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चांग ई-3

सूची चांग ई-3

चांग ई-3 चंद्रमा की सतह के अध्ययन हेतु चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन द्वारा संचालित एक अंतरिक्ष मिशन है। चंद्रमा की सतह पर यह चीन का पहला रोवर मिशन है। चीनी चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के दूसरे चरण के अंतर्गत चांग ई-3 को 1 दिसम्बर 2013 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। 14 दिसम्बर 13:11 UTC को यह अंतरिक्ष यान चन्द्रमा की सतह पर उतरा। अंतरिक्ष यान का नाम चीनी पौराणिक कथाओं में चंद्रमा की देवी "चांग" के ऊपर रखा गया है और यह चांग ई-1 एवं चांग ई-2 का अनुवर्ती है। चंद्र रोवर का नाम "युतु", जो की चीनी लोककथा के अनुसार चंद्रमा पर रहने वाला एक सफेद खरगोश है, एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के ज़रिये चुना गया। .

8 संबंधों: चन्द्रमा, चन्द्रयान, चांग ई-2, चंद्रयान-२, चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन, रोवर (अंतरिक्ष यान), लांग मार्च-3बी, जिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र

चन्द्रमा

कोई विवरण नहीं।

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चन्द्रयान

चन्द्रयान (अथवा चंद्रयान-१) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत द्वारा चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था। इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को २२ अक्टूबर, २००८ को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह ३० अगस्त, २००९ तक सक्रिय रहा। यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी) के एक संशोधित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया। इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में ५ दिन लगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में १५ दिनों का समय लग गया। चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। चंद्रयान-प्रथम ने चंद्रमा से १०० किमी ऊपर ५२५ किग्रा का एक उपग्रह ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया। यह उपग्रह अपने रिमोट सेंसिंग (दूर संवेदी) उपकरणों के जरिये चंद्रमा की ऊपरी सतह के चित्र भेजे। भारतीय अंतरिक्षयान प्रक्षेपण के अनुक्रम में यह २७वाँ उपक्रम था। इसका कार्यकाल लगभग २ साल का होना था, मगर नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूटने के कारण इसे उससे पहले बंद कर दिया गया। चन्द्रयान के साथ भारत चाँद को यान भेजने वाला छठा देश बन गया था। इस उपक्रम से चन्द्रमा और मंगल ग्रह पर मानव-सहित विमान भेजने के लिये रास्ता खुला। हालाँकि इस यान का नाम मात्र चंद्रयान था, किन्तु इसी शृंखला में अगले यान का नाम चन्द्रयान-२ होने से इस अभियान को चंद्रयान-१ कहा जाने लगा। .

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चांग ई-2

यह चंद्रमा की परिक्रमा के लिए भेजा गया चीनी अंतरिक्ष यान है। यह अपना चंद्र अभियान पूरा करने के बाद अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा है। चांगे ने पृथ्वी से करीब 17 लाख किलोमीटर दूर दूसरे लैगरेंज प्वाइंट (एल 2) का चक्कर लगाते हुए पहली बार सितंबर २०११ में आंकड़े भेजे। राज्य राष्ट्रीय रक्षार्थ विज्ञआन, तकनीक और उद्योग प्रशाशन के अनुसार इसका एल-2 कक्षा में निर्घारित परिक्रमा अवधिकाल 2012 तक है। भेजे गए आंकड़ों को इसके साथ जुड़े गामा रे स्पेक्ट्रोमीटर, उच्च ऊर्जा वाले सौर तत्व पकड़ने वाले अभिज्ञापक और सौर तूफान आयन अभिज्ञापक से प्राप्त किया गया। श्रेणी:चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम श्रेणी:चीन के चन्द्र अभियानों की सूची.

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चंद्रयान-२

चंद्रयान-2 भारत का चंद्रयान -1 के बाद दूसरा चंद्र अन्वेषण अभियान है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने विकसित किया है। अभियान को जीएसएलवी प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपण करने की योजना है। इस अभियान में भारत में निर्मित एक लूनर ऑर्बिटर (चन्द्र यान) तथा एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल होंगे। इस सब का विकास इसरो द्वारा किया जायेगा। भारत चंद्रयान-2 को 2018 में प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है। इसरो के अनुसार यह अभियान विभिन्न नयी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा परीक्षण के साथ-साथ 'नए' प्रयोगों को भी करेगा। पहिएदार रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तथा ऑन-साइट विश्लेषण के लिए मिट्टी या चट्टान के नमूनों को एकत्र करेगा। आंकड़ों को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जायेगा। मायलास्वामी अन्नादुराई के नेतृत्व में चंद्रयान-1 अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली टीम चंद्रयान-2 पर भी काम कर रही है। .

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चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन

चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन या चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिसट्रेशन (सी एन एस ए) चीन की सरकारी अंतरिक्ष संस्था है जो की देश में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संचालन एवं विकास करती है। इसके वर्तमान स्वरूप का गठन सन १९९३ में हुआ था। इस संस्था की सबसे बड़ी उपलब्धि मानव को अंतरिक्ष में भेजना है। .

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रोवर (अंतरिक्ष यान)

अमेरिकी अपोलो १५ मिशन के तहत चन्द्रमा पर भेजा गया "लूनर रोवर" जिसपर दो आदमी सवारी कर सकते थे रोवर (अंग्रेज़ी: rover) ऐसे वाहन को कहते हैं जो किसी अन्य ग्रह या खगोलीय वस्तु पर घूमने-फिरने की क्षमता रखता हो। कुछ रोवर रोबोट होते हैं और बिना किसी व्यक्ति की मौजूदगी के चलते हैं और कुछ मनुष्यों को स्थान-से-स्थान ले जाने के लिए बने होते हैं। आम तौर पर रोवर किसी ग्रह पर किसी अन्य यान के अन्दर ले जाए जाते हैं जो उस ग्रह की सतह पर उतरता हो। उदहारण के लिए नवम्बर २०१० में मंगल विज्ञान प्रयोगशाला योजना के अंतर्गत एक "क्युरियौसिटि" (Curiosity) नाम का रोवर मंगल ग्रह के लिए रवाना किया गया। .

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लांग मार्च-3बी

श्रेणी:चीन के अंतरिक्ष प्रक्षेपण रॉकेट.

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जिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र

जिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र (Xichang Satellite Launch Center) जिचांग, सिचुआन में स्थित चीन एक उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र है। .

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