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गुस्ताव किरचॉफ

सूची गुस्ताव किरचॉफ

गुस्ताव रॉबर्ट किरचॉफ़ (१२ मार्च १८२४ - १७ अक्टूबर १८८७) एक जर्मन भौतिकशास्त्री थे। श्रेणी:1824 में जन्मे लोग श्रेणी:भौतिक विज्ञानी श्रेणी:१८८७ में निधन.

7 संबंधों: बर्लिन, भौतिक शास्त्र, हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय, हीडलबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मन भाषा, जर्मनी, किरचॉफ के परिपथ के नियम

बर्लिन

ब्रांडेनबर्ग गेट, जर्मनी के एक मील का पत्थर बर्लिन टीवी टावर, शहर के लिए मील का पत्थर बर्लिन-मिटे के क्षितिज भालू मेरा साथी: बर् लन की शांती और स्वतंत्रता का प्रतीक बर्लिन जर्मनी की राजधानी और इसके 16 राज्यों में से एक है। यह बर्लिन-ब्रैन्डनबर्ग मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के मध्य में, जर्मनी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इसकी जनसंख्या 34 लाख है। यह जर्मनी का सबसे बड़ा और यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बर्लिन यूरोप की राजनीति, संस्कृति और विज्ञान का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यूरोप के यातायात के लिए यह एक धुरी के समान है। यहाँ कई महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालय, संग्रहालय और शोध केन्द्र हैं। यह शहर बहुत तेजी से विकास कर रहा है और यहाँ के समारोह, उत्सव, अग्रणी कलाएँ, वास्तुशिल्प और रात्रि-जीवन काफी प्रसिद्ध हैं। बर्लिन 13वीं शताब्दी में स्थापित हुआ और इस क्षेत्र के कई राज्यों और साम्राज्यों की राजधानी रहा- प्रुशिया राज्य (1701 से), जर्मन साम्राज्य (1871-1918), वेइमार गणतंत्र (1919-1932) और तीसरी राइख (1933-1945).

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भौतिक शास्त्र

भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। .

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हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय

हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: Humboldt University of Berlin, जर्मन: Humboldt-Universität zu Berlin) बर्लिन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १८१० में प्रुशियाई शिक्षा-सुधारक और भाषावैज्ञानिक विल्हेल्म फ़ॉन​ हम्बोल्ट (Wilhelm von Humboldt) ने 'बर्लिन विश्वविद्यालय' के नाम से की थी। इसके तौर-तरीक़े अन्य यूरोपीय और पश्चिमी विश्वविद्यालयों के लिए बहुत प्रभावशाली रहे। १८२८ में यह 'फ़्रेडेरिक विलियम विश्वविद्यालय' के नाम से जाना जाता था हालांकि बर्लिन के 'उन्टर डेन लिन्डेन​' (unter den Linden, अर्थ: लिंडन के पेड़ों की छाँव में) नामक इलाक़े में होने की वजह से इसे अनौपचारिक रूप से 'उन्टर डेन लिन्डेन​ विश्वविद्यालय' के नाम से भी बुलाया जाने लगा। १९४९ में अपने संस्थापक विल्हेल्म और उनके भाई आलेक्सान्डर फ़ॉन​ हम्बोल्ट के सम्मान में इसका नाम बदलकर 'हम्बोल्ट विश्वविद्यालय' कर दिया गया। २०१२ में इसे जर्मन राष्ट्रीय सरकार से जर्मनी के ग्यारह सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में से एक होने का सम्मान प्राप्त हुआ। .

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हीडलबर्ग विश्वविद्यालय

 हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी (जर्मन: रूपरेक्ट-कार्ल्स-यूनिवर्सिटी हेडलबर्ग; लैटिन: यूनिवर्सिटीज रूपरटो कार्ला हीडलबेर्बेंसिस) हेडेलबर्ग, बाडेन-वुर्टेमबर्ग, जर्मनी में एक सार्वजनिक अनुसंधान विश्वविद्यालय है। पोप शहरी छठी के निर्देश पर 1386 में स्थापित, हीडलबर्ग जर्मनी का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और दुनिया के सबसे पुराने जीवित विश्वविद्यालयों में से एक है। यह पवित्र रोमन साम्राज्य में स्थापित तीसरा विश्वविद्यालय था श्रेणी:जर्मन भाषा पाठ वाले लेख श्रेणी:लातिनी भाषा पाठ वाले लेख  हीडलबर्ग 1899 से एक सहशिक्षा संस्थान रहा है। विश्वविद्यालय में बारह संकायों के होते हैं और कुछ 100 विषयों में स्नातक, स्नातक और पोस्ट डॉक्टरेट स्तर पर डिग्री कार्यक्रम प्रदान करता है। हीडलबर्ग में तीन प्रमुख परिसरों हैं: मानविकी मुख्यतः हीडलबर्ग के ओल्ड टाउन में स्थित हैं, प्राकृतिक विज्ञान और Neuenheimer Feld तिमाही में दवा, और भीतर के शहर उपनगर Bergheim में सामाजिक विज्ञान शिक्षा की भाषा आमतौर पर जर्मन है, जबकि अंग्रेजी में काफी संख्या में स्नातक डिग्री की पेशकश की जाती है। 56 नोबल पुरस्कार विजेताओं के साथ संबद्ध  विश्वविद्यालय अनुसंधान पर जोर देता है। आधुनिक वैज्ञानिक मनोरोग विज्ञान, मनोविज्ञान, मनश्चिकित्सीय आनुवांशिकी, पर्यावरण भौतिकी, और आधुनिक समाजशास्त्र, Against the Stream, Transaction Publishers,, 2004,   हीडलबर्ग संकाय द्वारा वैज्ञानिक विषयों के रूप में पेश किया गया विदेश से आने वाले लगभग एक-तिहाई डॉक्टरेट वाले छात्रों के साथ हर साल लगभग 1,000 डॉक्टरेट पूरे किए जाते हैं।  कुछ 130 देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्र संपूर्ण छात्र निकाय के 20 प्रतिशत से अधिक खाते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध और लगातार यूरोप के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया,  हीडलबर्ग एक जर्मन उत्कृष्टता विश्वविद्यालय है, साथ ही साथ यूरोपीय अनुसंधान परिषद और कोइम्पा समूह की स्थापना के सदस्य हैं। विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में ग्यारह घरेलू और विदेशी राज्यों के प्रमुख या सरकार के प्रमुख शामिल हैं। .

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जर्मन भाषा

विश्व के जर्मन भाषी क्षेत्र जर्मन भाषा (डॉयट्श) संख्या के अनुसार यूरोप की सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका करीबी रिश्ता है। लेकिन रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी के मुक़ाबले कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं। जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण १८९८ ई. के एक कमीशन द्वारा निश्चित है। लिपि, फ्रेंच और अंग्रेजी से मिलती-जुलती है। वर्तमान जर्मन के शब्दादि में अघात होने पर काकल्यस्पर्श है। तान (टोन) अंग्रेजी जैसी है। उच्चारण अधिक सशक्त एवं शब्दक्रम अधिक निश्चित है। दार्शनिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली से परिपूर्ण है। शब्दराशि अनेक स्रोतों से ली गई हैं। उच्च जर्मन, केंद्र, उत्तर एवं दक्षिण में बोली जानेवाली अपनी पश्चिमी शाखा (लो जर्मन-फ्रिजियन, अंग्रेजी) से लगभग छठी शताब्दी में अलग होने लगी थी। भाषा की दृष्टि से "प्राचीन हाई जर्मन" (७५०-१०५०), "मध्य हाई जर्मन" (१३५० ई. तक), "आधुनि हाई जर्मन" (१२०० ई. के आसपास से अब तक) तीन विकास चरण हैं। उच्च जर्मन की प्रमुख बोलियों में यिडिश, श्विज्टुन्श, आधुनिक प्रशन स्विस या उच्च अलेमैनिक, फ्रंकोनियन (पूर्वी और दक्षिणी), टिपृअरियन तथा साइलेसियन आदि हैं। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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किरचॉफ के परिपथ के नियम

गुस्टाव किरचॉफ सन् १८४५ में गुस्ताव किरचॉफ (या, गुस्ताव किरखॉफ) ने विद्युत परिपथों में वोल्टता एवं धारा सम्बन्धी दो नियम प्रतिपादित किये। ये दोनो नियम संयुक्त रूप से किरचॉफ के परिपथ के नियम कहलाते हैं। ये नियम विद्युत परिपथों के लिये वस्तुत: आवेश संरक्षण एवं उर्जा संरक्षण के नियमों के भिन्न रूप हैं। ये नियम वैद्युत इंजीनियरी से सम्बन्धित गणनाओं के आधार हैं और बहुतायत में प्रयोग होते हैं। ये दोनो नियम मैक्सवेल के समीकरणों से सीधे व्युत्पन्न किये जा सकते हैं किन्तु इतिहास यह है कि किरचॉफ ने इन्हें मैक्सवेल से पहले प्रतिपादित कर दिया था। .

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