लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

त्रेगामी भाषा

सूची त्रेगामी भाषा

त्रेगामी भाषा (Tregami language), जिसे त्रिगामी भाषा और गाम्बीरी भाषा भी कहते हैं, अफ़ग़ानिस्तान के कुनर प्रान्त के मध्य भाग में स्थित वटापूर ज़िले के गाम्बीर और कटार गाँवो में बोली जाने वाली एक भाषा है।, R. Khanam, pp.

6 संबंधों: नूरिस्तानी भाषाएँ, नूरिस्तानी लोग, हिन्द-ईरानी भाषाएँ, वटापूर ज़िला, कुनर प्रान्त, अफ़ग़ानिस्तान

नूरिस्तानी भाषाएँ

नूरिस्तानी भाषाएँ (Nuristani languages) हिन्द-ईरानी भाषा-परिवार का एक उपपरिवार है जिसकी सदस्य भाषाएँ पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में और पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले के कुछ हिस्सों में बोली जाती हैं। इन्हें लगभग १,३०,००० लोग बोलते हैं जो नूरिस्तानी या कलश कहलाते हैं। कुछ भाषावैज्ञानिक इन्हें हिन्द-आर्य भाषा-परिवार की दार्दी शाखा की उपशाखा समझा है लेकिन अन्य इन्हें ईरानी भाषाओं और हिन्द-आर्य भाषाओं के साथ हिन्द-ईरानी भाषा-परिवार की एक अलग तीसरी श्रेणी माना जाता है।, Andrew Dalby, pp.

नई!!: त्रेगामी भाषा और नूरिस्तानी भाषाएँ · और देखें »

नूरिस्तानी लोग

एक नूरिस्तानी लड़की नूरिस्तानी समुदाय पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान इलाक़े में रहने वाली एक जाती है। नूरिस्तान के लोग अपने सुनहरे बालों, हरी-नीली आँखों और गोरे रंग के लिए जाने जाते हैं। उन्नीसवी सदी के अंत तक नूरिस्तानियों का धर्म हिन्दू धर्म से मिलता जुलता एक अति-प्राचीन हिन्द-ईरानी धर्म था और नूरिस्तान को इर्द-गिर्द के मुस्लिम इलाक़ों के लोग "काफ़िरिस्तान" के नाम से जानते थे। सैंकड़ों-हज़ारों वर्षों तक यहाँ के लोग स्वतन्त्र रहे और यहाँ तक कि पंद्रहवी सदी के आक्रमणकारी तैमुरलंग को भी हरा दिया। १८९० के दशक में अफ़ग़ानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान ख़ान ने इस इलाक़े पर हमलों के बाद इस पर क़ब्ज़ा कर लिया। इसके बाद यहाँ के लोगों को मजबूरन मुस्लिम बनाना पड़ा और इस क्षेत्र का नाम भी बदल कर नूरिस्तान कर दिया गया, जिसका अर्थ है "नूर" (यानि "रोशनी") का स्थान। यहाँ के लोगों के रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं में अभी भी उनके इस्लाम से पूर्व के धर्म के तत्व मिलते हैं। नूरिस्तान से लगे हुए पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी चित्राल इलाक़े के कलश लोग नूरिस्तानियों से मिलते-जुलते हैं, लेकिन वे उन्नीसवी सदी में ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन भारत में आते थे, इसलिए वे अब्दुर रहमान ख़ान के हमलों से बचे रहे और उनमें से कई अभी भी अपने पूर्वजों के धर्म के अनुयायी हैं। अलग-अलग नूरिस्तानी और कलश क्षेत्रों में भाषा का भी अंतर है, लेकिन ये सारी भाषाएँ दार्दी भाषाओँ में ही गिनी जाती हैं। .

नई!!: त्रेगामी भाषा और नूरिस्तानी लोग · और देखें »

हिन्द-ईरानी भाषाएँ

हिन्द ईरानी शाखा हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की एक शाखा है। ये सातम वर्ग के अन्दर आती है। इसकी दो उपशाखाएँ हैं.

नई!!: त्रेगामी भाषा और हिन्द-ईरानी भाषाएँ · और देखें »

वटापूर ज़िला

वटापूर ज़िला या वोटापूर ज़िला (Watapur District) अफ़ग़ानिस्तान के कुनर प्रान्त के मध्य भाग में स्थित एक ज़िला है। इसका क्षेत्र कभी असदाबाद ज़िले का भाग हुआ करता था। .

नई!!: त्रेगामी भाषा और वटापूर ज़िला · और देखें »

कुनर प्रान्त

अफ़्ग़ानिस्तान का कुनर प्रान्त (लाल रंग में) कुनर या कुनड़ (पश्तो:, फ़ारसी:, अंग्रेजी: Kunar) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के पूर्व में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ४,३३९ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००९ में लगभग ४.१ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी असदाबाद शहर है। इस प्रान्त में ज़्यादातर लोग पश्तो बोलने वाले पश्तून हैं। इसकी दक्षिणी और पूर्वी सीमा पाकिस्तान से लगती है। .

नई!!: त्रेगामी भाषा और कुनर प्रान्त · और देखें »

अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

नई!!: त्रेगामी भाषा और अफ़ग़ानिस्तान · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »