लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

त्रि-बन्ध

सूची त्रि-बन्ध

रशायनशास्त्र में त्रि-बन्ध (Triple bond) दो परमाणुओं के मध्य के उस आबन्ध को कहते हैं जिसमें २ इलेक्ट्रॉन वाले सह-संयोजी आबन्ध की तुलना में ६ इलेक्ट्रॉन भाग लेते हैं। सबसे सामान्य त्रि-बन्ध, एल्काइनों में दो कार्बन-परमाणुओं के मध्य पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य त्रि-बन्ध वाले यौगिकों में सायनाइड और आइसो-सायनाइड हैं। कुछ द्विपरमाण्विक अणु जैसे द्वि-नाइट्रोजन और कार्बन मोनोआक्साइड में भी त्रि-बन्ध पाये जाते हैं। रासायनिक सूत्र में त्रि-बन्ध को दर्शाने के लिए दोनों अणुओं के मध्य तीन समान्तर रेखाओं (≡) बनायी जाती हैं। त्रि-बन्ध, तुल्य एकल-बन्ध और द्वि-बन्ध से छोटे और अधिक मजबूत होते हैं जिनकी बन्ध कोटि तीन होती है। .

6 संबंधों: एल्काइन, एसिटिलीन, नाइट्रोजन, सहसंयोजी आबंध, सायनाइड, कार्बन मोनोआक्साइड

एल्काइन

एल्काइन एल्काइन एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होता है। इसमें दो कार्बन परमाणु के बीच एक त्रि-बन्ध पाया जाता है। एल्काइन.

नई!!: त्रि-बन्ध और एल्काइन · और देखें »

एसिटिलीन

एसिटिलीन (Acetylene; सिस्टेमैटिक नाम: एथीन (ethyne)) एक रासायनिक यौगिक है जिसका अणुसूत्र C2H2 है। यह एक हाइड्रोकार्बन है तथा सबसे सरल एल्कीन है। .

नई!!: त्रि-बन्ध और एसिटिलीन · और देखें »

नाइट्रोजन

नाइट्रोजन (Nitrogen), भूयाति या नत्रजन एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक N है। इसका परमाणु क्रमांक 7 है। सामान्य ताप और दाब पर यह गैस है तथा पृथ्वी के वायुमण्डल का लगभग 78% नाइट्रोजन ही है। यह सर्वाधिक मात्रा में तत्व के रूप में उपलब्ब्ध पदार्थ भी है। यह एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन और प्रायः अक्रिय गैस है। इसकी खोज 1772 में स्कॉटलैण्ड के वैज्ञनिक डेनियल रदरफोर्ड ने की थी। आवर्त सारणी के १५ वें समूह का प्रथम तत्व है। नाइट्रोजन का रसायन अत्यंत मनोरंजक विषय है, क्योंकि समस्त जैव पदार्थों में इस तत्व का आवश्यक स्थान है। इसके दो स्थायी समस्थानिक, द्रव्यमान संख्या 14, 15 ज्ञात हैं तथा तीन अस्थायी समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या 13, 16, 17) भी बनाए गए हैं। नाइट्रोजन तत्व की पहचान सर्वप्रथम 1772 ई. में रदरफोर्ड और शेले ने स्वतंत्र रूप से की। शेले ने उसी वर्ष यह स्थापित किया कि वायु में मुख्यत: दो गैसें उपस्थित हैं, जिसमें एक सक्रिय तथा दूसरी निष्क्रिय है। तभी प्रसिद्ध फ्रांसीसी वैज्ञानिक लाव्वाज़्ये ने नाइट्रोजन गैस को ऑक्सीजन (सक्रिय अंश) से अलग कर इसका नाम 'ऐजोट' रखा। 1790 में शाप्टाल (Chaptal) ने इसे नाइट्रोजन नाम दिया। .

नई!!: त्रि-बन्ध और नाइट्रोजन · और देखें »

सहसंयोजी आबंध

संयोजी बंधन का आरंभिक सिद्धान्त H2 का अणु सहसंयोजी बंधन द्वारा बनता है। इसमें दो हाइड्रोजन परमाणु दो एलेक्ट्रानों का साझा करते हैं। सहसंयोजी आबंध (covalent bond) वह रासायनिक आबंध है जिसमें परमाणुओं के बीच एलेक्ट्रान-युग्मों का सहभाजन (शेयरिंग) होता है। सहसंयोजी आबंधन में अनेक प्रकार की पारस्परिक क्रियाएँ (interaction) होते हैं जिनमें से σ-आबन्धन, π-आबन्धन, धातु-धातु आबन्धन आदि प्रमुख हैं। श्रेणी:रासायनिक बंध.

नई!!: त्रि-बन्ध और सहसंयोजी आबंध · और देखें »

सायनाइड

जिस किसी रासायनिक यौगिक में एकसंयोजी CN समूह होता है उसे सायनाइड (cyanide) कहते हैं। इस समूह का नाम सायनो समूह (cyano group) है। इसमें एक कार्बन परमाणु एक नाइट्रोजन परमाणु से त्रि-बन्ध से जुड़ा है। उदाहरण: सोडियम सायनाइड, पोटैशियम सायनाइड, मेथिल सायनाइड, आदि। सोडियम सायनाइड, पोटैशियम सायनाइड आदि अकार्बनिक सायनाइड अत्यन्त विषाक्त (toxic) होते हैं। कार्बनिक सायनाइडों को प्रायः नाइट्राइल (nitriles) कहते हैं। .

नई!!: त्रि-बन्ध और सायनाइड · और देखें »

कार्बन मोनोआक्साइड

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) (अंग्रेजी:Carbon monoxide) एक रंगहीन गैस है। यह गैस हवा से थोड़ी हल्की होती है। ऊँची सांद्रता में यह मनुष्यों और जानवरों के लिए विषाक्त होती है, हालाँकि कम मात्रा में यह कुछ सामान्य जैविक कार्यों के लिए उपयोगी साबित होती है। .

नई!!: त्रि-बन्ध और कार्बन मोनोआक्साइड · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »