3 संबंधों: दन्त विकास, दाँत, मुँह।
दन्त विकास
दन्तविकास (Tooth development या odontogenesis) एक जटिल प्रक्रिया है जिसके द्वारा दाँतों का निर्माण होता है और वे बाहर निकलकर मुंह में दिखाई देने लगते हैं। गर्भस्थ जीवन के छठे सप्ताह में मैक्सिलरी और मैंडिब्युलर चापों को ढकनेवाली उपकला में छिछले दंत खूंड़ बनते हैं। खूंड के बाहर की उपकला ओठ और भीतर के दंतांकुर बनाती है। दंतास्थि, दंतमज्जा और सीमेंट मेसोडर्म से बनते हैं। अन्य भाग एपिडर्म से। श्रेणी:मानव शरीर.
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दाँत
दाँत (tooth) मुख की श्लेष्मिक कला के रूपांतरित अंकुर या उभार हैं, जो चूने के लवण से संसिक्त होते हैं। दाँत का काम है पकड़ना, काटना, फाड़ना और चबाना। कुछ जानवरों में ये कुतरने (चूहे), खोदने (शूकर), सँवारने (लीमर) और लड़ने (कुत्ते) के काम में भी आते हैं। दांत, आहार को काट-पीसकर गले से उतरने योग्य बनाते हैं। दाँत की दो पंक्तियाँ होती हैं,.
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मुँह
मुँह जंतुओं की आहार नली का प्रथम भाग होता है जिसको आहार और लार मिलता है। ओरल म्यूकोसा मुँह के अन्दर की उपकला में श्लेष्म झिल्ली होती है। अपनी मुख्य क्रिया यानि पाचक तंत्र की पहली कड़ी के अतिरिक्त मनुष्यों में मुँह एक और अहम कार्य करता है जो कि है एक दूसरे के साथ वार्तालाप के द्वारा संपर्क करना। हालांकि ध्वनि का मुख्य स्रोत गला होता लेकिन इस ध्वनि को भाषा का रूप जीभ, होंठ, जबड़ा और ऊपरी मुँह का तालु देते हैं। मुँह का अन्दरुनी भाग अमूमन लार की वजह से गीला रहता है और होंठ से मुँह के अन्दर की श्लेष्म झिल्ली त्वचा-जो कि बाकी शरीर को ढँकती है- में परिवर्तित हो जाती है। .
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