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दीवान (शायरी)

सूची दीवान (शायरी)

अब्दुर रहमान चुग़तई द्वारा 1927 में संकलित दीवान-ए-ग़ालिब का एक पृष्ठ दीवान कविताओं के संग्रह को कहते हैं। अक्सर यह शब्द उर्दू, फ़ारसी, पश्तो, पंजाबी और उज़बेक भाषाओं के कविता संग्रह के लिए इस्तेमाल होता है। उदाहरण के लिए ग़ालिब की शायरी के संग्रह को 'दीवान-ए ग़ालिब' कहा जाता है। 'दीवान' मूल रूप से फ़ारसी का शब्द है और इसका मतलब सूची, बही या रजिस्टर होता है। इसी वजह से भारतीयf उपमहाद्वीप में किसी प्रशासन या व्यापार में हिसाब या बही-खाते रखने वाले व्यक्ति को भी 'दीवान जी' कहा जाता था। .

6 संबंधों: पश्तो भाषा, पंजाबी, फ़ारसी भाषा, कुल्लियात, उर्दू भाषा, उज़्बेक भाषा

पश्तो भाषा

कोई विवरण नहीं।

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पंजाबी

पंजाबी का इनमें से मतलब हो सकता: संस्कृति में.

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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कुल्लियात

सन् १८७२ में छपा मिर्ज़ा सौदा की कुल्लियात का अंग्रेज़ी अनुवाद कुल्लियात (उर्दू) शायरी में किसी शायर की रचनाओं के संग्रह को कहते हैं। मसलन ग़ालिब की ग़ज़लों और नज्मों के संकलन को 'कुल्लियात-ए-ग़ालिब' कहा जाता है। यह शब्द 'कुल' से आया है, यानि शायर का 'कुल' काम इस संग्रह में मौजूद होना चाहिए, लेकिन वास्तव में अगर शायर की कुछ-बहुत रचनाएँ भी उसमें सम्मिलित हों तो उसे कुल्लियात ही कहा जाएगा। पुराने ज़माने में कभी-कभी यह शब्द शायारी के अलावा और सन्दर्भों में भी प्रयोग हुआ करता था। उदाहरण के लिए अगर किसी पुस्तक में चिकित्सा (अरबी में 'तिब्ब') के बारे में बहुत कुछ लिखा हो तो उसे 'कुल्लियात-ए-तिब्बी' कह दिया जाता था। यही शब्द बिगड़कर अंग्रेज़ी में भी 'कॉलिजॅट' (Colliget) के रूप में आ गया।, Plinio Prioreschi, Horatius press, 2001, ISBN 978-1-888456-04-2,...

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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उज़्बेक भाषा

लहजा साफ़ दिखता है - 'नादिरा' को 'नोदिरा' (НОДИРА) और 'उज़बेकिस्तान' को 'उज़बेकिस्तोन' (Ўзбекистон) लिखा जाता है उज़बेक भाषा (उज़बेक: Ўзбек тили, उज़बेक तिलि; अरबी-फ़ारसी) मध्य एशिया में और विशेषकर उज़बेकिस्तान में, उज़बेक लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। सन् १९९५ में इसे मातृभाषा के रूप में बोलने वालों की संख्या लगभग २ करोड़ अनुमानित की गई थी। हालाँकि यह एक तुर्की भाषा है, फिर भी इसमें फ़ारसी, अरबी और रूसी भाषा का प्रभाव मिलता है। उज़बेक और उइग़ुर भाषा में बहुत समानताएँ हैं, लेकिन उइग़ुर की तुलना में उज़बेक पर फ़ारसी का प्रभाव ज़्यादा गहरा है। सन् १९२७ तक उज़बेक को लिखने के लिए अरबी-फ़ारसी वर्णमाला का प्रयोग किया जाता था, लेकिन उसके बाद उज़बेकिस्तान का सोवियत संघ में विलय होने से वहाँ सिरिलिक लिपि इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया गया। चीन के उज़बेक समुदाय अभी भी अरबी-फ़ारसी लिपि में उज़बेक लिखते हैं। सोवियत संघ का अंत होने के बाद उज़बेकिस्तान में कुछ लोग सन् १९९२ के उपरान्त लैटिन वर्णमाला का भी प्रयोग करने लगे।, Reinhard F. Hahn, Ablahat Ibrahim, University of Washington Press, 2006, ISBN 978-0-295-98651-7 .

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