लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ग्नू

सूची ग्नू

यह एक मुक्त स्रोत समूह है (GNU)। यह आधुनिक लिनक्स के विकास में एक महत्वपूर्ण सहयोगकर्ता रहा है। कभी-कभी लिनक्स को सिर्फ लिनक्स न कहकर जीएनयू/लिनक्स कहते हैं। इसके संस्थापक रिचर्ड स्टॉलमैन हैं। श्रेणी:लिनक्स.

2 संबंधों: मुक्त स्रोत, रिचर्ड स्टॉलमैन

मुक्त स्रोत

फ्री एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक आरेख मुक्त स्रोत (अंग्रेज़ी:ओपन सोर्स) किसी भी सामग्री के उत्पादन, विस्तार एवं विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से खुली व्यवस्था होती है। इसमें स्रोत को प्रकाशित किया एवं बढ़ावा दिया जाता है। इस विचारधारा के आरंभ के समय यह केवल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तक ही सीमित थी, जिसके अंतरगत विभिन्न सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को निःशुल्क वितरित किया जाता था और इस प्रकार उपयोक्ता की पहुंच सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड तक होती थी। इसके अंतर्गत उपयोक्ताओं को किसी भी अनुप्रयोग के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने, इसे बदलने व इसमें किसी भी प्रकार का सुधार कर फिर स्वयं वितरित करने का अधिकार भी मिलता था। इस प्रकार उसे कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार नये और परिवर्तित सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रयोग करने हेतु मुक्त होता था। इसके किसी प्रकार के प्रयोग पर कोई निषेध नहीं होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।५ नवंबर, २००९ इस तरह से ओपन सोर्स केवल सोफ्टवेयर तक सीमित न रहकर हर प्रकार की रचना तक पहुंच गया है, जैसे लेख, चित्र, संगीत और चलचित्र आदि।। सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केन्द्र। सॉफ्टवेयर उद्योग में मुक्त स्रोत का विचार सर्वप्रथम १९९० के दशक में आया था, जब कई कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर, प्रचालन तंत्र आदि मुक्त स्रोत रूप में जारी किये थे। इसका आरंभ लाइनेक्स से हुआ था। पहली बार वृहत स्तर पर १९९८ में दिखा जब नेविगेटर (मोज़िला) का सोर्स कोड जारी किया। इसके कई स्तर होते हैं। कई कंपनियां मुक्त स्रोत को जारी करते समय उसके साथ कुछ कुछ प्रतिबंध या शर्तें आदि लगा देती हैं ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। मुक्त स्रोत का मुख्य लाभ होता है कि उपभोक्ता के पास इसका सोर्स कोर्ड उपलब्ध होने के कारण वह इसका प्रयोग अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार कर सकता है। एप्पल आदि कई कंपनियां अपनी तकनीकों को मुक्त स्रोत लाइसेंस के द्वारा जारी करती हैं जिसके ऐवज में उपभोक्ताओं से वो पैसे लेती हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व बाजार में गूगल फोन आया था जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था। इसका प्रचालन तंत्र भी मुक्त स्रोत ही था और जिसमें डेवलपर परिवर्तन करके इसके प्रकार्यों और कुछ सुविधाओं को को बढ़ा और घटा भी सकते थे, जैसे फोन के मीडिया प्लेयर में इच्छानुसार परिवर्तन करना संभव था। मुक्त स्रोत के पीछे का उद्देश्य है, कि किसी भी उत्पाद के बारे में विकास और उसमें निहित त्रुटियां और कमियां जितनी अधिक और जल्दी उपयोक्ता बता सकते हैं, उतना अधिक उसके निर्माता नहीं कर सकते हैं। निर्मातागण मात्र सीमित दिशा में ही सोच सकते हैं, किन्तु बड़ी संख्या में उपयोक्ता असीमित आयामों सहित विकास कर सकते हैं, जिनको अध्ययन कर बाद में निर्माताओं का विकास अनुभाग नया और उत्कृष्ट वर्ज़न निकाल सकते हैं। लिनक्स, विकिपीडिया, फेडोरा, फ़ायरफ़ॉक्स आदि की सफलता ने मुक्त स्रोत की विचारधारा को मुख्यधारा में ला दिया है।। दैट्स हिन्दी।२६ मई, २००९। राजेश रंजन। वर्तमान युग में ये प्रणाली सॉफ्टवेयरों के अलावा बहुत जगह प्रयोग की जाने लगी है। इसका एक जीवंत उदाहरण है विकिपीडिया। इसे कोई भी कभी और कहीं भी संपादित कर सकता है। जिसका अध्ययन कर प्रबंधकवर्ग संशोधित संस्करण निकालते रहते हैं और ध्वंसकारी बदलाव वापस करते रहते हैं। .

