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डोमेन नाम प्रणाली

सूची डोमेन नाम प्रणाली

डोमेन नाम प्रणाली (DNS) कंप्यूटर, सेवाओं, या किसी इंटरनेट या एक निजी नेटवर्क से जुड़े संसाधन के लिए एक क्रमिक नामकरण प्रणाली है। यह प्रतिभागी को दिए गये डोमेन नाम के साथ विभिन्न जानकारी एकत्रित करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मनुष्यों के लिए अर्थपूर्ण डोमेन नामों को पूरी दुनिया में इन उपकरणों को पहचानने तथा संबोधित करने के प्रयोजन से नेटवर्किंग उपकरणों के साथ जुड़ी संख्यात्मक (बाईनरी) पहचान में बदल देती है। डोमेन नाम प्रणाली के बारे में अक्सर प्रयुक्त होने वाली कहावत यह है कि यह इंटरनेट के लिए "फ़ोन बुक" के रूप में मनुष्यों के अनुकूल कंप्यूटर होस्टनाम का आईपी एड्रेस के रूप में अनुवाद करती है। उदाहरण के लिए, www.example.com अनुवाद के बाद 208.77.188.166 हो जाता है। डोमेन नाम प्रणाली इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के समूह के लिए एक अर्थपूर्ण ढंग से डोमेन नाम निर्दिष्ट करना संभव बनाती है चाहे उपयोगकर्ता किसी भी स्थान पर हो। इस वजह से वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) के हाईपरलिंक्स की और इंटरनेट संपर्क की जानकारी निरंतर तथा तटस्थ बनी रहती है चाहे वर्तमान इंटरनेट रूटिंग व्यवस्था में परिवर्तन हो जाए या उपयोगकर्ता मोबाइल उपकरण का प्रयोग करे.

15 संबंधों: टिप्पणियों के लिए अनुरोध, ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल, डोमेन नाम रजिस्ट्रार, प-पत्र, प्राइवेट (निजी) नेटवर्क, प्रोटोकॉल, फिशिंग, यूनिकोड, शीर्ष-स्तर डोमेन, सम स्रोत निर्धारक (स्रोनि), वृक्ष, वेब ब्राउज़र, इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर, अनुरोध (1977 फ़िल्म), अंतरजाल

टिप्पणियों के लिए अनुरोध

कंप्यूटर नेटवर्क इंजीनियरिंग में, टिप्पणियों के लिए अनुरोध (RFC) इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (IETF) द्वारा प्रकाशित ज्ञापन है, जो इंटरनेट और इंटरनेट-संबंधी प्रणालियों के कार्य पर लागू विधि, व्यवहार, अनुसंधान, या अभिनव परिवर्तनों को वर्णित करता है। इंटरनेट सोसाइटी के माध्यम से इंजीनियर और कंप्यूटर वैज्ञानिक, सहकर्मी समीक्षा या केवल नई अवधारणाओं, सूचना या (कभी-कभी) इंजनीयरी हास्य सूचित करने के लिए, एक RFC के रूप में वार्ता प्रकाशित कर सकते हैं। IETF, RFC के रूप में प्रकाशित कुछ प्रस्तावों को इंटरनेट मानकों के रूप में अपनाता है। .

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ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल अर्थात Transmission Control Protocol (TCP) इंटरनेट कई नेटवर्क का जाल होता है। इस नेटवर्क से कई प्रकार के कम्पयुटर जुडे़ होते है। इन सभी को जोड़ने के लिय कुछ नियम से बने कंट्रोल प्रोटोकॉल होते है, जिसके माधय्म से सारे कम्पयुटर एक दुसरे के भाषा को समझ सके। उधारण के तौर पर किसी मेल को भेजने के लिये इसका फोर्मेट क्या हो, इसके लिये भी एक कंट्रोल प्रोटोकॉल होता है। सभी इंटरनेट मेल प्रोग्राम इस ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल को मानने के लिए बाध्य होते है। वर्तमान समय मे सैकडो़ प्रोटोकॉल को सामुहिक रूप से ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) या इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) का नाम दिया गया है।.

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डोमेन नाम रजिस्ट्रार

एक डोमेन नाम रजिस्ट्रार एक संगठन या वाणिज्यिक संस्था है, जो एक (gTLD) और / या एक से (ccTLD) रजिस्ट्री द्वारा मान्यता प्राप्त है, डोमेन नाम रजिस्ट्रार इंटरनेट डोमेन नाम के आरक्षण का प्रबंधन दिशा निर्देशों के अनुसार निर्दिष्ट करता है और जनता को यह सेवा प्रदान करता है।.

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प-पत्र

एक ई-मेल परमाणु पत्र (प-पत्र) ईमेल इलॅक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है। यह संगणक द्वारा अंतरजाल के माध्यम से पत्र भेजने का एक तरीका है। एक ईमेल को भेजने के लिए एक ईमेल पते की आवश्यकता होती है जो यूजर-नेम आैर डोमेन नेम से मिल कर बना होता है | आमतौर इण्टरनेट पर कई मुफ्त ईमेल सेवायें उपलब्ध हैं और जिस प्रकार एक ईमेल को कंप्यूटर से भेजा जाता है उसी प्रकार से एक ईमेल को स्मार्टफ़ोन से भी भेजा जा सकता है | .

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प्राइवेट (निजी) नेटवर्क

इंटरनेट संबंधी पतों की संरचना में, प्राइवेट नेटवर्क एक ऐसा नेटवर्क है जो आरएफसी 1918 और आरएफसी 4193 द्वारा निर्धारित मानकों का अनुसरण करते हुए प्राइवेट आईपी एड्रेस स्पेस का इस्तेमाल करता है। जब वैश्विक मार्ग से भेजे जाने योग्य पतों की अनिवार्यता नहीं होती है या फिर ये अपेक्षित नेटवर्क अनुप्रयोगों के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं तो इन पतों का इस्तेमाल आम तौर पर घर, कार्यालय और उद्यम के लोकल एरिया नेटवर्कों (लैन) के लिए किया जाता है। प्राइवेट आईपी पतों के स्थानों को मूल रूप से आईपीवी4 (IPv4) पतों के शून्यीकरण को विलंबित करने के एक प्रयास में परिभाषित किया गया था लेकिन इन्हें अगली पीढ़ी के इंटरनेट प्रोटोकोल, आईपीवी6 (IPv6) में भी देखा जा सकता है। इन पतों को प्राइवेट के रूप में इसलिए परिभाषित किया जाता है क्योंकि इन्हें वैश्विक स्तर पर नहीं दिया गया है, मतलब यह कि इन्हें किसी विशिष्ट संगठन को आवंटित नहीं किया जाता है और इनके द्वारा संबोधित आईपी पैकेटों को सार्वजनिक इंटरनेट पर प्रसारित नहीं किया जाता है। इन पतों का इस्तेमाल कोई भी रीजनल इंटरनेट रजिस्ट्री (आरआईआर) से स्वीकृति के बगैर कर सकता है। अगर इस तरह के प्राइवेट नेटवर्क को इंटरनेट से जोड़ने की जरूरत होती है तो इसके लिए या तो एक नेटवर्क पता अनुवादक (एनएटी) गेटवे या फिर एक प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। .

