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मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली

सूची मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली

मीर ज़फ़रुल्लाह खान जमाली पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वह एक जनवरी 1944 को बलूचिस्तान के जिला नसीरआबाद के गांव रोझान जमाली में पैदा हुए। प्रारंभिक शिक्षा रोझान जमाली में ही प्राप्त की। बाद में सेंट लॉरेंस कॉलेज घोड़ा गली मरी, एलिसन कॉलेज लाहौर और 1965 में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। ज़फ़रुल्लाह जमाली प्रांत बलूचिस्तान द्वारा अब तक पाकिस्तान के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। ज़फ़रुल्लाह जमाली अंग्रेजी, उर्दू, सिंधी, बलोची, पंजाबी और पश्तो भाषा में महारत रखते हैं। .

20 संबंधों: परवेज़ मुशर्रफ़, पश्तो भाषा, पाकिस्तान, पाकिस्तान की राजनीति, पंजाबी, प्रधानमन्त्री, फ़ातिमा जिन्नाह, बलूचिस्तान (पाकिस्तान), बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री, बलोच भाषा और साहित्य, मोहम्मद अली जिन्नाह, लाहौर, सिन्धी भाषा, अंग्रेज़ी भाषा, उर्दू भाषा, १९६५, २००३, २००४, २६ जून, ३१ दिसम्बर

परवेज़ मुशर्रफ़

परवेज़ मुशर्रफ़ परवेज़ मुशर्रफ़ (उर्दू: پرويز مشرف; जन्म अगस्त 11, 1943) पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके हैं। इन्होंने साल 1999 में नवाज़ शरीफ की लोकतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। .

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पश्तो भाषा

कोई विवरण नहीं।

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान की राजनीति

पाकिस्तान की राजनीति (پاکستان کی سیاست) ने सालों के दौरान कई तब्दीलियाँ देखी हैं। समय-समय पर फ़ौज मुल्क का शासन को संभाल लेता है। परन्तु वर्तमान स्थिति में मुल्क में लोकतांत्रिक व्यवस्था वापस आ गई है। पाकिस्तान एक संघीय गणराज्य है, पाकिस्तान के राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख पाकिस्तान में राजनीति को बहुत महत्व प्राप्त किया है। श्रेणी:पाकिस्तान की राजनीति.

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पंजाबी

पंजाबी का इनमें से मतलब हो सकता: संस्कृति में.

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प्रधानमन्त्री

प्रधानमंत्री एक ऐसा राजनेता होता है जो कि सरकार की कार्यकारिणी शाखा का संचालन करता है। सामान्यतः, प्रधानमंत्री अपने देश की संसद का सदस्य भी होता है। भारत में प्रधानमन्त्री या अन्य कोई मन्त्री छः माह तक बिना संसद सदस्य रहते हुए भी पद पर बने रह सकते हैं लेकिन उन्हे छः महीने के अन्दर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पडेगा। अगर प्रधानमन्त्री या मन्त्री इस अवधि में संसद के सदस्य बनने में विफल रहते हैं तो उन्हे त्यागपत्र देना पडेगा। लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि हर बार छ: माह के लिए आप सदन के सदस्य न रहते हुए भी मन्त्री पद पर आसीन रहे। इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यालय का निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री वर्ष २०१४ में निर्वाचित श्री नरेन्द्र मोदी हैं जो भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा वाराणसी से सांसद हैं। .

