लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

धनात्मक पुनःभरण

सूची धनात्मक पुनःभरण

यदि किसी प्रणाली में धनात्मक पुनःभरण (positive feedback) का गुण मौजूद होता है तो ऐसा तंत्र उसके इनपुट पर आने वाले ब्याघातों (डिस्टर्बैंसेस) के आयाम को और भी अधिक बड़ा बना देते हैं। दूसरे शब्दों में 'क' के कारण अधिक 'ख' उत्पन्न होता है जो और अधिक 'क' को उत्पन्न करता है और वृद्धि का यह क्रम तब तक जारी रहता है जब तक प्रणाली में किसी कारण 'तृप्ति' (सैचुरेशन) न आ जाय। धनात्मक पुनर्भरण का उल्टा 'ऋणात्मक पुनर्भरण' होता है। ऋणात्मक पुनर्भरण से युक्त प्रणाली के इन्पुट पर किसी कारण से कोई संकेत आ जाय तो यह प्रणाली इस तरह व्यवहार करती है कि इनपुट और भी कम हो जाता है। धनात्मक पुनर्भरण के परिणामस्वरूप प्रणाली के कम्पन (oscillations) की इक्सपोनेंशियल वृद्धि होती है। अन्त में प्रायः सभी प्रणालियाँ अरैखिक क्षेत्र (non-linear region) में पहुँच जाती हैं और 'गेन' की कमी के कारण प्रणाली अन्ततः स्थिर (स्टेबल) हो जाती है या इसके पहले ही प्रणाली नष्ट हो जाती है। धनात्मक पुनर्भरण युक्त प्रणाली अन्ततः किसी स्थिर अवस्था में पहुँचकर उसमें 'लैच' (तालाबन्द) हो सकती है। कई जगह धनात्मक पुनर्भरण का उपयोग से इष्ट परिणाम प्राप्त किये जाते हैं। डिजिटल इलेक्ट्रानिकी में धनात्मक पुनर्भरण के द्वारा लॉगिक परिपथों के आउटपुट को 'बीच के वोल्टेज' से दूर भगाकर '1' या '0' की ओर धकेल दिया जाता है। दूसरी तरफ अर्धचालक युक्तियों में 'थर्मल रन-अवे' की समस्या भी धनात्मक पुनर्भरण का ही एक रूप है जिसके कारण युक्तियाँ गरम होकर नष्ट हो जाती हैं। रासायनिक अभिक्रियाओं में धनात्मक पुनर्भरण की स्थिति आने पर अभिक्रिया बहुत तेज गति के बढ़ती है जिससे कुछ स्थितियों में विस्फोट भी हो सकता है। यांत्रिक डिजाइनों में धनात्मक पुनर्भरण के कारण 'टिपिंग प्वाइंट' की स्थिति निर्मित हो सकती है। किसी पुल के कम्पन में धनात्मक पुनर्भरण आ जाय तो वह ढह सकता है। आर्थिक प्रणाली में धनात्मक पुनर्भरण से 'तेजी' (बूम) के बाद 'मंदी' (बस्ट) और फिर 'तेजी' की स्थिति देखी जा सकती है। .

5 संबंधों: दुष्चक्र, रासायनिक अभिक्रिया, सेतु, विस्फोट, अर्धचालक युक्ति

दुष्चक्र

दुष्चक्र (virtuous circle या vicious circle) एक ऐसा काल्पनिक या आभासी चक्र है जिसमें एक बार घुस जाने पर बाहर निकलना सम्भव नहीं होता। इस चक्र में एक तरह का धनात्मक पुनर्भरण (पॉजिटिव फीडबैक) काम करता है जो घटनाओं एवं उनके परिणामों को इस चक्र के अन्दर बने रहने के लिये बाध्य करता है। समाज में, अर्थतंत्र, मनोविज्ञान आदि में दुष्चक्र यत्र-तत्र देखने को मिलता है। .

