4 संबंधों: दि न्यू यॉर्क टाइम्स, मनमोहन सिंह, सजिल्द, संस्मरण।
दि न्यू यॉर्क टाइम्स
दि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका का एक दैनिक समाचार पत्र है। .
नई!!: द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर और दि न्यू यॉर्क टाइम्स · और देखें »
मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह (ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ; जन्म: २६ सितंबर १९३२) भारत गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक पी वी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मन्त्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है। .
नई!!: द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर और मनमोहन सिंह · और देखें »
सजिल्द
धूल रोधी आवरण के साथ एक सजिल्द पुस्तक एक सजिल्द पुस्तक वह पुस्तक होती है जिसपर एक सुरक्षात्मक कठोर आवरण चढ़ा होता है। आमतौर पर यह आवरण एक मोटे गत्ते का बना होता है जिसको कपड़े, मोटे कागज, या कभी कभी चमड़े से भी मढ़ा जाता है। जिल्द शब्द उर्दु से आया है जिसका अर्थ, त्वचा होता है। इस जिल्द को लचीले सीवन टाँको से सिला जाता है ताकि जब पुस्तक को पढ़ने के लिए खोला जाये यह आराम से खोली जा सके और खुलने के बाद खुली रहे, हालांकि आजकल जिल्द को सिलने के बजाय चिपकाया जाता है। सजिल्द किताबें अक्सर अम्लमुक्त कागज पर मुद्रित की जाती हैं और यह कागजी जिल्द वाली पुस्तकों से अधिक टिकाऊ होती है। सजिल्द पुस्तकें उत्पादन के समय अपेक्षाकृत थोड़ी और बिक्री के समय काफी महंगी होती हैं। सजिल्द किताबों को धूल से बचाने के लिए अक्सर एक कलात्मक धूल रोधी आवरण इनके साथ आता है। .
नई!!: द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर और सजिल्द · और देखें »
संस्मरण
स्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। यात्रा साहित्य भी इसके अन्तर्गत आता है। संस्मरण को साहित्यिक निबन्ध की एक प्रवृत्ति भी माना जा सकता है। ऐसी रचनाओं को 'संस्मरणात्मक निबंध' कहा जा सकता है। व्यापक रूप से संस्मरण आत्मचरित के अन्तर्गत लिया जा सकता है। किन्तु संस्मरण और आत्मचरित के दृष्टिकोण में मौलिक अन्तर है। आत्मचरित के लेखक का मुख्य उद्देश्य अपनी जीवनकथा का वर्णन करना होता है। इसमें कथा का प्रमुख पात्र स्वयं लेखक होता है। संस्मरण लेखक का दृष्टिकोण भिन्न रहता है। संस्मरण में लेखक जो कुछ स्वयं देखता है और स्वयं अनुभव करता है उसी का चित्रण करता है। लेखक की स्वयं की अनुभूतियाँ तथा संवेदनायें संस्मरण में अन्तर्निहित रहती हैं। इस दृष्टि से संस्मरण का लेखक निबन्धकार के अधिक निकट है। वह अपने चारों ओर के जीवन का वर्णन करता है। इतिहासकार के समान वह केवल यथातथ्य विवरण प्रस्तुत नहीं करता है। पाश्चात्य साहित्य में साहित्यकारों के अतिरिक्त अनेक राजनेताओं तथा सेनानायकों ने भी अपने संस्मरण लिखे हैं, जिनका साहित्यिक महत्त्व स्वीकारा गया है। .