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त्वचाविज्ञान

सूची त्वचाविज्ञान

300px त्वचाविज्ञान औषधि शास्त्र की वह शाखा है जिसके तहत बाल, नाख़ून, त्वचा और इस से संबंधित रोगों का अध्ययन किया जाता है.

6 संबंधों: चर्म रोग, त्वचा, नाखून, बाल, संयुक्त राज्य, हाइपरहाइड्रोसिस

चर्म रोग

एक चर्मरोग त्वचा के किसी भाग के असामान्य अवस्था को चर्मरोग (dermatosis) कहते हैं। त्वचा शरीर का सनसे बड़ा तंत्र है। यह सीधे बाहरी वातावरण के सम्पर्क में होता है। इसके अतिरिक्त बहुत से अन्य तन्त्रों या अंगों के रोग (जैसे बाबासीर) भी त्वचा के माध्यम से ही अभिव्यक्त होते हैं। (या अपने लक्षण दिखाते हैं) त्वचा शरीर का सबसे विस्तृत अंग है साथ ही यह वह अंग है जो बाह्य जगत् के संपर्क (contact) में रहता है। यही कारण है कि इसे अनेक वस्तुओं से हानि पहुँचती है। इस हानि का प्रभाव शरीर के अंतरिक अवयवों पर नहीं पड़ता। त्वचा के रोग विभिन्न प्रकार के होते हैं। त्वचा सरलता से देखी जा सकती है। इस कारण इसके रोग, चाहे चोट से हों अथवा संक्रमण (infection) से हों, रोगी का ध्यान अपनी ओर तुरंत आकर्षित कर लेते हैं। sunil.

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त्वचा

त्वचा या त्वक् (skin) शरीर का बाह्य आवरण होती है जिसे बाह्यत्वचा (एपिडरमिस) भी कहते हैं। यह वेष्टन प्रणाली का सबसे बड़ा अंग है जो उपकला ऊतकों की कई परतों द्वारा निर्मित होती है और अंतर्निहित मांसपेशियों, अस्थियों, अस्थिबंध (लिगामेंट) और अन्य आंतरिक अंगों की रक्षा करती है। चूंकि यह सीधे वातावरण के संपर्क मे आती है, इसलिए त्वचा रोगजनकों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अन्य कार्यों मे जैसे तापावरोधन (इन्सुलेशन), तापमान विनियमन, संवेदना, विटामिन डी का संश्लेषण और विटामिन बी फोलेट का संरक्षण करती है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त त्वचा निशान ऊतक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है। यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है। मानव मे त्वचा का वर्ण प्रजाति के अनुसार बदलता है और त्वचा का प्रकार शुष्क से लेकर तैलीय हो सकता है। .

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नाखून

नाखून मनुष्यों के हाथ तथा पांव की अंगुलियों के आख़िरी हिस्से के ऊपरी भाग में एक ठोस कवचनुमा आवरण होता है। यह वानरों और कुछ अन्य स्तनपाइयों में भी विद्यमान होता है। अनेक जीवों में नाखून पंजों के समान होता है। यह एक कठोर प्रोटीन कॅराटिन से बना होता है पशुओं के सींग भी इसी पदार्थ के होते हैं। .

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बाल

अपने सुन्दर बालों को पूरती हुई कन्या बाल (Hair) स्तनधारी प्राणियों के बाह्य चर्म का उद्वर्ध (outer growth) है। कीटों के शरीर पर जो तंतुमय उद्वर्ध होते हैं, उन्हें भी बाल कहते हैं। बाल कोमल से लेकर रुखड़ा, कड़ा (जैसे सूअर का) और नुकीला तक (जैसे साही का) होता है। प्रकृति ने ठंडे गर्म प्रभाव वाले क्षेत्रों में बसने बाले जीवों को बाल दिये हैं, जो जाडे की ॠतु में ठंड से रक्षा करते है और गर्मी में अधिक ताप से सिर की रक्षा करते हैं। जब शरीर से न सहने वाली गर्मी पडती है, तो शरीर से पसीना बहकर निकलता है, वह बालों के कारण गर्मी से जल्दी नहीं सूखता है, किसी कठोर वस्तु से अचानक हुए हमला से भी बाल बचाव करते है। बहुत से मानवेतर स्तनधारियों के शरीर पर मुलायम बाल पाये जाते हैं; इसे 'फर' कहते हैं। बाल की बनावट पक्षियों के परों या सरीसृप के शल्कों से बिल्कुल भिन्न होती है। स्तनधारियों में ह्वेल के शरीर पर सबसे कम बाल होता है। कुछ वयस्क ह्वेल के शरीर पर तो बाल बिल्कुल होता ही नहीं। मनुष्यों में सबसे घना बाल सिर पर होता है। बाल शरीर को सर्दी और गरमी से बचाता है। शरीर के अन्य भागों पर बड़े सूक्ष्म छोटे छोटे रोएँ होते है। पलकों, हथेली, तलवे तथा अँगुलियों और अँगूठों के नीचे के भाग पर बाल नहीं होते। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्यों का शरीर झबरे बालों से ढँका रहता था। पर सभ्य मनुष्य के शरीर पर झबरे बाल नहीं होते। इसलिए वह वस्त्र धारण कर अपने शरीर की सर्दी और गरम से रक्षा करता है। मनुष्य के कुछ भागों में, हारमोन के स्राव बनने पर ही बाल उगते हैं, जैसे ओठों पर, काँखों में, लिंगोपरि भागों में इत्यादि। मनुष्यों के लिए बालों के अनेक उपयोग हैं। घोड़ों और बैलों के बाल गद्दों में भरे जाते हैं। कुछ बालों से वार्निश लेपने के बुरुश, दाँत साफ करने के बुरुश बनते हैं। छोटे-छोटे बाल सीमेंट में मिलाकर गृहनिर्माण में प्रयुक्त होते हैं। लंबे-लंबे बालों से कपड़े बुने जाते हैं। ऐसे कपड़े कोट बनाने में लाइनिंग के रूप में काम आते हैं। भेड़ों और कुछ बकरियों से ऊन प्राप्त होते हैं। इनका उपयोग कंबलों और ऊनी वस्त्रों के निर्माण में होता है। ऊँटों और कुछ किस्म के खरगोशों के बाल से भी कपड़े बुने जाते हैं। कुछ पशुओं के बाल बड़े कोमल होते हैं और समूर (फर) के रूप में व्यवहृत होते हैं। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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हाइपरहाइड्रोसिस

हाइपरहाइड्रोसिस (English: Hyperhidrosis) एक ऐसी हालत/अवस्था है जो असामान्य रूप से अत्यधिक पसीना आती है, जो कि शरीर के तापमान के नियमन के लिए जरूरी है। हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी की वजह से आती है हथेलियों और तलवों में अधिक पसीना। सामान्‍यतया शरीर से पसीना आने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। लेकिन यदि आप हाइपरहाइड्रोसिस नामक बीमारी से ग्रस्‍त हैं तो सर्दियों में भी आपकी हथेलियों और तलवों से पसीना आएगा। पसीना हमारे शरीर में मौजूद पसीने की ग्रंथियों से निकलता है। इन्हें एक्राइन स्वेद-ग्रन्थि/पसीना ग्रंथि (Eccrine Sweat Glands) कहते हैं। इंसान के शरीर पर 20 लाख से 40 लाख तक पसीने की ग्रंथियां होती है। ये ग्रंथियां पैर के तलवों, हथेली, मस्तक, गाल और काँख Armpit में सबसे ज्यादा होती है। इसलिए इन जगहों पर स्वेटिंग ज्यादा होती है। पसीने में 99 % पानी और थोड़ी मात्रा में नमक, प्रोटीन और यूरिया होते है। पसीना गंध रहित पानी होता है। .

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