7 संबंधों: डीज़ल, दहन, पदार्थ, पेट्रोल, विस्फोट, आग, केरोसीन।
डीज़ल
डीज़ल एक प्रकार का उदप्रांगार ईंधन है जो पेट्रोलियम को कई चरणों में ठंडा करने से एक चरण (२००-३५० C) में बनता है। इसका उपयोग वाहनों, मशीनों, संयत्रों आदि को चलाने के लिए ईंधन के रूप मे किया जाता है। इसका प्रयोग भारी वाहनों तथा तापज्वलित यानि संपीडित वायु में उड़ेलने से हुए स्वतः दहन इंजनों में इस्तेमाल होता है। प्रति लीटर इसमें पेट्रोल के बराबर रासायनिक ऊर्जा होती है। इसके द्वारा चालित इंजनों में नाट्रोजन आक्साईड तथा कालिख के कण अधिक होते हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसलिए इसके स्थान पर जैविक पदार्थों से बने तेल, जिन्हें जैव डीज़ल कहा जाता है, का इस्तेमाल शुरु हुआ है। डीज़ल शब्द का इस्तेमाल इस विस्थापित तेल के लिए भी होता है। भारत में इस पर पेट्रोल के मुकाबले कम कर लिया जाता है जिसकी वजह से ये पेट्रोल से सस्ता होता है। इसके विपरीत कई देशों में इसके इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से अधिक कर लगाया जाता है। .
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दहन
आक्सीजन की उपस्थिति में लकड़ी का दहन किसी जलने वाले पदार्थ के वायु या आक्सीकारक द्वारा जल जाने की क्रिया को दहन या जलना (Combustion) कहते हैं। दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (exothermic reaction) है। इस क्रिया में आँखों से ज्वाला दिख भी सकती है और नहीं भी। इस प्रक्रिया में ऊष्मा तथा अन्य विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे प्रकाश) भी उत्पन्न होते हैं। आम दहन के उत्पाद गैसों के द्वारा प्रदूषण भी फैलता है। विज्ञान के इतिहास में अग्नि वा ज्वाला सबंधी सिद्धांतों का विशेष महत्व रहा है। उदाहरण के लिए किसी हाइड्रोकार्बन के दहन का सामान्य रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है- मिथेन के लिए इस समीकरण का स्वरूप निम्नवत हो जाएगा- .
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पदार्थ
रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में पदार्थ (matter) उसे कहते हैं जो स्थान घेरता है व जिसमे द्रव्यमान (mass) होता है। पदार्थ और ऊर्जा दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। विज्ञान के आरम्भिक विकास के दिनों में ऐसा माना जाता था कि पदार्थ न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न नष्ट ही किया जा सकता है, अर्थात् पदार्थ अविनाशी है। इसे पदार्थ की अविनाशिता का नियम कहा जाता था। किन्तु अब यह स्थापित हो गया है कि पदार्थ और ऊर्जा का परस्पर परिवर्तन सम्भव है। यह परिवर्तन आइन्स्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E.
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पेट्रोल
जार में गैसोलीन गैसोलीन या पेट्रोल एक पेट्रोलियम से प्राप्त/व्युत्पन्न तरल-मिश्रण है। इसे प्राथमिकता से अन्तर्दहन इंजन में ईंधन के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसे एसीटोन की तरह एक शक्तिशाली घुलनशील द्रव्य की तरह भी प्रयोग किया जाता है। इसमें कई एलिफैटिक हाइड्रोकार्बन होते हैं, जिसके संग आइसो-आक्टेन या एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे टॉलुईन और बेन्ज़ीन भी मिलाये जाते हैं, जिससे इसकी ऑक्टेन क्षमता (ऊर्जा) बढ़ जाये। इसका वाष्पदहन तापमान शून्य से 62 डिग्री (सेल्सियस) कम होता है, यानि सामान्य तापमान पर इसका वाष्प दहनशील होता है। इसी वजह से इसे अत्यंत दहनशील पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। भारत में इसपर डीज़ल के मुकाबले अधिक कर लगाया जाता है जिससे यह थोड़ा महंगा होता है। कई ठंडे देशों में इसको प्राथमिकता से प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि बहुत कम तापमान में इसकी ज्वलनशीलता बाक़ी ईंधनों के मुकाबले अधिक होती है। .
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विस्फोट
किसी पदार्थ को एक साथ फ़ोडने की क्रिया को विस्फ़ोट कहा जाता है। विस्फ़ोट में अधिकतर बारूद का प्रयोग किया जाता है, इसमे बारूद भी अलग अलग शक्तियों की होती है, जिसमे आर डी एक्स नामक बारूद बहुत ही शक्तिशाली होती है। बन्दूक और तोप के गोले को भी विस्फ़ोट से ही दागा जाता है। अत्याधिक ज्वलनशील पदार्थ को आग के सम्पर्क में आते ही वह अचानक जलता है और विस्फ़ोट हो जाता है। विस्फ़ोट के लिये तीन कारकों का होना अत्याधि्क जरूरी है, पहला ईंधन दूसरा ताप और तीसरी आक्सीजन.
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आग
जंगल की आग आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.
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केरोसीन
केरोसीन (मिट्टी का तेल) एक तरल खनिज है जिसका मुख्य उपयोग दीप, स्टोव और ट्रैक्टरों में जलाने में होता है। इस काम के लिये तेल की श्यानता कम, दमकांक ऊँचा, रंग साफ और हल्का, जलने पर दुर्गंध और धुआँ देनेवाले पदार्थों का अभाव रहना चाहिए। औषधियों में विलायक के रूप में, उद्योग धंधों में, प्राकृतिक गैस से पैट्रोल निकालने में तथा अवशोषक तेल के रूप में भी इसका व्यवहार होता है। .
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