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सार्वजनिक हित

सूची सार्वजनिक हित

सार्वजनिक हित सामूहिक रूप से जनता के हित को कह सकते हैं। इसकी अवधारणा लोकनीति, प्रजातन्त्र, सरकार के स्वरूप, राजनीति, नीतिगत बहस, जनकल्याण, सरकारी नियोजन, न्याय के लिये आवश्यक है। सभी लोग जनहित की बात करते हैं, लेकिन सामान्यतः इसपर सर्वसम्मति नहीं हो पाती कि किसे जनहित कहा जाए। .

5 संबंधों: बहुमत, राष्ट्रीय हित, राजनीतिक दर्शन, लोकतंत्र, समाज

बहुमत

बहुमत (plurality या majority) शब्द का प्रयोग मतदान (वोंटिंग) के सन्दर्भ में किया जाता है। सामान्यतः जो प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करता है उसे 'बहुत मिला है' कहते हैं।.

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राष्ट्रीय हित

राष्ट्रीय हित (national interest, फ्रेंच: raison d'État) से आशय किसी देश के आर्थिक, सैनिक, साम्स्कृतिक लक्ष्यों एवं महत्वाकाक्षाओं से है। राष्ट्रीय हित अंतरराष्ट्रीय राजनीति में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि राज्यों के आपसी संबंधों को बनाने में इनकी विशेष भूमिका होती है। किसी भी राष्ट्र की विदेश नीति मूलतः राष्ट्रीय हितों पर ही आधारित होती है, अतः उसकी सफलताओं एवं असफलताओं का मूल्यांकन भी राष्ट्रीय हितों में परिवर्तन आता है जिसके परिणामस्वरूप विदेश नीति भी बदलाव के दौर से गुजरती है। .

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राजनीतिक दर्शन

राजनीतिक दर्शन (Political philosophy) के अन्तर्गत राजनीति, स्वतंत्रता, न्याय, सम्पत्ति, अधिकार, कानून तथा सत्ता द्वारा कानून को लागू करने आदि विषयों से सम्बन्धित प्रश्नों पर चिन्तन किया जाता है: ये क्या हैं, उनकी आवश्यकता क्यों हैं, कौन सी वस्तु सरकार को 'वैध' बनाती है, किन अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है, विधि क्या है, किसी वैध सरकार के प्रति नागरिकों के क्या कर्त्तव्य हैं, कब किसी सरकार को उकाड़ फेंकना वैध है आदि। प्राचीन काल में सारा व्यवस्थित चिंतन दर्शन के अंतर्गत होता था, अतः सारी विद्याएं दर्शन के विचार क्षेत्र में आती थी। राजनीति सिद्धान्त के अन्तर्गत राजनीति के भिन्न भिन्न पक्षों का अध्ययन किया जाता हैं। राजनीति का संबंध मनुष्यों के सार्वजनिक जीवन से हैं। परम्परागत अध्ययन में चिन्तन मूलक पद्धति की प्रधानता थी जिसमें सभी तत्वों का निरीक्षण तो नहीं किया जाता हैं, परन्तु तर्क शक्ति के आधार पर उसके सारे संभावित पक्षों, परस्पर संबंधों प्रभावों और परिणामों पर विचार किया जाता हैं। .

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लोकतंत्र

लोकतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन") या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। यह शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किंतु लोकतंत्र का सिद्धांत दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतंत्र भिन्न भिन्न सिद्धांतों के मिश्रण से बनते हैं, पर मतदान को लोकतंत्र के अधिकांश प्रकारों का चरित्रगत लक्षण माना जाता है। .

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समाज

समाज एक से अधिक लोगों के समुदाय को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते है। मानवीय क्रियाकलाप में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती है। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूहों से काफी कम मेलजोल रखता है। किसी समाज के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति एक दूसरे के प्रति परस्पर स्नेह तथा सहृदयता का भाव रखते हैं। दुनिया के सभी समाज अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए अलग-अलग रस्मों-रिवाज़ों का पालन करते हैं। .

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