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तृतीय विश्व युद्ध

सूची तृतीय विश्व युद्ध

एक परमाणु प्रलय अक्सर विश्व युद्ध III के साथ जुड़ा होता है। विश्व युद्ध III या तृतीय विश्व युद्ध, colwidth.

21 संबंधों: चेकोस्लोवाकिया, द्वितीय विश्वयुद्ध, नाटो, परमाणु युद्ध, परिकल्पना, पूर्व जर्मनी, पोलैंड, मंचूरिया, शीतयुद्ध, संयुक्त राज्य के राष्ट्रपतियों की सूची, सोवियत संघ, वारसा संधि, विश्वयुद्ध, गठबंधन, ग्रह, इथियोपिया, कल्पना, कोसोवो गणराज्य, अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र, अल्बर्ट आइंस्टीन, अल्बानिया

चेकोस्लोवाकिया

चेकोस्लोवाकिया मध्य यूरोप में स्थित एक देश हुआ करता था जो अक्टूबर १९१८ से १९९२ तक अस्तित्व में रहा। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान १९३९ से १९४५ के एक अंतराल में इसका ज़बरदस्ती जर्मनी में विलय कर दिया गया इसलिए वास्तविकता में यह देश उस ज़माने में अस्तित्व में नहीं था, हालांकि औपचारिक रूप से मित्रपक्ष शक्तियाँ तब भी इसे मान्यता देती रहीं। १९४५ में सोवियत संघ ने इसके एक पूर्वी हिस्से को चेकोस्लोवाकिया से अलग करके अपने क्षेत्र का भाग बना लिया। शीत युद्ध काल में चेकोस्लोवाकिया पर साम्यवाद (कोम्युनिस्ट) शासन रहा और यह देश सोवियत संघ के नेतृत्व में गठित वारसा संधि के मित्रपक्ष में शामिल था। सोवियत संघ के टूटने पर १९९० में यहाँ भी साम्यवाद ख़त्म हो गया। धीरे-धीरे देश के दो मुख्य समुदायों - चेक और स्लोवाक - के बीच तनाव बढ़ता रहा और लगने लगा कि वे एक राष्ट्र में मिलकर नहीं रह पाएँगे। १९९२ में रायशुमारी (लोगों का विभाजन के प्रश्न पर सीधा मतदान) की गई और जनता ने देश को बांटने का फ़ैसला चुना। १ जनवरी १९९३ को देश बिना किसी हिंसा के दो अलग राष्ट्रों में बाँट गया जिन्हें चेक गणतंत्र और स्लोवाकिया के नामों से जाना जाता है। विश्व में अन्य देशों के हुए विभाजनों की तुलना में यह बंटवारा इतने कोमल और शांतिपूर्वक ढंग से हुए कि इस घटना को इतिहासकार और समीक्षक कभी-कभी 'मख़मली तलाक़' कहते हैं।, Craig Zelizer, Kumarian Press, 2009, ISBN 978-1-56549-286-8,...

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नाटो

नाटो गठबंधन का ध्वज उत्‍तरी एटलांटिक संधि संगठन (नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो)) एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना ४ अप्रैल १९४९ को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। गठन के शुरुआत के कुछ वर्षों में यह संगठन एक राजनीतिक संगठन से अधिक नहीं था। लेकिन कोरियाई युद्ध ने सदस्य देशों को प्रेरक का काम किया और दो अमरीकी सर्वोच्च कमांडरों के दिशानिर्देशन में एक एकीकृत सैन्य संरचना निर्मित की गई। लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने, जिनकी संगठन के उद्देश्य पर की गई टिप्पणी, "रुसियों को बाहर रखने, अमरीकियों को अंदर और जर्मनों को नीचे रखने" (के लिए गई है।) खासी चर्चित रही। यूरोपीय और अमरीका के बीच रिश्तों की तरह ही संगठन की ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस स्वतंत्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से १९६६ से अलग हो गया। १९८९ में बर्लिन की दीवार के गिरने के बाद संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश १९९९ और २००४ में इस गठबंधन में शामिल हुए। १ अप्रैल २००९ को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबंधन की सदस्य संख्या बढ़कर २८ हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में ११ सितंबर २००१ के आतंकवादी हमलों के बाद नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रहा है, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की तैनाती की गई है। बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच १६ दिसम्बर २००२ को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का ७०% से अधिक है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली १५ % खर्च करते हैं। .

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परमाणु युद्ध

जिस युद्ध में शत्रु को नुकसान पहुँचाने के लिये परमाणु हथियारों का उपयोग किया जाता है उसे परमाणु युद्ध या नाभिकीय युद्ध (atomic warfare या Nuclear warfare) कहते हैं। श्रेणी:युद्ध.

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परिकल्पना

किसी घटना की व्याख्या करने वाला कोई सुझाव या अलग-अलग प्रतीत होने वाली बहुत सी घटनाओं के आपसी सम्बन्ध की व्याख्या करने वाला कोई तर्कपूर्ण सुझाव परिकल्पना (hypothesis) कहलाता है। वैज्ञानिक विधि के नियमानुसार आवश्यक है कि कोई भी परिकल्पना परीक्षणीय होनी चाहिये। सामान्य व्यवहार में, परिकल्पना का मतलब किसी अस्थायी विचार (provisional idea) से होता है जिसके गुणागुण (merit) अभी सुनिश्चित नहीं हो पाये हों। आमतौर पर वैज्ञानिक परिकल्पनायें गणितीय माडल के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। जो परिकल्पनायें अच्छी तरह परखने के बाद सुस्थापित (well established) हो जातीं हैं, उनको सिद्धान्त कहा जाता है। श्रेणी:विज्ञान *.

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पूर्व जर्मनी

पूर्व जर्मनी (औपचारिक रूप से जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य) शीत युद्ध के दौरान पूर्वी ब्लॉक का एक देश था। .

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पोलैंड

पोलैंड आधिकारिक रूप से पोलैंड गणराज्य एक मध्य यूरोप राष्ट्र है। पोलैंड पश्चिम में जर्मनी, दक्षिण में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया, पूर्व में युक्रेन, बेलारूस और लिथुआनिया एवं उत्तर में बाल्टिक सागर व रूस के कालिनिनग्राद ओब्लास्ट के द्वारा घिरा हुआ है। पोलैंड का कुल क्षेत्रफ़ल ३ लगभग लाख वर्ग कि.मि. (1.20 लाख वर्ग मील) है, जिससे ये दुनिया का ६९वां व युरोप का ९वां विशालतम राष्ट्र बन जाता है। लगभग 4 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह दुनिया का ३३वां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाता है। एक राष्ट्र के रूप में पोलैंड की स्थापना को इसके शासक मिस्जको प्रथम द्वारा ९६६ इसवी में इसाई धर्म को राष्ट्रधर्म बनाने के साथ जोड़ कर देखा जाता है। तत्कालीन समय में पोलैंड का आकार वर्तमान पोलैंड के जैसा ही था। १०२५ में पोलैंड राजाओं के अधीन आया और १५६९ में पोलैंड ने लिथुआनिया के ग्रैंड डचि के साथ मिलकर पोलिश-लिथुआनियन कामनवेल्थ की स्थापना करते हुए एक लंबे रिश्ते की नींव डाली। ये कामनवेल्थ १७९५ में तोड़ दिया गया और पोलैंड को आस्ट्रिया, रूस और प्रुसिया के बीच बांट लिया गया। पोलैंड ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद १९१८ में अपनी स्वाधीनता पुनः हसिल की मगर द्वितीय विश्वयुद्ध के समय फ़िर से पराधीन होकर नाजी जर्मनी और सोवियत संघ के अधीन चला गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में पोलैंड ने अपने साठ लाख नागरिकों को खो दिया। कई साल बाद पोलैंड रूस से प्रभावित एक साम्यवादी गणराज्य के रूप में ईस्टर्न ब्लॉक में उभरा। १९८९ में साम्यवादी शासन का पतन हुआ और पोलैंड एक नये राष्ट्र के रूप में उभरा जिसे सांविधानिक तौर पे "तृतीय पोलिश गणतंत्र" कहा जाता है। पोलैंड एक स्वयंशासित स्वतंत्र राष्ट्र है जो कि सोलह अलग-अलग वोइवोदेशिप या राज्यों (पोलिश: वोयेवुद्ज़त्वो) को मिलाकर गठित हुआ है। पोलैंड यूरोपीय संघ, नाटो एवं ओ.ई.सि.डी का सदस्य राष्ट्र है। .

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मंचूरिया

मंचूरिया (Manchu: Manju, सरलीकृत चीनी: 满洲; पारंपरिक चीनी: 滿洲; Mongolian: Манж) पूर्वी एशिया का एक विशाल क्षेत्र है जिसका विस्तार चीन, कोरिया तथा रूस के इलाकों में है। .

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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संयुक्त राज्य के राष्ट्रपतियों की सूची

संयुक्त राज्य के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति देश और सरकार दोनों का प्रमुख है। देश की कार्यकारिणी शाखा और संघीय सरकार के मुखिया के रूप में राष्ट्रपति पद प्रभाव और मान्यता द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वोच्च राजनीतिक पद है। राष्ट्रपति संयुक्त राज्य अमेरिका के सशस्त्र बलों का प्रमुख भी है। राष्ट्रपति परोक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा चार साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है (या प्रतिनिधि सभा द्वारा अगर निर्वाचक मंडल किसी भी व्यक्ति को बहुमत नहीं देता है)। १९५१ में संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में बाईसवें (22) संशोधन के बाद से कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं किया जा सकता है और कोई भी जिसने दो साल से ज़्यादा राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला है जब कोई और निर्वाचित हुआ था (हत्या, मृत्यु या पद त्याग के कारण), एक से अधिक बार चुने नहीं जा सकते हैं। अगर कोई अवलंबी राष्ट्रपति कार्यालय के बीच में पद त्याग देता है या उन्हें हटा दिया जाता है या उनकी मृत्यु हो जा जाती है, इस परिस्थिति में उपराष्ट्रपति उनका पद संभाल लेता है। किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति बनने के लिये 35 या उससे अधिक वर्ष का होना जरूरी है, न्यूनतम 14 साल वो संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे हों और वो "प्राकृतिक रूप से जन्मे" अमेरिका के नागरिक हो। आज तक 43 व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर आसीन हुये हैं और 44 कार्यकाल हुये हैं, चूंकि ग्रोवर क्लीवलाण्ड गैरलगातार दो बार राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित व्यक्तियों में से चार लोगो की कार्यालय अवधि में मृत्यु हो गयी थी (विलियम हेनरी हैरिसन, ज़ेकरी टेलर, वारेन हार्डिंग, और फ्रेंकलिन रोज़वेल्ट), चार की हत्या कर दी गयी (अब्राहम लिंकन,Martin, Paul, Smithsonian Magazine, April 8, 2010, Retrieved November 15, 2010 जेम्स गार्फील्ड, विलियम मकिन्ली, और जाह्न केनेडी) और एक ने इस्तीफ़ा दे दिया (रिचर्ड निक्सन)। जार्ज वाशिंगटन 1789 में निर्वाचन मंडल के सर्वसम्मत वोट के बाद सबसे पहले राष्ट्रपति बने थे। विलियम हेनरी हैरिसन 1841 में केवल 32 दिन इस पद पर रहे थे, जो किसी भी राष्ट्रपति का सबसे छोटा कार्यकाल है। फ्रेंकलिन रोज़वेल्ट बारह से अधिक वर्षो तक इस पद पर रहे जो सबसे बड़ा कार्यकाल है, पर जल्द ही उनकी अपने चौथे कार्यकाल में मृत्यु हो गयी; वो अकेले राष्ट्रपति है जो इस पद पर दो बार से ज़्यादा चुने गये हैं। जाह्न केनेडी अकेले राष्ट्रपति रहे हैं जिनका धर्म रोमन कैथोलिक था (दूसरे या तो प्रोटेस्टैंट थे या नास्तिक) और निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा, अफ्रीकी मूल के पहले राष्ट्रपति थे, अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं। इस सूची में अमेरिका की मौजूदा सरकार के राष्ट्रपति के नाम है जो 1789 में अस्तित्व में आयी थी, हालांकि इससे पहले भी संयुक्त राज्य में सरकार रही है। इसके अलावा गृहयुद्ध के दौरान एक और राष्ट्रपति नामक पद था जो अपने अस्तित्व के दौरान केवल एक व्यक्ति के पास रहा। .

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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वारसा संधि

नाटो के जवाब में सोवियत संघ के नेतृत्व में पूर्वी यूरोप के देशों के गठबंधन ने सन् 1955 में वारसा संधि की। इसमें ये देश सम्मिलित हुए - सोवियत संघ, पोलैंड, पूर्वी जर्मनी, चैकोस्लोवाकिया, हंगरी, रोमानिया और बुल्गारिया। इसका मुख्य काम था -नाटो में शामिल देशों का यूरोप में मुकाबला करना। .

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विश्वयुद्ध

* प्रथम विश्वयुद्ध.

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गठबंधन

गठबंधन शब्द का हिन्दी भाषा मे प्रयोग वर और वधू की शादी के समय दोनो को आपस मे जोडने के लिये वर के पटुका और वधू की चूनरी मे गांठ लगाकर एक दूसरे को जोडने की क्रिया को गठबंधन कहा जाता है। इसी प्रकार से दो लोग या दो समुदाय अथवा कई समुदाय या कई लोग आपस मे एक दूसरे के लिये एक ही स्थान या एक ही समिति मे काम करने के लिये जुडे हों और साथ साथ मिलकर काम कर रहे हों, वह जुडा हुआ रूप उनके लिये आपसी गठबंधन का रूप माना जायेगा। .

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ग्रह

हमारे सौरमण्डल के ग्रह - दायें से बाएं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून सौर मंडल के ग्रहों, सूर्य और अन्य पिंडों के तुलनात्मक चित्र सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं - सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्डों के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे - यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है इधर-उधर घूमने वाला। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया। शनि के परे के ग्रह दूरबीन के बिना नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए प्राचीन वैज्ञानिकों को केवल पाँच ग्रहों का ज्ञान था, पृथ्वी को उस समय ग्रह नहीं माना जाता था। ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। .

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इथियोपिया

इथियोपिया (गिइज़: ኢትዮጵያ, इत्योप्प्या) अफ्रीका के सींग में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है जो सरकारी तौर पर इथियोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में जाना जाता है। यह अफ़्रीका का दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है और इसमें 85.2 लाख से अधिक लोग बसे हुए हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से यह अफ़्रीका का दसवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी अदीस अबाबा है। इथियोपिया सूडान से दक्षिणपूर्व में, इरिट्रिया से दक्षिण में, जिबूती और सोमालिया से पश्चिम में, केन्या से उत्तर में और दक्षिण सूडान से पूर्व में स्थित है। यह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला स्थल-रुद्ध देश है। .

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कल्पना

विगत प्रत्यक्षानात्मक अनुभवों (पास्ट पर्सेप्चुअल एक्स्पीरिएन्सेज़) का बिंबों और विचारों (इमेजेज़ ऐंड आइडियाज़) के रूप में, विचारणात्मक स्तर पर, रचनात्मक नियोजन कल्पना (इमैजिनेशन) है। कल्पना की मानसिक प्रक्रिया के अतंर्गत वास्तव में दो प्रकार की मानसिक प्रक्रियाएँ निहित हैं – प्रथम, विगत संवेदनशीलताओं का प्रतिस्मरण, बिंबों एवं विचारों के रूप अर्थात स्मृति, द्वितीय, उन प्रतिस्मृत अनुभवों की एक नए संयोजन में रचना। लेकिन कल्पना में इन दोनों प्रकार की क्रियाओं का इतना अधिक सम्मिश्रण रहता है कि न तो इनका अलग-अलग अध्ययन ही किया जा सकता है और न इनकी अलग-अलग स्पष्ट अनुभूति ही व्यक्तिविशेष को हो पाती है। इसी कारण कल्पना को एक उच्चस्तरीय जटिल प्रकार की मानसिक प्रक्रिया कहा जाता है। .

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कोसोवो गणराज्य

कोसोवो बाल्कन क्षेत्र में स्थित एक विवादास्पद क्षेत्र है। यह स्वघोषित राज्य कोसोवो गणराज्य द्वारा नियंत्रित है, जिसका कमोबेश पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण है, केवल कुछ सर्ब क्षेत्र को छोड़कर। सर्बिया संविधान (2006) के अंतर्गत सर्बिया कोसोवो को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं देता, बल्कि उसे अपने संप्रभु क्षेत्र के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र शासित क्षेत्र, कोसोवो और मेतोहिजा स्वशासी प्रान्त मानता है। इस विवाद के बावजूद कोसोवो एक लैंडलॉक (चारो ओर जमीन से घिरा) देश है, जिसके उत्तर और पूर्व में सर्बिया स्थित है, दक्षिण में मेसाडोनिया गणराज्य, पश्चिम में अल्बानिया और उत्तरपश्चिम में मोन्टेग्रो स्थित है। कोसोवो की राजधानी और सबसे बड़ा शहर प्रिस्टिना है। अन्य बड़े शहरों में पेक, प्रेजरन, जाकोवा और मित्रोविका शामिल हैं। .

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अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र

अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र या आई॰सी॰बी॰एम एक सतह-से सतह पर मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि ये लम्बी दूरी तक मार कर सकते हैं अर्थात एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक भी इनकी मारक-दूरी होती है। इन प्रक्षेपास्त्रों का उपयोग मुख्यतः नाभिकीय युद्ध की स्थिति में किया जाता है क्योंकि एक देश से दूसरे देश तक कम से कम समय में नाभिकीय अस्त्र ले जाने में इन प्रक्षेपास्त्रों को सबसे कम समय लगता है। इसलिए किसी भी नाभिकीय युद्ध की स्थिति में ये प्रक्षेपास्त्र सर्वाधिक क्षति कर सकते हैं। इस समय पाँचों नाभिकीय शक्ति सम्पन्न देशों (चीन, फ़्रान्स, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका) के पास ये प्रक्षेपास्त्र हैं। भारत भी इस प्रकार के प्रक्षेपास्त्रों के विकास में लगा हुआ है। इसके अतिरिक्त यह माना जाता है कि इस्राइल, ईरान, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी ये प्रक्षेपास्त्र तैयार कर लिए हैं या इन्हें तैयार करने की क्षमता प्राप्त कर चुके हैं या तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।। अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी के निचले वातावरण से आरम्भ होकर अपने मार्ग का अधिकान्श भाग ऊपरी वायुमण्डल में तय करता है जहाँ पर वायु घर्षण सबसे कम होता है। कम ईन्धन होने के कारण ये प्रक्षेपास्त्र मध्यम-दूरी के प्रक्षेपास्त्रों से अधिक दूरी तय करते है। मध्यम-दूरी के प्रक्षेपास्त्र निचले वायुमण्डल में ही मार्ग तय करते हुए जाते हैं। अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र कहलाने के लिए कम से कम ५,५०० किमी की मारक-दूरी होनी चाहिए। .

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अल्बर्ट आइंस्टीन

अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein; १४ मार्च १८७९ - १८ अप्रैल १९५५) एक विश्वप्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद् थे जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E .

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अल्बानिया

अल्बानिया गणराज्य (अल्बानियाई: Republika e Shqipërisë) उत्तरपूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमाएं उत्तर में कोसोवो, उत्तरपश्चिम में मोन्टेनेग्रो, पूर्व में भूतपूर्व यूगोस्लाविया और दक्षिण में यूनान से मिलती हैं। तटीय सीमाएं दक्षिण पश्चिम में आड्रियाटिक सागर और आयोनियन सागर से मिलती हैं। अल्बानिया एक संसदीय लोकतंत्र और अवस्थांतर अर्थव्यवस्था है। अल्बानिया की राजधानी, तिराना, लगभग ८,९५,००० निवासियों वाला नगर है जो देश की ३६ लाख की जनसंख्या का चौथाई भाग है और यह नगर अल्बानिया का वित्तीय केन्द्र भी है। मुक्त बाजार सुधारों के कारण विदेशी निवेश के लिए देश की अर्थव्यस्था खोल दी गई है मुख्यतः ऊर्जा के विकास और परिवहन आधारभूत ढांचे में। अल्बानिया संयुक्त राष्ट्र, नाटो, यूरोपीय सुरक्षा और सहयोग संगठन, यूरोपीय परिषद, विश्व व्यापार संगठन, इस्लामिक सम्मेलन संगठन इत्यादि का सदस्य है और भूमध्य क्षेत्र संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था। अल्बानिया जनवरी २००३ से यूरोपीय संघ में विलय के लिए एक संभावित प्रत्याशी रहा है और इसने औपचारिक रूप से २८ अप्रैल, २००९ को यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए आवेदन किया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

विश्व युद्ध III

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