जैमिनी ज्योतिष ऋषि जैमिनी की देन है। जैमिनि ज्योतिष में मुख्य रूप से फलित करने के लिये कारक, राशियों की द्रष्टियां, राशियों कि दशाओं, तथा दशाओं का क्रम भी (सव्य, अपसव्य) हो सकता है। इसके साथ ही दशाओं की अवधि भी स्थिर नहीं है, यह बदलती रहती है। जैमिनी ज्योतिष में इसके अतिरिक्त फलित के लिये कारकांश का प्रयोग किया जाता है। जैमिनि ज्योतिष में पद या आरुढ लग्न भी फलित का एक महत्वपूर्ण भाग है। जैमिनी ज्योतिष कारक जैमिनी ज्योतिष सात कारको पर आधारित है। इन कारकों में राहू-केतु को छोडकर, अन्य सभी सात ग्रह अपने- अपने अंश -कला-विकला के अनुसार अवरोही क्रम में निम्नलिखित सात कारक बनते है। सात कारक निम्न है। 1.
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