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चील नीहारिका

सूची चील नीहारिका

चील नीहारिका चील नीहारिका (अंग्रेजी: Eagle nebula, ईगल नॅब्युला) सर्प तारामंडल में स्थित नवजात तारों का एक खुला तारागुच्छ है जिसके इर्द-गिर्द एक चील की आकृति की नीहारिका फैली हुई है। इसी निहारिका में "सृष्टि के स्तम्भ" नामक क्षेत्र है जिसकी तस्वीरें हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने ली थीं और विश्व-भर में प्रसिद्ध हो गई। चील निकरिका की खोज झ़ों-फ़ीलीप द शेसो (Jean-Philippe de Cheseaux, 'झ़' के उच्चारण का ध्यान रखें) ने सन् १७४५-४६ में की थी। चील नीहारिका पृथ्वी से लगभग ६,५०० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है। इसमें स्थित सबसे रोशन तारे का मैग्नीट्यूड +८.२४ है और यह दूरबीन के द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। इसे मॅसिये वस्तुओं की सूची में भी शामिल किता गया था, जहाँ इसका नामांकन मॅसिये १६ (M16) है। .

12 संबंधों: चील, झ़, तारा, निहारिका, प्रकाश-वर्ष, पृथ्वी, मॅसिये वस्तुएँ, सर्प तारामंडल, हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी, खगोलीय मैग्निट्यूड, खुला तारागुच्छ, अंग्रेज़ी भाषा

चील

चील, श्येन कुल, फैमिली फैलकोनिडी (Family falconidae), का बहुत परिचित पक्षी है, जिसकी कई जातियाँ संसार के प्राय: सभी देशों में फैली हुई हैं। इनमें काली चील (Black kite), ब्रह्मनी या खैरी चील (Brahminy kite), ऑल बिल्ड चील (Awl billed kite), ह्विसलिंग चील (Whistling kite) आदि मुख्य हैं। चील लगभग दो फुट लंबी चिड़िया है, जिसकी दुम लंबी ओर दोफंकी रहती है। इसका सारा बदन कलछौंह भूरा होता है, जिसपर गहरे रंग के सेहरे से पड़े रहते हैं। चोंच काली और टाँगें पीली होती हैं। बाज, बहरी आदि शिकारी चिड़ियों से इसके डैने बड़े, टाँगें छोटी और चोंच तथा पंजे कमजोर होते हैं। चील उड़ने में बड़ी दक्ष होती है। बाजार में खाने की चीजों पर बिना किसी से टकराए हुए, यह ऐसी सफाई से झपट्टा मारती है कि देखकर ताज्जुब होता है। यह सर्वभक्षी तथा मुर्दाखोर चिड़िया है, जिससे कोई भी खाने की वस्तु नहीं बचने पाती। ढीठ तो यह इतनी होती है कि कभी कभी बस्ती के बीच के किसी पेड़ पर ही अपना भद्दा सा घोंसला बना लेती है। मादा दो तीन सफेद या राखी के रंग के अंडे देती है, जिनपर कत्थई चित्तियाँ पड़ी रहती हैं। .

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झ़

thumb झ़ की ध्वनि सुनिए झ़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। इसका प्रयोग हिंदी-उर्दू (उर्दू: ژ) में केवल गिनती के ही शब्दों में होता है, जैसे की "झ़ुझ़" (जो एक प्रकार की सेह या पोर्क्युपाइन होती है) और "अझ़दहा" (जिसे अंग्रेज़ी में ड्रैगन या dragon कहते हैं)। अंग्रेज़ी में इसका प्रयोग बहुत सारे शब्दों में होता है, जैसे की "टॅलिविझ़न" (television), "ट्रॅझ़र" (treasure यानि ख़ज़ाना), "विझ़न" (vision यानि दृष्टि या नज़र), "डिसिझ़न" (decision यानि फ़ैसला) और "डिविझ़न" (division यानि बाँटना या किसी चीज़ का भाग करना)। प्रथा के अनुसार "झ़" को कभी-कभी "ज़" लिख दिया जाता है जैसे की television को अक्सर "टेलिविज़न" लिख दिया जाता है हालाँकि यह पूरा सही नहीं है। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को ʒ के चिन्ह से लिखा जाता है और उर्दू में इसे ژ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम "झ़े" है। .

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तारा

तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .

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निहारिका

चील नॅब्युला का वह भाग जिसे "सृजन के स्तम्भ" कहा जाता है क्योंकि यहाँ बहुत से तारे जन्म ले रहे हैं। त्रिकोणीय उत्सर्जन गैरेन नीहारिका (द ट्रेंगुलम एमीशन गैरन नॅब्युला) ''NGC 604'' नासा द्वारा जारी क्रैब नॅब्युला (कर्कट नीहारिका) वीडियो निहारिका या नॅब्युला अंतरतारकीय माध्यम (इन्टरस्टॅलर स्पेस) में स्थित ऐसे अंतरतारकीय बादल को कहते हैं जिसमें धूल, हाइड्रोजन गैस, हीलियम गैस और अन्य आयनीकृत (आयोनाइज़्ड) प्लाज़्मा गैसे उपस्थित हों। पुराने जमाने में "निहारिका" खगोल में दिखने वाली किसी भी विस्तृत वस्तु को कहते थे। आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) से परे कि किसी भी गैलेक्सी को नीहारिका ही कहा जाता था। बाद में जब एडविन हबल के अनुसन्धान से यह ज्ञात हुआ कि यह गैलेक्सियाँ हैं, तो नाम बदल दिए गए। उदाहरण के लिए एंड्रोमेडा गैलेक्सी (देवयानी मन्दाकिनी) को पहले एण्ड्रोमेडा नॅब्युला के नाम से जाना जाता था। नीहारिकाओं में अक्सर तारे और ग्रहीय मण्डल जन्म लेते हैं, जैसे कि चील नीहारिका में देखा गया है। यह नीहारिका नासा द्वारा खींचे गए "पिलर्स ऑफ़ क्रियेशन" अर्थात् "सृष्टि के स्तम्भ" नामक अति-प्रसिद्ध चित्र में दर्शाई गई है। इन क्षेत्रों में गैस, धूल और अन्य सामग्री की संरचनाएं परस्पर "एक साथ जुड़कर" बड़े ढेरों की रचना करती हैं, जो अन्य पदार्थों को आकर्षित करता है एवं क्रमशः सितारों का गठन करने योग्य पर्याप्त बड़ा आकार ले लेता हैं। माना जाता है कि शेष सामग्री ग्रहों एवं ग्रह प्रणाली की अन्य वस्तुओं का गठन करती है। .

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प्रकाश-वर्ष

प्रकाश वर्ष (चिन्ह:ly) लम्बाई की मापन इकाई है। यह लगभग 950 खरब (9.5 ट्रिलियन) किलोमीटर के अन्दर होती है। यहां एक ट्रिलियन 1012 (दस खरब, या अरब पैमाने) के रूप में लिया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार, प्रकाश वर्ष वह दूरी है, जो प्रकाश द्वारा निर्वात में, एक वर्ष में पूरी की जाती है। यह लम्बाई मापने की एक इकाई है जिसे मुख्यत: लम्बी दूरियों यथा दो नक्षत्रों (या ता‍रों) बीच की दूरी या इसी प्रकार की अन्य खगोलीय दूरियों को मापने मैं प्रयोग किया जाता है। .

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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मॅसिये वस्तुएँ

मॅसिये वस्तुएँ उन खगोलीय वस्तुओं को कहा जाता है जिन्हें फ़्रांसिसी खगोलशास्त्री शार्ल मॅसिये ने सन् १७७१ में प्रकाशित अपनी सूची में सम्मिलित किया था। शार्ल मॅसिये धूमकेतुओं का अध्ययन करते थे और ऐसी वस्तुओं से परेशान थे जो धूमकेतु नहीं थी लेकिन धूमकेतुओं जैसी लगती थीं। उन्होंने अपने सहायक प्येर मेशैं की सहायता से ऐसी वस्तुओं की सूची बनाई। .

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सर्प तारामंडल

सर्प तारामंडल सर्प या सरपॅन्स (अंग्रेज़ी: Serpens, यूनानी: Ὄφις) तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी भाग से नज़र आने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इसके दो हिस्से हैं - "सर्प सिर" (Serpens Caput) जो पश्चिम में दिखता है और "सर्प दुम" (Serpens Cauda) जो पूर्व में दिखता है। इन दोनों हिस्सों के बीच में सर्पधारी तारामंडल (Ophiuchus, Ὀφιοῦχος, ऑफ़ीयूकस) आता है। .

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हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी

हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (Hubble Space Telescope (HST)) वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है, इसे २५ अप्रैल सन् १९९० में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था। हबल दूरदर्शी को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ' नासा ' ने यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से तैयार किया था। अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पोंवेल हबल के नाम पर इसे ' हबल ' नाम दिया गया। यह नासा की प्रमुख वेधशालाओं में से एक है। पहले इसे वर्ष १९८३ में लांच करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों और बजट समस्याओं के चलते इस परियोजना में सात साल की देरी हो गई। वर्ष १९९० में इसे लांच करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके मुख्य दर्पण में कुछ खामी रह गई, जिससे यह पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहा है। वर्ष १९९३ में इसके पहले सर्विसिंग मिशन पर भेजे गए वैज्ञानिकों ने इस खामी को दूर किया। यह एक मात्र दूरदर्शी है, जिसे अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्ष २००९ में संपन्न पिछले सर्विसिंग मिशन के बाद उम्मीद है कि यह वर्ष २०१४ तक काम करता रहेगा, जिसके बाद जेम्स वेब खगोलीय दूरदर्शी को लांच करने कि योजना है। .

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खगोलीय मैग्निट्यूड

खगोलशास्त्र में खगोलीय मैग्निट्यूड या खगोलीय कान्तिमान किसी खगोलीय वस्तु की चमक का माप है। इसका अनुमान लगाने के लिए लघुगणक (लॉगरिदम) का इस्तेमाल किया जाता है। मैग्निट्यूड के आंकडे परखते हुए एक ध्यान-योग्य चीज़ यह है के किसी वस्तु का मैग्निट्यूड जितना कम हो वह वस्तु उतनी ही अधिक रोशन होती है। पृथ्वी पर बैठे हुए दर्शक के लिए -.

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खुला तारागुच्छ

वृष तारामंडल में स्थित कृत्तिका तारागुच्छ (अंग्रेज़ी में "प्लीअडीज़") एक मशहूर खुला तारागुच्छ है खुला तारागुच्छ NGC 2244 खुले तारागुच्छे ("ओपन क्लस्टर") १०-३० प्रकाश वर्ष के चपटे क्षेत्र में फैले चंद सौ तारों के तारागुच्छे होते हैं। इनमे से अधिकतर तारे छोटी आयु वाले (कुछ करोड़ वर्षों पुराने) नवजात सितारे होते हैं। सर्पिल गैलेक्सियों (जैसे की हमारी गैलेक्सी, आकाशगंगा) में यह अक्सर भुजाओं में मिलते हैं। क्योंकि इनमें आपसी गुरुत्वाकर्षक बंधन उतना मज़बूत नहीं होता जितना के गोल तारागुच्छों के सितारों में होता है, इसलिए अक्सर इनके तारे आसपास के विशाल आणविक बादलों और अन्य वस्तुओं के प्रभाव में आकर भटक जाते हैं और तारागुच्छा छोड़ देते हैं। कृत्तिका तारागुच्छ (अंग्रेज़ी में "प्लीअडीज़") इस श्रेणी के तारागुच्छों का एक मशहूर उदहारण है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

चील नॅब्युला, ईगल नेबुला

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