लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

झगड़ते राज्यों का काल

सूची झगड़ते राज्यों का काल

३५० ईसापूर्व में झगड़ते राज्यों की स्थिति झगड़ते राज्यों के काल से एक लोहे की और दो कांसे की तलवारें झगड़ते राज्यों का काल (चीनी:战国时代, झांगुओ शिदाई; अंग्रेज़ी: Warring States Period) प्राचीन चीन के पूर्वी झोऊ राजवंश काल के दुसरे भाग को कहते हैं, जो लौह युग में लगभग ४७५ ईसापूर्व से २२१ ईसापूर्व तक चला। पूर्वी झोऊ राजकाल में इस से पहले बसंत और शरद काल आया था। झगड़ते राज्यों के काल के बाद २२१ ईसापूर्व में चिन राजवंश का काल आया जिन्होनें चीन को फिर से एक व्यवस्था में संगठित किया। ध्यान रखने योग्य बात है कि पूर्वी झोऊ काल में वैसे तो झोऊ सम्राट को सर्वोच्च कहा जाता था, लेकिन यह सिर्फ़ नाम मात्र ही था - सारी शक्तियाँ वास्तव में भिन्न राज्यों के राजाओं-जागीरदारों के पास थीं। 'झगड़ते राज्यों के काल' का नाम हान राजवंश के दौरान लिखे गए 'झगड़ते राज्यों का अभिलेख' नामक इतिहास-ग्रन्थ से लिया गया है। इस बात पर विवाद है कि 'बसंत और शरद काल' किस समय ख़त्म हुआ और 'झगड़ते राज्यों का काल' कब शुरू हुआ, लेकिन बहुत से इतिहासकार जिन (Jìn) नामक राज्य के वहाँ की तीन शक्तिशाली परिवारों के बीच के विभाजन को इस काल की आरंभिक घटना मानते हैं और यह ४०३ ईसापूर्व में हुआ था।, P. J. Ivanhoe, Bryan William Van Norden, Hackett Publishing, 2005, ISBN 978-0-87220-780-6,...

15 संबंधों: चिन राजवंश, चिन राज्य (प्राचीन चीन), चू राज्य (प्राचीन चीन), चीन, चीन के राजवंश, चीनी भाषा, झोऊ राजवंश, पश्चिमी झोऊ राजवंश, बसंत और शरद काल, बीजिंग, यांग्त्सीक्यांग, लौह युग, शानदोंग, हान राजवंश, अंग्रेज़ी भाषा

चिन राजवंश

२१० ईसापूर्व में चिन साम्राज्य का नक़्शा चिन शि हुआंग (秦始皇) जो झगड़ते राज्यों के काल में चिन राज्य (秦国) के शासक और फिर पूरे चीन के पहले चिन राजवंश के सम्राट बने चिन राजवंश (चीनी:秦朝, चिन चाओ; अंग्रेज़ी: Qin Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २२१ ईसापूर्व से २०७ ईसापूर्व तक राज किया। चिन वंश शान्शी प्रांत से उभर कर निकला और इसका नाम भी उसी प्रांत का परिवर्तित रूप है। जब चिन ने चीन पर क़ब्ज़ा करना शुरू किया तब चीन में झोऊ राजवंश का केवल नाम मात्र का नियंत्रण था और झगड़ते राज्यों का काल चल रहा था। चिन राजवंश उन्ही झगड़ते राज्यों में से एक, चिन राज्य (秦国, चिन गुओ), से आया था। सबसे पहले चिन ने कमज़ोर झोऊ वंश को समाप्त किया और फिर बाक़ी के छह राज्यों को नष्ट कर के चीन का एकीकरण किया।, William Scott Morton, Charlton M. Lewis, McGraw-Hill Professional, 2005, ISBN 978-0-07-141279-7,...

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और चिन राजवंश · और देखें »

चिन राज्य (प्राचीन चीन)

चिन (Qin) राज्य झगड़ते राज्यों के काल के सात मुख्य राज्यों में से एक था और उन सब से पश्चिम में स्थित था चिन राज्य (चीनी भाषा: 秦国, चिन गुओ; अंग्रेज़ी: Qin) प्राचीन चीन के झोऊ राजवंश के अंतिम भाग में बसंत और शरद काल और झगड़ते राज्यों के काल के दौरान एक रियासत थी। यह ७७८ ईसापूर्व से २०७ ईसापूर्व तक चला। उस ज़माने में सात राज्य आपस में झगड़ रहे थे जिनमें से चिन राज्य सब से शक्तिशाली राज्यों में से एक बन कर उभरा। २२१ ईसापूर्व में चिन राज्य ने पूरे चीन को अपने अधीन कर लिया और चीन में चिन राजवंश का काल आरम्भ हुआ।, Zhengyuan Fu, Cambridge University Press, 1993, ISBN 978-0-521-44228-2 .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और चिन राज्य (प्राचीन चीन) · और देखें »

चू राज्य (प्राचीन चीन)

चू (Chu) राज्य झगड़ते राज्यों के काल के सात मुख्य राज्यों में से एक था (हरे रंग में) चू राज्य (चीनी भाषा: 楚國, चू गुओ; अंग्रेज़ी: Chu) प्राचीन चीन के झोऊ राजवंश के दौरान एक रियासत थी। यह लगभग १०३० ईसापूर्व से २२३ ईसापूर्व तक चला। इस राज्य का नाम पहले जिंग (荆, Jing) था, फिर जिंगचू (荆楚, Jingchu) हुआ और अंत में केवल चू नाम रहा। अपने चरम पर इस राज्य में एक विशाल क्षेत्रफल शामिल था, जिसमें आधुनिक हूबेई और हूनान प्रान्त के पूर्ण इलाक़े और चोंगचिंग, गुइझोऊ, हेनान, जिआंगशी, जिआंगसू, झेजियांग और शंघाई के भी भाग शामिल थे। इसकी राजधानी पहले दानयांग (丹阳, Danyang) था लेकिन फिर यिंग (郢, Ying) बन गया। २२५ ईपू में झगड़ते राज्यों के काल के आख़िरी सालों में पड़ोसी चिन राज्य ने उसपर क़ब्ज़ा कर लिया। यही बड़ा राज्य आगे चलकर चिन राजवंश का आधार बन गया जिसने पूरे चीन को अपने राज्य में संगठित किया।, Zhengyuan Fu, Cambridge University Press, 1993, ISBN 978-0-521-44228-2 .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और चू राज्य (प्राचीन चीन) · और देखें »

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और चीन · और देखें »

चीन के राजवंश

इतिहास में चीन के विभिन्न राजवंशों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र चीन में कई ऐतिहासिक राजवंश रहे हैं। कभी-कभी इनके वर्णनों में ऐसा प्रतीत होता है के चीन में एक राजवंश स्वयं ही समाप्त हो गया और नए राजवंश ने आगे बढ़कर शासन की बागडोर संभाल ली। वास्तव में ऐसा नहीं था। कोई भी राजवंश स्वेच्छा से ख़त्म नहीं हुआ। अक्सर ऐसा होता था के नया राजवंश शुरू तो हो जाता था लेकिन वह कुछ अरसे तक कम प्रभाव रखता था और पहले से स्थापित राजवंश से लड़ाइयाँ करता था। ऐसा भी होता था के कोई पराजित राजवंश हारने के बावजूद कुछ इलाक़ों में प्रभुत्व रखता था और चीन का सिंहासन वापस छीनने की कोशिश में जुटा रहता था। उदहारण के लिए सन् 1644 में मान्चु नस्ल वाले चिंग राजवंश ने बीजिंग पर क़ब्ज़ा जमा लिया और चीन को अपने अधीन कर लिया। लेकिन चिंग राजवंश सन् 1636 में ही शुरू हो चुका था और उस से भी पहले सन् 1616 में एक अन्य नाम ("उत्तरकालीन जिन राजवंश") के नाम से अस्तित्व में आ चुका था। मिंग राजवंश बीजिंग की राजसत्ता से तो 1644 में हाथ धो बैठा, लेकिन उनके वंशज 1662 तक सिंहासन पर अपना अधिकार जतलाते रहे और उसे वापस लेने के प्रयास करते रहे। .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और चीन के राजवंश · और देखें »

चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और चीनी भाषा · और देखें »

झोऊ राजवंश

चीन के झोऊ राजवंश का इलाक़ा (लाल रंग) पश्चिमी झोऊ युग में बना कांसे का एक समारोहिक बर्तन झोऊ राजवंश (चीनी: 周朝, झोऊ चाओ; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Zhou dynasty) प्राचीन चीन में १०४६ ईसापूर्व से २५६ ईसापूर्व तक राज करने वाला एक राजवंश था। हालांकि झोऊ राजवंश का राज चीन के किसी भी अन्य राजवंश से लम्बे काल के लिए चला, वास्तव में झोऊ राजवंश के शाही परिवार ने, जिसका पारिवारिक नाम 'जी' (姬, Ji) था, चीन पर स्वयं राज केवल ७७१ ईसापूर्व तक किया। झोऊ राजवंश के इस १०४६ से ७७१ ईसापूर्व के काल को, जब जी परिवार का चीन पर निजी नियंत्रण था, पश्चिमी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है। ७७१ ईसापूर्व के बाद के काल को पूर्वी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है।, Dr John A.G. Roberts, Palgrave Macmillan, 2011, ISBN 978-0-230-34536-2,...

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और झोऊ राजवंश · और देखें »

पश्चिमी झोऊ राजवंश

पश्चिमी झोऊ काल की रियासतें - समय के साथ सम्राट से इनकी आज़ादी बढ़ती चली गई पहले झोऊ सम्राट, राजा वू (周武王, झोऊ वू वांग) पश्चिमी झोऊ राजवंश काल (चीनी:西周; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Western Zhou) प्राचीन चीन के झोऊ राजवंश काल के पहले भाग को कहते हैं। .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और पश्चिमी झोऊ राजवंश · और देखें »

बसंत और शरद काल

पूर्वी झोऊ काल के बसंत और शरद काल की रियासतें बसंत और शरद काल में बना एक कांसे का बर्तन (हेनान संग्राहलय में) ची राज्य के नरेश जिंग के मक़बरे में बलि किये गए घोड़ों के अस्ति-पिंजर बसंत और शरद काल (चीनी:春秋时代, चुन च्यु शी दाई; अंग्रेज़ी: Spring and Autumn Period) प्राचीन चीन के पूर्वी झोऊ राजवंश काल के पहले भाग को कहते हैं, जो ७७१ ईसापूर्व से ४७६ ईसापूर्व तक चला, हालाँकि कभी-कभी ४०३ ईसापूर्व को इस काल का अंत माना जाता है। इस काल से सम्बंधित चीनी सभ्यता का क्षेत्र ह्वांग नदी घाटी के मैदान में, शानदोंग प्रायद्वीप में और इनके कुछ नज़दीकी इलाक़ों में स्थित था। इस काल का 'बसंत और शरद' वाला नाम 'बसंत और शरद के वृतान्त' नामक ऐतिहासिक ग्रन्थ से आता है, जिसमें लू (鲁国, Lu) नाम के राज्य की दास्तान दर्ज है, जो प्रसिद्ध धार्मिक दार्शनिक कन्फ़्यूशियस का घर भी था।, Metropolitan Museum of Art (New York, N.Y.), Ballantine Books, 1980, ISBN 978-0-345-29051-9,...

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और बसंत और शरद काल · और देखें »

बीजिंग

बीजिंग (北京) (या पेय्चीङ) चीनी जनवादी गणराज्य, की राजधानी है। बीजिंग का अर्थ है "उत्तरी राजधानी", जबकि नान्जिंग का अर्थ है "दक्षिणी राजधानी"। बीजिंग १९४९ में साम्यवादी क्रान्ति के बाद से निरन्तर चीन की राजधानी है और उस समय तक यह विभिन्न कालों में अलग-अलग अवधियों तक चीन की राजधानी रहा है। बीजिंग, देश के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है और चार नगरपालिकाओं में से एक है। इसका अर्थ है कि इन चारों नगरपालिकाओं को प्रान्तों के बराबर दर्जा प्राप्त है और यह उसी प्रकार का स्वशासन चलाते हैं जैसे कि कोई अन्य प्रान्त। १८२८ से पूर्व बीजिंग विश्व का सबसे बड़ा नगर था। मध्य बीजिंग में जनवरी २००७ में लगभग ७६ लाख लोग रह रहे थे। उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर यहां की कुल जनसंख्या १ करोड़ ७५ लाख के लगभग है, जिसमें से १ करोड़ २० लाख के लगभग स्थाई निवासियों के रूप में पंजीकृत हैं और शेष ५५ लाख लोग अस्थाई अप्रवासी निवासी हैं। बीजिंग और उपनगरीय क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल बेल्जियम का लगभग आधा है। बीजिंग, चीन का सांस्कृतिक और राजनैतिक केन्द्र है, जबकि चीन का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर शंघाई देश का वित्तीय केन्द्र है और जो हांगकांग के साथ इस पदवी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा में है। अपने पूरे दीर्घकालिक इतिहास के दौरान बीजिंग ने अपनी एक विविध और विशिष्ट विरासत का विकास किया है। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका, बीजिंग को "विश्व के महानतम" नगरों में से एक मानता है। सबसे प्रसिद्ध है त्यानमन चौक, जहां से "निषिद्ध नगर", "शाही महल" और "निषिद्ध नगर के मन्दिर" का मार्ग जाता है, जो १९८७ से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यूनेस्कों सूची में "स्वर्ग का मन्दिर", "ग्रीष्मकालीन महल", "लामा मन्दिर" और "कन्फ़्यूशियस मन्दिर" भी हैं।.

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और बीजिंग · और देखें »

यांग्त्सीक्यांग

'''यांग्त्सी नदी''' यांग्त्सीक्यांग, चीन की सबसे लम्बी नदी है, जो सीकांग के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर, दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बहती हुई, पूर्वी चीन सागर में गिरती है। इसे चांग ज्यांग (Simplified Chinese 长江, Traditional Chinese 長江, Cháng Jiāng) या यांग्त्सी या यांग्ज़ी भी कहते हैं। यह विश्व की चौथी सबसे लम्बी नदी है। प्रायः पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहने वाली इस नदी की लम्बाई लगभग ६३०० किलोमीटर है। यह सर्वप्रथम कुछ दूर उच्च पहाड़ी क्षेत्र में बहने के पश्चात् लाल बेसिन में प्रसेश करती है, जहाँ धरातल अत्यंत कटा फटा एवं कुछ असमतल है। यहाँ मिलक्यांग, चुंगक्यांग, सुइनिंग और कयाओलिंगक्यांग सहायक नदियाँ उत्तर से आकर मिलती हैं। ये सभी नाव्य हैं तथा उपजाऊ घाटियाँ बनाती हैं। लाल बेसिन को पार कर यांग्त्सीक्यांग एक गहरी घाटी में बहती हुई समतल भूभाग में प्रवेश करती है। यहाँ कई झीलें मिलती हैं, जिनमें से तीन मिट्टी भर जाने से महत्वपूर्ण थालों का रूप ले चुकी हैं। दो थालों को तो नदी ने दो दो भागों में बाँट दिया है। तीसरा काफी नीचा है, जहाँ कभी कभी बाढ़ आ जाती है। नदी घाटी का यह भाग काफी उपजाऊ है। यहाँ उत्तर से हेन और दक्षिण से सियांग नामक सहायक नदियाँ इसमें आकर मिलती हैं, जो नाव्य हैं। बड़े समुद्री जहाज यांग्त्सीक्यांग द्वारा हैंकाऊ तथा बड़ी नावें और स्टीमर आइशांग तक आ जा सकते हैं। तत्पश्चात् यांग्त्सीक्यांग क्यांगसू प्रांत में डेल्टा बनाती है, जहाँ का भूभाग कुछ पहाडियों को छोड़कर लगभग समतल है। डेल्टा की संपूर्ण समतल भूमि बहुत उपजाऊ है। यांग्त्सी घाटी के विभिन्न भागों में धान, गेहूँ, जौ, कपास, चाय, ज्वार- बाजरा, मक्का, गन्ना, तंबबाकू, अफीम, तिलहन, मटर, बीन, फल और शाक भाजियाँ आदि उपजते हैं। रेशम का भी यहाँ उत्पादन होता है। अत: कृषि एवं यातायात की सुलभता के कारण संपूर्ण यांग्त्सीघाटी में जनसंख्या बहुत घनी हो गई है। .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और यांग्त्सीक्यांग · और देखें »

लौह युग

लौह युग (Iron Age) उस काल को कहते हैं जिसमें मनुष्य ने लोहे का इस्तेमाल किया। इतिहास में यह युग पाषाण युग तथा कांस्य युग के बाद का काल है। पाषाण युग में मनुष्य की किसी भी धातु का खनन कर पाने की असमर्थता थी। कांस्य युग में लोहे की खोज नहीं हो पाई थी लेकिन लौह युग में मनुष्यों ने तांबे, कांसे और लोहे के अलावा कुछ अन्य ठोस धातुओं की खोज तथा उनका उपयोग भी सीख गया था। विश्व के भिन्न भागों में लौह-प्रयोग का ज्ञान धीरे-धीरे फैलने या उतपन्न होने से यह युग अलग समयों पर शुरु हुआ माना जाता है लेकिन अनातोलिया से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप में यह १३०० ईसापूर्व के आसपास आरम्भ हुआ था, हालांकि कुछ स्रोतों के अनुसार इस से पहले भी लोहे के प्रयोग के कुछ चिह्न मिलते हैं। इस युग की विशेषता यह है कि इसमें मनुष्य ने विभिन्न भाषाओं की वर्णमालाओं का विकास किया जिसकी मदद से उस काल में साहित्य और इतिहास लिखे जा सके। संस्कृत और चीनी भाषाओं का साहित्य इस काल में फला-फूला। ऋग्वेद और अवस्ताई गाथाएँ इसी काल में लिखी गई थीं। कृषि, धार्मिक विश्वासों और कलाशैलियों में भी इस युग में भारी परिवर्तन हुए।The Junior Encyclopædia Britannica: A reference library of general knowledge.

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और लौह युग · और देखें »

शानदोंग

शानदोंग (山东, Shandong) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त ने चीन के इतिहास में एक अहम केन्द्रीय भूमिका निभाई है। चीनी सभ्यता यहीं पीली नदी के अंतिम भाग में जन्मी थी। यह चीन में ताओ धर्म, बौद्ध धर्म और कुन्फ़्यूशियसी धर्म के लिए एक अति-महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक भूमि रही है। शानदोंग का ताई पर्वत ताओ धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है और यहाँ ३,००० से पूजा चलती आ रही है। प्रान्त की राजधानी जीनान से दक्षिण में चीन के सबसे पुराने बौद्ध स्थल हैं। चूफ़ू शहर कनफ़्यूशियस का जन्मस्थान है। उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम जाने वाले बहुत से मार्गों पर स्थित होने से शानदोंग आर्थिक नज़रिए से हमेशा केन्द्रीय रहा है। १९वीं सदी में शुरू हुई राजनैतिक अस्थिरता और आर्थिक मुश्किलों के बाद वर्तमान में शानदोंग प्रान्त चीन के सबसे विकसित और बड़ी आबादी वाले प्रान्तों में से एक है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और शानदोंग · और देखें »

हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और हान राजवंश · और देखें »

अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

नई!!: झगड़ते राज्यों का काल और अंग्रेज़ी भाषा · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

झगड़ते राज्यों के काल

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »