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डूरण्ड रेखा

सूची डूरण्ड रेखा

अफ़गानिस्तान -पाकिस्तान को बांटने वाली डूरण्ड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच २४३० किमी॰ लम्बी अन्तराष्ट्रीय सीमा का नाम डूरण्ड रेखा (Durand Line; पश्तो: د ډیورنډ کرښه‎) है। यह 'रेखा' १८९६ में एक समझौते के द्वारा स्वीकार की गयी थी। यह रेखा पश्तून जनजातीय क्षेत्र से होकर दक्षिण में बलोचिस्तान से बीच से होकर गुजरती है। इस प्रकार यह रेखा पश्तूनों और बलूचों को दो देशों में बाँटते हुए निकलती है। भूराजनैतिक तथा भूरणनीति की दृष्टि से डूरण्ड रेखा को विश्व की सबसे खतरनाक सीमा माना जाता है। अफगानिस्तन इस सीमा को अस्वीकार करता रहा है। अफ़्गानिस्तान चारों ओर से जमीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगी है, इसे डूरण्ड रेखा कहते हैं। यह 1893 में हिंदुकुश में स्थापित सीमा है, जो अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत के जनजातीय क्षेत्रों से उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों को रेखांकित करती हुयी गुजरती थी। आधुनिक काल में यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा है। .

12 संबंधों: पठान, पश्तो भाषा, पाकिस्तान, पंजाब क्षेत्र, बलूचिस्तान (पाकिस्तान), भारत, भूरणनीति, भूराजनीति, सिन्धु नदी, हिन्दु कुश, अफ़ग़ानिस्तान, अफ़्गानिस्तान के युद्ध

पठान

अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के नक़्शे में पश्तून क्षेत्र (नारंगी रंग में) ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान एक पश्तून थे अफ़्ग़ानिस्तान के ख़ोस्त प्रान्त में पश्तून बच्चे अमीर शेर अली ख़ान अपने पुत्र राजकुमार अब्दुल्लाह जान और सरदारों के साथ (सन् १८६९ ई में खींची गई) पश्तून, पख़्तून (पश्तो:, पश्ताना) या पठान (उर्दू) दक्षिण एशिया में बसने वाली एक लोक-जाति है। वे मुख्य रूप में अफ़्ग़ानिस्तान में हिन्दु कुश पर्वतों और पाकिस्तान में सिन्धु नदी के दरमियानी क्षेत्र में रहते हैं हालांकि पश्तून समुदाय अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के अन्य क्षेत्रों में भी रहते हैं। पश्तूनों की पहचान में पश्तो भाषा, पश्तूनवाली मर्यादा का पालन और किसी ज्ञात पश्तून क़बीले की सदस्यता शामिल हैं।, James William Spain, Mouton,...

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पश्तो भाषा

कोई विवरण नहीं।

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पंजाब क्षेत्र

पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। .

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बलूचिस्तान (पाकिस्तान)

बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी। यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भूरणनीति

भूरणनीति (Geostrategy), भूराजनीति का एक उपक्षेत्र है जो भूराजनीतिक कारकों से निर्धारित होने वाली एक प्रकार की विदेश नीति है। .

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भूराजनीति

प्रथम विश्व (नीला), द्वितीय विश्व (लाल), तृतीय विश्व (हरा) अन्तरराष्ट्रीय राजनीति तथा अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों पर भूगोल के प्रभावों का अध्ययन भूराजनीति (Geopolitics) कहलाती है। दूसरे शब्दों में, भूराजनीति, विदेश नीति के अध्ययन की वह विधि है जो भौगोलिक चरों के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय राजनैतिक गतिविधियों को समझने, उनकी व्याख्या करने और उनका अनुमान लगाने का कार्य करती है। 'भौगोलिक चर' के अन्तर्गत उस क्षेत्र का क्षेत्रफल, जलवायु, टोपोग्राफी, जनसांख्यिकी, प्राकृतिक संसाधन, तथा अनुप्रयुक्त विज्ञान आदि आते हैं। यह शब्द सबसे पहले रुडोल्फ ज़ेलेन ने सन् १८९९ में प्रयोग किया था। भूराजनीति का उद्देश्य राज्यों के मध्य संबंध एवं उनकी परस्पर स्थिति के भौगोलिक आयामों के प्रभाव का अध्ययन करना है। इसके अध्ययन के अनेक ऐतिहासिक चरण हैं, जैसे कि औपनिवेशिक काल में ब्रिटिश साम्राज्यवाद एवं रूसी ज़ारशाही के मध्य एशिया में प्रतिस्पर्धा, तदुपरांत शीत युद्ध काल में अमेरिकी साम्राज्यवाद व सोवियत संघ के मध्य स्पर्धा आदि ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जो कि भूराजनीति के महत्वपूर्ण चरण कहे जा सकते हैं। भूराजनीति के प्रमुख विचारकों में हेल्फोर्ड जॉन मैकिण्डर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उनका सन् १९०४ में छपा लेख द जियॉग्राफिकल पॉइवट ऑफ हिस्टरी, भूराजनीति के लेखन में एक अद्भुत मिसाल है। भूराजनीति प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के मध्य तीव्रता से प्रसिद्ध हुई, परंतु जर्मन विचारकों ने इसे स्वयं की साम्राज्यी महत्वाकांक्षाओं का स्रोत बना लिया, जिसके चलते यह अन्वेषी विचारधारा वदनाम हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसे लगभग नकार दिया गया। शीत युद्ध का ९० के दशक में चरम पर होना व ब्रजेंस्की जैसे विचारकों द्वारा इस चिंतन को पुनः मान्यता देना, भूराजनीति के लिए पुनर्जीवन का आधार साबित हुई। भूराजनीति के विकास क्रम में शीत युद्ध के अनेक चरणों का महत्व है, जैसे, क्युबा मिसाइल संकट (१९६२), १५ वर्षों तक चलने वाला वियतनाम युद्ध (१९७५), १० वर्षीय अफग़ानिस्तान गृह युद्ध (१९८९), बर्लिन दीवार व जर्मनी एकीकरण (१९८९) तथा सबसे महत्वपूर्ण सोवियत संघ का विघटन (१९८९)। भूराजनीति की अवधारणा की प्रबलता का संबंध १९वीं शताब्दी के अंत में साम्राज्यवाद में हो रहे गुणात्मक परिवर्तन से भी है। ब्रिटेन के भारत में अनुभव साम्राज्यवाद के अत्यंत महत्वपूर्ण अनुभवों में से एक थे। राजनैतिक शासन की सीमाएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी। तथा ब्रितानी सूरज अस्ताचल की ओर गतिमान था। इसका दूरगामी प्रभाव अफ्रीकी मुल्कों पर भी पङा, तथा अनेक देशों ने साम्राज्यवाद के विरुद्ध स्वतंत्रता प्राप्त की। भूराजनीति में इसके महत्व को इस प्रकार से समझा जा सकता है, कि भौगोलिक परिस्थितियों ने साम्राज्यवाद के विरुद्ध चेतना को प्रभावित किया, जैसे कि अफ्रीकी महाद्वीप में रंगभेद औपनिवेशवाद का घटक माना गया, तो दक्षिण एशिया में सांप्रदायिकता को उपनिवेशवाद की उपज माना गया। इस प्रकार महाद्वीपों में राष्ट्रों के निर्माण के बाद उनके महाद्वीपीय संबंध व अंतर-महाद्वीपीय संबंध उनके साम्राज्यवाद के विरुद्ध संघर्ष के अनुभवों से प्रभावित दिखे। एक और दृष्टिकोण इस संबंध में उद्धृत करना उचित रहेगा। भूराजनीति औपनिवेशिक शक्तियों के अनुभवों से जुङी विश्व व्यवस्था का दिशाबोध है, अतः इसका चिंतन प्रत्येक राष्ट्र के उपनिवेशकाल के अनुभवों का प्रतिबिंब है। भूराजनीति की एक अन्य महत्वपूर्ण अवधारणा ग्रेट गेम संकल्पना है। यह १९वीं शताब्दी की दो महान शक्तियों के टकराहट की एक रोचक संकल्पना है। ब्रिटेन का सर्वप्रिय उपनिवेश भारतीय उपमहाद्वीप था, उसके संसाधन को चुनौती को विफल करना उस समय ब्रिटेन की प्राथमिकता थी। यूरोपीय शक्तियों में नेपोलियन के नेतृत्व में फ्रांस एक चुनौती प्रतीत हुआ, परंतु यह अवतरित नहीं हो सकी। तत्पश्चात् रूस एक महाद्वीपीय शक्ति के रूप में प्रकट हुआ। यह उपनिवेशकाल के महत्वपूर्ण चरणों में से एक है, कि विश्व व्यवस्था के दो स्पष्ट आधार दिखाई देने लगे। एक व्यवस्था जो कि महासागरों द्वारा पृथ्वी के संसाधनों को नियंत्रित करने की थी, तो दूसरी व्यवस्था एशिया महाद्वीप में सर्वोच्चता के नवीन संघर्ष की ओर प्रवृत थी। औपनिवेशवाद एक ऐतिहासिक अनुभव है। परंतु राष्ट्रों के निर्माण की प्रक्रिया एवं उनके मध्य व्यवहार का निर्माण एक वैश्विक व्यवस्था को इंगित करती है। संबंधों की परिभाषा वर्गीय चेतना द्वारा निर्धारित होती है। यूरोपीय समाजों के अनुभव, व अन्य समाजों के अनुभवों में तुलनात्मक रूप से अधिक भिन्नता है। भूराजनीति का एक और महत्वपूर्ण आयाम शीत युद्ध है। शीत युद्ध काल में सोवियत संघ व संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य विचारधारा पर भीषण संघर्ष हुआ है। कम्यूनिझम या मार्क्सवाद की विचारधारा ने नवीन राष्ट्रों में अपनी पहचान बनाई, जिसके चलते पूँजीवादी देशों से टकराहट हुई। यह प्रतिद्वंदिता तीसरी दुनियाँ के देशों में भी फैलती गई। तथा भूराजनीति ऐसे समय में इन देशों को अपनी ओर खींचने की होङ के रूप में प्रकट हुई। इसके परिणाम सकारात्मक एवं नकारात्मक भी रहे। कुछ देशों ने इसे लाभ के अवसर के रूप में देखा, अतः वे अपने आर्थिक विकास के अवसरों को भुनाने लगे। जबकि कुछ देशों के लिए विघटन, युद्ध व अशांति का पर्याय बना। .

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सिन्धु नदी

पाकिस्तान में बहती सिन्घु सिन्धु नदी (Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 2880 किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु.

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हिन्दु कुश

हिन्दु कुश उत्तरी पाकिस्तान के विवादीत भाग से मध्य अफ़्ग़ानिस्तान तक विस्तृत एक ८०० किमी चलने वाली पर्वत शृंखला है। इसका सबसे ऊँचा पहाड़ पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले में स्थित ७,७०८ मीटर (२५,२८९ फ़ुट) लम्बा तिरिच मीर पर्वत है।, Michael Palin, Basil Pao, Macmillan, 2005, ISBN 978-0-312-34162-6,...

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

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अफ़्गानिस्तान के युद्ध

अफगानिस्तान में पिछले 150 सालों में कई लड़ाईया लड़ी गईं हैं -.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

डूरैंड रेखा, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र

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