लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

चानयू

सूची चानयू

चानयू (अंग्रेज़ी: Chanyu, चीनी भाषा: 單于, शियोंगनु भाषा: त्सनक) मध्य एशिया और चीन में शासन करने वाली बहुत-सी ख़ानाबदोश जातियों के साम्राज्यों के सर्वोच्च शासक की उपाधि हुआ करती थी। इस उपाधि का इस्तेमाल चीन के झोऊ राजवंश काल (१०४५ से २५६ ईसापूर्व) से आरम्भ होकर लगभग ८०० साल तक चला। चिन राजवंश और हान राजवंश के समकालीन शियोंगनु लोगों के लुआनदी राजपरिवार ने इसका बहुत प्रयोग किया और उस जाति में इसका प्रयोग करने वाला सर्वप्रथम शासक तूमन था। चानयू का प्रयोग समय के साथ-साथ कम अर्थ रखने लगा और छोटे-मोटे सरदार भी इसका प्रयोग करने लगे।, Sanping Chen, University of Pennsylvania Press, 2012, ISBN 978-0-8122-4370-3,...

12 संबंधों: चिन राजवंश, चीन, चीनी भाषा, झोऊ राजवंश, तूमन चानयू, बंजारा, मध्य एशिया, लुआनदी, शियोंगनु लोग, हान राजवंश, ख़ागान, अंग्रेज़ी भाषा

चिन राजवंश

२१० ईसापूर्व में चिन साम्राज्य का नक़्शा चिन शि हुआंग (秦始皇) जो झगड़ते राज्यों के काल में चिन राज्य (秦国) के शासक और फिर पूरे चीन के पहले चिन राजवंश के सम्राट बने चिन राजवंश (चीनी:秦朝, चिन चाओ; अंग्रेज़ी: Qin Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २२१ ईसापूर्व से २०७ ईसापूर्व तक राज किया। चिन वंश शान्शी प्रांत से उभर कर निकला और इसका नाम भी उसी प्रांत का परिवर्तित रूप है। जब चिन ने चीन पर क़ब्ज़ा करना शुरू किया तब चीन में झोऊ राजवंश का केवल नाम मात्र का नियंत्रण था और झगड़ते राज्यों का काल चल रहा था। चिन राजवंश उन्ही झगड़ते राज्यों में से एक, चिन राज्य (秦国, चिन गुओ), से आया था। सबसे पहले चिन ने कमज़ोर झोऊ वंश को समाप्त किया और फिर बाक़ी के छह राज्यों को नष्ट कर के चीन का एकीकरण किया।, William Scott Morton, Charlton M. Lewis, McGraw-Hill Professional, 2005, ISBN 978-0-07-141279-7,...

नई!!: चानयू और चिन राजवंश · और देखें »

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

नई!!: चानयू और चीन · और देखें »

चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

नई!!: चानयू और चीनी भाषा · और देखें »

झोऊ राजवंश

चीन के झोऊ राजवंश का इलाक़ा (लाल रंग) पश्चिमी झोऊ युग में बना कांसे का एक समारोहिक बर्तन झोऊ राजवंश (चीनी: 周朝, झोऊ चाओ; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Zhou dynasty) प्राचीन चीन में १०४६ ईसापूर्व से २५६ ईसापूर्व तक राज करने वाला एक राजवंश था। हालांकि झोऊ राजवंश का राज चीन के किसी भी अन्य राजवंश से लम्बे काल के लिए चला, वास्तव में झोऊ राजवंश के शाही परिवार ने, जिसका पारिवारिक नाम 'जी' (姬, Ji) था, चीन पर स्वयं राज केवल ७७१ ईसापूर्व तक किया। झोऊ राजवंश के इस १०४६ से ७७१ ईसापूर्व के काल को, जब जी परिवार का चीन पर निजी नियंत्रण था, पश्चिमी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है। ७७१ ईसापूर्व के बाद के काल को पूर्वी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है।, Dr John A.G. Roberts, Palgrave Macmillan, 2011, ISBN 978-0-230-34536-2,...

नई!!: चानयू और झोऊ राजवंश · और देखें »

तूमन चानयू

२०० ईसापूर्व में शियोंगनु साम्राज्य तूमन (चीनी: 頭曼, मंगोल: Түмэн, अंग्रेज़ी: Touman) मध्य एशिया और चीन पर प्राचीनकाल में अधिकार रखने वाले शियोंगनु लोगों का सबसे पहला चानयू (सम्राट) था। उसका शासनकाल २२० ईसापूर्व से २०९ ईसापूर्व अनुमानित किया गया है। इतिहासकारों का मानना है कि तूमन का नाम शब्द मंगोल भाषा के 'तुमेन' शब्द से लिया गया है, जिसका मतलब 'दस हज़ार' होता है। .

नई!!: चानयू और तूमन चानयू · और देखें »

बंजारा

तिब्बत की लगभग ४०% आबादी खानाबदोश है। बंजारा या 'खानाबदोश' (Nomadic people) मानवों का ऐसा समुदाय है जो एक ही स्थान पर बसकर जीवन-यापन करने के बजाय एक स्थान से दूसरे स्थान पर निरन्तर भ्रमणशील रहता है। एक आकलन के अनुसार विश्व में कोई ३-४ करोड़ बंजारे हैं। कई बंजारा समाजों ने बड़े-बड़े साम्राज्य तक स्थापित करने में सफलता पायी। .

नई!!: चानयू और बंजारा · और देखें »

मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

नई!!: चानयू और मध्य एशिया · और देखें »

लुआनदी

२०० ईसापूर्व में शियोंगनु साम्राज्य लुआनदी (अंग्रेज़ी: Luandi) या लुआनती (चीनी भाषा: 攣鞮) या शूलिआनदी (虛連題, Xuliandi) तीसरी सदी ईसापूर्व से चौथी सदी ईसवी तक आधुनिक मध्य एशिया और चीन के क्षेत्र में शासन करने वाली प्राचीन शियोंगनु लोगों का एक राजवंश था। इनका ज़िक्र महान इतिहासकार के अभिलेख, हान ग्रन्थ और अन्य प्राचीन चीनी इतिहास-ग्रन्थों में मिलता है। इस परिवार के लोग शियोंगनु समाज और प्रशासन में सर्वोच्च ओहदों पर पाए जाते थे और चानयू की उपाधियाँ भी रखते थे। लुआनदी परिवार का सबसे प्राचीन ज्ञात चानयू तूमन था।, International Arts and Sciences Press, International Arts and Sciences Press, 1991,...

नई!!: चानयू और लुआनदी · और देखें »

शियोंगनु लोग

२५० ईसापूर्व में शियोंगनु क्षेत्र शियोंगनु (चीनी: 匈奴, अंग्रेज़ी: Xiongnu) एक प्राचीन ख़ानाबदोश क़बीलों की जाती थी जो चीन के हान राजवंश के काल में हान साम्राज्य से उत्तर में रहती थी। इतिहास में उनका वर्णन सीमित है, इसलिए यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि उनकी नस्ल क्या थी। अलग-अलग इतिहासकार उन्हें तुर्की, मंगोली, ईरानी, तुन्गुसी और तुषारी जातियों का बताते हैं। उनके नामों और रीति-रिवाजों के बारे में जितना पता है वह प्राचीन चीनी सूत्रों से आता है। शियोंगनु भाषा हमेशा के लिए खोई जा चुकी है। यह संभव है कि 'शियोंगनु' शब्द 'हूण' के लिए एक सजातीय शब्द हो लेकिन इसका भी कोई पक्का प्रमाण नहीं है।, Valerie Hansen, Kenneth Curtis, Kenneth R. Curtis, Cengage Learning, 2008, ISBN 978-0-618-07723-6,...

नई!!: चानयू और शियोंगनु लोग · और देखें »

हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

नई!!: चानयू और हान राजवंश · और देखें »

ख़ागान

कुबलई ख़ान मंगोल साम्राज्य का पाँचवा ख़ागान (सर्वोच्च ख़ान) था ख़ागान या ख़ाक़ान (मंगोल: хаган, फ़ारसी) मंगोलियाई और तुर्की भाषाओँ में 'सम्राट' के बराबर की एक शाही उपाधि थी। इसी तरह ख़ागानत इन्ही भाषाओँ में 'साम्राज्य' के लिए शब्द था। ख़ागान को कभी-कभी 'ख़ानों का ख़ान' या 'ख़ान-ए-ख़ाना' भी अनुवादित किया जाता है, जो 'महाराजाधिराज' (यानि 'राजाओं का राजा') या 'शहनशाह' (यानि 'शाहों का शाह') के बराबर है। जब मंगोल साम्राज्य विस्तृत हो गया था तो उसके भिन्न हिस्सों को अलग-अलग ख़ानों के सुपुर्द कर दिया था। इन सब ख़ानों से ऊपर के 'सर्वोच्च ख़ान' को 'ख़ागान' कहा जाता था।, Donald Ostrowski, Cambridge University Press, 2002, ISBN 978-0-521-89410-4,...

नई!!: चानयू और ख़ागान · और देखें »

अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

नई!!: चानयू और अंग्रेज़ी भाषा · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

चानयु

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »