9 संबंधों: चिट्ठाजगत, चिट्ठाकार, भारतीय चिट्ठाजगत, सूक्ष्म चिट्ठाकारी, हिन्दी चिट्ठाजगत, वेबपेज, आलोक कुमार, अंतरजाल, अंग्रेज़ी भाषा।
चिट्ठाजगत
चिट्ठाजगत (अथवा ब्लॉगजगत) अन्तर्जाल पर मौजूद चिट्ठों की आभासी दुनिया को कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे ब्लॉगोस्फीयर कहा जाता है। हिन्दी के लिये चिट्ठाजगत शब्द प्रथम हिन्दी चिट्ठाकार आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित शब्द चिट्ठा से बना है। चिट्ठाजगत विभिन्न चिट्ठों तथा उनके परस्पर लिंकों से बना है। यह शब्द बताता है कि चिट्ठे एक परस्पर लिंकित समुदाय (अथवा समुदायों के समूह) की तरह है अथवा एक सोशल नेटवर्क है जहाँ कि सभी लेखक (चिट्ठाकार) अपनी राय प्रकाशित कर सकते हैं। .
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चिट्ठाकार
चिट्ठाकार (अंग्रेज़ी:ब्लॉगर) ब्लॉगिंग करने वाले यानि चिट्ठा या ब्लॉग लिखने वाले व्यक्ति को कहा जाता है। इण्टरनेट के संसार में चिट्ठाकार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो अपने चिट्ठे पर लगातार लेख, ऑडिया या वीडियो आदि पोस्ट करता है। व्लॉगर वीडियो पाठ और अन्य सामग्री के साथ या उनसे अलग पोस्ट करता है।। हिन्दुस्तान लाईव। १३ मई २००५ कुछ व्लॉगर निजी लेखन करते हैं, जबकि अन्य किसी खास विधा जैसे हास्य, विज्ञान या खेल के बारे में लिखते हैं। विश्व का पहला चिट्ठा ‘दि जर्नी’ माना जाता है जिसे व्लॉगर एडम कोन्ट्रास ने पोस्ट किया था। ‘दि जर्नी’ में कोन्ट्रास की लॉस एंजिलिस तक की यात्रा दिखाई गई है। कोन्ट्रास को इसके लिए विश्व भर में इस माध्यम के अनोखे प्रयोग के लिए प्रसिद्धि मिली थी। इसके बाद से व्लॉगर एक वार्षिक सम्मेलन व्लॉगरकॉन के माध्यम से अपनी बात विश्व के समक्ष रखते हैं। इस सम्मेलन में ‘दि व्लॉगीज़’ नामक पुरस्कार भी दिया जाता है। कई व्लॉगर्स यू ट्यूब के माध्यम से अपने वीडियो पोस्ट करते हैं। यू ट्यूब पर प्रतिमाह लगभग सात करोड़ लोग वीडियो देखते हैं। इसके अतिरिक्त जूमला, वर्डप्रेस, ब्लॉगर और अन्य वेब २.० उपकरण भी सामग्री प्रबंधन प्रणाली (कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम या सीएमएस) से वीडियो पोस्ट करने में सहायक होते हैं। विभिन्न मामलों में चिट्ठाकारी के माध्यम से मुख्यधारा पत्रकारों और स्वायत्त नागरिक पत्रकारों और चिट्ठाकारों के मध्य मुक्त वाचन यानि फ्री स्पीच अधिकारों को लेकर भी विवाद उठे हैं। सन् २००६ में व्लॉगर जॉश वुल्फ को जी८ समूह के विरुद्ध प्रदर्शनों के वीडियो फिल्मांकन के सदर्भ में गिरफ्तारी ऐसा ही एक मामला था। वायरल वीडियो को मिलने वाली प्रसिद्धी से कई चिट्ठाकारों और निगमों ने अपने जालस्थलों पर चिट्ठाकारी आरंभ कर दी है। किसी प्रसिद्ध वायरल वीडियो को उसके शीर्ष काल में जालस्थल पर डालकर उस पर आने वाले हिट्स बढ़ जाते हैं। जो चिट्ठाकार चाहते हैं कि उनकी साइटों को अधिकाधिक लोग देखें, वह इसके लिए अपनी साइट को यूटय़ूब के साथ जोड़ देते हैं और उस पर इससे मिलते-जुलते वीडियो देखें जैसा कैप्शन उस पर लिख देते हैं। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है। .
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भारतीय चिट्ठाजगत
भारतीय चिट्ठाजगत से आशय है भारतीयों या भारतवंशी चिट्ठाकारों द्वारा लिखे जाने वाले चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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सूक्ष्म चिट्ठाकारी
सूक्ष्म चिट्ठाकारी वेबसाइटों।अंगूठाकार सूक्ष्म चिट्ठाकारी (अंग्रेज़ी:Microblogging माइक्रोब्लॉगिंग) पारंपरिक चिट्ठाकारी का एक भिन्न रूप है जिसमें संक्षिप्त पाठ्य संदेश भेजे जा सकते हैं। संदेश की सीमा प्रायः १४० अक्षरों (ट्विटर पर) की होती है जिसे अपने मोबाईल फ़ोन, इंस्टैंट मैसेंजर, ई-मेल या जालपृष्ठ द्वारा भेज सकते हैं। २००६ में प्रारंभ, ट्विटर सर्वाधिक प्रसिद्ध माइक्रोब्लॉगिंग सेवा है। इसके बाद दूसरे स्थान पर प्रचलित सेवा गूगल द्वारा अधिग्रहित जायकू है। ज्यों ज्यों माइक्रोब्लॉगिंग की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी हो रही है इसके अति साधारण रूप में नये अंग और विशेषताएं आदि जोड़े जाने के प्रयास चल रहे है। डिग के संस्थापक केविन रोज़ द्वारा स्थापित पाउंस में संचिका शेयरिंग व कार्यक्रम न्यौते भेजने कि सुविधा भी जोड़ी गई। हाल ही में आरंभ किये गए प्लर्क के जालघर में अंतरापृष्ठ को एक टाईम लाईन का स्वरूप दे कर विडियो व अन्य मीडिया जोड़ने की सुविधा दी गई है। माइक्रोब्लॉगिंग का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि फ़ेसबुक से लेकर लिंक्ड-इन तक को, स्टेटस अपडेट के नां पर ही सही, माइक्रोब्लॉगिंग की सुविधा उपलब्ध करानी पड़ी है। अतः ये सिद्ध हो चुका है कि माइक्रोब्लॉगिंग विख्यात हस्तियों को भी लुभा रही है। इसीलिये ब्लॉग अड्डा ने अमिताभ बच्चन के ब्लॉग के बाद विशेषकर उनके लिये माइक्रोब्लॉगिंग की सुविधा भी आरंभ की है। बीबीसी व अल ज़जीरा जैसे विख्यात समाचार संस्थानों से लेकर अमरीका के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बराक ओबामा भी ट्विटर पर मिलते हैं। हाल के समाचारों में शशि थरूर, शाहरुख खान, अभिषेक बच्चन, सचिन तेंदुल्कर आदि भी साइटों पर दिखाई दिये हैं। .
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हिन्दी चिट्ठाजगत
हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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वेबपेज
जालपृष्ठ या वेबपेज (webpage) एक तरह का पन्ना या दस्तावेज होता है, जिसे इंटरनेट के जरिए हम आसानी से देख सकते हैं। इस तरह के वेब पन्नों में वेब कड़ियों का उपयोग किया जाता है, जिससे उसी वेबसाइट के अन्य पन्नों या किसी दूसरे वेबसाइट में भी जाया जा सकता है। कंप्यूटर या मोबाइल में इन वेब पन्नों को देखने के लिए वेब ब्राउजर का उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ दस्तावेजों की जानकारी को देखने के लिए फ्लैश या जावा का उपयोग करना पड़ता है। हालांकि वर्तमान समय में बहुत कम वेबसाइट में ही फ्लैश और जावा की जरूरत होती है। इसे इंटरनेट द्वारा देखने के लिए उस फाइल का वेब सर्वर में होना आवश्यक है। इसके बिना भी यदि फाइल आपके कंप्यूटर में है तो आप उसे भी वेब ब्राउजर के माध्यम से देख सकते हैं। इस तरह के फाइल मुख्यतः.html में सहेजे जाते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य फारमैट होते हैं, जिसमें आप इस तरह के पन्नों को सहेज सकते हैं। लेकिन कुछ प्रारूप या फारमैट हेतु सर्वर की आवश्यकता होती है। इनमें php, aspx, jsp आदि आते हैं। इस तरह के फाइल सर्वर द्वारा खोलने पर हर बार निर्मित होते हैं। हर वेब पन्ने का एक अलग पता होता है, जिसे इंटरनेट पता या यूआरएल कहते हैं। इनके सामने एचटीटीपी लिखा होता है, जो दर्शाता है कि आप इंटरनेट प्रोटोकॉल द्वारा वेब पन्ना देख रहे हैं। इसमें एक सुरक्षित इंटरनेट प्रोटोकॉल भी है, जिसे एचटीटीपीएस द्वारा दिखाया जाता है। ऐसे पन्नों को खोलते समय इंटरनेट पते के सामने https:// लिखा आ जाता है। सुरक्षित इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग मुख्यतः इंटरनेट द्वारा पैसों के लेनदेन में या किसी सुरक्षित जानकारी के आदान प्रदान में उपयोग किया जाता है। .
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आलोक कुमार
आलोक कुमार भारत के एक सॉफ्टवेयर इंजनियर हैं। वे प्रथम हिन्दी चिट्ठाकार के तौर पर जाने जाते हैं। उनका चिट्ठा 9211 हिन्दी का पहला ज्ञात चिट्ठा है। इन्होंने ब्लॉग के लिए हिन्दी शब्द चिट्ठा प्रतिपादित किया जो कि बाद में इण्टरनेट पर ब्लॉग के लिए मानक शब्द बन गया। आलोक इण्टरनेट पर हिन्दी कम्प्यूटरी एवं हिन्दीकरण से सम्बंधित विभिन्न परियोजनाओं में सम्मिलित रहे हैं। वर्तमान में वे चिट्ठाजगत.इन नामक हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर का संचालन कर रहे हैं। आलोक द्वारा शुरु की गई अथवा भागीदारी वाली विभिन्न परियोजनाएँ.
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अंतरजाल
अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .
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अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
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