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चांगचून

सूची चांगचून

चांगचून शहर के नज़ारे चांगचून (चीनी: 长春, अंग्रेज़ी: Changchun, मान्छु: ᠴᠠᠩ ᠴᡠᠨ) पूर्वोत्तरी चीन में मंचूरिया क्षेत्र के जीलिन प्रान्त की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह एक उप-प्रांत का दर्जा रखने वाला शहर है। सन् २०१० की जनगणना में चांगचून की जनसँख्या ७६,७७,०८९ थी, जिनमें से ३३,४१,७०० इसके पक्की-आबादी वाले क्षेत्र में बसे हुए थे। जुरचेन भाषा में 'चांग चून' का मतलब 'लम्बा चश्मा' होता है। .

18 संबंधों: चिंग राजवंश, चीनी भाषा, चीनी जनवादी गणराज्य, द्वितीय विश्वयुद्ध, पानी का चश्मा, मांचु भाषा, मांचु लोग, माओ से-तुंग, मंचूरिया, रूस-जापान युद्ध, रूसी साम्राज्य, लाल सेना, सोवियत संघ, हारबिन, जापान, जुरचेन लोग, जीलिन, अंग्रेज़ी भाषा

चिंग राजवंश

अपने चरम पर चिंग राजवंश का साम्राज्य कांगशी सम्राट, जो चिंग राजवंश का चौथा सम्राट था चिंग राजवंश (चीनी: 大清帝國, दा चिंग दिगुओ, अर्थ: महान चिंग; अंग्रेज़ी: Qing dynasty, चिंग डायनॅस्टी) चीन का आख़री राजवंश था, जिसनें चीन पर सन् १६४४ से १९१२ तक राज किया। चिंग वंश के राजा वास्तव में चीनी नस्ल के नहीं थे, बल्कि उनसे बिलकुल भिन्न मान्छु जाति के थे जिन्होंने इस से पहले आये मिंग राजवंश को सत्ता से निकालकर चीन के सिंहासन पर क़ब्ज़ा कर लिया। चिंग चीन का आख़री राजवंश था और इसके बाद चीन गणतांत्रिक प्रणाली की ओर चला गया।, William T. Rowe, Harvard University Press, 2009, ISBN 978-0-674-03612-3 .

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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पानी का चश्मा

अमेरिका के मिशिगन राज्य में स्थित मैकिनैक द्वीप पर एक चश्मा पानी का चश्मा ऐसी जगह को बोलते हैं जहाँ ज़मीन में बनी दरार या छेद से ज़मीन के भीतर के किसी जलाशय का पानी अनायास ही बाहर बहता रहता है। .

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मांचु भाषा

तिब्बती लिपि में लिखा है और किनारों पर मांचु में, जो एक तुन्गुसी भाषा है मांचु या मान्चु (मांचु: ᠮᠠᠨᠵᡠ ᡤᡳᠰᡠᠨ, मांजु गिसुन) पूर्वोत्तरी जनवादी गणतंत्र चीन में बसने वाले मांचु समुदाय द्वारा बोली जाने वाली तुन्गुसी भाषा-परिवार की एक भाषा है। भाषावैज्ञानिक इसके अस्तित्व को ख़तरे में मानते हैं क्योंकि १ करोड़ से अधिक मांचु नसल के लोगों में से सिर्फ ७० हज़ार ही इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। बाक़ियों ने चीनी भाषा को अपनाकर उसमें बात करना आरम्भ कर दिया है। मांचु भाषा की 'शिबे भाषा' नाम की एक अन्य क़िस्म चीन के दूर पश्चिमी शिनजियांग प्रान्त में भी मिलती है, जहाँ लगभग ४०,००० लोग उसे बोलते हैं। शिबे बोलने वाले लोग उन मांचुओं के वंशज हैं जिन्हें १६४४-१९११ ईसवी के काल में चलने वाले चिंग राजवंश के दौरान शिनजियांग की फ़ौजी छावनियों में तैनात किया गया था।, Edward J. M. Rhoads, University of Washington Press, 2001, ISBN 978-0-295-98040-9 मांचु एक जुरचेन नाम की भाषा की संतान है। जुरचेन में बहुत से मंगोल और चीनी शब्दों के मिश्रण से मांचु भाषा पैदा हुई। अन्य तुन्गुसी भाषाओँ की तरह मांचु में अभिश्लेषण (अगलूटिनेशन) और स्वर सहयोग (वावल हार्मोनी) देखे जाते हैं। मांचु की अपनी एक मांचु लिपि है, जिसे प्राचीन मंगोल लिपि से लिया गया था। इस लिपि की ख़ासियत है की यह ऊपर से नीचे लिखी जाती है। मांचु भाषा में वैसे तो लिंग-भेद नहीं किया जाता लेकिन कुछ शब्दों में स्वरों के इस्तेमाल से लिंग की पहचान होती है, मसलन 'आमा' का मतलब 'पिता' है जबकि 'एमे' का मतलब 'माता' है। .

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मांचु लोग

एक मांचू जवान आदमी मांचु या मान्चू (मांचु: 10px, मान्जू; चीनी: 满族, मान्ज़ू; अंग्रेज़ी: Manchu) पूर्वोत्तरी चीन का एक अल्पसंख्यक समुदाय है जिनके जड़े जनवादी गणतंत्र चीन के मंचूरिया क्षेत्र में हैं। १७वीं सदी में चीन पर मिंग राजवंश सत्ता में था लेकिन उनका पतन हो चला था। उन्होंने मिंग के कुछ विद्रोहियों की मदद से चीन पर क़ब्ज़ा कर लिया और सन् १६४४ से अपना राजवंश चलाया, जो चिंग राजवंश कहलाता है।, Mark C. Elliott, Stanford University Press, 2001, ISBN 978-0-8047-4684-7,...

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माओ से-तुंग

माओ से-तुंग या माओ ज़ेदोंग (毛泽东, Mao Zedong अथवा Mao Tse-tung; जन्म: २६ दिसम्बर १८९३; निधन: ९ सितम्बर १९७६) चीनी क्रान्तिकारी, राजनैतिक विचारक और साम्यवादी (कम्युनिस्ट) दल के नेता थे जिनके नेतृत्व में चीन की क्रान्ति सफल हुई। उन्होंने जनवादी गणतन्त्र चीन की स्थापना (सन् १९४९) से मृत्यु पर्यन्त (सन् १९७६) तक चीन का नेतृत्व किया। मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा को सैनिक रणनीति में जोड़कर उन्होंनें जिस सिद्धान्त को जन्म दिया उसे माओवाद नाम से जाना जाता है। वर्तमान में कई लोग माओ को एक विवादास्पद व्यक्ति मानते हैं परन्तु चीन में वे राजकीय रूप में महान क्रान्तिकारी, राजनैतिक रणनीतिकार, सैनिक पुरोधा एवं देशरक्षक माने जाते हैं। चीनियों के अनुसार माओ ने अपनी नीति और कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक, तकनीकी एवं सांस्कृतिक विकास के साथ संसार विश्व में प्रमुख शक्ति के रूप में ला खडा करने में मुख्य भूमिका निभाई। वे कवि, दार्शनिक, दूरदर्शी महान प्रशासक के रूप में गिने जाते हैं। इसके विपरीत, माओ के 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' (Great Leap Forward) और 'सांस्कृतिक क्रांति' नामक सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण गंभीर अकाल की सृजना होने के साथ चीनी समाज, अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति को ठेस पहुंचाने की भी बातें की जाती हैं, जिसके कारण संसार में सन् १९४९ से १९७५ तक करोडों लोगों की व्यापक मृत्यु हुई बताई जाती हैं। माओ संसार के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जाते हैं। टाइम पत्रिका के अनुसार २०वीं सदी के १०० सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में माओ आते हैं। .

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मंचूरिया

मंचूरिया (Manchu: Manju, सरलीकृत चीनी: 满洲; पारंपरिक चीनी: 滿洲; Mongolian: Манж) पूर्वी एशिया का एक विशाल क्षेत्र है जिसका विस्तार चीन, कोरिया तथा रूस के इलाकों में है। .

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रूस-जापान युद्ध

1904-1905 रूस-जापान युद्ध रूस तथा जापान के मध्य 1904 -1905 के दौरान लड़ा गया था। इसमें जापान की विजय हुई थी जिसके फलस्वरूप जापान को मंचूरिया तथा कोरिया का अधिकार मिला था। इस जीत ने विश्व के सभी प्रेक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया और जापान को विश्वमंच पर लाकर खड़ा कर दिया। इस शर्मनाक हार के परिणामस्वरूप रूस के भ्रष्ट ज़ार सरकार के विरुद्ध असंतोष में भारी वृद्धि हुई। १९०५ की रूसी क्रांति का यह एक प्रमुख कारण था। .

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रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L. Ransel, Indiana University Press, 1998, ISBN 978-0-253-21241-2,...

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लाल सेना

सोवियत सैनिकों ने जर्मनी की राजधानी पर क़ब्ज़ा करके राईख़श्टाग (जर्मन संसद) के ऊपर फहराया था एक सोवियत फ़ौजी अफ़सर अपने सैनिकों को जर्मन फ़ौजियों पर हमला करने के लिए ललकारते हुए (सन् १९४२, द्वितीय विश्वयुद्ध) मज़दूरों और किसानों की लाल सेना (रूसी: Рабоче-Крестьянская Красная Армия, राबोचे-क्रेस्तयान्स्काया क्रासनाया आर्मिया) का आरम्भ सन् १९१८-१९२२ के रूसी गृहयुद्ध में सोवियत संघ के क्रांतिकारी साम्यवादी लड़ाकू दलों के रूप में हुआ था। सोवियत संघ की स्थापना के बाद यह बढ़कर उस देश की राष्ट्रीय सेना बन गई और १९३० के दशक तक इतिहास की सब से बड़ी फ़ौजों में से एक बन चुकी थी। उसे लाल सेना इसलिए कहा जाता था क्योंकि साम्यवाद का पारम्परिक रंग लाल है। २५ फ़रवरी १९४६ को लाल सेना का नाम औपचारिक रूप से बदलकर 'सोवियत सेना' कर दिया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में सोवियत-अमेरिकी-ब्रिटिश गुट की जर्मनी के ऊपर जीत का बहुत श्रेय लाल सेना को दिया जाता है, क्योंकि उन्होंने ही लगभग ८०% जर्मन फ़ौज से लड़कर उन्हें हराया।, Norman Davies, Penguin, 2008, ISBN 978-0-14-311409-3,...

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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हारबिन

हारबिन के कुछ नज़ारे हारबिन प्रौद्योगिकी संस्था - मुख्य द्वार हारबिन (चीनी: 哈尔滨, अंग्रेज़ी: Harbin, रूसी: Харби́н) जनवादी गणराज्य चीन के सुदूर पूर्वोत्तरी भाग में स्थित हेइलोंगजियांग प्रांत की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह चीन की प्रशासन प्रणाली के अनुसार एक उपप्रांतीय शहर (प्रीफ़ेक्चर, दिजी) का दर्जा रखता है और चीन का दसवा सब से बड़ी आबादी वाला शहर है। सन् २०१० की जनगणना में इसकी कुल आबादी १,०६,३५,९७१ थी जिनमें से ५८,७८,९३९ इसके २६,०४,९३० शहरी इलाक़ों में रह रहे थे। हारबिन पूर्वोत्तरी चीन का सांस्कृतिक, राजनैतिक, आर्थिक और संचार केंद्र है। यह अपनी कड़ी सर्दियों के लिए जाना जाता है और इसे बहुत से लोग 'बर्फ़ीले शहर' की उपाधि देते हैं। रूस की नज़दीकी के कारण इस शहर की इमारतों और संस्कृति पर रूसी प्रभाव नज़र आता है। .

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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जुरचेन लोग

चंगेज़ ख़ान के मंगोल साम्राज्य से पहले १३वीं सदी में यूरेशिया के स्थिति - पूर्वोत्तर में पीले रंग में जुरचेनों के जिन राजवंश का इलाक़ा दिख रहा है एक जुरचेन योद्धा जुरचेन लोग (जुरचेनी: जुशेन; चीनी: 女真, नुझेन) उत्तर-पूर्वी चीन के मंचूरिया क्षेत्र में बसने वाली एक तुन्गुसी जाति थी।, Willard J. Peterson, Cambridge University Press, 2002, ISBN 978-0-521-24334-6,...

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जीलिन

चीन में जीलिन प्रांत (लाल रंग में) जीलिन (चीनी: 吉林, अंग्रेज़ी: Jilin, मान्छु: ᡤᡳ᠍ᡵᡳ᠌ᠨ ᡠᠯᠠ) जनवादी गणराज्य चीन के सुदूर पूर्वोत्तर में स्थित एक प्रांत है जो ऐतिहासिक मंचूरिया क्षेत्र का भाग है। 'जीलिन' शब्द मान्छु भाषा के 'गीरिन उला' (ᡤᡳ᠍ᡵᡳ᠌ᠨ ᡠᠯᠠ, Girin Ula) से आया है जिसका मतलब 'नदी के साथ' होता है। इसके चीनी भावचित्रों का अर्थ 'शुभ वन (जंगल)' है और इसका संक्षिप्त एकाक्षरी चिह्न '吉' (जी) है। जीलिन प्रान्त की सीमाएँ पूर्व में रूस और उत्तर कोरिया को लगती हैं। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,८७,४०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा ज़्यादा। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी २,७४,६२,२९७ थी जो लगभग भारत के पंजाब राज्य के बराबर थी। जीलिन की राजधानी चांगचून शहर है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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