबंधित है। इसमें तरह-तरह की युक्तियों का अध्ययन, उनमें सुधार तथा नयी युक्तियों का निर्माण आदि भी शामिल है। ऐतिहासिक रूप से इलेक्ट्रॉनिकी एवं वैद्युत प्रौद्योगिकी का क्षेत्र समान रहा है और दोनो को एक दूसरे से अलग नही माना जाता था। किन्तु अब नयी-नयी युक्तियों, परिपथों एवं उनके द्वारा सम्पादित कार्यों में अत्यधिक विस्तार हो जाने से एलेक्ट्रानिक्स को वैद्युत प्रौद्योगिकी से अलग शाखा के रूप में पढाया जाने लगा है। इस दृष्टि से अधिक विद्युत-शक्ति से सम्बन्धित क्षेत्रों (पावर सिस्टम, विद्युत मशीनरी, पावर इलेक्ट्रॉनिकी आदि) को विद्युत प्रौद्योगिकी के अन्तर्गत माना जाता है जबकि कम विद्युत शक्ति एवं विद्युत संकेतों के भांति-भातिं के परिवर्तनों (प्रवर्धन, फिल्टरिंग, मॉड्युलेश, एनालाग से डिजिटल कन्वर्शन आदि) से सम्बन्धित क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिकी कहा जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नाइक्विस्ट की कसौटी

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