5 संबंधों: भूगोल, मानव भूगोल, लिंग अनुपात, स्थानान्तरण, घनत्व।
भूगोल
पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .
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मानव भूगोल
देशों के अनुसार जनसंख्या का घनत्व, 2006 मानव भूगोल, भूगोल की प्रमुख शाखा हैं जिसके अन्तर्गत मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता हैं। मानव भूगोल की एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहु अनुमोदित परिभाषा है, मानव एवं उसका प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन। मानव भूगोल में पृथ्वी तल पर मानवीय तथ्यों के स्थानिक वितरणों का अर्थात् विभिन्न प्रदेशों के मानव-वर्गों द्वारा किये गये वातावरण समायोजनों और स्थानिक संगठनों का अध्ययन किया जाता है। मानव भूगोल में मानव-वर्गो और उनके वातावरणों की शक्तियों, प्रभावों तथा प्रतिक्रियाओं के पारस्परिक कार्यात्मक सम्वन्धों का अध्ययन, प्रादेशिक आधार पर किया जाता है। मानव भूगोल का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यूरोपीय देशों, पूर्ववर्ती सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा भारत के विश्वविद्यालयों में इसके अध्ययन में अधिकाधिक रूचि ली जा रही है। पिछले लगभग ४० वर्षों में मानव भूगोल के अध्ययन क्षेत्र का वैज्ञानिक विकास हुआ है और संसार के विभिन्न देशों में वहाँ की जनसंख्या की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उन्नति के लिये संसाधन-योजना में इसके ज्ञान का प्रयोग किया जा रहा है। .
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लिंग अनुपात
प्रति एक हजार (१०००) पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या लिंग अनुपात कहलाती हैं। भारत में लिंग अनुपात.
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स्थानान्तरण
अधिगम स्थान्तरण:- जब हमारे दुवारा पहले से किया गया अधिगम हमारे दुवारा किये जाने वाले नए अधिगम मई सहायता प्रदान करे या नए सीखे जाने वाले अधिगम को प्रभावित करें तो हम इससे अधिगम स्थान्तरण कहते है। अधिगम स्थान्तरण सामान्यता तीन प्रकार का होता है:- 1.सकारात्मक अधिगम स्थान्तरण 2.शून्य अधिगम स्थान्तरण 3.नकारात्मक अधिगम स्थान्तरण (1)-सकारात्मक अधिगम स्थान्तरण:-जब हमारे द्वारा पहले से किया गया अधिगम हमारे द्वारा नये किये जाने वाले अधिगम में सहायता प्रदान करे तो हम इसे सकारात्मक अधिगम स्थान्तरण कहते है। जैसे- सायकल सिख हुवा इंसान बाइक चलाने आसानी से सिख जाता है। (2).शून्य अधिगम स्थान्तरण:-जब हमारे द्वारा पहले से किया गया अधिगम हमारे द्वारा नये किये जाने अधिगम में ने तो सहायता और न ही बाधा उत्पन करे तो इसे शून्य अधिगम स्थानांतरण कहते है। जैसे-रहीम के दोहो को याद करने के बाद कबीर के दोहे याद करने में ने तो सुविधा होती ने ही बाधा उतपन होती है। (3).ऋणात्मक अधिगम स्थान्तरण:-जब हनारे द्वारा पहले से किया गया अधिगम हमारे द्वारा किये जाने वाले नए अधिगम में बाधा पहुंचाये तो हम उसे ऋणात्मक अधिगम स्थान्तरण कहते है। जैसे-भारत में गाड़ी चलाने वाला अगर अमेरिका में जाके गाड़ी चलाये तो उसे असुविधा होगी।.
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घनत्व
भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .
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