लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

धर्मनिरपेक्षता

सूची धर्मनिरपेक्षता

धर्मनिरपेक्षता, पन्थनिरपेक्षता या सेक्युलरवाद धार्मिक संस्थानों व धार्मिक उच्चपदधारियों से सरकारी संस्थानों व राज्य का प्रतिनिधित्व करने हेतु शासनादेशित लोगों के पृथक्करण का सिद्धान्त है। यह एक आधुनिक राजनैतिक एवं संविधानी सिद्धान्त है। धर्मनिरपेक्षता के मूलत: दो प्रस्ताव है 1) राज्य के संचालन एवं नीति-निर्धारण में मजहब (रेलिजन) का हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिये। 2) सभी धर्म के लोग कानून, संविधान एवं सरकारी नीति के आगे समान है। .

4 संबंधों: धर्मनिरपेक्ष राज्य, पादरी, राज्य, संविधान

धर्मनिरपेक्ष राज्य

एक धर्मनिरपेक्ष राज्य धर्मनिरपेक्षता की एक अवधारणा है, जिसके तहत एक राज्य या देश स्वयं को धार्मिक मामलों में आधिकारिक तौर पर, न धर्म और न ही अधर्म का समर्थन करते हुए, तटस्थ घोषित करता है। परंतु भारतीय वाङ्मय में धर्म शब्द का अर्थ अत्यंत व्यापक है। कर्तव्य, आचारसंहिता, नियम, रीति, रस्म, सांप्रदायिक आचार विचार, नैतिक आचरण, शिष्टाचार आदि का समावेश एक शब्द "धर्म" में ही हो जाता है। धर्म का अर्थ जीवनप्रणाली भी माना गया है। सेक्युलर शब्द का हिंदी अनुवाद करना दुष्कर प्रतीत होता है, तथापि उसके लिए कोई शब्द रखना अत्यावश्यक है। सेक्युलर शब्द का कुछ मिलता-जुलता या अनुवाद "लौकिक" हो सकता है। सेक्युलर के लिए लौकिक शब्द हिंदी में प्रचलित है। वास्तव में सेक्युलर शब्द के लिए हिंदी में अभी कोई उपयुक्त शब्द नहीं निकल पाया है। कालांतर में शब्द अपना रूप तथा भाव पकड़ लेते हैं। अतएव धर्मनिरपेक्ष तथा लौकिक शब्द का प्रयोग सेक्युलर के लिए यहाँ किया गया है। .

नई!!: धर्मनिरपेक्षता और धर्मनिरपेक्ष राज्य · और देखें »

पादरी

300px ईसाई धर्म में जो व्यक्ति पवित्र धार्मिक अनुष्ठान कराने के लिए अधिकृत होते हैं उन्हें पादरी (priest या priestess (स्त्री)) कहते हैं। श्रेणी:ईसाई धर्म.

नई!!: धर्मनिरपेक्षता और पादरी · और देखें »

राज्य

विश्व के वर्तमान राज्य (विश्व राजनीतिक) पूँजीवादी राज्य व्यवस्था का पिरामिड राज्य उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी 'राज्य' कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी 'राज्य' कहते हैं। राज्य आधुनिक विश्व की अनिवार्य सच्चाई है। दुनिया के अधिकांश लोग किसी-न-किसी राज्य के नागरिक हैं। जो लोग किसी राज्य के नागरिक नहीं हैं, उनके लिए वर्तमान विश्व व्यवस्था में अपना अस्तित्व बचाये रखना काफ़ी कठिन है। वास्तव में, 'राज्य' शब्द का उपयोग तीन अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। पहला, इसे एक ऐतिहासिक सत्ता माना जा सकता है; दूसरा इसे एक दार्शनिक विचार अर्थात् मानवीय समाज के स्थाई रूप के तौर पर देखा जा सकता है; और तीसरा, इसे एक आधुनिक परिघटना के रूप में देखा जा सकता है। यह आवश्यक नहीं है कि इन सभी अर्थों का एक-दूसरे से टकराव ही हो। असल में, इनके बीच का अंतर सावधानी से समझने की आवश्यकता है। वैचारिक स्तर पर राज्य को मार्क्सवाद, नारीवाद और अराजकतावाद आदि से चुनौती मिली है। लेकिन अभी राज्य से परे किसी अन्य मज़बूत इकाई की खोज नहीं हो पायी है। राज्य अभी भी प्रासंगिक है और दिनों-दिन मज़बूत होता जा रहा है। यूरोपीय चिंतन में राज्य के चार अंग बताये जाते हैं - निश्चित भूभाग, जनसँख्या, सरकार और संप्रभुता। भारतीय राजनीतिक चिन्तन में 'राज्य' के सात अंग गिनाये जाते हैं- राजा या स्वामी, मंत्री या अमात्य, सुहृद, देश, कोष, दुर्ग और सेना। (राज्य की भारतीय अवधारण देखें।) कौटिल्य ने राज्य के सात अंग बताये हैं और ये उनका "सप्तांग सिद्धांत " कहलाता है - राजा, आमात्य या मंत्री, पुर या दुर्ग, कोष, दण्ड, मित्र । .

नई!!: धर्मनिरपेक्षता और राज्य · और देखें »

संविधान

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में १४६,३८५ शब्दों के साथ, २२ भागों में ४४४ अनुच्छेद, १२ अनुसूचियाँ और १०१ संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें ९७ अनुच्छेदों के साथ १० अध्याय, और कुल ३,८१४ शब्द हैं। .

नई!!: धर्मनिरपेक्षता और संविधान · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

धर्म-निरपेक्ष, धर्म-निरपेक्षतावादी, धर्मनिरपेक्ष, पंथनिरपेक्षता, सेक्युलरवाद

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »