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तार्किक वस्तुनिष्ठावाद

सूची तार्किक वस्तुनिष्ठावाद

तार्किक प्रत्यक्षवाद (या तार्किक वस्तुनिष्ठावाद या तार्किक भाववाद / logical positivism) ह्यूम के अनुभववाद, कॉन्त के वस्तुनिष्ठावाद तथा ह्वाइटहेड रसेल के तार्किक विश्लेषण का विचित्र सम्मिश्रण है। विज्ञानों को निरापद आधारप्रदान तथा अतींद्रिय तत्वविज्ञान की निरर्थकता के युगल उद्देश्यों की पूर्ति के हेतु वह भाषा के तार्किक विश्लेषण की विधि अपनाता है जिससे यह परंपरागत मनोवैज्ञानिक विश्लेषण का परित्याग कर देता है। सत्यापन की प्रक्रिया को ही किसी प्रस्तावना का अर्थ मानकर तार्किक वस्तुनिष्ठावादी परंपरागत दार्शनिक प्रश्नों को निरर्थक मानते हैं क्योंकि इस नवीन व्याख्या के अनुसार इंद्रियातीत विषयों से संबंधित होने के कारण वे कोई अर्थ नहीं रखते। उद्गमन को "कार्य करने का नियम" तथा वैज्ञानिक नियमों को "एकवचनीय प्रस्तावनाओं की योजनाएँ" मानकर तार्किक अनुभववादी विज्ञान का वह संगत चित्र प्रस्तुत करता है जिसके अनुसार तत्ववैज्ञानिक परिकल्पनाएँ पूर्णतया बहिष्कृत हैं। .

2 संबंधों: वस्तुनिष्ठावाद, अनुभववाद

वस्तुनिष्ठावाद

वस्तुनिष्ठावाद, पॉजिटिविज्म (Positivism) का हिन्दीकरण है। फ्रांसीसी शब्द "पाजिटिफ्" से उद्भूत पॉजिटिविज्म "निश्चित", असंदिग्ध" एवं "दृढ़तापूर्वक कहे जाने" के अर्थ में प्रयुक्त होता है। यह अनुभवातीत तत्व वैज्ञानिक अटकलों तथा पूर्व धारणाओं का परित्याग कर अनुभवप्रदत्तों तक सीमित रह सभी अनुभववादी दर्शनों पर लागू होता है। कॉन्त (Comte) ने यह पद विचार तथा जीवन की उस प्रणाली के लिए चुना था जो ज्ञान को केवल यथार्थ भौतिक घटनाओं की खोजों तथा विधियों पर आधारित मानती है परंतु विभिन्न संदर्भों में प्रयुक्त होकर "वस्तुनिष्ठावाद" यथार्थ, निश्चित एवं शुद्ध के अतिरिक्त उपयोगी, सापेक्ष, नियमबद्ध तथा सहानुभूतिपूर्ण भी बन गया। .

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अनुभववाद

अनुभववाद (एंपिरिसिज्म) एक दार्शनिक सिद्धांत है जिसमें इंदियों को ज्ञान का माध्यम माना जाता है और जिसका मनोविज्ञान के संवेदनवाद (सेंसेशनलिज़्म) का विकास अनुभववाद में हुआ। इस वाद के अनुसार प्रत्यक्षीकरण संवेदनाओं और प्रतिमाओं का साहचर्य हैं। हॉब्स और लॉक की परंपरा के अनूभववादियों ने स्थापना की कि मन स्थिति जन्मजात न होकर अनुभवजन्य होती हैं। बर्कले ने प्रथम बार यह प्रमाणित करने का प्रयास किया कि मूलत: अनुभव में स्पर्श और दृश्य संस्कारों के साथ सहचरित हो जानेवाले पदार्थों की गति का प्रत्यक्ष आधारित रहता हैं। अनुभववाद के प्रमुख समथर्क हॉक, बर्कले, ह्मम तथा हार्टले हैं। फ्रांस मे कांडीलिक, लामेट्री और बीने, स्काटलैंड में रीड,डेविड ह्यूम और थामस ब्राउन तथा इंग्लैड में जेम्स मिल,जान स्टूअर्ट मिल एवं बेन का समर्थन इस वाद को मिला। सर चार्ल्स बुल, जोहनेस मिलर, हैलर, लॉट्ज और वुंट इत्यादि उन्नीसवीं शती के दैहिक मनोवैज्ञानिकों ने अनुभववाद को दैहिकी रूप प्रदान किया। अंतत: शरीरवेत्ताओं की दैहिकी व्याख्या और दार्शनिकों के संवेदनात्मक मनोविज्ञान का समन्वय हो गया। इस समन्वय का प्रतिनिधित्व ब्राउन, लॉट्ज, हेल्महोलत्ज तथा वुंट का अनुभववादी मनोविज्ञान करता है जिसमें सहजज्ञानवाद का स्पष्ट खंडन है। बीसवीं शताब्दी के मनोविज्ञान में प्राकृत बोधवाद तथा अनुभववाद की समस्याएँ नहीं है। प्राकृत बोधवाद की समस्या ने घटना-क्रिया-विज्ञान (फिनॉमिनॉलॉजी) एवं अनुभववाद मं व्यवहारवाद (बिहेवियरिज़्म) तथा संक्रियावाद (आपरेशनिज्म) का रूप ले लिया हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

तार्किक प्रत्यक्षवाद, तार्किक भाववाद

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