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चुम्बन

सूची चुम्बन

चुम्बन किसी अन्य व्यक्ति या वस्तू को होठों के स्पर्श करने अथवा लगाने की क्रिया हैं। चुम्बन के सांस्कृतिक अर्थ व्यापक रूप से भिन्न होते हैं। संस्कृति और संदर्भ के अनुसार, एक चुम्बन, अन्य कई भावों में से, प्यार, जुनून, प्रणय, यौन आकर्षण, कामुक गतिविधि, कामोत्तेजना, स्नेह, आदर, अभिवादन, मित्रता, अमन और खुशकिस्मती के भावों को दर्शा सकती हैं। कुछ परिस्थितियों में, चुम्बन एक अनुष्ठान होती हैं, अर्थवा औपचारिक या प्रतीकात्मक संकेत होती हैं, जो भक्ति, सम्मान या संस्कार को दर्शाती हैं। श्रेणी:चुम्बन श्रेणी:अभिवादन श्रेणी:अन्तरवैयक्तिक सम्बन्ध श्रेणी:कामुक क्रियाएँ.

7 संबंधों: प्यार, मित्रता, यौन आकर्षण, स्नेह, हिन्दू संस्कार, इज़्ज़त, अभिवादन

प्यार

चित्र:Drawn love hearts.svg| प्यार या प्रेम एक अहसास है। प्यार अनेक भावनाओं का, रवैयों का मिश्रण है जो पारस्परिक स्नेह से लेकर खुशी की ओर विस्तारित है। ये एक मज़बूत आकर्षण और निजी जुड़ाव की भावना है। ये किसी की दया, भावना और स्नेह प्रस्तुत करने का तरीका भी माना जा सकता है। खुद के प्रति, या किसी जानवर के प्रति, या किसी इन्सान के प्रति स्नेहपूर्वक कार्य करने या जताने को प्यार कह सकते हैं। कहते हैं कि अगर प्यार होता है तो हमारी ज़िन्दगी बदल जाती हैं। प्राचीन ग्रीकों ने चार तरह के प्यार को पहचाना है: रिश्तेदारी, दोस्ती, रोमानी इच्छा और दिव्य प्रेम। प्यार को अक्सर वासना के साथ तुलना की जाती है और पारस्परिक संबध के तौर पर रोमानी अधिस्वर के साथ तोला जाता है, प्यार दोस्ती यानी पक्की दोस्ती से भी तोला जाता हैं। आम तौर पर प्यार एक एहसास है जो एक इन्सान दूसरे इन्सान के प्रति महसूस करता है। अगर हम प्रेम की बात करें तो प्रेम जीवन है जिस तरह H+o2 .

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मित्रता

मित्रता या दोस्ती दो या अधिक व्यक्तियों के बीच पारस्परिक लगाव का संबंध है। यह संगठन की तुलना में अधिक सशक्त अंतर्वैयक्तिक बंधन है। मित्रता की अवधारणा, स्वरूप और उसके सामाजिक-मनोवैज्ञानिक पक्षों का समाजशास्त्र, सामाजिक मनोविज्ञान, नृतत्वशास्त्र, दर्शन, साहित्य आदि आकादमिक अनुशासनों में अध्ययन किया जाता रहा है। इससे संबंधित अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है। जैसे कि सामाजिक विनिमय सिद्धांत, साम्य सिद्धांत, संबंधात्मक द्वंद्ववाद, आसक्ति पद्धति आदि। विश्व खुशहाली डाटाबेस के अध्ययनों में पाया गया है कि करीबी संबंध रखने वाले लोग अधिक खुश रहते हैं। मित्रता के कई रूप होते हैं। इन रूपों में देशगत भिन्नताएं भी होती हैं किंतु कुछ विशेषताएं हर प्रकार की मित्रता में मिलती हैं। जैसे कि- आसक्ति, संवेदना, समानुभूति, ईमानदारी, परोपकारिता, करुणा, क्षमा, पारस्परिक समझ, भरोसा, सुखद साथ, एकत्व क्षमता, गलती करने में मित्र से निर्भयता आदि। यद्यपि कौन से लोग मित्र बन सकते हैं इसकी कोई व्यवहारिक सीमा नहीं है तथापि प्रायः उनकी पृष्ठभूमि, व्यवसाय, हित और रुचियाँ समान होती हैं। वे प्रायः एक ही क्षेत्र से संबद्ध होते हैं। .

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यौन आकर्षण

यौन आकर्षण लिंग पर आधारित आकर्षण है। यह आकर्षण किसी की मुख की सुंदरता, चाल, आवाज़ या गंध से हो सकता है। आकर्षण किसी व्यक्ति के श्रंगार, कपड़े, इत्र, बालों की लंबाई और शैली से बढ़ सकता है। .

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स्नेह

स्नेह का अर्थ होता है लगाव। .

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हिन्दू संस्कार

यह लेख सनातन धर्म के संस्कार में जोड़ा या पुनर्निर्देशित किया जा सकता है। हिन्दू धर्म की महान आध्यात्मिक विरासत सफल और सार्थक यात्रा के लिए जहाँ यात्रा के काम आने वाले उपकरण-अटैची, बिस्तर, पानी पीने के बर्तन आदि आवश्यक होते हैं, वही यह जानना भी, कि यात्रा किस उद्देश्य से की जा रही है? रास्ता क्या है? मार्ग में कहाँ-किस तरह की भौगोलिक समस्याएँ आयेंगी तथा किन लोगों को मार्गदर्शन उपयोग रहेगा? इन जानकारियों के अभाव में सुविधा-सम्पन्न यात्रा तो दूर अनेक अवरोध और संकट उठ खड़े हो सकते हैं। मनुष्य का जीवन भी विराट यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उसमें मात्र सुख-सुविधा संवर्धन तक ही सीमित रह जाने वाले मार्ग में भटकते दुःख भोगते और पश्चात्ताप की आग में जलते हुए संसार से विदा होते हैं। .

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इज़्ज़त

इज़्ज़त उत्तर भारत और पाकिस्तान की संस्कृति में मान, सम्मान और प्रतिष्ठा की मिश्रित संकल्पना (अर्थात कॅान्सेप्ट) है। यह उस क्षेत्र में रहने वाले सारे धर्मों (हिन्दू, मुस्लिम, सिख) और समुदायों पर लागू है। अपनी और अपने परिवार की (विशेषतः परिवार की स्त्रियों की) मान-प्रतिष्ठा बनाए रखना और अपनी इज्ज़त का उल्लंघन करने वालों से अनिवार्य रूप से बदला लेना इज्ज़त रखने के अभिन्न अंग माने जाते हैं। इज्ज़त की संकल्पना को कभी-कभी स्त्री-स्वतंत्रता के लिए सामाजिक अवरोधक बुलाया गया है, लेकिन हर सामाजिक वर्ग में इज्ज़त की एक ही परिभाषा होने से इसे समाज में समानता लाने का भी एक मूल समझा जाता है जिसमे "(दोस्ती की स्थिति में) लेन-देन की बराबरी भी है और (दुश्मनी की स्थिति में) बदला लेने की भी।" किसी भी रिश्ते में दोनों ओर से बराबर की दोस्ती या दुश्मनी जतलाने की परंपरा इज्ज़त की रिवायत से जुड़ी हुई है। अगर किसी ने पहले किसी परिस्थिति में सहायता की हो तो भविष्य में ज़रुरत पड़ने पर उसकी सहायता करना इस क्षेत्र के समाज में अपनी इज्ज़त रखने के लिए अनिवार्य माना जाता है। .

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अभिवादन

अभिवादन (greeting) मानव संचार की वह क्रिया होती है जिसमें व्यक्ति एक-दूसरे को अपनी उपस्थिति से अवगत कराते हैं और दूसरे की उपस्थिति को स्वीकारते हैं। अक्सर इसमें दूसरे की उपस्थिति का स्वागत करा जाता है या उसपर प्रसन्नता जतलाई जाती है। आमतौर पर यह व्यक्तियों में आपसी-सम्बन्ध का भी संकेत होता है, चाहे वह औपचारिक हो या अनौपचारिक। अभिवादन परम्पराएँ स्थानों और संस्कृतियों के अधार पर बहुत भिन्न होती हैं लेकिन वे विश्व के हर सामाज में पाई जाती हैं। अभिवादन शारीरिक संकेत (मसलन नमस्ते या हाथ का हिलाना या सिर का झुकाना), बोलकर या इन दोनों को मिलाकर करा जाता है। पत्र या ईमेल जैसे लिखित संचार में भी अभिवादन व्यत्क्त करा जा सकता है। कुछ भाषाओं में एक ही शब्द या संकेत किसी का स्वागत करने के लिये और उस से विदा होने के लिये प्रयोग होता है। उदाहरण के लिए अंग्रेज़ी में "गुड डे" (Good day), अरबी में "अस-सलाम-आलेकुम" (السلام عليكم), इब्रानी में "शालोम" (שָׁלוֹם) और इतालवी में "च्याओ" (Ciao)। सिर-झुकाना और हाथ मिलाना भी मिलने व विदा करने दोनों के लिये प्रयोगित हैं। .

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