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प्रोटोकॉल

कोई विवरण नहीं।

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फिशिंग

जिस प्रकार मछली पकडने के लिये कॉटे में चारा लगाकर डाला जाता है और चारा खाने के लालच या धोखे में आकर मछली कॉटें में फंस जाती है। उसी प्रकार फ़िशिंग भी हैकर्स द्वारा इन्‍टरनेट पर नकली वेबसाइट  या ईमेल के माध्‍यम से इन्‍टरनेट यूजर्स के साथ की गयी धोखेबाजी को कहते हैं। जिसमें वह आपकी निजी जानकारी को धोखेबाजी  के माध्‍यम से चुरा लेते हैं और उसका गलत उपयोग करते हैं  इलेक्ट्रॉनिक संचार में फ़िशिंग या फिशिंग (अंग्रेजी:Phishing) या इलेक्ट्रोनिक जालसाज़ी, एक ऐसा कार्य है जिसमें किसी विश्वसनीय इकाई का मुखौटा धारण कर उपयोगकर्ता नाम (प्रयोक्ता नाम), पासवर्ड (कूटशब्द) और क्रेडिट कार्ड का विवरण (और कभी-कभी, परोक्ष रूप से, पैसा) जैसी विभिन्न जानकारियां हासिल करने का प्रयास किया जाता है। अशंकित जनता को लुभाने के लिए यह संचार आमतौर पर, लोकप्रिय सामाजिक वेब साइटों, नीलामी साइटों, बैंकों, ऑनलाइन भुगतान प्रोसेसर या आईटी प्रशासकों के नाम पर किया जाता है। आमतौर पर फ़िशिंग ईमेल स्पूफिंग या त्वरित संदेश द्वारा किया जाता है और अक्सर उपयोगकर्ताओं को एक नकली वेबसाइट जिसका रूप और अनुभव बिल्कुल असली वेबसाइट (वैध वेबसाइट) के समान होता है पर, अपने विवरण दर्ज करने के लिए निर्देशित किया जाता है। फ़िशिंग ईमेलों में मैलवेयर से संक्रमित वेबसाइटों की कड़ियां हो सकती हैं। फ़िशिंग सामाजिक इंजीनियरिंग तकनीक का एक उदाहरण है जिसका इस्तेमाल कर वर्तमान वेब सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के घटिया प्रयोज्य का लाभ उठाते हुए उपयोगकर्ताओं को धोखा दिया जाता है। फ़िशिंग की घटनाओं की संख्या में हुई वृद्धि को देखते हुए और इन पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न उपाय जैसे कि इनके विरुद्ध कानून, उपयोगकर्ता प्रशिक्षण, सार्वजनिक जागरूकता और तकनीकी सुरक्षा को सुदृढ़ करना आदि को अपनाया जा रहा है। फ़िशिंग तकनीक को 1987 में विस्तार से वर्णित किया गया था और फ़िशिंग शब्द का पहला दर्ज उपयोग 1995 में ए एस टी कंप्यूटर्स के जेसन शान्नोन द्वारा किया गया था। .

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यूनिकोड

यूनिकोड का प्रतीक-चिह्न यूनिकोड (Unicode), प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष संख्या प्रदान करता है, चाहे कोई भी कम्प्यूटर प्लेटफॉर्म, प्रोग्राम अथवा कोई भी भाषा हो। यूनिकोड स्टैंडर्ड को एपल, एच.पी., आई.बी.एम., जस्ट सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सैप, सन, साईबेस, यूनिसिस जैसी उद्योग की प्रमुख कम्पनियों और कई अन्य ने अपनाया है। यूनिकोड की आवश्यकता आधुनिक मानदंडों, जैसे एक्स.एम.एल, जावा, एकमा स्क्रिप्ट (जावास्क्रिप्ट), एल.डी.ए.पी., कोर्बा 3.0, डब्ल्यू.एम.एल के लिए होती है और यह आई.एस.ओ/आई.ई.सी. 10646 को लागू करने का अधिकारिक तरीका है। यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड की उत्पति और इसके सहायक उपकरणों की उपलब्धता, हाल ही के अति महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी रुझानों में से हैं। यूनिकोड को ग्राहक-सर्वर अथवा बहु-आयामी उपकरणों और वेबसाइटों में शामिल करने से, परंपरागत उपकरणों के प्रयोग की अपेक्षा खर्च में अत्यधिक बचत होती है। यूनिकोड से एक ऐसा अकेला सॉफ्टवेयर उत्पाद अथवा अकेला वेबसाइट मिल जाता है, जिसे री-इंजीनियरिंग के बिना विभिन्न प्लेटफॉर्मों, भाषाओं और देशों में उपयोग किया जा सकता है। इससे आँकड़ों को बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है। .

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शीर्ष-स्तर डोमेन

उच्चतम डोमेन (Top-level domain) या टी॰ऍल॰डी॰ (TLD) इन्टरनेट की डोमेन नाम प्रणाली में सबसे ऊँचे स्तर की डोमेन को कहा जाता है, जो इन्टरनेट पतों में आम तौर से अंत में लगती है, जैसे कि '.com' या '.edu'।, Request for Comments, Jon Postel, Network Working Group, Accessed 2011-02-07,...

