त्रिविक्रमः भट्ट, नलचम्पू तथा मदालसाचम्पू के रचयिता हैं। वे सिंहादित्य नाम से भी प्रसिद्ध हैं। उपलब्ध चम्पूकाव्यों में नलचम्पू साहित्यिकदृष्टि से प्रप्रथ तथा महत्त्वपूर्ण साहित्य अस्ति। त्रिविक्रभट्ट प्रौढ कवि थे, अतः उनकी रचना में भी पौढ शैली का दर्शन होता है। क्रियापदों की विविधता, शब्दरूपों का विशिष्टप्रयोग उनकी रचनाओं में देखा जा सकता है। श्रेणी:संस्कृत कवि श्रेणी:संस्कृत विद्वान श्रेणी:संस्कृत साहित्यकार.
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