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फ़ातिमा जिन्नाह

फ़ातिमा जिन्नाह पार्क, इस्लामाबाद, पाकिस्तान फ़ातिमा जिन्नाह (उर्दू) मादर-ए मिल्लत यानी जनता की माँ, क़ायदे आज़म के जीवन में मादर-ए मिल्लत उनके हमर उह प्रभावी रूप से १९ साल रहें यानी १९२९ से १९४८ तक और मृत्यु शुक्रवार के बाद भी इतना ही समय जीवित रहीं। हमारे विशेषज्ञ इतिहास ऑसाज्य ने मादर मिल्लत को कायदे आजम के घर की देखभाल करने वाली बहन को लेकर बहुत बुलंद स्थान दिया है लेकिन उन्होंने स्थापना पाकिस्तान और खासकर १९६५ के बाद के राजनीतिक नक्शे पर जो आश्चर्यजनक प्रभाव छोड़े हैं उनकी तरफ अधिक ध्यान नहीं। यह एक सार्थक बात है कि कायदे आजम के जीवन में मादर मिल्लत उनके हमर उह प्रभावी रूप से १९ साल रहें यानी १९२९ से १९४८ तक और मृत्यु शुक्रवार के बाद भी इतना ही समय जीवित रहीं यानी १९४६ से १९६७ तक लेकिन इस दूसरे दौर में उनकी अपनी व्यक्ति कुछ इस तरह उभरी और उनके विचारों भूमिका कुछ इस तरह नखरे कर सामने आए कि उन्हें बजा लिए कायदे आजम की लोकतांत्रिक 'बे बाक और पारदर्शी राजनीतिक मूल्यों को आज़सर नौ जीवित करने का श्रेय दिया जा सकता है जिन्हें शासक भूल चुके थे। इस सिलसिले में मादर मिल्लत ने जिन आरा जताई उनसे समकालीन राजनीतिशास्त्र और मामलों पर उनकी ज़हनी पकड़ ना योग्य विश्वास हद तक और मजबूत नजर आती है। १९६५ के राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर अय्यूब खान की आलोचना के जवाब में मादर मिल्लत ने ख़ुद कहा था कि अय्यूब सैन्य मामलों का विशेषज्ञ हो सकता है लेकिन राजनीतिक समझ और फ़्रासत मैंने कायदे आजम सीधे प्राप्त है और यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें अमर बिल्कुल ना देशांतर है। १९६५ के बाद उत्पन्न होने वाली घटनाओं मादरमलत के इस बयान की पुष्टि करने के लिए काफी हैं। उदाहरण के मादर मिल्लत ने जिन खतरों की बार बार पहचान की उनमें से कुछ हैं.

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बलूचिस्तान (पाकिस्तान)

बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी। यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है। .

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बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री

बलोचिस्तान के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के प्रांत बलोचिस्तान की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होता है। उनका चयन बलूचिस्तान विधानसभा करती है। पाकिस्तान पाकिस्तान की प्रशासन व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है अतः राज्य के राज्यपाल, जिन्हें कथास्वरूप राज्य का प्रमुख होने का सौभाग्य प्राप्त है, को केवल पारंपरिक एवं नाममात्र की संवैधानिक अधिकार है जबकि आसल कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री के नियंत्रण में होती है। बलूचिस्तान के मौजूदा मुख्यमंत्री असलम रईसानी हैं जिनका संबंध पाकिस्तान पीपल्स पार्टी से है। उन्होंने 9 अप्रैल 2008 को अपने पद की शपथ ली और बलूचिस्तान असेंबली के 65 में से 61 उम्मीदवारों के समर्थन से उन्हें नेता सत्ता पक्ष घोषित किया गया था। .

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बलोच भाषा और साहित्य

बलोची या बलोच भाषा दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान, पूर्वी ईरान और दक्षिणी अफ़्ग़ानिस्तान में बसने वाले बलोच लोगों की भाषा है। यह ईरानी भाषा परिवार की सदस्य है और इसमें प्राचीन अवस्ताई भाषा की झलक नज़र आती है, जो स्वयं वैदिक संस्कृत के बहुत करीब मानी जाती है। उत्तरपश्चिम ईरान, पूर्वी तुर्की और उत्तर इराक़ में बोले जानी कुर्दी भाषा से भी बलोची भाषा की कुछ समानताएँ हैं। बलोची पाकिस्तान की नौ सरकारी भाषाओँ में से एक है। अनुमानतः इसे पूरे विश्व में लगभग ८० लाख लोग मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। पाकिस्तान में इसे अधिकतर बलोचिस्तान प्रान्त में बोला जाता है, लेकिन कुछ सिंध और पंजाब में बसे हुए बलोच लोग भी इसे उन प्रान्तों में बोलते हैं। ईरान में इसे अधिकतर सिस्तान व बलुचेस्तान प्रान्त में बोला जाता है। ओमान में बसे हुए बहुत से बलोच लोग भी इसे बोलते हैं। समय के साथ बलोची पर बहुत सी अन्य भाषाओँ का भी प्रभाव पड़ा है, जैसे की हिन्दी-उर्दू और अरबी। पाकिस्तान में बलोची की दो प्रमुख शाखाएँ हैं: मकरानी (जो बलोचिस्तान से दक्षिणी अरब सागर के तटीय इलाक़ों में बोली जाती है) और सुलेमानी (जो मध्य और उत्तरी बलोचिस्तान के सुलेमान श्रृंखला के पहाड़ी इलाक़ों में बोली जाती है)। ईरान के बलुचेस्तान व सिस्तान सूबे में भी इसकी दो उपशाखाएँ हैं: दक्षिण में बोले जानी वाली मकरानी (जो पाकिस्तान के बलोचिस्तान की मकरानी से मिलती है) और उत्तर में बोले जानी वाली रख़शानी। .

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मोहम्मद अली जिन्नाह

मोहम्मद अली जिन्ना (उर्दू:, जन्म: 25 दिसम्बर 1876 मृत्यु: 11 सितम्बर 1948) बीसवीं सदी के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे जिन्हें पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। वे मुस्लिम लीग के नेता थे जो आगे चलकर पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने। पाकिस्तान में, उन्हें आधिकारिक रूप से क़ायदे-आज़म यानी महान नेता और बाबा-ए-क़ौम यानी राष्ट्र पिता के नाम से नवाजा जाता है। उनके जन्म दिन पर पाकिस्तान में अवकाश रहता है। भारतीय राजनीति में जिन्ना का उदय 1916 में कांग्रेस के एक नेता के रूप में हुआ था, जिन्होने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोर देते हुए मुस्लिम लीग के साथ लखनऊ समझौता करवाया था। वे अखिल भारतीय होम रूल लीग के प्रमुख नेताओं में गिने जाते थे। काकोरी काण्ड के चारो मृत्यु-दण्ड प्राप्त कैदियों की सजायें कम करके आजीवन कारावास (उम्र-कैद) में बदलने हेतु सेण्ट्रल कौन्सिल के ७८ सदस्यों ने तत्कालीन वायसराय व गवर्नर जनरल एडवर्ड फ्रेडरिक लिण्डले वुड को शिमला जाकर हस्ताक्षर युक्त मेमोरियल दिया था जिस पर प्रमुख रूप से पं॰ मदन मोहन मालवीय, मोहम्मद अली जिन्ना, एन॰ सी॰ केलकर, लाला लाजपत राय व गोविन्द वल्लभ पन्त आदि ने हस्ताक्षर किये थे। भारतीय मुसलमानों के प्रति कांग्रेस के उदासीन रवैये को देखते हुए जिन्ना ने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने देश में मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा और स्वशासन के लिए चौदह सूत्रीय संवैधानिक सुधार का प्रस्ताव रखा। लाहौर प्रस्ताव के तहत उन्होंने मुसलमानों के लिए एक अलग राष्ट्र का लक्ष्य निर्धारित किया। 1946 में ज्यादातर मुस्लिम सीटों पर मुस्लिम लीग की जीत हुई और जिन्ना ने पाकिस्तान की आजादी के लिए त्वरित कार्रवाई का अभियान शुरू किया। कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया के कारण भारत में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई। मुस्लिम लीग और कांग्रेस पार्टी, गठबन्धन की सरकार बनाने में असफल रहे, इसलिए अंग्रेजों ने भारत विभाजन को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान के गवर्नर जनरल के रूप में जिन्ना ने लाखों शरणार्थियो के पुनर्वास के लिए प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने अपने देश की विदेश नीति, सुरक्षा नीति और आर्थिक नीति बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गौरतलब है कि पाकिस्तान और भारत का बटवारा जिन्ना और नेहरू के राजनीतिक लालच की वजह से हुआ है ! .

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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सिन्धी भाषा

सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका संबंध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग ७० प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं। सिंधी भाषा सिंध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा जिसका संबंध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिंधी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिंध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रांत रहा है और 1843 से 1936 ई. तक सिन्ध, बम्बई प्रांत का एक भाग होने के नाते गुजराती के विशेष संपर्क में रहा है। पाकिस्तान में सिंधी भाषा नस्तालिक (यानि अरबी लिपि) में लिखी जाती है जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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१९६५

1965 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००३

२००३ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००४

2004 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२६ जून

26 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 177वाँ (लीप वर्ष में 178 वाँ) दिन है। साल में अभी और 188 दिन बाकी हैं। .

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३१ दिसम्बर

31 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 365वॉ (लीप वर्ष मे 366 वॉ) दिन है। यह साल का आखरी दिन है। .

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मीर जफरुल्ला खान जमाली, ज़फरुल्लाह खान जमाली

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