लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

दोस्तवाद

सूची दोस्तवाद

दोस्तवाद अथवा क्रोनीज्म (Cronyism) अपने घनिष्ट मित्रों को योग्यता, न्याय, नियम का ध्यान रखे बिना उच्च पदों पर आसीन करना कहलाता है। यह मुख्यतः राजनीतिक क्षेत्रों में स्वार्थ अथवा सरकार बचाने के लिए भ्रष्ट-सरकारें करती हैं। .

4 संबंधों: चोर-तंत्र, धन-तंत्र, भाई-भतीजावाद, राजस्थान पत्रिका

चोर-तंत्र

चोर-तंत्र या क्लेप्टोक्रेसी (Kleptocracy या cleptocracy या kleptarchy) (κλέπτης - क्लेप्टस से, "चोर" और κράτος - क्रेटॉस, "शक्ति, नियम", अर्थात "चोरों का शासन") भ्रष्ट-सरकार के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला एक राजनीतिक शब्द है। इस अवस्था में पूर्ण सरकार अथवा उसका एक बहुत बड़ा हिस्सा भ्रष्ट होता है जिसे सामान्यतः लुटेरों अथवा चोरों का शासन भी कहा जाता है। .

नई!!: दोस्तवाद और चोर-तंत्र · और देखें »

धन-तंत्र

धन-तंत्र या प्लूटोक्रेसी (Plutocracy), जिसे प्लूटोनोमी (अर्थ-तंत्र) या प्लूटेत्ची (धनिक राज्य) भी कहा जाता है, एक समुदाय अथवा निकाय को परिभाषित करता है जो समाज के कुछ धनी लोगों के शासन और प्रभुत्व में रहता है। इन शब्दों का प्रथम ज्ञात उपयोग 1652 में हुआ। .

नई!!: दोस्तवाद और धन-तंत्र · और देखें »

भाई-भतीजावाद

भाई-भतीजावाद अथवा नेपोटिज़्म (Nepotism) दोस्तवाद के बाद आने वाली एक राजनीतिक शब्दावली है जिसमें योग्यता को नजर अन्दाज करके अयोग्य परिजनों को उच्च पदों पर आसीन कर दिया जाता है। नेप्टोइज्म शब्द की उत्पत्ति कैथोलिक पोप और बिशप द्वारा अपने परिजनों को उच्च पदों पर आसीन कर देने से हुई। बाद में इस धारणा को राजनीति, मनोरंजन,व्यवसाय और धर्म सम्बन्धी क्षेत्रों में भी बल मिलने लगा। .

नई!!: दोस्तवाद और भाई-भतीजावाद · और देखें »

राजस्थान पत्रिका

राजस्थान पत्रिका हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाला एक भारतीय समाचार पत्र है। यह अखबार भारत के सात राज्यों से प्रकाशित हो रहा है। यह जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा और सीकर सहित कई अन्य क्षेत्रों से राजस्थान से प्रकाशित होता है और राजस्थान के अलावा भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रायपुर, अहमदाबाद, ग्वालियर, कोलकाता, चेन्नई, नई दिल्ली और बंगलौर से प्रकाशित होता है। .

नई!!: दोस्तवाद और राजस्थान पत्रिका · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »