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चतुर्थांश जीवन संकट

सूची चतुर्थांश जीवन संकट

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10 संबंधों: प्रतियोगिता, प्रबन्धन, प्रोफ़ेसर, बीबीसी, शिक्षा, विधि, विश्वविद्यालय, आत्महत्या, आयुर्विज्ञान, उपभोक्तावाद

प्रतियोगिता

व्यक्तियों, समूहों, राष्ट्रों या जानवरों के बीच भूक्षेत्र, पद या संसाधनों के आबंटन आदि के लिये संघर्ष (मुकाबला) को प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा (Competition) कहते हैं। जब कभी दो या दो से अधिक व्यक्ति या समूह ऐसे लक्ष्य की प्राप्ति के लिये उद्यत हो जिसे केवक एक या केवल कुछ को ही प्रदान किया जा सकता हो तो प्रतियोगिता का जन्म होता है। एक ही पर्यावरण में रहने वाले जीवों के बीच सहज रूप में ही प्रतियोगिता विद्यमान होती है। .

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प्रबन्धन

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .

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प्रोफ़ेसर

अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - प्रोफ़ेसर (बहुविकल्पी) कॉलेज (महाविद्यालय) के वरिष्ट अध्यापक को सामान्य रूप से प्रोफ़ेसर कहते हैं। पर किसी महाविद्यालय के सभी आचार्य पदभार के रूप से प्रोफ़ेसर नही होते। इनमें से कुछ रीडर, कुछ लेक्चरर, कुछ एसोसिएट प्रोफ़ेसर तथा कुछ एसिस्टेंट प्रोफेसर होते है। भारत की शिक्षा प्रणाली के तहत उपरोक्त सभी पद वरीयता की दृष्टि से प्रोफ़ेसर से नीचे होते हैं। .

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बीबीसी

बीबीसी या ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोंरेशन (ब्रिटिश प्रसारण निगम) विश्व का सबसे बड़ा प्रसारण संघ है, दर्शकों की संख्या में, जिसके केवल ग्रेट ब्रिटेन में ही २६,००० कार्यकर्ता और बजट जीबी£ ४ अरब यूएस$ ७.८ अरब) से अधिक है। and the motto of the BBC is Nation Shall Speak Peace Unto Nation. The BBC is a quasi-autonomous Public Corporation operating as a public service broadcaster. The Corporation is run by the BBC Trust; however, the BBC is, per its charter, to be "free from both political and commercial influence and answers only to its viewers and listeners". Its domestic programming and broadcasts are primarily funded by levying television licence fees (under the Wireless Telegraphy Act 1949), although money is also raised through commercial activities such as sale of merchandise and programming. The BBC World Service, however, is funded by the Foreign and Commonwealth Office. In order to justify the licence fee the BBC is expected to produce a number of high-rating shows in addition to programmes that commercial broadcasters would not normally broadcast. Quite often domestic audiences affectionately refer to the BBC as the Beeb (coined by Kenny Everett). Auntie was a nickname used during the early years, said to originate in the somewhat old fashioned Auntie knows best attitude back when John Reith was in charge. The two terms have been used together as Auntie Beeb.--> .

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शिक्षा

अफगानिस्तान के एक विद्यालय में वृक्ष के नीचे पढ़ते बच्चे शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है। शिक्षा, समाज की एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है। शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की ‘शिक्ष्’ धातु में ‘अ’ प्रत्यय लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है सीखना और सिखाना। ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया। जब हम शिक्षा शब्द के प्रयोग को देखते हैं तो मोटे तौर पर यह दो रूपों में प्रयोग में लाया जाता है, व्यापक रूप में तथा संकुचित रूप में। व्यापक अर्थ में शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। मनुष्य क्षण-प्रतिक्षण नए-नए अनुभव प्राप्त करता है व करवाता है, जिससे उसका दिन-प्रतिदन का व्यवहार प्रभावित होता है। उसका यह सीखना-सिखाना विभिन्न समूहों, उत्सवों, पत्र-पत्रिकाओं, दूरदर्शन आदि से अनौपचारिक रूप से होता है। यही सीखना-सिखाना शिक्षा के व्यापक तथा विस्तृत रूप में आते हैं। संकुचित अर्थ में शिक्षा किसी समाज में एक निश्चित समय तथा निश्चित स्थानों (विद्यालय, महाविद्यालय) में सुनियोजित ढंग से चलने वाली एक सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा छात्र निश्चित पाठ्यक्रम को पढ़कर अनेक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना सीखता है। शिक्षा एक गतिशील प्रकिया है निखिल .

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विधि

विधि (या, कानून) किसी नियमसंहिता को कहते हैं। विधि प्रायः भलीभांति लिखी हुई संसूचकों (इन्स्ट्रक्शन्स) के रूप में होती है। समाज को सम्यक ढंग से चलाने के लिये विधि अत्यन्त आवश्यक है। विधि मनुष्य का आचरण के वे सामान्य नियम होते है जो राज्य द्वारा स्वीकृत तथा लागू किये जाते है, जिनका पालन अनिवर्य होता है। पालन न करने पर न्यायपालिका दण्ड देता है। कानूनी प्रणाली कई तरह के अधिकारों और जिम्मेदारियों को विस्तार से बताती है। विधि शब्द अपने आप में ही विधाता से जुड़ा हुआ शब्द लगता है। आध्यात्मिक जगत में 'विधि के विधान' का आशय 'विधाता द्वारा बनाये हुए कानून' से है। जीवन एवं मृत्यु विधाता के द्वारा बनाया हुआ कानून है या विधि का ही विधान कह सकते है। सामान्य रूप से विधाता का कानून, प्रकृति का कानून, जीव-जगत का कानून एवं समाज का कानून। राज्य द्वारा निर्मित विधि से आज पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। राजनीति आज समाज का अनिवार्य अंग हो गया है। समाज का प्रत्येक जीव कानूनों द्वारा संचालित है। आज समाज में भी विधि के शासन के नाम पर दुनिया भर में सरकारें नागरिकों के लिये विधि का निर्माण करती है। विधि का उदेश्य समाज के आचरण को नियमित करना है। अधिकार एवं दायित्वों के लिये स्पष्ट व्याख्या करना भी है साथ ही समाज में हो रहे अनैकतिक कार्य या लोकनीति के विरूद्ध होने वाले कार्यो को अपराध घोषित करके अपराधियों में भय पैदा करना भी अपराध विधि का उदेश्य है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1945 से लेकर आज तक अपने चार्टर के माध्यम से या अपने विभिन्न अनुसांगिक संगठनो के माध्यम से दुनिया के राज्यो को व नागरिकों को यह बताने का प्रयास किया कि बिना शांति के समाज का विकास संभव नहीं है परन्तु शांति के लिये सहअस्तित्व एवं न्यायपूर्ण दृष्टिकोण ही नहीं आचरण को जिंदा करना भी जरूरी है। न्यायपूर्ण समाज में ही शांति, सदभाव, मैत्री, सहअस्तित्व कायम हो पाता है। .

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विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

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आत्महत्या

आत्महत्या (लैटिन suicidium, sui caedere से, जिसका अर्थ है "स्वयं को मारना") जानबूझ कर अपनी मृत्यु का कारण बनने के लिए कार्य करना है। आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की जाती है, जिसके लिए अवसाद, द्विध्रुवीय विकार, मनोभाजन, शराब की लत या मादक दवाओं का सेवनजैसे मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। तनाव के कारक जैसे वित्तीय कठिनाइयां या पारस्परिक संबंधों में परेशानियों की भी अक्सर एक भूमिका होती है। आत्महत्या को रोकने के प्रयासों में आग्नेयास्त्रों तक पहुंच को सीमित करना, मानसिक बीमारी का उपचार करना तथा नशीली दवाओं के उपयोग को रोकना तथा आर्थिक विकास को बेहतर करना शामिल हैं। आत्महत्या करने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम विधि, देशों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है और आंशिक रूप से उपलब्धता से संबंधित है। आम विधियों में निम्नलिखित शामिल हैं: लटकना, कीटनाशक ज़हर पीना और बंदूकें। लगभग 8,00,000 से 10,00,000 लोग हर वर्ष आत्महत्या करते हैं, जिस कारण से यह दुनिया का दसवे नंबर का मानव मृत्यु का कारण है। पुरुषों से महिलाओं में इसकी दर अधिक है, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसके होने का समभावना तीन से चार गुना तक अधिक है। अनुमानतः प्रत्येक वर्ष 10 से 20 मिलियन गैर-घातक आत्महत्या प्रयास होते हैं। युवाओं तथा महिलाओं में प्रयास अधिक आम हैं। इतिहास सम्मान और जीवन का अर्थ जैसे व्यापक अस्तित्व विषयों द्वारा आत्महत्या के विचारों पर प्रभाव पड़ता है। अब्राहमिक धर्म पारम्परिक रूप से आत्महत्या को ईश्वर के समक्ष किया जाने वाला पाप मानते हैं क्योंकि वे जीवन की पवित्रतामें विश्वास करते हैं। जापान में सामुराई युग में, सेप्पुकू को विफलता का प्रायश्चित या विरोध का एक रूप माना जाता था। सती, जो अब कानूनन निषिद्ध है हिंदू दाह संस्कार है, जो पति की चिता पर विधवा द्वारा खुद को बलिदान करने से संबंधित है, यह अपनी इच्छा या परिवार व समाज के दबाव में किया जाता था। आत्महत्या और आत्महत्या का प्रयास, पूर्व में आपराधिक रूप से दंडनीय था लेकिन पश्चिमी देशों में अब ऐसा नहीं है। बहुत से मुस्लिम देशों में यह आज भी दंडनीय अपराध है। 20वीं और 21 वीं शताब्दी में आत्मदाह के रूप में आत्महत्या विरोध का एक तरीका है और कामीकेज़ और आत्मघाती वम विस्फोट को फौजी या आतंकवादी युक्ति के रूप में उपयोग किया जाता है। .

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आयुर्विज्ञान

आधुनिक गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका संबंध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।आयुर्विज्ञान विज्ञान की वह शाखा है, जिसका संबंध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका निदान करने तथा आयु बढ़ाने से है। भारत आयुर्विज्ञान का जन्मदाता है। अपने प्रारम्भिक समय में आयुर्विज्ञान का अध्ययन जीव विज्ञान की एक शाखा के समान ही किया गया था। बाद में 'शरीर रचना' तथा 'शरीर क्रिया विज्ञान' आदि को इसका आधार बनाया गया। .

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उपभोक्तावाद

उपभोक्तावाद या उपभोगवाद (consumerism) एक प्रवृत्ति है जो इस विश्वास पर आधारित है कि अधिक उपभोग और अधिक वस्तुओं का स्वामी होने से अधिक सुख और खुशी मिलेगी। इस शब्द का प्रयोग प्राय: भोगवाद की आलोचना करने के लिये किया जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

क्वार्टर लाइफ क्राइसिस (चतुर्थांश जीवन संकट)

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