2 संबंधों: प्राचीन यूनानी भाषा, गुण।
प्राचीन यूनानी भाषा
प्राचीन यूनानी भाषा (अथवा प्राचीन ग्रीक, अंग्रेज़ी: Ancient Greek, यूनानी: हेल्लेनिकी) प्राचीन काल के यूनान देश और उसके आस-पास के क्षेत्रों की मुख्य भाषा थी। इसे संस्कृत की बहिन भाषा माना जा सकता है। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की यूनानी शाखा में आती है। इसे एक शास्त्रीय भाषा माना जाता है, जिसमें काफ़ी ज़्यादा और उच्च कोटि का साहित्य रचा गया था, जिसमें सबसे ख़ास होमर के दो महाकाव्य इलियाड और ओडेस्सी हैं। इसके व्याकरण, शब्दावली, ध्वनि-तन्त्र और संगीतमय बोली इसे संस्कृत के काफ़ी करीब रख देते हैं। इसकी बोलचाल की बोली कोइने में ही बाइबल का लगभग सारा नया नियम लिखा गया था। .
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गुण
गुण जीवमात्र की सद प्रवृति है जिसके कारण वह विशिष्ट बनता है। अंग्रेजी में इसके लिए 'वर्चू' (Virtue) शब्द है जिसे लैटिन भाषा के 'वर्चुअस' शब्द से बना है। मनुष्य की नैतिक उत्तमता को को ही गुण कहते हैं। गुण, उत्तमता की एक प्रवृति या लक्षण है। व्यक्तिगत गुण व्यक्ति को महान बनाने वाले लक्षण है। इसलिए इसे उत्तमता से परिभाषित किया जाता है। गुण का विपरीतार्थक 'अवगुण' है। .
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