लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ट्राइकोप्टेरा

सूची ट्राइकोप्टेरा

ट्राइकोप्टेरा (Trichoptera) या लोमपक्ष, कीटों का एक गण है, जिसमें रोम से आवृत शरीर और पंखवाले मँझोले कद के कीट सम्मिलित हैं। रोम की उपस्थिति इनको तितलियों से अलग करती है। इनमें चिबुकास्थि (mandible) नहीं होती, या लुप्तावशेष अवस्था में रहती है। जंबुक (maxillary) और लेबियल स्पर्शक (labial palpies) भली भाँति विकसित अवस्था में रहते हैं। आड़ी शिराओं से युक्त दो जोड़े झिल्लीमय पंख होते हैं, जो विश्राम की स्थिति में छतनुमा लगते हैं। एरूसिफाँर्म (Eruciform) लार्वे जलीय हैं और प्राय: पत्रों, काठ के टुकड़ों, रेत या कंकड़ से बने खोल में रहते हैं। इनका विशिष्ट लक्षणा यह है कि पिछले उदरीय खंड पर स्थिति दो सांकुश पूर्वपादों की सहायता से खोल से संबद्ध रहते हैं। ये इन पादों का उपयोग चारा पकड़ने में भी बहुत करते हैं। ये पानी में या पानी के निकट अंडे देते हैं। लार्वा शीघ्र ही बाह्य पदार्थ से अपने को ढँककर एक नली बन जाता है जिसके छोर पर उसका सिर निकला रहता है। यह उदर पर स्थित श्वासनलिका (Tracheal) क्लोम से साँस लेता है। शरीर की लहरदार गति के कारण खोल जलधारा में बहता है। लार्वा शाकभक्षी या मांसभक्षी दोनों हो सकता है। खोल के खुले भाग के सिल्क के ढँक जाने पर प्यूपीकरण प्राय: खोल के अंदर ही होता है। प्यूपा बड़ी चिबुकास्थि की सहायता से खेल से मुक्त होकर प्रौढ़ अवस्था में बाहर आता है। मुक्त प्यूपा उरोमध्य (mesothoracic) पाद से तैरकर तट पर आता है और कुछ ही समय बाद प्रोढ़ कीट बन जाता है। इस गण के प्रमुख सदस्य मई मक्खियाँ (Caddis flies), फ्रजेनिया (phrygania), लिम्नोफिलस (Limnophilus), और राइऐकोफिला (Rhyacophila) हैं। श्रेणी:ट्राइकोप्टेरा.

1 संबंध: तितली

तितली

तितली कीट वर्ग का सामान्य रूप से हर जगह पाया जानेवाला प्राणी है। यह बहुत सुन्दर तथा आकर्षक होती है। दिन के समय जब यह एक फूल से दूसरे फूल पर उड़ती है और मधुपान करती है तब इसके रंग-बिरंगे पंख बाहर दिखाई पड़ते हैं। इसके शरीर के मुख्य तीन भाग हैं सिर, वक्ष तथा उदर। इनके दो जोड़ी पंख तथा तीन जोड़ी सन्धियुक्त पैर होते हैं अतः यह एक कीट है। इसके सिर पर एक जोड़ी संयुक्त आँख होती हैं तथा मुँह में घड़ी के स्प्रिंग की तरह प्रोवोसिस नामक खोखली लम्बी सूँड़नुमा जीभ होती है जिससे यह फूलों का रस (नेक्टर) चूसती है। ये एन्टिना की मदद से किसी वस्तु एवं उसकी गंध का पता लगाती है। केरल में तितली तितली एकलिंगी प्राणी है अर्थात नर तथा मादा अलग-अलग होते हैं। मादा तितली अपने अण्डे पत्ती की निचली सतह पर देती है। अण्डे से कुछ दिनों बाद एक छोटा-सा कीट निकलता है जिसे कैटरपिलर लार्वा कहा जाता है। यह पौधे की पत्तियों को खाकर बड़ा होता है और फिर इसके चारों ओर कड़ा खोल बन जाता है। अब इसे प्यूपा कहा जाता है। कुछ समय बाद प्यूपा को तोड़कर उसमें से एक सुन्दर छोटी-सी तितली बाहर निकलती है। तितली का दिमाग़ बहुत तेज़ होता है। देखने, सूंघने, स्वाद चखने व उड़ने के अलावा जगह को पहचानने की इनमें अद्भुत क्षमता होती है। वयस्क होने पर आमतौर पर ये उस पौधे या पेड़ के तने पर वापस आती हैं, जहाँ इन्होंने अपना प्रारंभिक समय बिताया होता है। तितली का जीवनकाल बहुत छोटा होता है। ये ठोस भोजन नहीं खातीं, हालाँकि कुछ तितलियाँ फूलों का रस पीती हैं। दुनिया की सबसे तेज़ उड़ने वाली तितली मोनार्च है। यह एक घंटे में १७ मील की दूरी तय कर लेती है। कोस्टा रीका में तितलियों की १३०० से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। दुनिया की सबसे बड़ी तितली जायंट बर्डविंग है, जो सोलमन आईलैंड्स पर पाई जाती है। इस मादा तितली के पंखों का फैलाव १२ इंच से ज्यादा होता है। .

नई!!: ट्राइकोप्टेरा और तितली · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »