लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

चंद्रशेखर हाडा

सूची चंद्रशेखर हाडा

कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाडा का जन्म २ अगस्त १९६५ को बरखेडा मध्यप्रदेश में हुआ। एक फर्म में उप प्रबन्धक रह्ते फ्रीलान्स कार्टूनिंग की। चंद्रशेखर हाडा का पहला कार्टून नवभारत में छपा। स्वदेश, जनसत्ता, नईदुनिया, कादम्बिनी, साप्ताहिक हिंदुस्तान, पंजाब केसरी, मिलाप आदि पत्र-पत्रिकाओं में नियमित कार्टून छपते रहे हैं। पिछले १७ वर्षों से दैनिक भास्कर ग्रुप में कार्यरत हैं। इनदिनों जयपुर राजस्थान में हैं। श्रेणी:भारतीय कार्टूनिस्ट श्रेणी:1965 में जन्मे लोग.

9 संबंधों: दैनिक भास्कर, नईदुनिया, पंजाब केसरी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, जनसत्ता, जयपुर, कादम्बिनी

दैनिक भास्कर

दैनिक भास्‍कर भारत का एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचारपत्र है। भारत के 12 राज्‍यों (व संघ-क्षेत्रों) में इसके 37 संस्‍करण प्रकाशित हो रहे हैं। भास्कर समूह के प्रकाशनों में दिव्य भास्कर (गुजराती) और डीएनए (अंग्रेजी) और पत्रिका अहा ज़िंदगी भी शामिल हैं। 2015 में यह देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बना। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और दैनिक भास्कर · और देखें »

नईदुनिया

नईदुनिया नईदुनिया मिडिया लिमिटेड द्वारा संचालित एक दैनिक हिन्दी समाचार पत्र है। भारत की स्वतन्त्रता से कुछ दिन पूर्व 5 जून 1947 को इसकी स्थापना इन्दौर में हुई। "नई दुनिया" का प्रकाशन इंदौर से ५ जून १९४७ को कृष्णचन्द्र मुदकल तथा कृष्णकांत व्यास के सद्प्रयत्नों से आरम्भ हुआ। उस समय यह एक छोटा सा सायंकालीन दैनिक था। मध्यप्रदेश बनने के बाद `नई दुनिया' ने अपने रायपुर (१९५२) और जबलपुर (१९५९) संस्करण प्रारम्भ किये लेकिन वे १९७१ में बन्द कर दिये गए। हालांकि बाद में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद नई दुनिया का रायपुर और बिलासपुर संस्करण का प्रकाशन आरंभ हुआ। `नई दुनिया' की भव्य साज-सज्जा, सरल भाषा, उत्कृष्ट सम्पादकीय तथा ताजा समाचारों ने उसे न केवल मध्यप्रदेश का सर्वाधिक प्रसारित पत्र बना दिया बल्कि उसे देश के श्रेष्ठ हिन्दी दैनिकों की श्रेणी में बिठा दिया है। इसके प्रधान सम्पादक राहुल बारपुते ने पत्रकारिता के श्रेष्ठ आदर्श, मानदण्ड स्थापित किये। इसके अलावा स्व राजेंद्र माथुर, प्रभाष जोशी जैसे देश के नामचीन पत्रकारों ने भी नई दुनिया से अपनी पहचान बनाई। मध्यप्रदेश में अनेक साहित्यकार, लेखक, कवि इस पत्र के साथ जुड़े हुए हैं। भारतीय भाषाओं के बड़े समाचार पत्रों में उत्कृष्ट छपाई के लिए कई पुरस्कार `नई दुनिया' को मिले हैं। देश के हिन्दी दैनिक समाचार-पत्रों में `नई दुनिया' ने सर्व प्रथम आफसेट मुद्रण पद्धति अपनाई। राजेन्द्र माथुर भी इसके प्रधान सम्पादक रहे हैं। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और नईदुनिया · और देखें »

पंजाब केसरी

पंजाब केसरी भारत का प्रमुख हिन्दी दैनिक समाचार पत्र है। यह भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों के विभिन्न नगरों से प्रकाशित होता है। आतंकवाद के दौर में आतंक के खिलाफ आवाज उठाने वाले पंजाब केसरी अखबार के संस्‍थापक, सम्पादक लाला जगतनारायण को आतंकवादियों ने गोलियों से भून डाला था। इसके बाद उनके बेटे रमेशचन्द्र की भी आतंकियों ने हत्‍या कर दी थी। 'पंजाब केसरी' का प्रकाशन १९६४ में जालन्धर से हुआ। लाला जगतनारायण इस पत्र के संस्थापक थे। यह पंजाब के लोकप्रिय दैनिक पत्र है। `पंजाब केसरी' अपने रविवासरीय संस्करण के अतिरिक्त व्यंग्य विनोद संस्करण, कला संस्कृति संस्करण, कहानी संस्करण, महिला संस्करण तथा खिलाड़ी संस्करण भी प्रकाशित करता है। अर्थात् प्रतिदिन कोई न कोई संस्करण विशेष सामग्री लिए होता है। निर्भिकता के कारण लाला जगतनारायण और उनके पुत्र रमेश चन्द्र की आंतकवादियों ने हत्या कर दी.

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और पंजाब केसरी · और देखें »

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और मध्य प्रदेश · और देखें »

राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और राजस्थान · और देखें »

साप्ताहिक हिन्दुस्तान

साप्ताहिक हिन्दुस्तान भारत की एक प्रमुख हिन्दी साप्ताहिक पत्रिका थी जो साहित्य के अतिरिक्त सामाजिक विषयों पर गम्भीर व गवेषणापूर्ण लेखों एवं उच्च स्तरीय काव्य-विधाओं के प्रकाशन के लिये जानी जाती थी। हिन्दुस्तान टाइम्स समूह की यह विशुद्ध साहित्यिक पत्रिका किन्ही विशेष कारणों से बन्द हो गयी। श्रेणी:हिन्दी पत्रिकाएँ.

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और साप्ताहिक हिन्दुस्तान · और देखें »

जनसत्ता

जनसत्ता हिन्दी का प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और जनसत्ता · और देखें »

जयपुर

जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और जयपुर · और देखें »

कादम्बिनी

कादम्बिनी हिन्दुस्तान टाइम्स समूह की एक सामाजिक व साहित्यिक पत्रिका है जो नई दिल्ली से प्रकाशित होती है। सन् १९६० में शुरू हुई कादम्बिनी पत्रिका बीते पांच दशक से निरंतर हिंदी जगत में एक खास मुकाम बनाए हुए हैं। संस्कृति, साहित्य, कला, सेहत जैसे विषयों पर सुरुचिपूर्ण सामग्री की प्रभावी प्रस्तुति इसकी पहचान। पत्रिका में संवेदना, सरोकार और स्वस्थ मनोरंजन की सुगंध के साथ-साथ जिंदगी को बेहतर बनाने का हौसला है। किशोर वय से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक, हर किसी के लिए पठनीय। .

नई!!: चंद्रशेखर हाडा और कादम्बिनी · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

चंद्र शेखर हाडा

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »