लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

तिलिस्म-ए-होशरुबा

सूची तिलिस्म-ए-होशरुबा

तिलिस्म-ए-होशरुबा एक हिन्दुस्तानी लोक कथा संग्रह है। इसकी कहानियाँ पुराने दौर में महिलाएँ (दादी-नानी) छोटे बच्चें को रात में बतौर कहानी सुनाया करती थीं। हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक राही मासूम रज़ा ने इस संग्रह पर पीएच.

3 संबंधों: राही मासूम रज़ा, लोक कथा, हिन्दुस्तानी भाषा

राही मासूम रज़ा

राही मासूम रज़ा (१ सितंबर, १९२५-१५ मार्च १९९२) का जन्म गाजीपुर जिले के गंगौली गांव में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एक मुहल्ले में हुई थी। बचपन में पैर में पोलियो हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई कुछ सालों के लिए छूट गयी, लेकिन इंटरमीडियट करने के बाद वह अलीगढ़ आ गये और यहीं से एमए करने के बाद उर्दू में `तिलिस्म-ए-होशरुबा' पर पीएच.डी.

नई!!: तिलिस्म-ए-होशरुबा और राही मासूम रज़ा · और देखें »

लोक कथा

लोक कथाएँ किसी समाज /सभ्यता की वे कथाएँ हैं जो की मौखिक तौर पर उस समाज / सभ्यता में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाती हैं | ये कथाएँ किसी समाज/जाति/संप्रदाय/सभ्यता के किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की होती हैं या केवल आम कथाएँ किसी सामान्य व्यक्ति की | इन कथाओं का मुख्य उद्देश्य सभ्यता /समाज के ज्ञान, समझ, नैतिक मूल्यों और जानकारी को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे पहुंचाना होता है | हर देश में अलग अलग तरह की लोक कथाएँ मौजूद हैं जिनसे ज्ञान और समझ को आगे बढ़ाया जाता है, चूंकि हर प्रदेश का वातावरण, बौद्धिक विकास,और पर्यावरण अलग अलग होता है अतः उसी प्रकार से उन कथाओं में बदलाव समभाव है | कई बार एक ही तरह की कथाएँ अलग अलग क्षेत्र में अलग अलग नामों से भी प्रचलित हो जाती है, क्यूकी कई यात्री वे कथाएँ अपने सुनकर समझकर अपने साथ ले जाते हैं और अपने समाज में पहुँचकर उसे अपने आम बोलचाल के तरीके से प्रदर्शित करते हैं, जिससे की एक ही कहाँ अलग अलग क्षेत्रों में मिलती है | .

नई!!: तिलिस्म-ए-होशरुबा और लोक कथा · और देखें »

हिन्दुस्तानी भाषा

150px हिन्दुस्तानी (नस्तलीक़: ہندوستانی, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि: / hindustɑːniː /) भाषा हिन्दी और उर्दू का एकीकृत रूप है। ये हिन्दी और उर्दू, दोनो के बोलचाल की भाषा है। इसमें संस्कृत के तत्सम शब्द और अरबी-फ़ारसी के उधार लिये गये शब्द, दोनों कम होते हैं। यही हिन्दी और उर्दू का वह रूप है जो भारत की जनता रोज़मर्रा के जीवन में उपयोग करती है और हिन्दी सिनेमा इसी पर आधारित है। ये हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार की हिन्द आर्य शाखा में आती है। ये देवनागरी या फ़ारसी-अरबी, किसी भी लिपि में लिखी जा सकती है। .

नई!!: तिलिस्म-ए-होशरुबा और हिन्दुस्तानी भाषा · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »