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आमू-पार

सूची आमू-पार

मध्य एशिया के इस नक़्शे में ट्रांसऑक्सेनिया (आमू-पार) क्षेत्र नामांकित है आमू-पार या ट्रांसऑक्सेनिया (अंग्रेजी: Transoxania) या फ़रा-रूद (फारसी) मध्य एशिया का वह इलाक़ा है जो आमू दरिया और सिर दरिया के बीच में स्थित है। इसके फ़ारसी नाम 'फ़रा-रूद' का मतलब है 'रूद' (नदी, यानी आमू नदी) से 'फ़रा' (पार)। इस इलाक़े में ख़ानाबदोश क़बीले रहा करते थे, जिनका भारत के इतिहास पर भी गहरा प्रभाव है। यह क्षेत्र उत्तरी रेशम मार्ग पर स्थित होने से हजारों सालों से संस्कृति और व्यापार की धारा में रहा है। यहाँ ईरान के सासानी साम्राज्य की एक सात्रापी थी और बाद में मंगोलों और तुर्की-मंगोलों का क्षेत्र रहा है। इसके मुख्य नगर ज़रफ़शान नदी के किनारे पर बसे बुख़ारा और समरक़न्द शहर हैं। आधुनिक राजनैतिक सीमाओं के हिसाब से आमू-पार क्षेत्र में उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किरगिज़स्तान और काज़ाख़स्तान​ के कुछ इलाक़े आते हैं।, Svatopluk Soucek, Cambridge University Press, 2000, ISBN 978-0-521-65704-4,...

21 संबंधों: ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, तुर्की-मंगोल, फ़ारसी भाषा, बंजारा, बुख़ारा, भारत, मध्य एशिया, मंगोल, समरक़न्द, सात्राप, सासानी साम्राज्य, सिर दरिया, ज़रफ़शान नदी, ईरान, आमू दरिया, किर्गिज़स्तान, कज़ाख़िस्तान, अंग्रेज़ी भाषा, उत्तरी रेशम मार्ग, उज़्बेकिस्तान

ताजिकिस्तान

अंतरिक्ष से ताजिकिस्तान का मंज़र ताज़िकिस्तान (ताजिक: Тоҷикистон,, तोजिकिस्तोन) मध्य एशिया मे स्थित एक देश है जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा (स्थलवेष्ठित) है। यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था और उस देश के विघटन के बाद सन् १९९१ में एक स्वतंत्र देश बना। १९९२-९७ के काल में गृहयुद्धों की मार झेल चुके इस देश की कूटनीतिक-भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। यह उज़बेकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, किर्गिज़स्तान तथा चीन के मध्य स्थित है। इसके अलावा पाकिस्तान के उत्तरी इलाके से इसे केवल अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त का पतला-सा वाख़ान गलियारा ही अलग करता है। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशानबे शहर है और यहाँ की भाषा को ताजिक कहा जाता है जो फ़ारसी भाषा का एक रूप माना जाता है। इस भाषा को सीरीलिक अक्षरों में लिखा जाता है जिसमें रूसी तथा कुछ अन्य भाषाएँ भी लिखी जाती हैं। .

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तुर्कमेनिस्तान

तुर्कमेनिस्तान (तुर्कमेनिया के नाम से भी जाना जाता है) मध्य एशिया में स्थित एक तुर्किक देश है। १९९१ तक तुर्कमेन सोवियत समाजवादी गणराज्य (तुर्कमेन SSR) के रूप में यह सोवियत संघ का एक घटक गणतंत्र था। इसकी सीमा दक्षिण पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ईरान, उत्तर पूर्व में उज़्बेकिस्तान, उत्तर पश्चिम में कज़ाख़िस्तान और पश्चिम में कैस्पियन सागर से मिलती है। 'तुर्कमेनिस्तान' नाम फारसी से आया है, जिसका अर्थ है, 'तुर्कों की भूमि'। देश की राजधानी अश्गाबात (अश्क़ाबाद) है। इसका हल्के तौर पर "प्यार का शहर" या "शहर जिसको मोहब्बत ने बनाया" के रूप में अनुवाद होता है। यह अरबी के शब्द 'इश्क़' और फारसी प्रत्यय 'आबाद' से मिलकर बना है।, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4,...

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तुर्की-मंगोल

मुग़ल आक्रमणों से पूर्व का यूरेशिया, क़रीब १२०० ईसवी की स्थिति तुर्की-मंगोल (Turco-Mongol) मध्य एशिया के स्तेपी इलाक़े में रहने वाले विविध ख़ानाबदोश लोगों को दिया जाने वाला नाम था जो मंगोल साम्राज्य के अधीन थे। समय के साथ-साथ उनकी भाषा और पहचान में गहरी तुर्की छाप आ गई।, Reuven Amitai-Preiss, Cambridge University Press, 2005, ISBN 978-0-521-52290-8,...

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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बंजारा

तिब्बत की लगभग ४०% आबादी खानाबदोश है। बंजारा या 'खानाबदोश' (Nomadic people) मानवों का ऐसा समुदाय है जो एक ही स्थान पर बसकर जीवन-यापन करने के बजाय एक स्थान से दूसरे स्थान पर निरन्तर भ्रमणशील रहता है। एक आकलन के अनुसार विश्व में कोई ३-४ करोड़ बंजारे हैं। कई बंजारा समाजों ने बड़े-बड़े साम्राज्य तक स्थापित करने में सफलता पायी। .

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बुख़ारा

बुख़ारा के अमीर के महल का दरवाज़ा, यह यूनेस्को द्वारा पंजीकृत विश्व धरोहर स्थल है बुख़ारा में पाया गया यवन-बैक्ट्रियाई सम्राट युक्राटीडीस (१७०-१४५ ईसापूर्व) द्वारा ज़र्ब सिक्का जो प्राचीनकाल का सबसे बड़ा सोने का सिक्का है। इसका वज़न १६९.२ ग्राम और व्यास (डायामीटर) ५८ मिलीमीटर है। इसे फ़्रांसिसी सम्राट नेपोलियन तृतीय ने ले लिया था और अब यह पैरिस के एक संग्राहलय में है। अलीम ख़ान (१८८०-१९४४), बुख़ारा का अंतिम अमीर, जिसे १९२० में सिंहासन से हटा दिया गया कलाँ मीनार (यानि 'बड़ी मीनार') नादिर दीवान-बेग़ी मदरसे के दरवाज़े पर अमरपक्षी (काल्पनिक फ़ीनिक्स पक्षी), यह लब-ए-हौज़ स्थल का हिस्सा है बुख़ारा (रूसी: Бухара, फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Bokhara) मध्य एशिया में स्थित उज़बेकिस्तान देश के बुख़ारा प्रान्त की राजधानी है। यह उज़बेकिस्तान की पाँचवी सबसे बड़ी नगरी है। इसकी जनसंख्या २,३७,९०० है (सन् १९९९ अनुमानानुसार) और यह शहर लगभग पाँच हजार वर्षों से बसा हुआ है।, Europa Publications Limited, Taylor & Francis, 2002, ISBN 978-1-85743-137-7,...

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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मंगोल

चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

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समरक़न्द

समरक़न्द शहर का 'रेगिस्तान' नामक पुरातन स्थल समरक़न्द (Samarqand, Самарқанд, سمرقند) उज़बेकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। मध्य एशिया में स्थित यह नगर ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शहर रहा है। इस नगर का महत्व रेशम मार्ग पर पश्चिम और चीन के मध्य स्थित होने के कारण बहुत अधिक है। भारत के इतिहास में भी इस नगर का महत्व है क्योंकि बाबर इसी स्थान के शासक बनने की चेष्टा करता रहा था। बाद में जब वह विफल हो गया तो भागकर काबुल आया था जिसके बाद वो दिल्ली पर कब्ज़ा करने में कामयाब हो गया था। 'बीबी ख़ानिम की मस्जिद' इस शहर की सबसे प्रसिद्ध इमारत है। २००१ में यूनेस्को ने इस २७५० साल पुरान शहर को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया। इसका उस सूची में नाम है: 'समरकन्द - संस्कृति का चौराहा'। .

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सात्राप

रुद्रदमन का सिक्का, जो पश्चिमी सात्राप कहलाने वाले गुजरात-राजस्थान क्षेत्र के शक राजाओं में से एक था सात्राप या क्षत्राप (फ़ारसी:, Satrap) प्राचीन ईरान के मीदि साम्राज्य और हख़ामनी साम्राज्य के प्रान्तों के राज्यपालों को कहा जाता था। इस शब्द का प्रयोग बाद में आने वाले सासानी और यूनानी साम्राज्यों ने भी किया। आधुनिक युग में किसी बड़ी शक्ति के नीचे काम करने वाले नेता को कभी-कभी अनौपचारिक रूप से 'सात्राप' कहा जाता है। किसी सात्राप के अधीन क्षेत्र को सात्रापी (satrapy) कहा जाता था।, Krishna Chandra Sagar, Northern Book Centre, 1992, ISBN 978-81-7211-028-4,...

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सासानी साम्राज्य

सासानी साम्राज्य (गहरा हरा रंग); मध्यम हरे रंग में दिखाया गया क्षेत्र में पूर्वी रोमनों से युद्धरत सासानी (तीसरी सदी - 648) ईरान के इतिहास में सबसे प्रभावशाली शासकों में से एक हैं। इनका स्थान ईरान में हख़ामनी वंश के बाद सबसे सशक्त शासक वंशों में गिना जाता है। इनका उदय ईरान के दक्षिण में फ़ार्स में हुआ था - ये वही राज्य है जिसे हख़ामनी शासकों का मूल स्थान माना जाता है। अप्रैल 224 में एक अर्सासिद परिवार के लोग सशक्त हो गए। पर उनको क़ुज़ेस्तान में लड़े एक युद्ध में हरा कर अर्दाशिर नाम के एक व्यक्ति ने अपनी प्रभुता स्थापित की। उन्होंने अपने को हख़ामनी वंश (एकेमेनिड) के मूल का बताया। इसके बाद बने वंश को सासानी कहते हैं क्योंकि उनका पूर्ववर्ती सासान था। .

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सिर दरिया

तियन शान पर्वतों से अरल सागर तक सिर दरिया का मार्ग ख़ुजन्द, ताजिकिस्तान से गुज़रता हुआ सिर दरिया सिर दरिया (फ़ारसी:, ताजिकी: Сирдарё, अंग्रेज़ी: Syr Darya) मध्य एशिया की एक बड़ी नदी है। यह २,२१२ किलोमीटर लम्बी नदी किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान और काज़ाख़स्तान के देशों से निकलती है। आमू दरिया और सिर दरिया को मध्य एशिया की दो सब से महत्वपूर्ण नदियाँ माना जाता है, हालांकि आमू दरिया में सिर दरिया से कहीं ज़्यादा पानी बहता है।, Michael Kort, Infobase Publishing, 2004, ISBN 978-0-8160-5074-1,...

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ज़रफ़शान नदी

ताजिकिस्तान के अइनी ज़िले में ज़रफ़शान नदी का एक नज़ारा ज़रफ़शान नदी के मार्ग का नक़्शा ज़रफ़शान नदी (ताजिकी: Дарёи Зарафшон, दरिया-ए-ज़रफ़शान; अंग्रेज़ी: Zeravshan River, ज़ेरवशान रिवर) मध्य एशिया की एक नदी है। यह ताजिकिस्तान में पामीर पर्वतमाला में शुरू होती है और ३०० किमी पश्चिम की और ताजिकिस्तान के अन्दर ही बहती है। ताजिकिस्तान के पंजाकॅन्त (Панҷакент) शहर से गुज़रती हुई फिर यह उज़बेकिस्तान में दाख़िल होती है और उत्तर-पश्चिम की तरफ़ बहती है। फिर यह समरक़न्द की प्रसिद्ध नगरी के पास से निकलती है, जो पूरी तरह इस नदी द्वारा बनाए गए नख़लिस्तान (ओएसिस) पर निर्भर है (बिना इस नदी के यह एक मरूभूमी होता)। समरक़न्द से आगे चलकर उज़बेकिस्तान के नवोइ (Навоий) और बुख़ारा के शहरों से गुज़रकर क़ाराकुल शहर पहुँचती है और फिर आगे के रेगिस्तान की रेतों में ओझल हो जाती है। किसी ज़माने में यह और भी आगे चलकर अपने पानी को आमू दरिया में मिला देती थी, लेकिन वर्तमान में उस तक पहुँचने से पहले ही रेगिस्तान इसे सोख लेता है। इस बदलाव का मुख्य कारण यह है कि ज़रफ़शान का बहुत सा पानी अब सिंचाई के लिए खींच लिया जाता है जिस से इसके आगे के हिस्से में पानी का बहाव बहुत ही कम हो चुका है। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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आमू दरिया

आमू दरिया अफ़ग़ानिस्तान की उत्तरी सीमा के साथ-साथ चलकर फिर उत्तर की तरफ़ अरल सागर में विलीन होती है आमू दरिया (संस्कृत: वक्शु नदी, फ़ारसी: आमू दरिया, अरबी: ‎ जिहोन) मध्य एशिया की एक बड़ी नदी है जो वख़्श और पंज नदियों के संगम से बनती है।, Food & Agriculture Org., 1999, ISBN 978-92-5-104309-7,...

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किर्गिज़स्तान

किर्ग़िज़स्तान, आधिकारिक तौर पर किर्ग़िज़ गणतंत्र, मध्य एशिया में स्थित एक देश है। चारों तरफ जमीन और पहाड़ियों से घिरे इस देश की सीमा उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पश्चिम में उज़्बेकिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ताजिकिस्तान और पूर्व में चीन से मिलती है। "किरगिज़", जिससे देश का नाम पड़ा है, शब्द की उत्पति मूलतः "चालीस लड़कियां" या फिर "चालीस जनजातियां" मानी जाती है। जो संभवतः महानायक मानस की ओर इंगित करती हैं, जिन्होंने किंवदंती के अनुसार, खितान के खिलाफ चालीस जनजातियों को एकजुट किया था। किर्ग़िज़स्तान के झंडे में सूर्य की चालीस किरणें मानस के इन्हीं चालीस जनजातियों का प्रतीक हैं। .

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कज़ाख़िस्तान

क़ज़ाख़स्तान (क़ज़ाख़: Қазақстан / Qazaqstan, रूसी:Казахстан / Kazakhstán) यूरेशिया में स्थित एक देश है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। एशिया में एक बड़े भूभाग में फैला हुआ यह देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के उपरांत इसने सबसे अंत में अपने आपको स्वतंत्र घोषित किया। सोवियत प्रशासन के दौरान यहाँ कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ संपन्न हुईं, जिसमें कई रॉकेटों का प्रक्षेपण से लेकर क्रुश्चेव का वर्ज़िन भूमि परियोजना शामिल हैं। देश की अधिकाँश भूमि स्तेपी घास मैदान, जंगल तथा पहाड़ी क्षेत्रों से ढकी है। यहाँ के मुख्य निवासी क़ज़ाख़ लोग हैं जो तुर्क मूल के हैं। अपने इतिहास के अधिकांश हिस्से में कज़ाख़स्तान की भूमि यायावर जातियों के साम्राज्य का हिस्सा रही है। इसकी राजधानी सन १९९८ में अस्ताना को बनाई गई जो सोवियत कालीन राजधानी अल्माती से बदलकर बनाई गई थी। यहां की क़ाज़ाक़ भाषा और रूसी भाषा मुख्य- और राजभाषाएँ हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तरी रेशम मार्ग

टकलामकान रेगिस्तान उत्तरी रेशम मार्ग (Northern Silk Road) वर्तमान जनवादी गणतंत्र चीन के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक मार्ग है जो चीन की प्राचीन राजधानी शिआन से पश्चिम की ओर जाते हुए टकलामकान रेगिस्तान से उत्तर निकलकर मध्य एशिया के प्राचीन बैक्ट्रिया और पार्थिया राज्य और फिर और भी आगे ईरान और प्राचीन रोम पहुँचता था। यह मशहूर रेशम मार्ग की उत्तरतम शाखा है और इसपर हज़ारों सालों से चीन और मध्य एशिया के बीच व्यापारिक, फ़ौजी और सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहीं हैं। पहली सहस्राब्दी (यानि हज़ार साल) ईसापूर्व में चीन के हान राजवंश ने इस मार्ग को चीनी व्यापारियों और सैनिकों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए यहाँ पर सक्रीय जातियों के खिलाफ़ बहुत अभियान चलाए जिस से इस मार्ग का प्रयोग और विस्तृत हुआ। चीनी सम्राटों ने विशेषकर शियोंगनु लोगों के प्रभाव को कम करने के बहुत प्रयास किये।, Frances Wood, University of California Press, 2004, ISBN 978-0-520-24340-8,...

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उज़्बेकिस्तान

एशिया के केन्द्रीय भाग में स्थित एक देश है जो चारो ओर से जमीन से घिरा है। इतना ही नहीं, इसके चहुँदिश के देश की खुद भी समुद्र तक कोई पहुँच नहीं है। इसके उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पूरब में ताज़िकिस्तान दक्षिण में तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान स्थित है। यह 1991 तक सोवियत संघ का एक घटक था। उज़्बेकिस्तान के प्रमुख शहरों में राजधानी ताशकंत के अलावा समरकंद तथा बुख़ारा का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ के मूल निवासी मुख्यतः उज़्बेक नस्ल के हैं, जो बोलचाल में उज्बेक भाषा का प्रयोग करते हैं। .

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