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नमाज़

सूची नमाज़

काहिरा में नमाज़, 1865। ज़ाँ-लेयॉ ज़ेरोम। नामाज़ (उर्दू: نماز) या सलाह (अरबी: صلوة), नमाज फारसी शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरान शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा कर्तव्य है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा त्याग देना पाप है। .

7 संबंधों: तरावीह, नमाज़ ए-जनाज़ा, ग़ायबाना नमाज़-ए-जनाज़ा, क़ुरआन, अरबी भाषा, अज़ान, उर्दू भाषा

तरावीह

तरावीह (تراويح) सुन्नी मुस्लमानों द्वारा रमजान के माह में रात्रि में की जाने वाली अतिरिक्त नमाज़ (प्रार्थना) है। शाफ़ी और हनफ़ी मुस्लिम समुदाय के अनुसार यह नमाज़ .

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नमाज़ ए-जनाज़ा

नमाज़ ए-जनाज़ा या सलात अल-जनाज़ा (अरबी: صلاة الجنازة) इस्लामिक अंतिम संस्कार प्रार्थना है; इस्लामिक अंतिम संस्कार का एक हिस्सा। मृतक और सभी मृत मुसलमानों के लिए क्षमा मांगने के लिए प्रार्थना मण्डली में की जाती है सलात अल-जानज़ाह मुसलमानों (दूर अल-किफाया) पर सामूहिक दायित्व है, यदि कुछ मुसलमान इसे करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं, तो दायित्व पूरा हो जाता है, लेकिन अगर कोई भी इसे पूरा नहीं करता, तो सभी मुसलमान जवाबदेह होंगे। हनफ़ी और मालिकी मज़हब में आम तौर पर ग़ायबाना नमाज़-ए-जनाज़ा की अनुमति नहीं है' तो हंबली मज़हब में अनुमति दी जाती है, और शाफ़ई मज़हब में सिफारिश की जाती है। .

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ग़ायबाना नमाज़-ए-जनाज़ा

इस्लाम में ग़ायबाना नमाज़-ए-जनाज़ा (उर्दू: غائبانہ نماز جنازہ) या सलात अल-ग़ाइब (अरबी: صلاة الغائب) ऐसी नमाज़ होती है जो किसी मुस्लिम व्यक्ति की मृत्यु पर तब पढ़ी जाती है जब मृतक के पास कोई जीवित नामाज़ पढ़ सकने वाला मुस्लिम मौजूद न हो। यानि यह मृतक के लिए उसके शव की ग़ैर-मौजूदगी में पढ़ी जाती है। हदीस के अनुसार यह मृत्यु के एक मास के भीतर पढ़ी जानी चाहिए। इसके विपरीत यदी मरणोपरांत मृतक के लिए नमाज़ पढ़ी जा चुकी हो तो यह अनावश्यक होती है। .

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क़ुरआन

'''क़ुरान''' का आवरण पृष्ठ क़ुरआन, क़ुरान या कोरआन (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है। मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रील द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह ग्रन्थ लगभग 1400 साल पहले अवतरण हुई है। इस्लाम की मान्यताओं के मुताबिक़ क़ुरआन अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील (दूत) द्वारा हज़रत मुहम्मद को सन् 610 से सन् 632 में उनकी मौत तक ख़ुलासा किया गया था। हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद की मौत के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर द्वारा भेजे गए पवित्र संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहला नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) था और इसकी तुलना हिन्दू धर्म के मनु से एक हद तक की जा सकती है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में मनु की संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इस्लाम में आदम की संतानों को आदमी कहा जाता है। तौहीद, धार्मिक आदेश, जन्नत, जहन्नम, सब्र, धर्म परायणता (तक्वा) के विषय ऐसे हैं जो बारम्बार दोहराए गए। क़ुरआन ने अपने समय में एक सीधे साधे, नेक व्यापारी इंसान को, जो अपने ‎परिवार में एक भरपूर जीवन गुज़ार रहा था। विश्व की दो महान शक्तियों ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समक्ष खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिस्तान के अनपढ़ लोगों को ऐसा सभ्य बना दिया कि पूरे विश्व पर ‎इस सभ्यता की छाप से सैकड़ों वर्षों बाद भी इसके निशान पक्के मिलते हैं। ‎क़ुरआन ने युध्द, शांति, राज्य संचालन इबादत, परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत ‎किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है। मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक नबी है | .

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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अज़ान

अज़ान (أَذَان) या अदान। इस्लाम में मुस्लिम समुदाय अपने दिन भर की पांचों नमाज़ों के लिए बुलाने के लिए ऊँचे स्वर में जो शब्द कहे जाते हैं, उन्हें अज़ान कहते हैं। अज़ान सूना कर लोगों को मस्जिद की तरफ़ बुलाने वाले को मुअज्ज़िन कहते हैं। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नमाज, सलात

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