नई!!: ग्नू और मुक्त स्रोत · और देखें »

रिचर्ड स्टॉलमैन

रिचर्ड मैथ्यू स्टॉलमैन (जन्म १९५३), जिन्हें अक्सर rms भी कहा जाता हैं, दुनिया के जाने माने मुक्त सॉफ्टवेयर कार्यकर्ता एवं कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। वे जीएनयू (GNU) के संस्थापक है, इसके अलावा उन्होंने मुक्त सॉफ्टवेयर फाउंडेशन की भी बनाया। डॉ॰स्टॉलमैन ने जीएनयू कम्पाइलर कलेक्शन (GCC) और GNU EMACS भी विकसित किये हैं। डॉ॰ स्टॉलमैन, जीएनयू पब्लिक लाइसेंस के जनक माने जाते है। १९८३ में, डॉ स्टॉलमैन ने जीएनयू परियोजना (GNU Project) की सुरुवात की थी। जीएनयू परियोजना का लक्ष्य, यूनिक्स समान प्रचालन तंत्र बनाना था जो पूरी तरह से मुक्त स्रोत से बना हो। इसी के साथ उन्होंने मुक्त सॉफ्टवेयर आंदोलन (Free Software Movement) की भी सुरुवात की। स्टॉलमैन, जीएनयू परियोजना के एक मुख्य निर्माता और संयोजक रहे हैं और इन्होने जीएनयू सॉफ्टवेयर के कई हिस्से विकसित किये हैं जैसे- जीएनयू कम्पाइलर कलेक्शन (GCC), जीएनयू डीबगर (GNU Debugger) और जीएनयू ईमैक्स टेक्स्ट एडिटर। उन्होने १९८५ में मुक्त सॉफ्टवेयर फाउंडेशन की स्थापना की थी। ९० के दसक के मध्य से स्टॉलमैन अपना ज़्यादातर समय फ्री सॉफ्टवेयर की वकालत करने एवं सॉफ्टवेयर पेटेंट्स, डिजिटल राइट्स और दूसरे टेक्निकल लीगल सिस्टम्स जो यूजर से उनकी आज़ादी छीनते हैं, उनके विरुद्ध आंदोलन करने में व्यतीत करते हैं। इनमे सॉफ्टवेयर लाइसेंस एग्रीमेंट्स, नॉन डिस्क्लोज़र एग्रीमेंट, एक्टिवेशन कीस, डोंगल्स, कॉपी रेस्ट्रिक्शन, प्रोप्रिएटरी फोर्मट्स और बिना सोर्स कोड के बाइनरी एक्सेक्यूटेबल्स भी शामिल हैं। डॉ स्टॉलमैन ने ही कॉपीलेफ्ट के विचार को लोगो के सामने रखा था, जो कॉपीराइट के ही सिद्धांतो को इस्तेमाल कर यूजर को सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने की, उसके सोर्स कोड को मॉडिफाई करने की और उस सॉफ्टवेयर एवं उसके सोर्स कोड को वितरित करने की आज़ादी देता हैं। २०१२ तक इन्हे १४ आनरेरी डॉक्टरेट और प्रोफेस्सोर्शिप्स मिले हैं। .

नई!!: ग्नू और रिचर्ड स्टॉलमैन · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

जीएनयू

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »