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जोधपुर के लोगों की सूची

सूची जोधपुर के लोगों की सूची

जोधपुर, भारत के उल्लेखनीय व्यक्ति.

17 संबंधों: चंदा कोचर, पद्म भूषण, बरकतुल्लाह ख़ान, मनमोहन शर्मा, राव राजा हनुत सिंह, लक्ष्मीमल्ल सिंघवी, शन्नो खुराना, शैतान सिंह, सीताराम लालस, जय नारायण व्यास, जोधपुर, इडर के प्रताप सिंह, कान सिंह परिहार, कृष्णा कुमारी, कैलाश सांखला, कोमल कोठारी, अशोक गहलोत

चंदा कोचर

चंदा कोचर चन्दा कोचर (जन्म: १७ नवम्बर १९६१) इस समय (दिसम्बर २००८) आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी ऑफिसर (सीईओ) एवं प्रबन्ध निदेशक (एम डी) हैं। .

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पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

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बरकतुल्लाह ख़ान

बरकतुल्लाह खान एक भारतीय राजनेता थे और राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके है। .

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मनमोहन शर्मा

मनमोहन शर्मा को १९८६ में भारत सरकार ने विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। श्रेणी:१९८६ पद्म भूषण.

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राव राजा हनुत सिंह

राव राजा हनुत सिंह को सार्वजनिक उपक्रम के क्षेत्र में सन १९५८ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये राजस्थान राज्य से हैं। श्रेणी:१९५८ पद्म भूषण श्रेणी:1900 में जन्मे लोग.

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लक्ष्मीमल्ल सिंघवी

लक्ष्मीमल्ल सिंघवी - डाकटिकट लक्ष्मीमल्ल सिंघवी (या लक्ष्मीमल सिंघवी) (९ नवंबर १९३१- ६ अक्टूबर २००७) ख्यातिलब्ध न्यायविद, संविधान विशेषज्ञ, कवि, भाषाविद एवं लेखक थे। उनका जन्म भारत के राजस्थान प्रांत में स्थित जोधपुर नगर में हुआ। १९६२ से १९६७ तक तीसरी लोक सभा के सदस्य श्री सिंघवी ने १९७२ से ७७ तक राजस्थान के एडवोकेट जनरल तथा अनेक वर्षों तक यूके में भारत के राजदूत पद पर कार्य किया। उन्हें १९९८ में पद्म भूषण से अलंकृत किया गया तथा १९९९ में वे राज्य सभा के सदस्य भी चुने गए। डॉ॰ लक्ष्मीमल सिंघवी ने नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के संविधान रचे। उन्हें भारत में अनेक लोकपाल, लोकायुक्त संस्थाओं का जनक माना जाता है। डॉ॰ सिंघवी संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार अधिवेशन और राष्ट्रकुल (कॉमनवेल्थ) विधिक सहायता महासम्मेलन के अध्यक्ष, विशेषज्ञ रहे। वे ब्रिटेन के सफलतम उच्चायुक्त माने जाते हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के चार बार अध्यक्ष रहे। उन्होंने विधि दिवस का शुभारंभ किया। डॉ॰ लक्ष्मीमल्ल सिंघवी ने हिंदी के वैश्वीकरण और हिंदी के उन्नयन की दिशा में सजग, सक्रिय और ईमानदार प्रयास किए। भारतीय राजदूत के रूप में उन्होंने ब्रिटेन में भारतीयता को पुष्पित करने का प्रयास तो किया ही, अपने देश की भाषा के माध्यम से न केवल प्रवासियों अपितु विदेशियों को भी भारतीयता से जोड़ने की कोशिश की। वे संस्कृतियों के मध्य सेतु की तरह अडिग और सदा सक्रिय रहे। वे भारतीय संस्कृति के राजदूत, ब्रिटेन में हिन्दी के प्रणेता और हिंदी-भाषियों के लिए प्रेरणा स्रोत थे। विश्व भर में फैले भारत वंशियों के लिए प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की संकल्पना डॉ॰ सिंघवी की ही थी। वे साहित्य अमृत के संपादक रहे और अपने संपादन काल में उन्होने श्री विद्यानिवास मिश्र की स्वस्थ साहित्यिक परंपरा को गति प्रदान की। भारतीय ज्ञानपीठ को भी श्री सिंघवी की सेवाएँ सदैव स्मरण रहेंगी। भारतीय डायसपोरा की अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष श्री सिंघवी ने अनेक पुस्तकों की रचना भी की है। वे कई कला तथा सांस्कृतिक संगठनों के संरक्षक भी थे। जैन इतिहास और संस्कृति के जानकार के रूप में मशहूर श्री सिंघवी ने कई पुस्तकें लिखीं जिनमें से अनेक हिंदी में हैं। श्री सिंघवी प्रवासी भारतीयों की उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष भी रहे। विधि और कूटनीति की कूट एवं कठिन भाषा को सरल हिन्दी में अभिव्यक्त करने में उनका कोई सानी नहीं था। विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजनों में सदा उनकी अग्रणी भूमिका रहती थी। संध्या का सूरज: हिन्दी काव्य, पुनश्च (संस्मरणों का संग्रह), भारत हमारा समय, जैन मंदिर आदि उनकी प्रसिद्ध हिन्दी कृतियाँ हैं। अंग्रेज़ी में टुवर्डस ग्लोबल टुगैदरनेस (Towards Global Togetherness), डेमोक्रेसी एंड द रूल ऑफ़ द लॉ (Democracy and the Rule of the Law), फ्रीडम ऑन ट्रायल (Freedom on trial) आदि उनकी प्रसिद्ध अंग्रेज़ी पुस्तकें हैं। ८ दिसम्बर २००८ को भारतीय डाकतार विभाग ने उनके सम्मान में एक डाक-टिकट तथा प्रथम दिवस आवरण प्रकाशित किया है। .

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शन्नो खुराना

शन्नो खुराना को भारत सरकार द्वारा सन २००६ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। .

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शैतान सिंह

मेजर शैतान सिंह (जन्म 1 दिसम्बर 1924 तथा मृत्यु 18 नवम्बर 1962) भारतीय सेना के एक अधिकारी थे। इन्हें वर्ष 1963 में मरणोपरांत परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया। इनका निधन 1962 के भारत-चीन युद्ध में हुआ था, इन्होंने अपने वतन के लिए काफी संघर्ष किया लेकिन अंत में शहीद हो गये तथा भारत देश का नाम रौशन कर गये। मेजर सिंह स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने पर सिंह जोधपुर राज्य बलों में शामिल हुए। जोधपुर की रियासत का भारत में विलय हो जाने के बाद उन्हें कुमाऊं रेजिमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने नागा हिल्स ऑपरेशन तथा 1961 में गोवा के भारत में विलय में हिस्सा लिया था। 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान, कुमाऊं रेजिमेंट की 13वीं बटालियन को चुशूल सेक्टर में तैनात किया गया था। सिंह की कमान के तहत सी कंपनी रेज़ांग ला में एक पोस्ट पर थी। 18 नवंबर 1962 की सुबह चीनी सेना ने हमला कर दिया। सामने से कई असफल हमलों के बाद चीनी सेना ने पीछे से हमला कर किया। भारतीयों ने आखिरी दौर तक लड़ा परन्तु अंततः चीनी हावी हो गए। युद्ध के दौरान सिंह लगातार पोस्टों के बीच सामंजस्य तथा पुनर्गठन बना कर लगातार जवानों का हौसला बढ़ाते रहे। चूँकि वह एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट पर बिना किसी सुरक्षा के जा रहे थे अतः वह गंभीर रूप से घायल हो गए और वीर गति को प्राप्त हो गए। उनके इन वीरता भरे देश प्रेम को सम्मान देते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1963 में उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया। .

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सीताराम लालस

सीताराम लालस (25 नवम्बर 1912 - दिसम्बर 1986) भारत के प्रख्यात कोशकर्मी तथा भाषाविज्ञानी थे। उन्होने राजस्थानी का पहला शब्दकोश निर्मित किया जिसका नाम 'राजस्थानी शब्दकोश' हैं। उन्होने 'राजस्थानी-हिन्दी वृहद कोश' की भी रचना की। श्रेणी:भारतीय कोशकर्मी श्रेणी:भारतीय भाषावैज्ञानिक श्रेणी:1912 में जन्मे लोग श्रेणी:१९८६ में निधन.

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जय नारायण व्यास

जय नारायण व्यास (1899-1963) एक भारतीय राजनेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री रह थे। जोधपुर स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय उनके नाम पर रखा गया है। सामाजिक, राजनीतिक, कर्मण्यवादी जयनारायण व्यास अपने युग की जीवित गाथा थे। युग का स्पन्दन उनकी आत्मा का स्वर बनकर उनकी कविताओं में, उनके गीतों में, उनके उपन्यास में, उनके नाटकों में, उनकी कहानियों में मुखर हुआ। व्यास जी सही अर्थ में सामाजिक पुनर्जागरण एवं राष्ट्रीय भावनाओं के कवि थे। वे समाज सुधार एवं राष्ट्रीय आंदोलन को समर्पित कवि, लेखक, पत्रकार थे। .

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जोधपुर

जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। एक तमिल फ़िल्म, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्मशोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी। .

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इडर के प्रताप सिंह

लेफ्टिनेंट जनरल प्रताप सिंह (22 अक्टूबर 1845 – 4 सितम्बर 1922) इडर राज्य (गुजरात) के महाराजा तथा ब्रितानी भारतीय सेना के अधिकारी थे। १९०२ से १९११ तक वे अहमदनगर (हिम्मतनगर) के महाराजा भी थे। प्रताप सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1845 को हुआ था। वह जोधपुर के तख्त सिंह (1819 -13 फरवरी 1873) जोधपुर के महाराजा के तीसरे बेटे थे और उनकी पहली पत्नी, गुलाब कुंवरजी माजी थीं, और उनके शुरुआती जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है। उन्होंने जयपुर के महाराजा राम सिंह के अधीन प्रशासनिक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसके भाई महाराजा जसवंत सिंह जोधपुर ने उन्हें अपने राज्य में आमंत्रित किया। .

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कान सिंह परिहार

श्री कान सिंह परिहार (जन्म ३० अगस्त १९१३) आप का जन्म जोधपुर के पास सूरसागर, राजस्थान मॅ जानेमाने ठेकेदार श्री छोगसिंह जी परिहार व श्रीमती मुरली देवी जी के यहां हुआ। आप राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधिश व जोधपुर विश्वविद्यालय पूर्व कुलपति है। .

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कृष्णा कुमारी

कृष्णा कुमारी (1794 - 21 जुलाई 1810) मेवाड़, उदयपुर की राजपूत राजकुमारी थीं।https://www.patrika.com/story/astrology-and-spirituality/when-king-loved-dancer-said-goodbye-this-world-together-1337865.html .

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कैलाश सांखला

कैलाश शंखला (30 जनवरी 1925 - 15 अगस्त 1994) एक भारतीय प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी थे। ये दिल्ली जूलॉजिकल पार्क के निदेशक और राजस्थान के चीफ वन्यजीव वार्डन थे। ये बाघों के संरक्षण के लिए काफी लोकप्रिय हुए हैं। इन्हें "भारत का टाइगर मैन" के रूप में भी जाना जाता था, और 1973 में भारत में स्थापित एक संरक्षण कार्यक्रम प्रोजेक्ट टाइगर के गठन में भी शामिल था। .

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कोमल कोठारी

कोमल कोठारी (१९२९ -- २००४) या कोमल दा ने लोक कलाओं को संरक्षित करने में अपूर्व योगदान दिया था। उन्होने राजस्थान की लोक कलाओं, लोक संगीत और वाद्यों के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज आदि के लिए बोरूंदा में रूपायन संस्था की स्थापना की थी। भारत सरकार द्वारा सन २००४ में उन्हें कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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अशोक गहलोत

अशोक गहलोत का जन्‍म 3 मई 1951 को जोधपुर राजस्‍थान में हुआ। स्‍व॰ श्री लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। गहलोत का विवाह 27 नवम्‍बर, 1977 को श्रीमती सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं। श्री गहलोत को जादू तथा घूमना-फिरना पसन्‍द हैं। .

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