लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ग़रारा

सूची ग़रारा

लखनवी शादी ग़रारा उत्तरी भारत के हिन्दी बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों द्वारा पहना जाने वाला एक रिवायती लखनवी लिबास है। यह लिबास कुर्ती, दुपट्टा और चौड़े पैंटों से बना हुआ है। घुटने के क्षेत्र, जिसे गोटा कहा जाता है, अक्सर ज़री और ज़रदोज़ी की कढ़ाई से सजाया जाता है। रिवायती ग़राराओं का प्रत्येक चरण 12 मीटर से अधिक कपड़ों, अक्सर रेशम ब्रोकैड, से बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र के नवाबों के ज़माने में ग़रारों की व्युत्पत्ति हुई। 19वीं सदी के उत्तरार्ध और 20वीं सदी की शुरुआत में, ग़रारा लिबास हिन्दी-उर्दू बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों के दरम्यान रोज़मर्रा का लिबास था। हालांकि अब ये रोज़मर्रा पहनावे के रूप में नहीं पहने जाते हैं, फिर भी ये हिन्दी-उर्दू बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों और पाकिस्तान और बांग्लादेश में उर्दू-भाषी आप्रवासियों के दरम्यान शादी के लिबास के रूप में लोकप्रिय हैं। .

16 संबंधों: दुपट्टा, पाकिस्तान, बांग्लादेश, रेशम, लखनऊ, हिन्दी, जरी, ज़रदोज़ी, इस्लाम में स्त्री, किन्खाब, कुर्ती, अवध, अवध के नवाब, उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत, उर्दू भाषा

दुपट्टा

अंगूठाकार दुपट्टा भारतीय परिधान सलवार कुरता का एक अभिन्न अंग है। सलवार कुर्ते के तीसरे वस्त्र को दुपट्टा कहा जाता है। दुपट्टा 'चुन्नी', 'ओढ़नी', 'शाल' एवं अन्य नामों से जाना जाता है। दुपट्टे का प्रयोग प्राचीन काल से घाघरे, साड़ी अथवा सलवार सूट के साथ किया जाता रहा है। ग्रामीण भारतीय महिलाएं दुपट्टे को सर पर इस तरह से ढकती हैं ताकि उनके सर व चेहरे का अधिकतर भाग दुपट्टे से ढका रहे। यह प्रथा भारत के उत्तरी हिस्सों में खास तौर पर देखने को मिलती है। नए ज़माने में दुपट्टे ने अलग रूप ले लिया है और बहुत से फैशन डिज़ाइनर दुपट्टे को परिवर्तित करके अंतर्राष्ट्रीय फैशन में इसे वरीयता दिला चुके हैं। दुपट्टा भारतीय एवं पाकिस्तानी फैशन में स्त्री एवं पुरुष दोनों के बीच लोकप्रिय है। हिन्दू और मुस्लिम विवाह में जहाँ एक और दुल्हन दुपट्टे से अपना सर ढकती है वहीँ दूसरी ओर दूल्हा दुपट्टे का प्रयोग शेरवानी के साथ करता है। .

नई!!: ग़रारा और दुपट्टा · और देखें »

पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

नई!!: ग़रारा और पाकिस्तान · और देखें »

बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

नई!!: ग़रारा और बांग्लादेश · और देखें »

रेशम

रेशम की बनी परम्परागत बनारसी साड़ी रेशम (Silk) प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है। रेशम के कुछ प्रकार के रेशों से वस्त्र बनाए जा सकते हैं। ये प्रोटीन रेशों में मुख्यतः फिब्रोइन (fibroin) होता है। ये रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। .