नई!!: धनात्मक पुनःभरण और दुष्चक्र · और देखें »

रासायनिक अभिक्रिया

लकड़ी का जलना एक रासायनिक अभिक्रिया है। एक बीकर में हाइड्रोजन क्लोराइड की वाष्प में परखनली से अमोनिया की वाष्प मिलाने से एक नया पदार्थ अमोनियम क्लोराइड बनते हुए रासायनिक अभिक्रिया में एक या अधिक पदार्थ आपस में अन्तर्क्रिया (इन्टरैक्शन) करके परिवर्तित होते हैं और एक या अधिक भिन्न रासायनिक गुण वाले पदार्थ बनते हैं। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (रिएक्टैन्ट्स) कहते हैं। अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थों को उत्पाद (प्रोडक्ट्स) कहते हैं। लैवासिये के समय से ही ज्ञात है कि रासायनिक अभिक्रिया बिना किसी मापने योग्य द्रव्यमान परिवर्तन के होती है। (द्रव्यमान परिवर्तन अत्यन्त कम होता है जिसे मापना कठिन है)। इसी को द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहते हैं। अर्थात किसी रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान नष्ट होता है न ही बनता है; केवल पदार्थों का परिवर्तन होता है। परम्परागत रूप से उन अभिक्रियाओं को ही रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं जिनमें रासायनिक बन्धों को तोडने या बनाने में एलेक्ट्रानों की गति जिम्मेदार होती है। .

नई!!: धनात्मक पुनःभरण और रासायनिक अभिक्रिया · और देखें »

सेतु

thumb सेतु एक प्रकार का ढाँचा जो नदी, पहाड़, घाटी अथवा मानव निर्मित अवरोध को वाहन या पैदल पार करने के लिये बनाया जाता है। .

नई!!: धनात्मक पुनःभरण और सेतु · और देखें »

विस्फोट

किसी पदार्थ को एक साथ फ़ोडने की क्रिया को विस्फ़ोट कहा जाता है। विस्फ़ोट में अधिकतर बारूद का प्रयोग किया जाता है, इसमे बारूद भी अलग अलग शक्तियों की होती है, जिसमे आर डी एक्स नामक बारूद बहुत ही शक्तिशाली होती है। बन्दूक और तोप के गोले को भी विस्फ़ोट से ही दागा जाता है। अत्याधिक ज्वलनशील पदार्थ को आग के सम्पर्क में आते ही वह अचानक जलता है और विस्फ़ोट हो जाता है। विस्फ़ोट के लिये तीन कारकों का होना अत्याधि्क जरूरी है, पहला ईंधन दूसरा ताप और तीसरी आक्सीजन.

नई!!: धनात्मक पुनःभरण और विस्फोट · और देखें »

अर्धचालक युक्ति

अर्धचालक युक्तियाँ (Semiconductor devices) उन एलेक्ट्रानिक अवयवों को कहते हैं जो अर्धचालक पदार्थों के गुण-धर्मों का उपयोग करके बनाये जाते हैं। सिलिकॉन, जर्मेनियम और गैलिअम आर्सेनाइड मुख्य अर्धचालक पदार्थ हैं। अधिकांश अनुप्रयोगों में अब उन सभी स्थानों पर अर्धचालक युक्तियाँ प्रयोग की जाने लगी हैं जहाँ पहले उष्मायनिक युक्तियाँ (निर्वात ट्यूब) प्रयोग की जाती थीं। अर्धचालक युक्तियाँ, ठोस अवस्था में एलेक्ट्रानिक संचलन पर आधारित हैं जबकि ट्यूब युक्तियाँ उच्चा निर्वात या गैसीय अवस्था में उष्मायनों के चालन पर आधारित थीं। निर्माण के आधार पर अर्धचालक युक्तियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं - अकेली युक्तियाँ और एकीकृत परिपथ (IC) .

नई!!: धनात्मक पुनःभरण और अर्धचालक युक्ति · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

धनात्मक पुनर्भरण

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »