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गुरु हर राय

सूची गुरु हर राय

right हर राय या गुरू हर राय(ਗੁਰੂ ਹਰਿਰਾਇ) सिखों के सातवें गुरु थे। गुरू हरराय जी एक महान आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी महापुरुष एवं एक योद्धा भी थे। उनका जन्म सन् १६३० ई० में कीरतपुर रोपड़ में हुआ था। गुरू हरगोविन्द साहिब जी ने मृत्यू से पहले, अपने पोते हरराय जी को १४ वर्ष की छोटी आयु में ३ मार्च १६४४ को 'सप्तम्‌ नानक' के रूप में घोशित किया था। गुरू हरराय साहिब जी, बाबा गुरदित्ता जी एवं माता निहाल कौर जी के पुत्र थे। गुरू हरराय साहिब जी का विवाह माता किशन कौर जी, जो कि अनूप शहर (बुलन्दशहर), उत्तर प्रदेश के श्री दया राम जी की पुत्री थी, हर सूदी ३, सम्वत १६९७ को हुआ। गुरू हरराय साहिब जी के दो पुत्र थे श्री रामराय जी और श्री हरकिशन साहिब जी (गुरू) थे। गुरू हरराय साहिब जी का शांत व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित करता था। गुरु हरराय साहिब जी ने अपने दादा गुरू हरगोविन्द साहिब जी के सिख योद्धाओं के दल को पुनर्गठित किया। उन्होंने सिख योद्धाओं में नवीन प्राण संचारित किए। वे एक आध्यात्मिक पुरुष होने के साथ-साथ एक राजनीतिज्ञ भी थे। अपने राष्ट्र केन्द्रित विचारों के कारण मुगल औरंगजेब को परेशानी हो रही थी। औरंगजेब का आरोप था कि गुरू हरराय साहिब जी ने दारा शिकोह (शाहजहां के सबसे बड़े पुत्र) की सहायता की है। दारा शिकोह संस्कृत भाषा के विद्वान थे। और भारतीय जीवन दर्शन उन्हें प्रभावित करने लगा था। एक बार गुरू हरराय साहिब जी मालवा और दोआबा क्षेत्र से प्रवास करके लौट रहे थे, तो मोहम्मद यारबेग खान ने उनके काफिले पर अपने एक हजार सशस्त्र सैनिकों के साथ हमला बोल दिया। इस अचानक हुए आक्रमण का गुरू हरराय साहिब जी ने सिख योद्धाओं के साथ मिलकर बहुत ही दिलेरी एवं बहादुरी के साथ प्रत्योत्तर दिया। दुश्मन को जान व माल की भारी हानि हुई एवं वे युद्ध के मैदान से भाग निकले। आत्म सुरक्षा के लिए सशस्त्र आवश्यक थे, भले ही व्यक्तिगत जीवन में वे अहिंसा परमो धर्म के सिद्धान्त को अहम मानते हों। गुरू हरराय साहिब जी प्रायः सिख योद्धाओं को बहादुरी के पुरस्कारों से नवाजा करते थे। अनसुधान केन्द्र की स्थापना भी की। एक बार दारा शिकोह किसी अनजानी बीमारी से ग्रस्त हुआ। हर प्रकार के सबसे बेहतर हकीमों से सलाह ली गयी। परन्तु किसी प्रकार कोई भी सुधार न आया। अन्त में गुरू साहिब की कृपा से उसका ईलाज हुआ। इस प्रकार दारा शिकोह को मौत के मुंह से बचा लिया गया। गुरू हरराय साहिब ने लाहौर, सियालकोट, पठानकोट, साम्बा, रामगढ एवं जम्मू एवं कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों का प्रवास भी किया। उन्होने ३६० मंजियों की स्थापना की। उन्होने भ्रष्ट ÷मसन्द पद्धति' सुधारने हेतु सुथरेशाह, साहिबा, संगतिये, मिंया साहिब, भगत भगवान, भगत मल एवं जीत मल भगत जैसे पवित्र एवं आध्यात्मिक लोगों को मंजियों का प्रमुख नियुक्त किया। गुरू हरराय साहिब ने अपने गुरूपद काल के दौरान बहुत सी कठिनाइयों का सामना किया। भ्रष्ट मसंद, धीरमल एवं मिनहास जैसों ने सिख पंथ के प्रसार में बाधाएं उत्पन्न की। शाहजहां की मृत्यु के बाद गैर मुस्लिमों के प्रति शासक औरंगजेब का रूख और कड़ा हो गया। मुगल शासक औरंगजेब ने सत्ता संघर्ष की स्थितियों में, गुरू हरराय साहिब जी द्वारा की गई दारा शिकोह की मदद को राजनैतिक बहाना बनाया। उसने गुरू साहिब पर बेबुनियाद आरोप लगाये। उन्हें दिल्ली में पेश होने का हुक्म दिया गया। गुरू हरराय साहिब जी के बदले रामराय जी दिल्ली गये। उन्होंने धीरमल एवं मिनहास द्वारा सिख धर्म एवं गुरू घर के प्रति फैलायी गयी भ्रांतियों को स्पष्ट करने का प्रयास किया। रामराय जी ने मुगल दरबार में गुरबाणी की त्रुटिपूर्ण व्याख्या की। उस समय की राजनैतिक परिस्थितियों एवं गुरु मर्यादा की दृष्टि से यह सब निन्दनीय था। जब गुरू हरराय साहिब जी को इस घटना के बारे में बताया गया तो उन्होने राम राय जी को तुरंत सिख पंथ से निष्कासित किया। राष्ट्र के स्वाभिमान व गुरुघर की परम्पराओं के विरुद्ध कार्य करने के कारण रामराय जी को यह कड़ा दण्ड दिया गया। इस घटना ने सिखों में देश के प्रति क्या कर्तव्य होने चाहिए, ऐसे भावों का संचार हुआ। सिख इस घटना के बाद गुरु घर की परम्पराओं के प्रति अुनशासित हो गए। इस प्रकार गुरू साहिब ने सिख धर्म के वास्तविक गुणों, जो कि गुरू ग्रन्थ साहिब जी में दर्ज हैं, गुरू नानक देव जी द्वारा बनाये गये किसी भी प्रकार के नियमों में फेरबदल करने वालों के लिए एक कड़ा कानून बना दिया। अपने अन्तिम समय को नजदीक देखते हुए उन्होने अपने सबसे छोटे पुत्र गुरू हरकिशन जी को ÷अष्टम्‌ नानक' के रूप में स्थापित किया। कार्तिक वदी ९ (पांचवीं कार्तिक), बिक्रम सम्वत १७१८, (६ अक्टूबर १६६१) में कीरतपुर साहिब में ज्योति जोत समा गये। .

14 संबंधों: दारा शूकोह, पंजाब क्षेत्र, भारत, रूपनगर, शाह जहाँ, सिख, १५९५, १६४४, १६५६, १६६४, १९ जून, ३ मार्च, ३० मार्च, ७ जुलाई

दारा शूकोह

दारा शूकोह (जन्म 20 मार्च 1615 - हत्या 10 सितंबर 1659) मुमताज़ महल के गर्भ से उत्पन्न मुग़ल सम्राट शाहजहाँ का ज्येष्ठ पुत्र तथा औरंगज़ेब का बड़ा भाई। .

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पंजाब क्षेत्र

पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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रूपनगर

रूपनगर (पंजाबी:ਰੂਪਨਗਰ, पुराना नामः ਰੋਪੜ, रोपड़) भारत के पंजाब राज्य का एक शहर और जिला है। रूपनगरएक अति प्राचीन स्थल है, नगर का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता तक जाता है। रूपनगर सतलुज के दक्षिणी किनारे पे बसा है। सतलुज नदी के दूसरी और शिवालिक के पहाड़ हैं। रूपनगर चंडीगढ़ (सबसे समीप विमानक्षेत्र एवं पंजाब की राजधानी) से लगभग ५० कि.मी.

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शाह जहाँ

शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .

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सिख

भारतीय सेना के सिख रेजिमेन्ट के सैनिक सिख धर्म के अनुयायियों को सिख कहते हैं। इसे कभी-कभी सिक्ख भी लिखा जाता है। इनके पहले गुरू गुरु नानक जी हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिखों का पवित्र ग्रन्थ है। इनके प्रार्थना स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। हिन्दू धर्म की रक्षा में तथा भारत की आजादी की लड़ाई में और भारत की आर्थिक प्रगति में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है। .

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१५९५

१५९५ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१६४४

1644 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१६५६

1656 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१६६४

1664 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९ जून

19 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 170वाँ (लीप वर्ष में 171 वाँ) दिन है। साल में अभी और 195 दिन बाकी हैं। .

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३ मार्च

3 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 62वॉ (लीप वर्ष में 63 वॉ) दिन है। साल में अभी और 303 दिन बाकी है। .

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३० मार्च

३० मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ८९वाँ (लीप वर्ष में ९०वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और २७६ दिन बाकी है।.

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७ जुलाई

७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८८वॉ (लीप वर्ष में १८९ वॉ) दिन है। साल में अभी और १७७ दिन बाकी है। .

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