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तकनीकी अनुवाद

सूची तकनीकी अनुवाद

तकनीकी अनुवाद (Technical translation) एक विशेष प्रकार का अनुवाद है जिसमें तकनीकी विषयों से सम्बन्धित दस्तावेजों का अनुवाद करना होता है। उदाहरण के लिये स्वामी का मनुअल (owner's manuals), प्रयोक्ता मार्गदर्शिका (user guides) आदि। इसमें ककनीकी विषयों के शोधपत्र, तकनीकी पुस्तकों का अनुवाद आदि भी सम्मिलित है। इस प्रकार के अनुवाद की मुख्य विशेषता इसमें विशिष्ट पारिभाषिक शब्दावली का होना है। इसके अतिरिक्त सम्बन्धित विषय की जानकारी भी वांछित है अन्यथा कई जगह अर्थ का अनर्थ हो सकता है। तकनीकी अनुवाद के लिये अनुवाद स्मृति (ट्रांसलेशन मेमोरी) बहुत उपयोगी है क्योंकि इसमें प्रयुक्त शब्दावली सीमित होती है, दोहरायी गयी होती है, तथा उसमें एकरूपता (कांसिस्टेन्सी) होती है। तकनीकी अनुवाद का तकनीकी संचार से घनिष्ट सम्बन्ध है। श्रेणी:तकनीकी संचार श्रेणी:अनुवाद.

3 संबंधों: तकनीकी संचार, अनुवाद, अनुवाद स्मृति

तकनीकी संचार

तकनीकी संचार (Technical communication) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा लिखकर, बोलकर, या अन्य तरीके से तकनीकी जानकारी संप्रेषित की जाती है। .

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अनुवाद

किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। अनुवाद का कार्य बहुत पुराने समय से होता आया है। संस्कृत में 'अनुवाद' शब्द का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराए जाने, पुनः कथन, समर्थन के लिए प्रयुक्त कथन, आवृत्ति जैसे कई संदर्भों में किया गया है। संस्कृत के ’वद्‘ धातु से ’अनुवाद‘ शब्द का निर्माण हुआ है। ’वद्‘ का अर्थ है बोलना। ’वद्‘ धातु में 'अ' प्रत्यय जोड़ देने पर भाववाचक संज्ञा में इसका परिवर्तित रूप है 'वाद' जिसका अर्थ है- 'कहने की क्रिया' या 'कही हुई बात'। 'वाद' में 'अनु' उपसर्ग उपसर्ग जोड़कर 'अनुवाद' शब्द बना है, जिसका अर्थ है, प्राप्त कथन को पुनः कहना। इसका प्रयोग पहली बार मोनियर विलियम्स ने अँग्रेजी शब्द टांंसलेशन (translation) के पर्याय के रूप में किया। इसके बाद ही 'अनुवाद' शब्द का प्रयोग एक भाषा में किसी के द्वारा प्रस्तुत की गई सामग्री की दूसरी भाषा में पुनः प्रस्तुति के संदर्भ में किया गया। वास्तव में अनुवाद भाषा के इन्द्रधनुषी रूप की पहचान का समर्थतम मार्ग है। अनुवाद की अनिवार्यता को किसी भाषा की समृद्धि का शोर मचा कर टाला नहीं जा सकता और न अनुवाद की बहुकोणीय उपयोगिता से इन्कार किया जा सकता है। ज्त्।छैस्।ज्प्व्छ के पर्यायस्वरूप ’अनुवाद‘ शब्द का स्वीकृत अर्थ है, एक भाषा की विचार सामग्री को दूसरी भाषा में पहुँचना। अनुवाद के लिए हिंदी में 'उल्था' का प्रचलन भी है।अँग्रेजी में TRANSLATION के साथ ही TRANSCRIPTION का प्रचलन भी है, जिसे हिंदी में 'लिप्यन्तरण' कहा जाता है। अनुवाद और लिप्यंतरण का अंतर इस उदाहरण से स्पष्ट है- इससे स्पष्ट है कि 'अनुवाद' में हिंदी वाक्य को अँग्रेजी में प्रस्तुत किया गया है जबकि लिप्यंतरण में नागरी लिपि में लिखी गयी बात को मात्र रोमन लिपि में रख दिया गया है। अनुवाद के लिए 'भाषांतर' और 'रूपांतर' का प्रयोग भी किया जाता रहा है। लेकिन अब इन दोनों ही शब्दों के नए अर्थ और उपयोग प्रचलित हैं। 'भाषांतर' और 'रूपांतर' का प्रयोग अँग्रेजी के INTERPRETATION शब्द के पर्याय-स्वरूप होता है, जिसका अर्थ है दो व्यक्तियों के बीच भाषिक संपर्क स्थापित करना। कन्नडभाषी व्यक्ति और असमियाभाषी व्यक्ति के बीच की भाषिक दूरी को भाषांतरण के द्वारा ही दूर किया जाता है। 'रूपांतर' शब्द इन दिनों प्रायः किसी एक विधा की रचना की अन्य विधा में प्रस्तुति के लिए प्रयुक्त है। जैस, प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' का रूपांतरण 'होरी' नाटक के रूप में किया गया है। किसी भाषा में अभिव्यक्त विचारों को दूसरी भाषा में यथावत् प्रस्तुत करना अनुवाद है। इस विशेष अर्थ में ही 'अनुवाद' शब्द का अभिप्राय सुनिश्चित है। जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है, वह मूलभाषा या स्रोतभाषा है। उससे जिस नई भाषा में अनुवाद करना है, वह 'प्रस्तुत भाषा' या 'लक्ष्य भाषा' है। इस तरह, स्रोत भाषा में प्रस्तुत भाव या विचार को बिना किसी परिवर्तन के लक्ष्यभाषा में प्रस्तुत करना ही अनुवाद है।ज .

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अनुवाद स्मृति

अनुवाद स्मृति (translation memory, or TM) एक डेटाबेस है जिसमें स्रोत भाषा के किसी खण्ड (वाक्यांश, वाक्य, मुहावरा, अनुच्छेद आदि) के संगत लक्ष्य भाषा का खण्ड भण्डारित रहता है। स्रोत भाषा एवं लक्ष्य भाषा के ये युग्म पहले से मानव अनुवादकों द्वारा तैयार किये गये होते हैं। अनुवाद स्मृति में शब्द और उसका अनुवाद नहीं भण्डारित किया जाता बल्कि ये अनुवाद शब्दावली में दिये गये होते हैं। अनुवाद-स्मृति का उपयोग मानव अनुवादकों की सहायता करने के लिये किया जाता है। अनुवाद-स्मृति का प्रयोग आमतौर पर कम्प्यूटर सहायित अनुवाद (CAT), शब्द संसाधक प्रोग्रामों, शब्दावली-प्रबन्धन प्रणालियों, बहुभाषी शब्दकोशों तथा 'कच्चे' मशीनी अनुवाद के साथ मिलकर किया जाता है (न कि अकेले)।;उदाहरण अनुवाद-स्मृति में "Don't loose temper" के लिये "क्रोधित मत हो" तथा "Do come tomorrow" के लिये "कल जरूर आना" संचित किया जा सकता है। किसी बड़े टेक्स्ट (पाठ) का अनुवाद करते समय मशीन देखती है कि इसका कोई अंश (या उससे मिलता-जुलता खण्ड) अनुवाद-स्मृति में मौजूद है या नहीं। यदि है तो यह स्मृति से ले लिया जाता है और माना जाता है कि अनुवाद शत-प्रतिशत शुद्ध हो गया। जो खण्ड स्मृति में नहीं पाये जाते उन्हें अन्य विधि का सहारा लेते हुए अनुवाद किया जाता है। वे प्रोग्राम जो 'अनुवाद स्मृति' फाइल के निर्माण, उसको व्यवस्थित करने, उसमें नये अनुवाद-युग्म जोडने, अनुवाद-युग्म हटाने, एक प्रकार की अनुवाद-स्मृति फाइल को दूसरे प्रकार में बदलने आदि का कार्य करते हैं उन्हें अनुवाद स्मृति प्रबन्धक (translation memory managers या TMM) कहते हैं। .

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