नई!!: ग़रारा और रेशम · और देखें »

लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

नई!!: ग़रारा और लखनऊ · और देखें »

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

नई!!: ग़रारा और हिन्दी · और देखें »

जरी

१९वीं शताब्दी के अन्त या २०वीं शताब्दी के आरम्भ की भारतीय साड़ी जिसमें रेशम के साथ जरी मिश्रित है। जरी, सोने का पानी चढ़ा हुआ चाँदी का तार है तथा इस तार से बने वस्त्र भी जरी कहलाते हैं। जरी वस्त्र सोरे, चाँदी तथा रेशम अथवा तीनों प्रकार के तारों के मिश्रण से बनता है। इन तारों की सहायता से बेलबूटे तथा उभाड़दार अभिकल्प बनाए जाते हैं। बुनकर बुनाई के समय इन तारों का उपयोग अतिरिक्त बाने के रूप में करता है और इनसे केवल अभिकल्प ही बनाए जाते हैं। भारतीय किमखाब और पर्शियन सुनहले तारों तथा रेशम के वस्त्र को भी लोग जरी कहते हैं, किंतु वस्तुत: ये जरी नहीं हैं, क्योंकि इन वस्त्रों में जरीवाली सजावट नहीं होती। लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व पर्शिया, सीरिया, उत्तरी अफ्रीका तथा दक्षिणी यूरोप में सुनहले तारों का वस्त्र अंशत: जरी होता था। इंग्लैंड, फ्रांस, रोम, चीन, तथा जापान में जरी का प्रचलन प्राचीन काल से है। भारत का जरी उद्योग प्राचीन काल से विश्वविख्यात रहा है ओर यहाँ के बने जरी वस्त्रों को धारण कर देश विदेश के नृपति अपने को गौरवान्वित समझते रहे हैं। काशी जरी उद्योग का केंद्र रहा है। बनारस की प्रसिद्ध बनारसी सड़ियाँ और दुपट्टे शताब्दियों से लोकप्रिय रहे हैं। आज इनकी खपत, अमरीका, ब्रिटेन और रूस आदि देशों में क्षिप्र गति से वृद्धि प्राप्त कर रही है। गुजरात वर्तमान भारतीय जरी तार उद्योग का केंद्र है। इसके पूर्व काशी ही इसका केंद्र था। पहले चाँदी के तारों को सोने की पतली पत्तरों पर खींचकर सुनहला बनाया जाता था, किंतु विज्ञान को उन्नति ने इस श्रमसाध्य विधि के स्थान पर विद्युद्विश्लेषण विधि प्रदान की है। विदेश से आनेवाले जरी के तार इसी विधि द्वारा सुनहले बनाए जाते हैं और भारतीय विधि से बने तारों की अपेक्षा सस्ते भी होते हैं। अब जरी शब्द का व्यवहार उभाड़दार अभिकल्प के बने सूत वस्त्रों के लिए भी होने लगा है। इन वस्त्रों के अंतर्गत पर्दे तथा बच्चों एवं स्त्रियों के पहनने के वस्त्र आते हें सूती जरी वस्त्र दोनों ओर एकसा या उल्टा सीधा होता है। इसके उल्टा सीधा होने पर ताने बाने कई रंग, विभिन्न संख्या और कई किस्म के हो सकते हैं। पर्दे के ताने-बाने की संख्या और किस्म में पहनने के वस्त्र की अपेक्षा कम विषमता होती है। श्रेणी:वस्त्र.

नई!!: ग़रारा और जरी · और देखें »

ज़रदोज़ी

ज़रदोज़ी का काम रेशम पर ज़रदोज़ी फारसी एवं उर्दु: زردوزی) का काम एक प्रकार की कढ़ाई होती ह ऐ, जो भारत एवं पाकिस्तान में प्रचलित है। यह काम भारत में ऋगवेद के समय से प्रचलित है। यह मुगल बादशाह अकबर के समय में और समृद्ध हुई, किंतु बाद में राजसी संरक्षण के अभाव और औद्योगिकरण के दौर में इसका पतन होने लगा। वर्तमान में यह फिर उभरी है। अब यह भारत के लखनऊ, भोपाल और चेन्नई आदि कई शहरों में हो रही है। ज़रदोज़ी का नाम फासरी से आया है, जिसका अर्थ है: सोने की कढ़ाई। .

नई!!: ग़रारा और ज़रदोज़ी · और देखें »

इस्लाम में स्त्री

मुस्लिम महिलाओं के व्यवहार में और विभिन्न समाजों की महिलाओं के व्यवहार में व्यापक रूप से भिन्नता है क्योंकि, इस्लाम के प्रति उनका आज्ञापालन इसका एक प्रमुख कारक होता है जो अपने जीवन को अलग-अलग स्तर तक प्रभावित करता है और उन्हें एक तुल्य पहचान प्रदान करता है, जो उनको, विविध सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक मतभेदों से जोड़ने में मदद कर सकता है। इस्लाम के पवित्र पाठ क़ुरआन, हदीस, इज्मा, क़ियास, धर्मनिरपेक्ष कानून (इस्लाम से मान्य), फ़तवा (प्रकाशित राय जो बाध्यकारी नहीं हो।), आध्यात्मिक गुरु (सूफ़ी मत), धार्मिक प्राधिकारी (जैसे: Indonesian Ulema Council) वें प्रभावी तत्व हैं जिनसे इस्लामी इतिहास के क्रम में महिलाओं के सामाजिक, आध्यात्मिक और विश्व तत्व संबंधी स्थिति को परिभाषित करने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है .

नई!!: ग़रारा और इस्लाम में स्त्री · और देखें »

किन्खाब

किन्खाब या ब्रोकेड एक बुनाई का तरीका है। इसमें रेशम और सोने के धागों का प्रयोग किया जाता है। इसमें बहुत ही बारीक जामेवार डिज़ाइन बनाए जाते हैं। इसमें शेरवानी और अन्य पोशाक बनाए जाते हैं। किन्खाब फारसी भाषा-संस्कृति से आया शब्द और शिल्प है। ब्रोकेड इटली के ब्रोकाटो शब्द से बना है। श्रेणी:भारतीय पोशाक श्रेणी:फारसी पोशाक श्रेणी:बुनाई श्रेणी:शिल्प.

नई!!: ग़रारा और किन्खाब · और देखें »

कुर्ती

कुर्ती .

नई!!: ग़रारा और कुर्ती · और देखें »

अवध

अवध अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी अयोध्या थी। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रांरभ में फैजाबाद थी किंतु बाद को लखनऊ उठ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्राय: स्वतंत्र थे, क्योंकि अवध के नवाब शिया मुसलमान थे अत: अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। लखनऊ उर्दू कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी लखनऊ है। भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, खलीलाबाद, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। .

नई!!: ग़रारा और अवध · और देखें »

अवध के नवाब

भारत के अवध के १८वीं तथा १९वीं सदी में शासकों को अवध के नवाब कहते हैं। अवध के नवाब, इरान के निशापुर के कारागोयुन्लु वंश के थे। नवाब सआदत खान प्रथम नवाब थे। .

नई!!: ग़रारा और अवध के नवाब · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: ग़रारा और उत्तर प्रदेश · और देखें »

उत्तर भारत

उत्तरी भारत में अनेक भौगोलिक क्षेत्र आते हैं। इसमें मैदान, पर्वत, मरुस्थल आदि सभी मिलते हैं। यह भारत का उत्तरी क्षेत्र है। प्रधान भौगोलिक अंगों में गंगा के मैदान और हिमालय पर्वतमाला आती है। यही पर्वतमाला भारत को तिब्बत और मध्य एशिया के भागों से पृथक करती है। उत्तरी भारत मौर्य, गुप्त, मुगल एवं ब्रिटिश साम्राज्यों का ऐतिहासिक केन्द्र रहा है। यहां बहुत से हिन्दू तीर्थ जैसे पर्वतों में गंगोत्री से लेकर मैदानों में वाराणासी तक हैं, तो मुस्लिम तीर्थ जैसे अजमेर.

नई!!: ग़रारा और उत्तर भारत · और देखें »

उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

नई!!: ग़रारा और उर्दू भाषा · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

घरारा, गरारा

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »