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चिंगदाओ

सूची चिंगदाओ

चिंगदाओ के नज़ारे चिंगदाओ (चीनी: 青岛, अंग्रेज़ी: Qingdao या Tsingtao) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी भाग में स्थित शानदोंग प्रांत का सबसे बड़ा नगर है। २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ८७.१५ लाख थी जिसमें से ४३.४६ लाख शहरी नागरिक और बाक़ी ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी थे। 'चिंगदाओ' का मतलब 'हरा द्वीप' होता है। चीन की प्रशासन प्रणाली में इस शहर को "उप-प्रांतीय नगर' का दर्जा हासिल है। यह पीले सागर के छोर पर शानदोंग प्रायद्वीप पर स्थित एक महत्वपूर्ण बंदरगाह, नौसैनिक छावनी और औद्योगिक शहर है। विश्व का सबसे लम्बा समुद्री पुल, ४२.५ किमी लम्बा चिंगदाओ-हाइवान सेतु, यहीं स्थित है। इसकी तुलना में मुम्बई में स्थित बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु मात्र ५.५ किमी लम्बा है। चिंगदाओ शहर से इसी 'चिंगदाओ' (Tsingtao) नाम का एक प्रसिद्ध बीयर दुनिया-भर में निर्यात होता है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2,...

9 संबंधों: चिंगदाओ-हाइवान सेतु, चीनी भाषा, चीनी जनवादी गणराज्य, पीला सागर, बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु, मुम्बई, शानदोंग, शानदोंग प्रायद्वीप, अंग्रेज़ी भाषा

चिंगदाओ-हाइवान सेतु

चिंगदाओ-हाइवान सेतु (मन्दारिन: 胶州湾大桥) पूर्वी चीन के शान्दोंग प्रान्त में स्थित एक सेतु है। यह सेतु जिआओझोउ खाड़ी से होकर गुजरता है और हुआंग्दो जिले, चिंगदाओ नगर और होंग्दाओ द्वीप को आपस में जोड़ता है। इस सेतु पर तीन प्रवेश-निकास मार्ग हैं। यह सेतु ३० जून २०११ को खोला गया था और इसने चिंगदाओ और हुआंग्दो के मध्य सड़क की दूरी को बहुत कम कर दिया है। इस सेतु की लम्बाई ४२.५ किमी है जो इसे विश्व का सबसे लम्बा समुद्री सेतु बनता है और यह २०११ की स्थिति तक गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार सबसे लम्बा पुल है। इसकी तुलना में मुम्बई में स्थित बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु मात्र ५.५ किमी लम्बा है। .

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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पीला सागर

पीले सागर और उसकी अंदरूनी बोहाई सागर नामक खाड़ी का नक़्शा पीत सागर या पीला सागर (चीनी भाषा: 黃海, अंग्रेज़ी: Yellow Sea) पूर्वी चीन सागर के उत्तरी भाग का नाम है, जो स्वयं प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है। यह चीन की मुख्यभूमि (मेनलैंड) और कोरिया के बीच स्थित है। यहाँ पर पास के गोबी मरुस्थल से रेत उड़ाती आंधियाँ आकर पीला रेगिस्तानी रेत समुद्र की सतह पर गिरा देती हैं जिस से सागर पीले रंग का लगता है। इसी से इस सागर का नाम पड़ा है। पीले सागर की सबसे अंदरूनी खाड़ी को बोहाई सागर कहते हैं। चीन की प्रसिद्ध पीली नदी (उर्फ़ ह्वांग नदी उर्फ़ ह्वांग हो) बहकर इस सागर में मिलती है और उस में मिश्रित रेत इसे और भी पीला रंग देती है। .

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बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु

बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु (आधिकारिक राजीव गांधी सागर सेतु) ८-लेन का, तार-समर्थित कांक्रीट से निर्मित पुल है। यह बांद्रा को मुम्बई के पश्चिमी और दक्षिणी (वर्ली) उपनगरों से जोड़ता है और यह पश्चिमी-द्वीप महामार्ग प्रणाली का प्रथम चरण है। १६ अरब रुपये (४० करोड़ $) की महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की इस परियोजना के इस चरण को हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पूरा किया गया है। इस पुल का उद्घाटन ३० जून, २००९ को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा किया गया लेकिन जन साधारण के लिए इसे १ जुलाई, २००९ को मध्य-रात्रि से खोला गया। साढ़े पांच किलोमीटर लंबे इस पुल के बनने से बांद्रा और वर्ली के बीच यात्रा में लगने वाला समय ४५ मिनट से घटकर मात्र ६-८ मिनट रह गया है। इस पुल की योजना १९८० के दशक में बनायी गई थी, किंतु यह यथार्थ रूप में अब जाकर पूर्ण हुआ है। यह सेतु मुंबई और भारत में अपने प्रकार का प्रथम पुल है। इस सेतु-परियोजना की कुल लागत १६.५० अरब रु है। इस पुल की केवल प्रकाश-व्यवस्था करने के लिए ही ९ करोड़ रु का व्यय किया गया है। इसके कुल निर्माण में ३८,००० कि.मी इस्पात रस्सियां, ५,७५,००० टन कांक्रीट और ६,००० श्रमिक लगे हैं। इस सेतु में लगने वाले इस्पात के खास तारों को चीन से मंगाया गया था। जंग से बचाने के लिए इन तारों पर खास तरह का पेंट लगाने के साथ प्लास्टिक के आवरण भी चढ़ाए गए हैं। अब तैयार होने पर इस पुल से गुजरने पर यात्रियों को चुंगी (टोल) कर देना तय हुआ है। यह चुंगी किराया प्रति वाहन ४०-५० रु तक होगा। इस पुल की कुल ७ कि.मी (ढान सहित) के यात्रा-समय में लगभग १ घंटे की बचत और कई सौ करोड़ वाहन संचालन व्यय एवं ईंधन की भी कटौती होगी। इस बचत को देखते हुए इसकी चुंगी नगण्य है। प्रतिदिन लगभग सवा लाख वाहन इस पुल पर से गुजरेंगे। File:Bandra_Worli_Sea_Link_at_night.jpg|रात्रि दृश्य File:Sealinkup.JPG|माहिम से दृश्य File:Bandra-Worli_Sea_Link_8.jpg|दूर-दृश्य .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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शानदोंग

शानदोंग (山东, Shandong) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त ने चीन के इतिहास में एक अहम केन्द्रीय भूमिका निभाई है। चीनी सभ्यता यहीं पीली नदी के अंतिम भाग में जन्मी थी। यह चीन में ताओ धर्म, बौद्ध धर्म और कुन्फ़्यूशियसी धर्म के लिए एक अति-महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक भूमि रही है। शानदोंग का ताई पर्वत ताओ धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है और यहाँ ३,००० से पूजा चलती आ रही है। प्रान्त की राजधानी जीनान से दक्षिण में चीन के सबसे पुराने बौद्ध स्थल हैं। चूफ़ू शहर कनफ़्यूशियस का जन्मस्थान है। उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम जाने वाले बहुत से मार्गों पर स्थित होने से शानदोंग आर्थिक नज़रिए से हमेशा केन्द्रीय रहा है। १९वीं सदी में शुरू हुई राजनैतिक अस्थिरता और आर्थिक मुश्किलों के बाद वर्तमान में शानदोंग प्रान्त चीन के सबसे विकसित और बड़ी आबादी वाले प्रान्तों में से एक है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 .

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शानदोंग प्रायद्वीप

उत्तर-पूर्वी चीन के नक़्शे में शानदोंग प्रायद्वीप कि स्थिति शानदोंग प्रायद्वीप (चीनी: 山东半岛, शानदोंग बानदाओ; अंग्रेज़ी: Shandong Peninsula), जिसे जियाओदोंग प्रायद्वीप (胶东半岛, Jiaodong Peninsula) के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर-पूर्वी जनवादी गणतंत्र चीन के शानदोंग प्रान्त का में स्थित एक प्रायद्वीप (पॅनिनसुला) है। यह बोहाई सागर का दक्षिणी तट भी है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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