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सम स्रोत निर्धारक (स्रोनि)

यू.आर.एल एवं यू आर एन के बीच का संबंध। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सम स्रोत निर्धारक (स्रोनि) (युनिफॉर्म रिसोर्स लोकेशन) युनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (यू आर आई) का एक सबसेट होता है, जिससे ये ज्ञात होता है, कि एक आइडेन्टिफाइड रिसोर्स एवं उसे पुनर्प्राप्त करने का तरीका कहाँ उपलब्ध है। प्रचलित अनुप्रयोगों एवं कई तकनीकी दस्तावेजों एवं मौखिक चर्चाओं में इसे प्रायः गलत रूप में स्रोनि (यू.आर.आई) के समानार्थी रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका सर्वज्ञात उदाहरण विश्वव्यापी वेब पर किसी जालपृष्ठ का पता होता है। .

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वृक्ष

fdgfdf c/xdfffffgfg/ffggg एक वृक्ष वृक्ष का सामान्य अर्थ ऐसे पौधे से होता है जिसमें शाखाएँ निकली हों, जो कम से कम दो-वर्ष तक जीवित रहे, जिससे लकड़ी प्राप्त हो। वृक्ष की एक जड़ होती है जो प्रायः ज़मीन के अन्दर में होती है, तथा जड़ से निकलकर तना तथा पत्तियां हवा में रहते हैं। यह प्रदूषण कम करने में कारगर सिद्ध हुआ है। पर लकड़ियो तथा ज़मीन की आवश्यकताओं के कारण लोग इसे काटते जा रहे हैं। .

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वेब ब्राउज़र

deepak kumar parteti 4580551मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स, एक बहुत प्रयुक्त होता वेब ब्राउज़र वेब ब्राउज़र एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है, जो की विश्वव्यापी वेब या स्थानीय सर्वर पर उपलब्ध लेख, छवियों, चल-छित्रों, संगीत और अन्य जानकारियों इत्यादि को देखने तथा अन्य इन्टरनेट सुविधाओं के प्रयोग करने मैं प्रयुक्त होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।।४ नवंबर, २००९ वेब पृष्ठ एच.टी.एम.एल. नामक कंप्यूटर भाषा मैं लिखे जाते है, तथा वेब ब्राउजर उन एच.टी.एम.एल. पृष्ठों को उपभोक्ता के कंप्यूटर पर दर्शाता है। व्यक्तिगत कंप्यूटरों पर प्रयोग होने वाले कुछ मुख्य वेब ब्राउजर हैं इन्टरनेट एक्स्प्लोरर, मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स,सफारी, ऑपेरा, फ्लॉक और गूगल क्रोम, इत्यादि है जबकी वेब ब्राउजरो के स्मार्टफोन संस्करण एच.टी.एम.एल. पृष्ठों को उपभोक्ता के मोबाइल पर दर्शाने मे सहायता करते है प्रत्येक कंप्यूटर एक प्रचालन तंत्र का समर्थन करता है, किसी के सिस्टम में विंडोज, तो किसी में लाइनक्स या यूनिक्स होता है। प्रत्येक व्यक्ति और कंपनी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्रचालन तंत्र स्थापित करते हैं। प्रत्येक प्रचालन तंत्र की प्रोग्रामिंग अलग होती है और प्रकार्य भी अलग होते हैं। इंटरनेट के आरंभिक काल में प्रचालन तंत्र का अलग-अलग होना एक बड़ी समस्या थी। अलग प्रचालन तंत्र होने के कारण एक प्रचालन तंत्र को दूसरे से संचार के लिए समस्याएं आने लगीं। इस दौर में ऐसी भाषा की अत्यावश्यकता महसूस की जाने लगी, जो सभी प्रचालन तंत्रों के लिए समान हो। ऐसे में सूचना के आदान-प्रदान के लिए सर्वमान्य प्रोग्रामन भाषा एचटीएमएल (हाइपर टेक्सट मार्क अप लैंग्वेज) आई। इसकी प्रोग्रामिंग और प्रकार्य ऐसा बनाया गया, जो वेब ब्राउजर को समझ में आए। प्रत्येक वेबब्राउजर एचटीएमएल प्रोग्रामन भाषा को समझता है। आरंभ के दिनों के कई ब्राउजर सिर्फ एचटीएमल का समर्थन सपोर्ट करते थे, लेकिन वर्तमान में ब्राउजर एचटीएमएल जैसी दूसरी प्रोग्रामन भाषाओं जैसे कि एक्सएचटीएमएल, आदि को भी को सपोर्ट करने लगे। सन १९९१ में टिम बर्नर ली ने कई तकनीकों के संयुक्त प्रयोग से मिलाकर वेब ब्राउजर की नींव रखी थी। इस वेब ब्राउजर का नाम वर्ल्ड वाइड वेब रखा गया था, जिसे लघुनाम में डब्ल्यु.डब्ल्यु.डब्ल्यु भी कहते हैं। पृष्ठको यूआरएल (यूनीफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) के रूप में लोकेट किया जाता है और यही यू.आर.एल वेब पते के तौर पर जाना जाता है। इस वेब पते का आरंभ अंग्रेज़ी के अक्षर-समूह एच टी टी पी से होता है। कई ब्राउजर एचटीटीपी के अलावा दूसरे यूआरएल टाइप और उनके प्रोटोकॉल जैसे गोफर, एफटीपी आदि को सपोर्ट करते हैं। .

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इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर

विण्डोज़ इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर (पूर्व नाम:माइक्रोसॉफ्ट इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर, लघुनाम; ऍम॰ ऍस॰ आइ॰ ई॰ या आइ॰ ई॰) ग्राफ़िकल वेब ब्राउज़रों की एक श्रेणी है, जिसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने किया है। यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा १९९५ से जारी व चालू विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम लाइन का एक सॉफ्टवेयर है। १९९९ से बहुप्रचलित ये ब्राउज़र २००२-०३ के बीच प्रयोग का ९५% प्रतिशत श्रेय लेता रहा है। उस समय आइ॰ ई॰-५ एवं आइ॰ ई॰-६ प्रचलन में रहे थे। इंटरनेट एक्स्प्लोरर-८ विंडोज़ विस्ता में इंटरनेट एक्स्प्लोरर माइक्रोसोफ्ट का वेब ब्राउज़र है। हाल ही में इसका लॉन्च किया गया नया संस्करण आई.ई-८ है। माइक्रोसोफ्ट के अनुसार यह अब तक का सर्वोत्तम ब्राउज़र है।। तरकश। २८ मार्च,२००९ नया आईई पुराने संस्करणों से ४०% तेजी से खुलता है। यह पन्नों को तेजी से रेंडर करता है और वीडियो भी तेजी से चलाता है। गूगल के अनुसार भी यह ब्राउजर फायरफोक्स और क्रोम दोनों से तेज है। इसमें दो ऐसी सुविधाएँ जोडी गई हैं जिससे प्रयोक्ताओं को काफी सुरक्षा मिलती है। एक है क्रोस साइट फिशिंग, यानी कि आईई8 वेबपन्नों पर रखी गई हानिकारक स्क्रिप्ट की पहचान कर लेता है और ऐसे पन्नों को खोलता नहीं है, जिससे प्रयोक्ताओं के कंप्यूटर में ऐसी स्क्रिप्ट स्थापित नहीं हो पाती। दूसरी सुविधा है क्लिक-हाइजेकिंग, कई बार प्रयोक्ताओं को कोई बटन दिखाया जाता है जिसे दबाने पर नया पन्ना खुलेगा ऐसा बताया जाता है, परंतु वह वास्तव में हाइजैकिंग स्क्रिप्ट होती है जिससे कोई हानिकारक सक्रिप्ट कंप्यूटर में स्थापित हो जाती है। आईई8 ऐसी किसी भी स्क्रिप्ट को रोक देता है। आईई8 के टैब पेनल में भी बदलाव किये गए हैं। अब एक ही प्रकार की साइटें पास पास खुलती है और एक ही समूह की साइटों की टेब का रंग भी एक जैसा होता है जिससे प्रयोक्ताओं को टेब पन्नों को पहचानने में आसानी रहती है। इसके अलावा आईई 8 में एक विशेष सुविधा है एक्सीलरेटर। किसी भी वेबपेज के किसी भी शब्द को चुनने करने पर एक नीले रंग का बटन मिलता है जिसमें कई लिंक होते हैं जैसे कि गूगल मेप में ढूंढे, विकी पर देखें आदि। इससे प्रयोक्ता का समय बचता है। .

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अनुरोध (1977 फ़िल्म)

अनुरोध 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अंतरजाल

अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .

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